अंतरराष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) की ओर से पेट्रोल-डीज़ल पर सब्सिडी घटाने की मांग को पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री ने शुक्रवार को स्वीकार कर लिया.
समाचार एजेंसी एएफ़पी की ख़बर के अनुसार, इसके अलावा बिज़नेस टैक्स से छूट की योजना को बंद करने की मांग भी पाकिस्तान ने मान ली है.
आईएमएफ़ ने साल 2019 में पाकिस्तान को तीन सालों के लिए 6 अरब डॉलर के कर्ज़ को मंज़ूरी दी थी लेकिन मुल्क में आर्थिक सुधारों की धीमी गति को देखते हुए इसका आवंटन रुक-रुक कर किया जा रहा था.
वित्त मंत्री मिफ़्ताह इस्माइल ने कहा, "वॉशिंगटन में सालाना बैठक के दौरान आईएमएफ़ से अच्छी चर्चा हुई. उन्होंने ईंधन पर सब्सिडी बंद करने को कहा है. मैंने इसके लिए सहमति दे दी है."
उन्होंने कहा, "हम अभी जितनी सब्सिडी दे रहे हैं वो आगे जारी नहीं रख सकते. इसलिए हम इसमें कटौती करने जा रहे हैं."
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए बिजली और ईंधन पर भारी-भरकम छूट दी और कारोबार के लिए कर्ज़ माफ़ी का भी प्रावधान किया. इनकी वजह से ही आईएमएफ़ की राशि का आवंटन बाधित हुआ. (bbc.com)
अमेरिका ने भारत और रूस के संबंधों पर एक बार फिर से बयान दिया है. पेंटागन ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका भारत को लगातार ये कह रहा है कि वो रक्षा क्षेत्र में रूस पर अपनी निर्भरता को कम करे.
अक्टूबर 2018 में भारत ने रूस के साथ एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की पांच यूनिट ख़रीदने के लिए 5 अरब डॉलर का समझौता किया था.
उस समय ट्रंप प्रशासन ने ये चेतावनी भी दी थी कि यदि भारत ये समझौता करता है तो उस पर अमेरिका प्रतिबंध लगा सकता है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, अमेरिका ने तुर्क़ी पर रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम ख़रीदने पर अपने CAATSA कानून के तहत प्रतिबंध लगा रखे हैं.
पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी जॉन किर्बी ने शुक्रवार को रिपोर्टर्स से कहा, "हम भारत और अन्य देशों के साथ इस मुद्दे पर अपनी स्थिति को साफ़ कर चुके हैं कि हम उन्हें रक्षा ज़रूरतों के लिए रूस पर निर्भर नहीं देखना चाहते हैं. हम इस रुख को लेकर ईमानदार हैं और हम उन्हें ऐसा न करने के लिए कहते रहेंगे."
उन्होंने कहा, "इसी के साथ हम भारत के साथ अपने रक्षा सहयोग को भी अहमियत देते हैं. जैसा कि एक सप्ताह पहले ही दिखा, हम इस रिश्ते को आगे ले जाना चाहते हैं. ये इसलिए आगे बढ़ेगा क्योंकि हमारे संबंध महत्वपूर्ण हैं. भारत उस क्षेत्र में रक्षा प्रदान करने वाला देश है और हम इसका सम्मान करते हैं." (bbc.com)
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (एआईसीटीई) ने भारतीय छात्रों को आगाह किया है कि वे पाकिस्तान के किसी कॉलेज या अन्य शिक्षण संस्थान में दाख़िला न लें.
अगर ऐसा होता है तो छात्रों को भारत में कोई नौकरी या उच्च शिक्षा हासिल नहीं हो सकेगी.
एक महीने पहले ही भारतीय छात्रों को चीन के शिक्षण संस्थानों में उच्चा शिक्षा हासिल करने से बचने की चेतावनी दी गई थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ यूजीसी और एआईसीटीई की ओर से जारी परामर्श में कहा गया है, "सभी (छात्रों) को सलाह दी जाती है कि वे उच्च शिक्षा के लिए पाकिस्तान न जाएं. पाकिस्तान के किसी कॉलेज या शिक्षण संस्थान में कोई भी भारतीय नागरिक या भारतीय मूल का विदेशी नागरिक दाख़िला लेना चाहता है तो वो पाकिस्तानी सर्टिफ़िकेट के आधार पर भारत में नौकरी या उच्च शिक्षा पाने के योग्य नहीं रह जाएगा."
इसमें कहा गया है, "हालांकि, पाकिस्तान में शिक्षा पाने वाले और भारतीय नागरिकता पाए हुए प्रवासी नागरिक और उनके बच्चे भारत में रोज़गार हासिल कर सकते हैं. बशर्ते गृह मंत्रालय की ओर से सुरक्षा मंज़ूरी मिले."
पीटीआई के अनुसार ऐसा परामर्श जारी करने के पीछे क्या कारण हैं, इसके बारे में अभी संबंधित अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. (bbc.com)
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को कहा कि पीएम मोदी ने यूक्रेन युद्ध के दौरान कई बार पुतिन से बात की और रूस को युद्ध से बाहर निकलने के लिए कहा.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, जॉनसन ने मोदी से विस्तृत चर्चा के बाद संवाददाताओं से ये बात कही.
जॉनसन ने कहा कि यूक्रेन के बूचा में जो हुआ, उसके ख़िलाफ़ मोदी की प्रतिक्रिया काफ़ी मज़बूती से सामने आई और हर कोई रूस के साथ भारत के दशकों पुराने ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान करता है.
ब्रिटेन के पीएम जॉनसन से सवाल किया गया था कि क्या रूस के यूक्रेन पर हमले को बंद करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को मॉस्को पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने को कहा.
पीएम जॉनसन ने ये भी एलान किया कि यूक्रेन की राजधानी कीएव में ब्रिटेन का दूतावास अगले सप्ताह फिर खुल जाएगा. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और उसके सहयोगी यूक्रेन पर रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के प्रहार पर चुप नहीं बैठे रहेंगे.
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि मोदी ने कई बार हस्तक्षेप किया और रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि वह क्या सोचते हैं कि वह इस धरती पर क्या कर रहे हैं और यह किस ओर जाएगा.
उन्होंने कहा, "भारतीय, यूक्रेन में शांति चाहते हैं और चाहते हैं कि रूस वहां से बाहर निकले और मैं इससे पूरी तरह से सहमत हूं." (bbc.com)
संयुक्त राष्ट्र, 23 अप्रैल। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के अगले हफ्ते आमने-सामने बैठकर तत्काल शांति की अपील करने के लिए रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से अलग-अलग मुलाकात करने का कार्यक्रम है। विश्व निकाय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने पुष्टि की कि गुतारेस मंगलवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव से मुलाकात करेंगे और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की मेजबानी करेंगे।
बाद में संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि गुतारेस राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से मुलाकात करने बृहस्पतिवार को यूक्रेन जाएंगे।
संयुक्त राष्ट्र की प्रवक्ता एरी कानेको ने कहा कि दोनों यात्राओं पर गुतारेस का उद्देश्य उन कदमों पर चर्चा करने का है जो लड़ाई को खत्म करने और लोगों की मदद करने के लिए अभी उठाए जा सकते हैं।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उन्हें इस बारे में बातचीत करने की उम्मीद है कि यूक्रेन में शांति लाने के लिए तत्काल क्या किया जा सकता है।’’
गुतारेस ने मंगलवार को राष्ट्रपतियों से उनकी अलग-अलग राजधानियों में मुलाकात करने के लिए कहा था। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में संघर्ष विराम की संभावनाओं को तलाशने के लिए संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी को मॉस्को और कीव भेजा था। (एपी)
इस्लामाबाद, 22 अप्रैल। पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के दावों के विपरीत उनकी सरकार को गिराने के पीछे कोई विदेशी साजिश नहीं थी।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद एनएससी ने एक बयान जारी कर कहा, “एनएससी ने वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास से प्राप्त टेलीग्राम पर चर्चा की। अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत ने समिति को अपने टेलीग्राम के संदर्भ और सामग्री के बारे में जानकारी दी।”
एनएससी पाकिस्तान में सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर समन्वय के लिए सर्वोच्च मंच है।
‘द डॉन’ समाचार पत्र के मुताबिक, समिति ने कहा कि उसने पूर्व राजदूत द्वारा साझा किए गए ‘टेलीग्राम की सामग्री’ की जांच की और अपनी पिछली बैठक में लिए गए ‘निर्णयों की पुष्टि’ की।
बयान में कहा गया है, “प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों ने एनएससी को एक बार फिर सूचित किया कि उन्हें किसी विदेशी साजिश के सबूत नहीं मिले हैं।” इसके मुताबिक, बैठक में निष्कर्ष निकाला गया कि कोई विदेशी साजिश नहीं हुई है।
इमरान यह दावा करते आ रहे हैं कि विपक्ष द्वारा नेशनल असेंबली में उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव एक ‘विदेशी साजिश’ का नतीजा था। पूर्व प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया है कि उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के चलते उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए विदेश से धन भेजा जा रहा था।
इमरान ने यह भी कहा है कि अमेरिकी विदेश विभाग में दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के सहायक सचिव डोनाल्ड लू उनकी सरकार को गिराने की ‘विदेशी साजिश’ में शामिल थे। हालांकि, अमेरिका ने उनके इस आरोप को कई बार खारिज किया है। (भाषा)
(अदिति खन्ना)
लंदन, 22 अप्रैल। ब्रिटेन अगले सप्ताह यूक्रेन की राजधानी कीव में अपना दूतावास फिर से खोलेगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत की अपनी यात्रा के दौरान शुक्रवार को इसकी पुष्टि की।
रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी में युद्ध शुरू होने के बाद से दूतावास अस्थायी रूप से बंद है।
जॉनसन ने नयी दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'कीव में रूसी सेना का विरोध करने में [यूक्रेन के] राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की असाधारण दृढ़ता और सफलता को देखते हुए मैं घोषणा करता हूं कि बहुत जल्द, अगले सप्ताह, हम यूक्रेन की राजधानी में अपना दूतावास फिर से खोलेंगे।'
उन्होंने कहा, 'मैं ब्रिटेन के उन राजनयिकों को सलाम करना चाहता हूं जो इस अवधि के दौरान इस क्षेत्र में रहे।'
गौरतलब है कि ब्रिटेन के कर्मचारियों का एक दल मानवीय और अन्य सहायता प्रदान करने के लिए पश्चिमी यूक्रेन में मौजूद रहा है।
ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने कहा कि ब्रिटेन के दूतावास परिसर में कर्मचारियों की वापसी से पहले सुरक्षा प्रबंध किये जा रहे हैं।
ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने लंदन में एक बयान में कहा, ‘‘रूसी बलों का विरोध करने में राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूक्रेनी लोगों की असाधारण दृढ़ता व सफलता के मद्देनजर हम जल्द ही कीव में अपने दूतावास को फिर से खोलेंगे।' (भाषा)
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत के दो दिवसीय दौरे पर हैं.
बृहस्पतिवार को वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात गए थे.
शुक्रवार को दोनों ही देशों के नेताओं के बीच दिल्ली में रक्षा, कारोबार समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई.
जॉनसन ने गुजरात में भव्य स्वागत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा करते हुए उन्हें अपना 'ख़ास दोस्त' बताया.
जॉनसन बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य गुजरात गए थे, जहां मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्यपाल आचार्य देवव्रत उनका स्वागत करने के लिए पहुंचे थे.
हवाई अड्डे के बाहर जॉनसन के स्वागत में पारंपरिक गुजराती नृत्य और संगीत का कार्यक्रम भी रखा गया था.
इसके बाद वह अहमदाबाद स्थित गांधी आश्रम पहुंचे और चरखे पर अपना हाथ भी आजमाया. (bbc.com)
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन गुरुवार को भारत के दो दिवसीय दौरे पर गुजरात पहुँचे थे.
ब्रिटिश पीएम का भारत दौरा इससे पहले दो बार टल चुका था और यह दौरा बहुप्रतीक्षित था.
बोरिस जॉनसन इस बार भारत तब पहुँचे हैं, जब यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण भारत पर पश्चिमी देशों का दबाव है और भारत के भीतर भी कई घरेलू मुद्दों को लेकर हलचल है.
21 अप्रैल को बोरिस जॉनसन भारत पहुँचे और 16 अप्रैल को ही दिल्ली के जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक झड़प हुई थी.
इसके बाद जहांगीरपुरी में ही बीजेपी शासित दिल्ली नगर निगम ने 'अवैध निर्माण' के ख़िलाफ़ 'अतिक्रमण हटाओ अभियान' चलाया. इस 'अभियान' में बुलडोज़र का इस्तेमाल किया गया.
इससे पहले भी बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में सांप्रदायिक झड़प हुई थी और यहाँ भी प्रशासन ने बिना दोषी साबित हुए अभियुक्तों के घरों पर बुलडोज़र चलाया था.
भारत के मीडिया में सरकारी बुलडोज़रों को लेकर जब बहस तेज़ थी तभी गुरुवार को गुजरात में वडोदरा के पास हलोल इंडस्ट्रियल इलाक़े में ब्रिटिश पीएम ने एक जेसीबी फैक्ट्री का उद्घाटन किया. (bbc.com)
विश्व बैंक के अनुसार क़रीब दो महीने से चल रही रूस से लड़ाई में यूक्रेन के बुनियादी ढाXचे को क़रीब 60 अरब डॉलर (4.5 लाख करोड़ रुपए) का नुक़सान हो चुका है.
विश्व बैंक ने शुरुआती अनुमान में यह आँकड़ा पेश किया है. हालाँकि इसमें युद्ध की लगातार बढ़ रही आर्थिक लागत को शामिल नहीं किया गया है.
विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड आर मालपास ने एक कॉन्फ़्रेंस में कहा है कि दोनों देशों के बीच की यह लड़ाई अभी जारी है, लिहाजा नुक़सान के अभी और बढ़ने की आशंका है.
ज़ेलेंस्की ने हर महीने 7 अरब डॉलर की मांग की
वहीं इस सम्मेलन को वर्चुअल तरीक़े से संबोधित करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि इस युद्ध के चलते उनकी अर्थव्यवस्था को हुए नुक़सान को ठीक करने के लिए हर महीने 7 अरब डॉलर की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा कि युद्ध से बर्बाद ढाँचे को फिर से खड़ा करने के लिए बाद में सैकड़ों अरब डॉलर की ज़रूरत होगी.
ज़ेलेंस्की ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने के बाद रूस के ज़ब्त पैसों को यूक्रेन के पुनर्निर्माण पर ख़र्च करने की मांग की है. (bbc.com)
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने एक बार फिर भारत की सराहना की है. लाहौर में एक रैली में इमरान ख़ान ने एक बार फिर भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का ज़िक्र किया और उसकी सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका का सहयोगी देश है, लेकिन वो रूस से तेल आयात कर रहा है, क्योंकि उसकी विदेश नीति अपने लोगों की बेहतरी के लिए. इमरान ख़ान ने पाकिस्तान की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा- हमारी विदेश नीति दूसरे लोगों की बेहतरी के लिए है. प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए भी पिछले कुछ महीनों में इमरान ख़ान ने भारत की विदेश नीति की तारीफ़ की थी.
इमरान ख़ान ने कहा था कि भारत क्वाड का सदस्य है, लेकिन वो पाबंदी के बावजूद रूस से तेल आयात कर रहा है और भारत कहता है कि वो इस मामले में निष्पक्ष है. इमरान ख़ान कई बार आरोप लगा चुके हैं कि उनकी सरकार को गिराने में विदेशी शक्तियों का हाथ हैं, जिन्होंने यहाँ के कुछ लोगों के साथ मिलकर उनकी सरकार के ख़िलाफ़ साज़िश रची थी. पिछले दिनों विपक्षी पार्टियों ने इमरान ख़ान सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. प्रस्ताव को ख़ारिज किए जाने के बाद मामला अदालत पहुँचा और आख़िकार नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया. इस समय पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के नेता शहबाज़ शरीफ़ प्रधानमंत्री हैं और उनके नेतृत्व में गठबंधन सरकार चल रही है. (bbc.com)
नयी दिल्ली, 22 अप्रैल। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया निरंकुश देशों से बढ़ते खतरों का सामना कर रही है, जो लोकतंत्र को कमतर, मुक्त व्यापार को खत्म करने और सम्प्रभुत्ता को कुचलना चाहते हैं तथा ऐसे में भारत के साथ ब्रिटेन की साझेदारी समुद्री तूफानों में प्रकाशपुंज है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता से पहले जॉनसन ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच जलवायु परिवर्तन से लेकर ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा तक के मुद्दों पर भागीदारी महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देश भविष्य की ओर देख रहे हैं।
ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा कि जॉनसन के प्रधानमंत्री मोदी के साथ पांच क्षेत्रों भूमि, समुद्र, वायु, अंतरिक्ष और साइबर में अगली पीढ़ी की रक्षा और सुरक्षा भागीदारी पर चर्चा करने की उम्मीद है क्योंकि दोनों देश नए जटिल खतरों का सामना कर रहे हैं।
उसने एक बयान में कहा कि इसमें भारत निर्मित नए लड़ाकू विमानों के लिए सहयोग, युद्धक विमान निर्माण पर ब्रिटेन की उत्कृष्ट जानकारी पेश करना और हिंद महासागर में सूचनाओं की पहचान तथा उनसे निपटने के लिए नयी प्रौद्योगिकी के वास्ते भारत की आवश्यकताओं में सहयेाग देना शामिल है।
उच्चायोग ने कहा, ‘‘आने वाले दशकों में भारत के साथ वृहद रक्षा और सुरक्षा भागीदारी के समर्थन में ब्रिटेन भारत को ऑपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (ओजीईएल) जारी करेगा जिससे नौकरशाही कम होगी और रक्षा खरीद के लिए आपूर्ति का समय कम होगा। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारा पहला ओजीईएल है।’’
उसने कहा कि जॉनसन स्वच्छ एवं नवीनीकरण ऊर्जा पर नए सहयोग पर भी चर्चा करेंगे, जिसका मकसद आयातित तेल से नयी दिल्ली के ऊर्जा बदलाव को समर्थन देना और सुरक्षित तथा टिकाऊ ऊर्जा के जरिए इसके लचीलेपन को बढ़ाना तथा ब्रिटेन और भारत दोनों देशों में जलवायु परिवर्तन से निपटना है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में दो दिवसीय यात्रा पर बृहस्पतिवार को भारत पहुंचे थे।
उच्चायोग ने जॉनसन के हवाले से कहा, ‘‘दुनिया निरंकुश देशों से बढ़ते खतरों का सामना कर रही है, जो लोकतंत्र को कमतर, मुक्त व्यापार को खत्म करने और सम्प्रभुत्ता को कुचलना चाहते हैं। भारत के साथ ब्रिटेन की भागीदारी इन तूफानी सागरों में प्रकाशपुंज है।’
उच्चायोग ने कहा कि ब्रिटेन और भारत किफायती हरित हाइड्रोजन पर काम तेज करने के लिए वर्चुअल हाइड्रोजन विज्ञान एवं नवोन्मेष हब शुरू कर रहे हैं। (भाषा)
मास्को, 22 अप्रैल। उत्तरी-पश्चिमी रूसी सहर त्वेर स्थित एक रक्षा अनुसंधान केंद्र में बृहस्पतिवार को आग लगने से इमारत में फंसे लोग खिड़कियों से छलांग लगाने लगे। आग लगने के कारण छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 27 से अधिक लोग घायल हो गये। शहर के प्रशासन ने यह जानकारी दी
‘एअरोस्पेस डिफेंस फोर्सेस सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट’ के प्रशासनिक भवन में सबसे पहले आग लगी जिसने तेजी से इमारत की ऊपरी तीन मंजिल को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद इमारत में रह रहे लोग खिड़कियों से छलांग लगाने लगे और छत धंसने लगी।
इस संस्थान का संचालन रूसी रक्षा मंत्रालय के तहत किया जाता है। क्षेत्रीय सैन्य अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। सरकार समाचार एजेंसी तास ने कहा कि शुरुआती जांच इस बात की ओर इशारा कर रही है कि आग का कारण बहुत पुरानी वायरिंग हो सकती है।
रूसी रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक यह संस्थान हवाई और अंतरिक्ष रक्षा से संबंधित अनुसंधान पर काम करता है, जिसमें नई विमान-रोधी प्रणाली विकसित करना शामिल है। (एपी)
-विनय झा
नई दिल्ली. स्वदेशी सोशल मीडिया ऐप कू ने अपना एल्गोरिदम सार्वजनिक कर दिया है. यह प्लेटफॉर्म फीड, ट्रेंडिंग, लोगों की रिकमंडेशंस और नोटिफिकेशंस जैसे अपने चार मुख्य एल्गोरिदम के प्रमुख वैरिएबल्स की चर्चा करता है. ये 4 एल्गोरिदम ही यूजर्स की ओर से देखे और इस्तेमाल किए जाने वाले कंटेंट के प्रकार को तय करते हैं. कू के को-फाउंडर और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण के मुताबिक, एल्गोरिदम जारी करना कंपनी की इस प्रतिबद्धता का हिस्सा है कि कू में कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है. साथ ही, कंपनी की सभी नीतियों को कू की वेबसाइट पर कई भाषाओं में भी समझाया गया है. उन्होंने कहा कि कंपनी की कोशिश अपने सभी यूजर्स को लगातार बताने की है कि कू कैसे संचालित होता है और किस तरह से कंपनी भविष्य के लिए एक सुरक्षित, निष्पक्ष और विश्वसनीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बना रही है. कू की वेबसाइट पर इन एल्गोरिदम को मार्च, 2022 में ही पब्लिक कर दिया गया था.
आप अपने सोशल अकाउंट पर किस तरह का कंटेंट देखना चाहते हैं, अब आप इसे मैनेज कर सकते हैं. इस फीचर के लिए Koo App ने अपना एल्गोरिदम सार्वजनिक कर दिया है और ऐसा करने वाला यह पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया है. कू ऐप के इस कदम से यूजर्स सभी कंटेंट को मैनेज कर सकेंगे कि वे क्या देखना चाहते हैं. इस तरह से कू ऐप ने पारदर्शी और सुरक्षित प्लेटफॉर्म के रूप में खुद को एक कदम आगे बढ़ा दिया है. यह यूजर्स को यह जानने का अधिकार देता है कि वे कोई कंटेंट क्यों देख रहे हैं. कू की आधिकारिक वेबसाइट पर इन एल्गोरिदम को मार्च 2022 में ही पब्लिक कर दिया गया था.
कू ने हाल ही में दुनिया में पहली बार स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन का फीचर सभी यूजर्स के पेश किया था. सोशल मीडिया पर कोई आईडी फेक है या असली, इसकी पहचान करना तब बहुत मुश्किल हो जाता है, जब अकाउंट वेरिफाइड न हो. आमतौर पर वीआईपी लोगों के ही खाते वेरिफाई होते हैं, लेकिन हाल ही में कू ने अपना खाता खुद वेरिफाई करने की सुविधा प्रदान की है. खास बात यह है कि दुनिया में सबसे पहले यह फीचर कू ने ही दिया है. इसके लिए आपके पास सिर्फ कोई वैध सरकारी आई़़डी होनी चाहिए. अभी सिर्फ आधार को ही लाइव किया गया है. इसका मतलब यह हुआ कि कू पर अपने अकाउंट को आधार के जरिए वेरिफाई कर सकते हैं.
राधाकृष्ण और बिदावत ने की थी शुरुआत
अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावत ने 2020 में कू की शुरुआत की थी, ताकि यूजर्स को अपनी बात कहने और भारतीय भाषाओं के प्लेटफॉर्म के साथ जुड़ने का अवसर मिल सके. यह हिंदी, तेलुगु और बंगाली सहित कई भाषाओं में उपलब्ध है. कू के को-फाउंडर मयंक बिदावत ने कहा, “हम अपने मुख्य स्टेकहॉल्डर्स, यूजर्स और क्रियेटर्स पर बहुत ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. सही क्रियेटर्स की खोज के लिए यूजर्स की मदद करना महत्वपूर्ण है.
-ललित मौर्य
भुखमरी का आलम यह है कि करीब 72 लाख इथियोपियन खाली पेट सोने को मजबूर हैं। इसी तरह सोमालिया की करीब 40 फीसदी आबादी तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना कर रही
केन्या में भोजन के लिए संघर्ष करती बेटी फातूमा के साथ महाधा; फोटो: वर्ल्ड फूड प्रोग्रामकेन्या में भोजन के लिए संघर्ष करती बेटी फातूमा के साथ महाधा; फोटो: वर्ल्ड फूड प्रोग्राम केन्या में भोजन के लिए संघर्ष करती बेटी फातूमा के साथ महाधा; फोटो: वर्ल्ड फूड प्रोग्राम
बारिश के मौसम को शुरू हुए अफ्रीका में करीब एक महीना हो चुका है, इसके बावजूद हॉर्न ऑफ अफ्रीका (इथियोपिया, केन्या, सोमालिया) का यह क्षेत्र अब तक सूखे की मार और पानी की कमी से जूझ रहा है। नतीजन यहां रहने वाले लाखों परिवार हर दिन अपने जीवन के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि यदि परिस्थितियां जल्द न बदली तो यहां रहने वाले करीब 2 करोड़ लोगों के लिए पेट भरना नामुमकिन हो जाएगा।
विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्लूएफपी) का कहना है कि समय तेजी से हमारे हाथों से निकला जा रहा है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक तरफ जहां सोमालिया जो पहले ही भुखमरी से जूझ रहा है, वो अगले छह महीनों में आकाल का सामना करने को मजबूर हो जाएगा। एक तरफ जहां सूखे के कारण फसलें सूख रही हैं, वहीं घटती मानवीय सहायता के चलते भुखमरी से ग्रस्त लोगों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है।
भुखमरी का आलम यह है कि करीब 72 लाख इथियोपियन पहले ही खाली पेट सोने को मजबूर हैं। देखा जाए तो इथियोपिया 1981 के बाद से अपने सबसे गंभीर सूखे का सामना कर रहा है। इसी तरह केन्या में भी पांच लाख से ज्यादा लोग भुखमरी के भयावह स्तर से बस एक कदम दूर हैं।
देखा जाए तो दो वर्षों से भी कम समय में केन्या में ऐसे लोगों की संख्या चार गुना से ज्यादा बढ़ गई है, जिन्हें अपना जीवन चलाने के लिए सहायता की जरुरत है। छोटी अवधि के लिए जारी बारिश के विश्लेषण के अनुसार सूखे के कारण केन्या में 31 लाख लोग आने वाले वक्त में खाने की कमी का शिकार बन सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, लगातार तीन मौसमों में हुई औसत से कम बारिश ने भुखमरी की समस्या को और विकराल बना दिया है। ऐसे में उन परिवारों के लिए समय तेजी से निकलता जा रहा है, जो जीवित रहने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं।
सोमालिया में भी करीब 60 लाख लोग या करीब 40 फीसदी आबादी तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना कर रही है। बारिश और मानवीय सहायता के आभाव में वहां आकाल पड़ सकता है। इसी तरह इथियोपिया में कुपोषण की दर आपातकाल की सीमा से काफी ऊपर जा चुकी है।
ऐसा नहीं है बारिश की कमी और सूखे ने केवल इंसानों को ही अपना निशाना बनाया है। पता चला है कि दक्षिणी इथियोपिया और केन्या के शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में लगभग 30 लाख पशुओं की जान इस सूखे ने लील ली है।
वहीं 2021 के मध्य से सोमालिया में 30 फीसदी परिवारों के मवेशी इसका निवाला बन चुके हैं। इतना ही नहीं कई अफ्रीका देश संघर्ष की आग में जल रहे हैं, जबकि साथ ही खाद्य कीमतों की बढ़ते कीमते, आर्थिक असुरक्षा और टिड्डियों के हमले उनके परेशानियों को और बढ़ा रहे हैं।
जरुरी है जल्द कार्रवाई
इस बारे में डब्ल्यूएफपी से जुड़े पूर्वी अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक माइकल डनफोर्ड का कहना है कि, "हम पिछले अनुभव से जानते हैं कि मानवीय आपदा को रोकने के लिए जल्द कार्रवाई कितनी महत्वपूर्ण है, फिर भी प्रतिक्रिया शुरू करने की हमारी क्षमता सीमित है।"
उनके अनुसार पिछले साल से ही डब्ल्यूएफपी और अन्य एजेंसियां इस बारे में चेतावनी दे रही है कि अगर तुरंत कार्रवाई न की गई तो यह सूखा विनाशकारी रूप ले सकता है, लेकिन धन के आभाव में वो जरुरी कदम न उठा पाने के लिए मजबूर हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक 2016-17 में हॉर्न ऑफ अफ्रीका में ऐसा ही सूखा पड़ा था, लेकिन जल्द कार्रवाई ने तबाही को टाल दिया था। वहीं अब 2022 में संसाधनों की भारी कमी के चलते इस बात की आशंका कहीं ज्यादा बढ़ गई है कि आने वाले वक्त में इस आपदा को रोकना संभव नहीं होगा, जिसका परिणाम यहां रहने वाले लाखों परिवारों को भुगतना होगा।
यूक्रेन में जारी संघर्ष ने बढ़ा दी हैं दिक्कतें
अंतराष्ट्रीय एजेंसी की मानें तो यूक्रेन में जारी संघर्ष के चलते हॉर्न ऑफ अफ्रीका की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है, क्योंकि इस युद्ध के चलते भोजन और ईंधन की लागत लगातार बढ़ रही है। ऐसे में डब्ल्यूएफपी का कहना है कि सूखा प्रभावित देशों के इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है।
अफ्रीका में विशेष रूप से इथियोपिया और सोमालिया में खाने की कीमतें आसमान छू रही हैं। गौरतलब है कि यह क्षेत्र काला सागर क्षेत्र के देशों से आने वाले गेहूं पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है। इसी तरह इस क्षेत्र से उर्वरकों की हो रही कम आपूर्ति भी चिंता का विषय है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि जब वो यूक्रेन युद्ध के पहलुओं पर विचार कर रहे हो तो उन्हें हॉर्न ऑफ अफ्रीका की जरूरतों के बारे में सोचना चाहिए।
ऐसे में इस मानवीय आपदा से निपटने के लिए डब्ल्यूएफपी ने फरवरी 2022 में जरुरी फंडिंग की अपील वैश्विक समुदाय से की थी लेकिन उसे जरुरत का केवल 4 फीसदी ही मिल पाया था। ऐसे में स्थिति से निपटने के लिए अगले छह महीनों में डब्ल्यूएफपी को करीब 3,600 करोड़ रुपए की जरुरत है, जिसकी मदद से स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। (downtoearth.org.in)
इस्लामाबाद, 20 अप्रैल। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पद संभालने के बाद अपनी पहली कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करने के बाद बुधवार को कहा कि पाकिस्तान कर्ज में डूब रहा है और इस नाव को किनारे तक पहुंचाना नयी सरकार का काम है।
शरीफ ने कैबिनेट को संबोधित करते हुए कहा, "मैं इसे युद्ध कैबिनेट मानता हूं क्योंकि आप गरीबी, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ रहे हैं। यह सभी समस्याओं के खिलाफ युद्ध है...।" उनके संबोधन का सरकारी मीडिया द्वारा प्रसारण किया गया।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार विभिन्न मुद्दों को हल करने में बुरी तरह नाकाम रही। उन्होंने विचार विमर्श की "गहन और निरंतर" प्रक्रिया के जरिए देश, विशेष रूप से गरीब परिवारों को राहत मुहैया कराने पर जोर दिया।
शरीफ ने मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए सहयोगी दलों को धन्यवाद दिया और समस्याओं को दूर करने के लिए कैबिनेट सहयोगियों की क्षमताओं की सराहना की। उन्होंने अपने गठबंधन सहयोगियों को धन्यवाद देते हुए कहा, "आज एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि हमने भ्रष्ट सरकार को हटाकर संवैधानिक और कानूनी रूप से पदभार ग्रहण किया है।"
उन्होंने कहा, ‘‘ यह गठबंधन पाकिस्तान के इतिहास में सबसे व्यापक है। यह गठबंधन पार्टियों के विभिन्न राजनीतिक दृष्टिकोणों के बावजूद लोगों की सेवा करेगा।’’
शरीफ ने कहा कि यह कैबिनेट "अनुभव और युवाओं का संयोजन" है। मुद्दों का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि बिजली की कमी और भारी कर्ज देश के सामने प्रमुख मुद्दों में से एक है। उन्होंने कहा, "देश कर्ज में डूब रहा है लेकिन हमें इसकी नाव को किनारे तक ले जाना है।" (भाषा)
वारसा, 20 अप्रैल । यूक्रेन में अपने परिवार के घर के तहखाने में बिना बिजली या पानी के हफ्तों बिताने के बाद, विक्टोरिया सव्यिचकिना ने अपनी नौ और 14 वर्षीय बेटियों के साथ चारों तरफ से घिरे शहर मारियुपोल से भाग निकलने का साहसी कदम उठाया।
अभी के लिए उनका आवास पोलैंड की राजधानी में एक बड़ा सम्मेलन केंद्र है। सव्यिचकिना ने कहा कि उन्होंने मारियुपोल में नष्ट हुए घर की एक तस्वीर देखी। एक दूसरे देश में शरणार्थी शिविर के बिस्तर पर मौजूद 40 वर्षीय ये महिला अपने और अपने बच्चों की जिंदगी फिर से नए सिरे से शुरू करने पर विचार कर रही है।
सव्यिचकिना ने कहा, “हम यह तक नहीं जानते कि हम जा कहां रहे हैं, आगे क्या होने वाला है। मैं निश्चित रूप से घर जाना चाहूंगी। हो सकता है, यहां पोलैंड में मुझे आनंद आए।”
यूक्रेन में युद्ध शुरू हुए करीब आठ हफ्ते हो रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने बुधवार को कहा कि 24 फरवरी को रूसी हमला शुरू होने के बाद से अब तक 50 लाख से ज्यादा यूक्रेनी लोग पलायन कर चुके हैं। यूएनएचसीआर ने 30 मार्च को कहा था कि 40 लाख लोग यूक्रेन से भाग गए हैं। ये जिनेवा स्थित यूएनएचसीआर द्वारा अनुमानित पलायन से कहीं ज्यादा है।
यूक्रेन में युद्ध पूर्व जनसंख्या 4.4 करोड़ है और शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने कहा कि यूक्रेन के अंदर 70 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं और बुधवार तक 50 लाख 30 हजार लोग देश छोड़ चुके थे।
एजेंसी के मुताबिक 1.30 करोड़ लोगों के यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे होने की उम्मीद है।
यूएनएचसीआर की प्रवक्ता शाबिया मंटू ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया, “हमने देखा है कि यूक्रेन की लगभग एक चौथाई आबादी, कुल मिलाकर 1.2 करोड़ से अधिक लोगों को अपने घरों से पलायन करने के लिए मजबूर किया गया है, इसलिए यह लोगों की एक चौंका देने वाली संख्या है।”
इन लोगों में से आधे से अधिक, करीब 28 लाख सबसे पहले पोलैंड भाग गए। उनमें से बहुत से लोग हालांकि वहां रुके हैं, लेकिन काफी लोगों के वहां से आगे चले जाने की सूचना है। सव्यिचकिना भी अपनी बेटियों को जर्मनी ले जाने पर विचार कर रही है।(एपी)
श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शन में शामिल लोगों को तितर-बितर करने के लिए चलाई गई पुलिस की गोली से एक शख़्स की मौत हो गई है. साथ ही 11 और लोग घायल हो गए हैं.
बताया गया है कि इस घटना में 10 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. इन सभी को केगले अस्पताल में भर्ती किया गया है.
केगले अस्पताल की डायरेक्टर ने भी इस मामले की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि घायलों में से दो की फ़िलहाल सर्जरी की जा रही है.
गोलीबारी की ये घटना मंगलवार को श्रीलंका के पश्चिमी मध्य भाग के रांबुक्काना शहर में हुई.
इस घटना के बारे में पुलिस के प्रवक्ता निहाल तल्डुवा ने बीबीसी सिंहला को बताया कि 15 घंटों से प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने के लिए पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी.
पुलिस ने यह भी बताया कि रांबुक्काना में अभी से अगली सूचना तक कर्फ़्यू लगा दिया गया है.
मालूम हो कि देश के असाधारण आर्थिक संकट के विरोध में मंगलवार को देश के कई इलाक़ों में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया गया था.
ये विरोध प्रदर्शन रांबुक्काना, हिंगुराकगोडा, बड्डेगामा, डिगाना, गंपोला, रत्नापुरा और तेल्देनिया में किए गए थे.
बीबीसी सिंहला के अनुसार, प्रदर्शनों के दौरान रांबुक्काना से गुजरने वाली रेल लाइन के बाधित होने के चलते उस मार्ग पर ट्रेन सेवा में भी विलंब हुआ
श्रीलंका में अमेरिका के राजदूत जूली चुंग ने ट्वीट कर मंगलवार को हुई गोलबारी की कड़ी निंदा की है.
उन्होंने सोशल मीडिया साइट पर लिखा, ''मैं रांबुक्काना से आई डराने वाली ख़बर से बहुत दुखी हूं. चाहे प्रदर्शनकारी हों या पुलिस उनके ख़िलाफ़ होने वाली किसी भी तरह की हिंसा की मैं निंदा करती हूं. मैं सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील करती हूं. इस मामले की पूरी, पारदर्शी जांच ज़रूरी है. शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन के लोगों के हक़ की बहाली की मांग की करती हूं.'' (bbc.com)
पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ़ ने मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा से मुलाक़ात की. प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक़ दोनों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर बातचीत हुई.
इसके अलावा पीएम कार्यालय ने कोई जानकारी नहीं दी है. शहबाज़ शरीफ़ के पीएम का पद संभालने के बाद सेना प्रमुख से उनकी पहली मुलाक़ात है. दोनों के बीच मुलाक़ात ऐसे समय हुई है, जब शहबाज़ शरीफ़ की नई कैबिनेट ने आज ही शपथ ली है. पाकिस्तान के पीएम ने अपनी कैबिनेट में 34 मंत्रियों को शामिल किया है. इसके अलावा तीन सलाहकारों को भी शपथ दिलाई गई है. (bbc.com)
संयुक्त राष्ट्र, 19 अप्रैल। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि पूर्वी यूक्रेन में रूस के आक्रमण ने इस युद्ध को अनिवार्य रूप से अधिक ‘‘हिंसक, रक्तरंजित और विध्वंसकारी’’ बना दिया है।
गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए बृहस्पतिवार से शुरू होने वाले और 24 अप्रैल ईस्टर रविवार तक चलने वाले चार दिवसीय पवित्र सप्ताह में आक्रमण पर मानवीय आधार पर रोक की मांग की ताकि मानवीय गलियारे खोले जा सकें।
उन्होंने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि यूक्रेन में युद्धविराम के लिए कई पक्षों द्वारा किए गए प्रयास विफल रहे हैं।
गुतारेस ने कहा, ‘‘ चार दिन की ईस्टर अवधि लोगों की जिंदगियां बचाने के लिए एकजुट होने और यू्क्रेन की पीड़ा समाप्त करने के लिए बातचीत बढ़ाने के लिहाज से होनी चाहिए।’’ (भाषा)
लद्दाख़ में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास मौजूद हॉट स्प्रिंग में भारतीय पक्ष के बेहद नज़दीक़ चीन ने तीन मोबाइल टावर लगाए हैं.
अंग्रेज़ी अख़बार 'द टाइम्स ऑफ़ इंडिया' ने अपनी विशेष रिपोर्ट में लिखा है कि शीतकालीन चरागाह से लौटे चरवाहों ने इसकी जानकारी दी है.
इसके साथ यह भी माना जा रहा है कि बीजिंग इस जगह पर इमारतें स्थापित करने और अपनी सैन्य मौजूदगी को विस्तार देने पर भी ध्यान दे सकता है. यह उन इलाक़ों में से एक है जहां पर साल 2020 से दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं.
लद्दाख़ स्वायत्त पहाड़ी परिषद के चुशुल का प्रतिनिधि करने वाले कोंचोक स्टेंज़िन ने बताया है कि इस तरह के दूरस्थ इलाक़े में चीन का मोबाइल टावर लगाना दिखाता है कि भारतीय हिस्से के सीमाई गांवों में संचार ढांचा बहुत ख़राब है.
उन्होंने अख़बार से कहा, "इस तरह के अलग-थलग पड़े इलाक़े में वो (चीन) 4जी टावर लगा रहा है. उनके चरवाहे अब कनेक्टेड रहेंगे. हमारे चरवाहे जब अपने जानवरों के साथ निकलते हैं तो वो भटक जाते हैं. सिर्फ़ दो को छोड़कर सभी सीमाई गांवों में अभी भी 2जी सेवा है जिसमें भी सिग्नल की कमी रहती है."
उन्होंने नए चीनी टावरों की तस्वीरें भी ट्वीट की हैं जो चरवाहों ने ली हैं लेकिन इसकी अख़बार ने स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की है. (bbc.com)
रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने कहा है कि पश्चिमी देशों ने उनके देश के खिलाफ प्रतिबंध लगा कर अपना ही नुकसान किया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक रूस की अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हुए पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा कर अपने ही खिलाफ गोल दाग लिया है.
उन्होंने कहा कि रूस पर प्रतिबंध लगाने से पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था कमजोर हो गई है. उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों के बावजूद रूस में महंगाई स्थिर है और खुदरा मांग भी सामान्य बनी हुई है.
इससे पहले पुतिन ने अपनी सरकार के शीर्ष अधिकारियों को वीडियो लिंक के जरिये संबोधित करते हुए कहा था कि रूस को अपने बजट का इस्तेमाल देश की अर्थव्यवस्था को समर्थन देने और लिक्विडिटी बढ़ाने में करना चाहिए. यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर भारी प्रतिबंध लगाए हैं. (bbc.com)
इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव ने स्वीडन में पवित्र क़ुरान की प्रति जलाए जाने की आलोचना की है. ओआईसी का कहना है कि ऐसी घटनाएँ स्वीडन के लिंकोपिंग, नॉरकोपिंग और अन्य शहरों में हो रही हैं. ओआईसी के महासचिव का कहना है कि स्वीडन में धुर दक्षिणपंथी गुटों की ये कार्रवाई इस्लामोफ़ोबिया के बारे में फैलाई जा रही धारणा के बारे में मुस्लिम जगत की चिंता को और पुष्ट किया है.
उन्होंने कहा कि ये घटना आयोजकों की नस्लवादी और द्वेषपूर्ण मानसिकता की स्पष्ट अभिव्यक्ति है और उनकी कार्रवाई सभ्य समाज के सभी स्वीकृत मानदंडों और मूल्यों के ख़िलाफ़ है. हालाँकि ओआईसी के महासचिव ने इस बात को दोहराया कि ऐसी भड़काने वाली घटना स्वीडन और अन्य यूरोपीय देशों में बहुमत के विचारों को प्रदर्शित नहीं करती है. इस बीच स्वीडन में धुर दक्षिणपंथी गुटों की क़ुरान जलाने की योजना को लेकर हिंसक झड़प हुई है. पुलिस और नाराज़ लोगों के बीच हुई झड़प में 40 से अधिक लोग गिरफ़्तार हुए हैं. ओआईसी के अलावा कई देशों ने स्वीडन में हुई इस घटना की कड़ी आलोचना की है. (bbc.com)
रूसी सेना ने यूक्रेन के पश्चिमी शहर ल्वीव पर मिसाइलों से हमला किया है. बीबीसी न्यूज़ ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि रूसी सेना की मिसाइलों से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है. इसमें एक बच्चा भी शामिल है.
ल्वीव यूक्रेन का सुदूर पश्चिमी शहर है और इस बीच इस पर हमले नहीं हुए थे. मार्च में हुए हमले में यहाँ कुछ लोग मारे गए थे. रूस का ये हमला यूक्रेन की ओर से चार रूसी क्रूज मिसाइलों को ध्वस्त करने के दावे के बाद हुआ है.
ल्वीव के मेयर एंद्री सदोवी ने कहा, ''रूसी मिसाइलों ने सोमवार की सुबह शहर पर हमला किया. एक मिसाइल ने एक होटल को निशाना बनाया, जिसमें लोगों को लड़ाई वाले इलाक़े से हटा कर रखा गया था.''
उन्होंने कहा कि रूस जानबूझ कर नागरिकों को निशाना बना रहा है. उन्होंने यूक्रेन के 1+1 टीवी चैनल से कहा, '' ये नरसंहार है. यह जानबूझ कर यूक्रेन के लोगों को बरबाद करने की कोशिश है. ''
सदोवी ने बताया कि एक रूसी सेना ने एक यूक्रेनी सैन्य अड्डे पर हमला किया. इसमें छह लोग मारे गए और 11 लोग घायल हो गए. करीब 40 कारें नष्ट हो गईं. (bbc.com)
पिछले साल पाकिस्तान के सियालकोट में एक श्रीलंकाई नागरिक प्रियंथा कुमारा की ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी.
अब इस मामले में पाकिस्तान की एंटी-टेररिज़्म कोर्ट ने 6 लोगों को मौत की सज़ा सुनाई है. वहीं 9 लोगों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई है. इस मामले के 72 दोषियों को 2-2 साल की सज़ा सुनाई गई है.
श्रीलंकाई नागरिक प्रियंथा सियालकोट की एक फ़ैक्ट्री में बतौर मैनेजर काम करते थे. पिछले साल तीन दिसंबर को हिंसक भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीट कर उनकी हत्या की और बाद में उनके शरीर में आग लगा दी. (bbc.com)