अंतरराष्ट्रीय
ईरान और पाकिस्तान के बीच हुए हमले के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक पारा चढ़ा हुआ है.
गुरुवार को पाकिस्तान के हमले के बाद ईरान ने पाकिस्तान के राजदूत को तलब किया है.
बीबीसी हिंदी के पॉडकास्ट कार्यक्रम में बीबीसी संवाददाता मोहन लाल ने तेहरान में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार ज़ेहरा ज़ैदी से बात की.
पाकिस्तान के हमले को ईरान में किस तरह देखा जा रहा है, इस सवाल पर ज़ेहरा ज़ैदी ने कहा कि जिस समय ईरान ने हमला किया था तो उसके पीछे की वजह थी कि पाकिस्तान से दहशतगर्द ईरान में घुस कर ईरानी सुरक्षाकर्मियों को मार देते थे और वापस चले जाते थे.
इस बारे में पाकिस्तान से शिकायत की जाती थी तो ऐसा लगता था कि पाकिस्तान की हुकूमत कुछ कर नहीं पा रही है. और आरोप दाएश (इस्लामिक इस्टेट) पर मढ़ दिया जाता था. इसलिए ईरान ने चिह्नित कर पाकिस्तान के अंदर उनके ठिकाने पर हमला किया.
उन्होंने कहा कि ईरान में इसे एक सामान्य तरह से लिया जा रहा था कि जब सीमा पर रोज़ाना ऐसी घटनाएं हो रही हैं तो कुछ करना ज़रूरी है.
लेकिन जब पाकिस्तान ने ईरान में हमला किया तो इसकी ईरानी मीडिया में कोई ख़ास प्रतिक्रिया नहीं देखी जा रही है.
मीडिया में पाकिस्तान को लेकर भी बहुत अधिक तल्ख़ी नहीं देखी जा रही है क्योंकि बलूचिस्तान में अलगाववादियों को निशाना बनाकर हमला बोला है.
दोनों तरफ़ से जो हमले हुए हैं वो आधिकारिक तौर पर नहीं बल्कि वहां छिपे हुए चरमपंथियों पर किए गए हैं. दोनों तरफ़ से यही कहा जा रहा है और दोनों देशों के ताल्लुक़ात पर भी कोई असर नहीं पड़ा है.
दोनों देशों ने अपने बयानों में कहा है कि वो दूसरे देश की संप्रभुता का सम्मान करते हैं और दोनों अच्छे दोस्त हैं.तो क्या माना जाना चाहिए कि इस मुद्दे को कूटनीतिक तौर पर हल कर लिया जाएगा?
ज़ेहरा ज़ैदी ने कहा, “असल में बयानों को देखते हुए ऐसा लगता है कि यह मुद्दा कूटनीतिक स्तर पर हल किया जा चुका है. यह मसला आगे नहीं बढ़ेगा क्योंकि दोनों देशों ने न तो अपने फ़्लाई ज़ोन बंद किए हैं और न ही ताल्लुक़ात में कोई कमी आई है. आतंकवादियों और आतंकवाद को लेकर, मेरे ख़्याल से दोनों देशों के बीच कोई सहमति बन गई है.”
हालांकि चीन ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की है लेकिन ज़ेहरा ज़ैदी का कहना है कि चीन वैसे भी मध्यस्थता के अलावा ज़्यादा शामिल नहीं होता और यहां दोनों मुल्कों ने मुद्दा खुद सुलझा लिया है इसलिए चीन के बीच बचाव की कोई ज़रूरत नहीं बची है.
पाकिस्तान ने क्या कहा?
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरानकहा कि आज के हमले पाकिस्तान की अपनी सुरक्षा और राष्ट्र हितों को मद्देनज़र रख कर किए गए, जो कि सर्वोपरि है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता.
पाकिस्तान ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक ज़िम्मेदार सदस्य होने के नाते पाकिस्तान अन्य सदस्यों की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने सहित यूएन चार्टर के सभी नियमों का पालन करता है. लेकिन इन्हीं सिद्धांतों को आधार मानते हुए पाकिस्तान कभी भी अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को भी चुनौती मिलने नहीं देगा. (bbc.com/hindi)
रावलपिंडी, 18 जनवरी । पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार को ईरान में आतंकवादियों के खिलाफ हमलों का ब्योरा साझा करते हुए कहा कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) जैसे आतंकवादी संगठनों के ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमला किया गया। एक खुफिया जानकारी पर आधारित इस ऑपरेशन का कोड नाम - "मार्ग बार सरमाचर" था।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने एक बयान में कहा कि गुरुवार के शुरुआती घंटों में पाकिस्तान ने ईरान के अंदर उन ठिकानों पर प्रभावी हमले किए, जिनका इस्तेमाल पाकिस्तान में हाल के हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों द्वारा किया गया था।
इसमें कहा गया है, "हत्यारे ड्रोन, रॉकेट, घूमती हुई गोला-बारूद और स्टैंड-ऑफ हथियारों का उपयोग करके सटीक हमले किए गए। संपार्श्विक क्षति से बचने के लिए अधिकतम सावधानी बरती गई।"
सेना की मीडिया विंग ने कहा कि लक्षित ठिकानों का इस्तेमाल दोस्त उर्फ चेयरमैन, बज्जर उर्फ सोघाट, साहिल उर्फ शफक, असगर उर्फ बाशम और वजीर उर्फ वजी सहित कुख्यात आतंकवादियों द्वारा किया जा रहा था।
बयान में कहा गया, "आतंकवादी कृत्यों के खिलाफ पाकिस्तानी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान सशस्त्र बल लगातार तत्परता की स्थिति में हैं।"
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आईएसपीआर ने कहा कि पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और किसी भी दुस्साहस से सुरक्षा सुनिश्चित करने का सशस्त्र बलों का संकल्प अटल है।
इसमें कहा गया, "हम पाकिस्तान के लोगों के समर्थन से पाकिस्तान के सभी दुश्मनों को हराने के अपने दृढ़ संकल्प की पुष्टि करते हैं।"
सेना की मीडिया शाखा ने भी "दो पड़ोसी भाईचारे देशों" के बीच द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आईएसपीआर का बयान विदेश कार्यालय द्वारा पुष्टि किए जाने के कुछ घंटों बाद आया है कि ईरान द्वारा देश की संप्रभुता का उल्लंघन करने और बलूचिस्तान में हमले के बाद पाकिस्तान ने ईरानी सीमा के अंदर आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें दो बच्चों की मौत हो गई और तीन लड़कियां घायल हो गईं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "आज सुबह, पाकिस्तान ने ईरान के सिएस्तान-ओ-बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ अत्यधिक समन्वित और विशेष रूप से लक्षित सटीक सैन्य हमलों की एक श्रृंखला शुरू की।"
-(आईएएनएस)
इंफाल, 18 जनवरी । म्यांमार सीमा से लगे मणिपुर के मोरेह इलाके में बुधवार को सुरक्षा बलों पर हुए उग्रवादी हमले में मणिपुर पुलिस के दो कमांडो मारे गए और दो अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।
इंफाल में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मोरेह में तलाशी अभियान चला रहे सुरक्षा बलों पर संदिग्ध आतंकवादियों के हमले में पुलिस कमांडो वांगखेम सोमरजीत की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।
इसके बाद, पुलिस कमांडो ताखेललंबम सैलेशवोर ने चोटों के कारण दम तोड़ दिया।
सोमोरजीत मालोम इलाके का रहने वाला है, जबकि सेलेशवोर इम्फाल्स पश्चिम जिले के लामसांग अखाम का रहने वाला है।
जब सुरक्षाकर्मियों ने तीनों घायल सुरक्षाकर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की कोशिश की तो महिलाओं समेत कुछ आदिवासियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। वे बलों के साथ भिड़ गए और लड़ाई में कई आदिवासी लोग घायल हो गए।
इससे पहले पुलिस और मणिपुर में आदिवासियों की शीर्ष संस्था इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने अलग-अलग दावा किया था कि झड़प में एक महिला की मौत हो गई थी।
बाद में शाम को, पुलिस ने कहा कि महिला कुछ समय के लिए बेहोश थी क्योंकि उसे गंभीर चोटें आई थीं, लेकिन वह जीवित है और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
पुलिस ने कहा कि बुधवार सुबह से मोरेह में तीन अलग-अलग स्थानों पर सुरक्षा बलों और संदिग्ध आतंकवादियों के बीच भारी गोलीबारी की सूचना मिली है। आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर रॉकेट चालित ग्रेनेड भी दागे थे।
तनाव बढ़ने पर स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए असम राइफल्स सहित अतिरिक्त सुरक्षा बल सीमावर्ती इलाकों में पहुंच गए हैं।
अग्रणी महिला संगठन मीरा पैबिस के सदस्यों सहित सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने मोरेह में राज्य बलों को सुदृढ़ करने की मांग करते हुए विरोध रैलियां आयोजित कीं। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के आधिकारिक बंगले की ओर मार्च किया, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया।
मोरेह घटना के मद्देनजर मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने स्थिति की समीक्षा के लिए शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की।
एक अधिकारी ने कहा कि मणिपुर सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से मोरेह के सीमावर्ती इलाकों में कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर आपातकालीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए और अधिक हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
इस बीच, मोरेह स्थित मीतेई काउंसिल ने एक बयान में केंद्र और राज्य सरकार से म्यांमार के विद्रोहियों द्वारा समर्थित कुकी उग्रवादियों को बाहर निकालने का आग्रह किया, जो भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे हैं।
मैतेई समुदाय की शीर्ष संस्था कोकोमी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मणिपुर के मुख्यमंत्री से सुरक्षा स्थिति को तेजी से संबोधित करने, राज्य और केंद्रीय सुरक्षा बलों के बीच सहयोग बढ़ाने और सीमावर्ती शहर मोरेह में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक कदम उठाने का आग्रह किया।
ताजा हिंसा की आशंका के चलते जिला प्रशासन ने मंगलवार दोपहर से संकटग्रस्त टेंग्नौपाल जिले में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया।
एक अधिसूचना में कहा गया, "तेंगनौपाल जिले के राजस्व क्षेत्राधिकार के भीतर शांति भंग होने, सार्वजनिक शांति में अशांति और मानव जीवन और संपत्ति के लिए गंभीर खतरे की संभावना के इनपुट के बाद, पूर्ण कर्फ्यू लगाया गया था।"
इस बीच, पिछले साल अक्टूबर में उप-विभागीय पुलिस अधिकारी चिंगथम आनंद कुमार की हत्या के सिलसिले में भाजपा नेता हेमखोलाल मटे और पूर्व सैनिक फिलिप खैखोलाल खोंगसाई को सोमवार रात मोरेह से गिरफ्तार किया गया था। सीमावर्ती शहर के आदिवासियों ने मंगलवार को उनकी रिहाई की मांग की। जबकि इंफाल घाटी में मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने और बंदियों को अनुकरणीय सजा देने की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन देखा गया।
30 दिसंबर के बाद से मोरेह में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के हमलों में कम से कम 10 मणिपुर पुलिस कमांडो और सीमा सुरक्षा बल का एक जवान घायल हो गए हैं।
मोरेह टेंग्नौपाल जिले में भारत-म्यांमार सीमा पर एक बहुत पुराना और प्रमुख व्यापारिक शहर है। कूकी, मैतेई, नगा, तमिल, पंगल, गोरखा, सिख और अन्य समुदायों के लोग मोरेह में दशकों से शांति और सद्भाव से रह रहे हैं, जो म्यांमार के सबसे बड़े सीमावर्ती शहर तमू के पश्चिम में सिर्फ चार किमी और 110 किमी दूर दक्षिण इंफाल में है।
(आईएएनएस)।
न्यूयॉर्क, 18 जनवरी । पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपील अदालत से एक सीमित "गैग ऑर्डर" सौंपा गया, जबकि वह दो अलग-अलग मामलों में यहां की अदालतों में पेश हुए, क्योंकि मैनहट्टन एनवाई अटॉर्नी जनरल लेटिता जेम्स ने अपनी समापन दलीलें शुरू कीं। नागरिक धोखाधड़ी मुकदमे में क्षति के दावे को पहले के 250 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 370 मिलियन डॉलर कर दिया गया।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि ट्रंप ने मैनहट्टन न्यायाधीश आर्थर एंगोरोन द्वारा जारी किए गए गैग आदेश के खिलाफ अपील अदालत में अपील की थी, जिसने गैग आदेश को बरकरार रखते हुए इसे रद्द कर दिया था।
अवैध रूप से ऋण सुरक्षित करने और जुर्माने के आरोपों को बढ़ाते हुए कम बीमा प्रीमियम प्राप्त करने के लिए संपत्ति के मूल्यों को बढ़ाने के लिए ट्रंप के खिलाफ अपनी दलीलें बंद करते हुए न्यूयॉर्क एजी लेटिटिया जेम्स ने न्यायाधीश आर्थर एंगोरोन और जूरी सदस्यों से कहा कि उनका मामला कभी भी राजनीति या प्रतिशोध या नाम पुकारने के बारे में नहीं था।
उन्होंने कहा, "यह मामला तथ्यों और कानून के बारे में है और ट्रंप ने कानूनों का उल्लंघन किया है।"
ट्रंप कहते रहे हैं कि मुकदमा राजनीति से प्रेरित था, और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने डेमोक्रेट एजी जेम्स का उपयोग करके उनके खिलाफ "राजनीतिक विच हंट" शुरू किया था, लेकिन तथ्य बताते हैं कि जब जेम्स ने मामला दायर किया था, तब बाइडेन राष्ट्रपति भी नहीं थे।
जेम्स ने कहा, "यह मामला कभी भी राजनीति, व्यक्तिगत प्रतिशोध या नाम पुकारने के बारे में नहीं है। यह तथ्यों और कानून के बारे में है और डोनाल्ड ट्रंप ने कानून का उल्लंघन किया है।"
मामले में "न्याय होगा" का भरोसा दोहराने से पहले जेम्स ने अपनी टीम, जज और ट्रंप के वकीलों को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, "चाहे आप कितने भी शक्तिशाली क्यों न हों, चाहे आप कितने भी अमीर क्यों न हों, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।"
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर न्यूयॉर्क में 370 मिलियन डॉलर के नागरिक धोखाधड़ी का मुकदमा चल रहा है, जो व्यक्तिगत भाग्य और रियल एस्टेट साम्राज्य को बदल सकता है, जिसने ट्रंप को व्हाइट हाउस तक पहुंचाने में मदद की थी। (आईएएनएस)।
मनीला, 18 जनवरी । फिलीपीन के सैनिकों ने मध्य फिलीपींस के नेग्रोस ऑक्सिडेंटल प्रांत में एक झड़प में दो संदिग्ध विद्रोहियों को मार गिराया है। एक सैन्य रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य रिपोर्ट में बुधवार को कहा गया कि न्यू पीपुल्स आर्मी (एनपीए) के सैनिकों और लगभग पांच विद्रोहियों के बीच स्थानीय समयानुसार सुबह 6:45 बजे ला कैस्टेलाना शहर में लड़ाई हुई।
जवानों ने मुठभेड़ स्थल से एक एआर-15 राइफल, एक घरेलू बन्दूक, एक .45-कैलिबर पिस्तौल और गोला-बारूद बरामद किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बुधवार सुबह मध्य फिलीपींस के इलोइलो प्रांत में सैनिकों और एनपीए विद्रोहियों के बीच एक अलग झड़प में दो सैनिक घायल हो गए।
एनपीए विद्रोही 1969 से सरकारी सैनिकों से लड़ रहे हैं। वे अपने हमले ग्रामीण इलाकों पर केंद्रित करते हैं और सेना के साथ झड़पें करते हैं।
सैन्य आंकड़ों से पता चला है कि एनपीए में 2,000 सदस्य होने का अनुमान है। (आईएएनएस)।
जकार्ता, 18 जनवरी । इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत पापुआ में गुरुवार को 5.0 तीव्रता का भूकंप आया। देश की मौसम विज्ञान, जलवायु और भूभौतिकी एजेंसी ने यह जानकारी दी।
एजेंसी ने बताया कि भूकंप गुरुवार को जकार्ता के समयानुसार सुबह 01:29 बजे आया।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि भूकंप का केंद्र कीरोम रीजेंसी से 46 किमी दक्षिण पश्चिम में 62 किमी की गहराई पर स्थित था।
प्रांतीय आपदा एजेंसी के अधिकारी विलियम मंडेरी ने शिन्हुआ को बताया कि भूकंप से कोई क्षति या हताहत नहीं हुआ।
(आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 18 जनवरी । गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों को इस साल और अधिक नौकरियों में कटौती के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है।
द वर्ज की रिपोर्ट में एक आंतरिक ज्ञापन का हवाला देते हुए कहा गया है कि गूगल, जिसने एक सप्ताह में विभिन्न विभागों में एक हजार से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है, और अधिक नौकरियों में कटौती की संभावना है।
पिचाई ने ज्ञापन में कर्मचारियों से कहा, "हमारे पास महत्वाकांक्षी लक्ष्य हैं और हम इस साल अपनी बड़ी प्राथमिकताओं में निवेश करेंगे।"
उन्होंने कहा, "वास्तविकता यह है कि इस निवेश के लिए क्षमता बनाने के लिए हमें कठिन विकल्प चुनने होंगे।"
ज्ञापन में, पिचाई ने कहा कि नवीनतम "भूमिका समाप्ति पिछले साल की कटौती के पैमाने पर नहीं है, और हर टीम को प्रभावित नहीं करेगी।"
गूगल सीईओ ने कहा, "लेकिन मैं जानता हूं कि सहकर्मियों और टीमों पर इसका असर देखना बहुत मुश्किल है।"
इस वर्ष की छंटनी "निष्पादन को सरल बनाने और कुछ क्षेत्रों में गति बढ़ाने के लिए परतें हटाने" के बारे में है।
पिचाई ने आगे लिखा, "इनमें से कई बदलावों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।"
पिछले सप्ताह लगभग 1,000 कर्मचारियों की छंटनी करने के बाद, गूगल कथित तौर पर चल रहे पुनर्गठन अभ्यास के हिस्से के रूप में अपनी विज्ञापन बिक्री टीम में "कुछ सौ" और नौकरियों में कटौती कर रहा है।
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल के मुख्य व्यवसाय अधिकारी फिलिप शिंडलर ने एक ज्ञापन में कर्मचारियों को बताया कि ताजा कटौती गूगल की बिक्री टीम के संचालन के तरीके में बदलाव का परिणाम है।
गूगल के एक प्रवक्ता ने भी पुष्टि की कि पुनर्गठन के हिस्से के रूप में "वैश्विक स्तर पर कुछ सौ भूमिकाएं समाप्त की जा रही हैं।"
पिछले साल जनवरी में, गूगल ने अपने कर्मचारियों की संख्या में 12 हजार या लगभग 6 प्रतिशत पूर्णकालिक कर्मचारियों की कटौती की थी। (आईएएनएस)।
इस्लामाबाद, 18 जनवरी । पाकिस्तान ने दो दिन पहले तेहरान के हमले के जवाब में गुरुवार को ईरान के सिस्तान-ओ-बलूचिस्तान प्रांत में "आतंकवादी ठिकानों" पर हमला किया।
एक बयान में, इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने समन्वित और विशेष रूप से लक्षित सटीक सैन्य हमलों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया। ऑपरेशन के दौरान कई आतंकवादियों को मार गिराया गया।
एक सुरक्षा अधिकारी ने सिन्हुआ समाचार एजेंसी को बताया कि "सभी लक्ष्यों पर सटीक निशाना साधा गया"।
अधिकारी ने कहा, "हमने पुष्टि किए गए आतंकवादियों पर हमला किया। हमारे विचार में नस्ल, जातीयता, धर्म या संप्रदाय के बावजूद सभी आतंकवादी हमारे टारगेट पर हैं।"
इससे पहले मंगलवार को बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में ईरान द्वारा किए गए हमलों में दो बच्चों की कथित तौर पर मौत हो गई थी।
जवाब में, इस्लामाबाद ने तेहरान को "गंभीर परिणाम" भुगतने की चेतावनी दी। साथ ही ईरान के राजदूत के देश में लौटने पर प्रतिबंध लगा दिया और पाकिस्तान से अपने दूत को भी वापस बुला लिया।
इस बीच, मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया है कि "पिछले कई वर्षों में, ईरान के साथ बातचीत में, पाकिस्तान ने ईरान के अंदर पाकिस्तानी मूल के आतंकवादियों को मिली पनाह के बारे में अपनी गंभीर चिंता साझा की थी"।
"पाकिस्तान ने इन आतंकवादियों की मौजूदगी और गतिविधियों के ठोस सबूतों के साथ कई डोजियर भी साझा किए। हालांकि, हमारी गंभीर चिंताओं पर कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते ये तथाकथित सरमाचर बेखौफ होकर निर्दोष पाकिस्तानियों का खून बहाते रहे।
"आज सुबह की कार्रवाई इसी के मद्देनजर आतंकवादी गतिविधियों की खुफिया जानकारी मिलने पर की गई। यह कार्रवाई सभी खतरों के खिलाफ अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने के पाकिस्तान के दृढ़ संकल्प की अभिव्यक्ति है।
बयान में कहा गया, "इस जटिल ऑपरेशन का सफल क्रियान्वयन पाकिस्तान सशस्त्र बलों के पेशेवर होने का प्रमाण है। पाकिस्तान अपने लोगों को सुरक्षा देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाना जारी रखेगा,।"
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी मीडिया ने दावा किया है कि पाकिस्तान के हमलों में सात लोग मारे गए।
(आईएएनएस)।
सिंगापुर, 18 जनवरी । सिंगापुर के भारतीय मूल के परिवहन मंत्री एस. ईश्वरन ने भ्रष्टाचार की जांच में अपराधों के 27 आरोपों का सामना करने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
द स्ट्रेट्स टाइम्स ने गुरुवार को बताया कि 61 वर्षीय मंत्री, जिन्हें पिछले साल 11 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और एसजी 800,000 सिंगापुरी डॉलर की जमानत पर रिहा किया गया था, ने सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी के सांसद के रूप में भी इस्तीफा दे दिया।
16 जनवरी को प्रधान मंत्री ली सीन लूंग को लिखे अपने त्याग पत्र में, ईश्वरन ने कहा कि भ्रष्ट आचरण जांच ब्यूरो (सीपीआईबी) ने उन पर विभिन्न अपराधों का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा, ''मैं आरोपों को खारिज करता हूं, परिस्थितियों को देखते हुए, मुझे लगता है कि मेरे लिए कैबिनेट से व संसद सदस्य के रूप में और पीएपी के सदस्य के रूप में इस्तीफा देना सही है।”
ईश्वरन, जो जुलाई 2023 में जांच शुरू होने के बाद से छुट्टी पर थे, उस महीने से एक मंत्री के रूप में अपने वेतन और एक सांसद के रूप में भत्ते का भुगतान करेंगे।
उन्होंने पत्र में कहा, "मैंने और मेरे परिवार ने पैसे लौटाने का फैसला किया है, क्योंकि जब जांच के कारण मैं एक मंत्री और संसद सदस्य के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ था, तो हम इसका लाभ नहीं उठा सकते।" .
उन्होंने कहा कि अगर वह बरी हो जाते हैं तो वह रकम वापस नहीं मांगेंगे।
प्रधान मंत्री कार्यालय ने कहा कि गुरुवार से ची होंग टैट परिवहन मंत्री के रूप में ईश्वरन का स्थान लेंगे।
इससे पहले दिन में, ईश्वरन एक जिला न्यायाधीश के सामने पेश हुए और उन पर रिश्वत के मामले में भ्रष्टाचार के दो आरोप लगाए गए।
उन पर सितंबर और दिसंबर 2022 में शहर-राज्य के पर्यटन बोर्ड के साथ सिंगापुर ग्रां प्री अनुबंध में अरबपति होटल व्यवसायी ओंग बेंग सेंग के व्यावसायिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए एसजी 160,000 सिंगापुरी डॉलर से अधिक स्वीकार करने का आरोप है।
ईश्वरन पर नवंबर 2015 और दिसंबर 2021 के बीच ओंग से सिंगापुर ग्रांड प्रिक्स टिकटों सहित 218,000 सिंगापुरी डॉलर से अधिक मूल्य की मूल्यवान वस्तुएं स्वीकार करने के 24 आरोप हैं।
उनका राजनीतिक करियर 26 साल से अधिक का है और वह पहली बार 1997 में वेस्ट कोस्ट ग्रुप रिप्रेजेंटेशन कांस्टीट्यूएंसी के लिए सांसद के रूप में चुने गए थे।
मई 2021 में, उन्हें परिवहन मंत्री नियुक्त किया गया और मई 2018 से वह व्यापार और उद्योग मंत्रालय (एमटीआई) में व्यापार संबंधों के प्रभारी मंत्री भी थे।
(आईएएनएस)।
न्यू हेवन (अमेरिका), 18 जनवरी। येल विश्वविद्यालय की एक इमारत के नवीनीकरण कार्य में लगे नौ श्रमिकों सहित चौदह लोगों को बुधवार को कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया।
न्यू हेवन के आपातकालीन अभियान निदेशक रिक फोंटाना ने बताया कि श्रमिकों में से एक को इमारत के बाहर बेहोश पड़ा पाया गया और उसे न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में एक अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी हालत गंभीर बताई गई। यह इमारत येल के न्यू हेवन परिसर से कुछ ब्लॉक दूरी पर स्थित है।
उन्होंने बताया कि एक अन्य कर्मचारी भी बेहद गंभीर स्थिति में था लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं है कि उसे कहां लेकर जाया गया।
मेयर जस्टिन एलिकर के प्रवक्ता ने बताया कि अस्पताल में भर्ती 14 लोगों में से नौ श्रमिक और पांच येल विश्वविद्यालय के कर्मचारी हैं।
फोंटाना ने बताया कि आपातकालीन कर्मचारी जब बेहोश व्यक्ति को अस्पताल लेकर आए तो उन्हें लगा कि यह कोई बड़ी घटना नहीं है। अस्पताल ने डेढ़ घंटे बाद सूचना दी कि श्रमिक के रक्त में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर बहुत अधिक था।
उन्होंने बताया कि कर्मचारी फिर घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने पाया कि इमारत में 13 लोगों में कार्बन मोनोऑक्साइड का असर था और कुछ सिरदर्द की शिकायत कर रहे थे। इसके बाद पता लगा कि श्रमिक कंक्रीट काटने के लिए प्रोपेन-ईंधन वाली आरी का उपयोग कर रहे थे।
फोंटाना ने बताया कि कार्बन मोनोऑक्साइड रंगहीन,गंधहीन गैस है इसलिए इसका पता नहीं चल पाता। एपी अभिषेक शोभना शोभना 1801 0854 न्यूहेवन (एपी)
अमेरिका ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर फिर से हमले करने का दावा किया है. उसका कहना है कि ये हमले करना ज़रूरी था, वरना हूती विद्रोही मिसाइल दाग़ने की तैयारी में थे.
अमेरिकी सेना ने कहा कि बुधवार को उसने हूती विद्रोहियों की उन 14 लोड की जा चुकीं मिसाइलों को निशाना बनाया, जो लॉन्च किए जाने को तैयार थीं.
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया है कि ये मिसाइलें इस क्षेत्र से गुज़र रहे व्यापारिक जहाज़ों और अमेरिकी नौसेना के जहाज़ों के लिए ख़तरा थीं.
अमेरिकी सेना ने लिखा है, “इन मिसाइलों से कारोबारी बेड़ों और इस क्षेत्र में मौजूद अमेरिकी नौसैनिक जहाज़ों को ख़तरा था और इन मिसाइलों को कभी भी दाग़ा जा सकता था. इस वजह से अमेरिकी सैनिकों को आत्मरक्षा के अधिकार और दायित्व का पालन करना पड़ा.”
"इन हमलों और हमारी ओर से उठाए गए अन्य क़दमों से लाल सागर, बाब अल मंदाब और अदन की खाड़ी में अंतरराष्ट्रीय और व्यापारिक शिपिंग गतिविधियों पर हमले करने की हूती विद्रोहियों की क्षमता कम होगी.”
इससे पहले अमेरिका ने दावा किया था कि हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में अमेरिकी स्वामित्व वाले एक जहाज़ पर हमला किया था.
अमेरिका और ब्रिटेन की नौसेना ने पहले भी हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले किए थे. पिछले हफ़्ते अमेरिका ने बताया था कि हवाई और समुद्री हमले में हूतियों के 16 ठिकानों को निशाना बनाया गया.
यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती विद्रोही नवंबर से ही लाल सागर में जहाज़ों पर हमले कर रहे हैं. उनका कहना कि वे ग़ज़ा और फ़लस्तीनियों के समर्थन में इसराइल आने-जाने वाले जहाज़ों को निशाना बना रहे हैं.
हालांकि, अन्य जहाज़ भी उनके हमलों की चपेट में आए हैं, जिससे कई बड़ी तेल और शिपिंग कंपनियों ने इस इलाक़े से बचते हुए दूसरे समुद्री रास्तों को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
ईरान पर आरोप है कि वह न सिर्फ़ हूती विद्रोहियों की आर्थिक और सैन्य मदद करता है बल्कि उनसे कार्रवाइयां भी करवाता है.
हाल में अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में कहा था कि लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमलों के पीछे ईरान है. ईरान ने इन आरोपों को ग़लत बताया था.
हूती विद्रोही ख़ुद को ईरान के नेतृत्व वाली 'प्रतिरोध की धुरी' का सदस्य बताते हैं. (bbc.com/hindi)
ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स III बढ़े हुए प्रोस्टेट के ऑपरेशन के लिए अगले हफ़्ते अस्पताल में भर्ती होंगे.
बकिंघम पैलेस के अनुसार, किंग चार्ल्स III का प्रोस्टेट सामान्य (कैंसर नहीं) है, लेकिन उन्हें 'सुधारात्मक प्रक्रिया' से गुजरना होगा.
महल ने बताया है कि इस कारण 75 साल के किंग के सारे कार्यक्रम कुछ समय के लिए स्थगित कर दिए गए हैं.
इससे पहले किंग चार्ल्स III के बड़े बेटे प्रिंस विलियम की पत्नी यानी प्रिंसेस ऑफ वेल्स के पेट की सर्जरी हुई है.
वे दो हफ़्ते तक अस्पताल में रहेंगी. प्रिंसेस ऑफ वेल्स के बारे में ये भी बताया गया है कि उन्हें कैंसर की समस्या नहीं है. (bbc.com/hindi)
अमेरिका ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ईरान के हमलों की निंदा करते हुए कहा है कि पिछले कुछ दिनों में इस देश ने अपने तीन पड़ोसी देशों की सीमाओं का उल्लंघन किया है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान, सीरिया और इऱाक़ में ईरान के हमले चिंताजनक हैं.
मैथ्यू मिलर से एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पूछा गया कि ईरान ने इन हमलों को आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई बताया है. इस पर उन्होंने कहा, “हम इन हमलों की निंदा करते हैं. हमने देखा कि ईरान ने पिछले कुछ दिनों में अपने तीन पड़ोसी देशों की सीमाओं का उल्लंघन किया. एक ओर तो ईरान इस क्षेत्र में आतंकवाद और अस्थिरता की फ़ंडिंग करने वाला मुख्य देश है, वहीं दूसरी ओर वह कहता है कि उसे आतंकवाद से निपटने के लिए ये क़दम उठाने पड़े.”
पाकिस्तान की ओर से ‘जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार’ होने की बात कहे जाने पर मैथ्यू ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि इस मसले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सकता है.”
मंगलवार को ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में जैश अल-अद्ल नाम के संगठन को निशाना बनाते हुए हमला करने का दावा किया था. ईरान का कहना है कि यह संगठन उसके यहां लगातार ‘आतंकवादी घटनाओं’ को अंजाम दे रहा है.
पाकिस्तान और ईरान के रिश्तों में आई खटास के बीच चीन ने दोनों से संयम बरतने की अपील की है.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि दोनों देशों को अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों के अनुरूप आपसी रिश्तों को निभाना चाहिए.
पाकिस्तान और ईरान के बीच पैदा हुए तनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर निंग ने कहा, “चीन मानता है कि देशों के आपसी रिश्तों को यूएन चार्टर और अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों, सभी देशों की संप्रभुता, स्वतंत्रताऔर क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और सुरक्षा करते हुए निभाया जाना चाहिए.”
उन्होंने कहा, “ईरान और पाकिस्तान क़रीबी पड़ोसी और बड़े इस्लामिक देश हैं. हम दोनों पक्षों से संयम बरतने, तनाव बढ़ाने वाले क़दम न उठाने और मिलकर इस क्षेत्र को शांत और स्थिर बनाए रखने की अपील करते हैं.”
ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने स्विट्ज़रलैंड के दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान दावा किया कि ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमले के निशाने पर कोई पाकिस्तान नागरिक नहीं था.
उन्होंने कहा, “हमने कई बार पाकिस्तान के अनेक अधिकारियों और सुरक्षा बलों से बात की है. ईरान में उन्होंने हमारे सुरक्षा बलों के जवानों को मारा है. हमने उसी अनुसार जवाब दिया है.”
पाकिस्तान ने कहा कि इस हमले में दो बच्चों की मौत हो गई. विरोध जताते हुए उसने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है. (bbc.com/hindi)
इंफाल, 17 जनवरी । पुलिस अधिकारी चिंगथम आनंद कुमार की हत्या के मामले में सत्तारूढ़ भाजपा के एक नेता और एक पूर्व सैनिक को मणिपुर के सीमावर्ती मोरेह शहर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
भाजपा नेता की पहचान 36 वर्षीय हेमखोलाल मटे के रूप में की गई, जो पार्टी की टेंग्नौपाल इकाई के कोषाध्यक्ष हैं। मेट के मौलसांग गांव के प्रमुख और मेट जनजाति संघ (एमटीयू) के वित्त सचिव भी हैं।
पुलिस ने कहा कि राज्य बलों की एक संयुक्त टीम ने सोमवार रात मेट और मुख्य आरोपी, पूर्व सैनिक और मोरेह यूथ क्लब के अध्यक्ष फिलिप खैखोलाल खोंगसाई को गिरफ्तार कर लिया।
प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एन. निंबस सिंह ने कहा कि पार्टी कार्यकारिणी ने मेट की गिरफ्तारी के तुरंत बाद अपनी आपात बैठक में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया।
टेंग्नौपाल जिले के मोरेह के उपमंडलीय पुलिस अधिकारी आनंद कुमार की पिछले साल 31 अक्टूबर को सीमावर्ती शहर के ईस्टर्न शाइन ग्राउंड में ड्यूटी के दौरान एक स्नाइपर ने हत्या कर दी थी। जब वह मोरेह में हेलीकॉप्टर लैंडिंग के लिए ईस्टर्न शाइन ग्राउंड की सफाई की निगरानी कर रहे थे, उस समय एसडीपीओ को गोली मार दी गई और बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
दोनों की गिरफ्तारी पर सीमावर्ती शहर के कुछ लोगों ने मंगलवार को उनकी रिहाई की मांग की, जबकि इंफाल घाटी में मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने और बंदियों को अनुकरणीय सजा देने की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन होता देखा गया।
--आईएएनएस
रावलपिंडी, 17 जनवरी । पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को "गैर-इस्लामिक" निकाह (विवाह विलेख) मामले में दोषी ठहराया। एक मीडिया आउटलेट ने यह जानकारी दी।
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान, जिन्हें अप्रैल 2022 में सत्ता से हटा दिया गया था और उनकी पत्नी ने पिछले महीने बुशरा के पूर्व पति खावर मनेका द्वारा दर्ज मामले में सभी आरोपों से इनकार किया है।
वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश कुदरतुल्लाह ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में स्थापित अदालत में पीटीआई के सर्वोच्च नेता की मौजूदगी में आरोप पढ़े। हालांकि, बुशरा हाजिर नहीं हुईं, जिससे न्यायाधीश नाराज हो गए, क्योंकि उनकी गैरहाजिरी के कारण पिछले अभियोग स्थगित कर दिए गए थे।
मंगलवार की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बुशरा की गैरमौजूदगी पर नाराजगी जताई और सवाल किया कि वह कोर्ट की इजाजत के बिना कहीं कैसे जा सकती हैं।
मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट के अनुसार, इस पर उनके वकील उस्मान गिल ने कहा कि उनकी मुवक्किल अपने खराब स्वास्थ्य के कारण अस्पताल के लिए रवाना हो गई हैं।
इस बीच, अभियोजन पक्ष ने बुशरा की मेडिकल रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसमें किसी विशेष उपचार का उल्लेख नहीं किया गया है - जिससे आरोपी गुजरा है। (आईएएनएस)।
तेहरान, 17 जनवरी । ईरान ने मंगलवार को मिसाइलों और ड्रोन से हमलों के जरिए पाकिस्तान में एक आतंकवादी समूह के "दो प्रमुख गढ़ों को नष्ट कर दिया"। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
समाचार एजेंसी तस्नीम ने बताया कि पाकिस्तानी धरती पर जैश अल-धुल्म (जैश अल-अदल) आतंकवादी समूह से संबंधित महत्वपूर्ण ठिकानों को मंगलवार को नष्ट कर दिया गया। इन ठिकानों को मिसाइल और ड्रोन हमलों के जरिए ध्वस्त किया गया। .
ईरानी समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस ऑपरेशन का केंद्र बिंदु पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में कोह-सब्ज़ (हरा पहाड़) के नाम से जाना जाने वाला क्षेत्र था, जिसे जैश अल-धुलम आतंकवादियों के लिए सबसे बड़े केंद्रों में से एक माना जाता है।
ईरानी मीडिया के अनुसार, आतंकवादी समूह ईरान के दक्षिण-पूर्व में सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत के रस्क शहर में एक पुलिस स्टेशन पर हमले के लिए जिम्मेदार था, जिसके परिणामस्वरूप 11 ईरानी पुलिस बल शहीद हो गए। (आईएएनएस)।
दावोस, 17 जनवरी विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन से 2050 तक दुनिया भर में 14.5 मिलियन अतिरिक्त मौतों और 12.5 ट्रिलियन डॉलर के आर्थिक नुकसान का खतरा है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने डब्ल्यूईएफ के एक बयान के हवाले से कहा, ''डब्ल्यूईएफ और कंसल्टिंग फर्म ओलिवर वायमन द्वारा संयुक्त रूप से संकलित रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल द्वारा विकसित परिदृश्यों पर आधारित है, जो बढ़ते औसत तापमान, पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2.5 से 2.9 डिग्री सेल्सियस आधारित है।''
रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के छह प्रमुख परिणामों का विश्लेषण किया गया: बाढ़, सूखा, लू, तूफान, जंगल की आग और समुद्र का बढ़ता स्तर।
अध्ययन के अनुसार, अकेले बाढ़ से 2050 तक 8.5 मिलियन लोगों की मौत होने का अनुमान है, जो जलवायु-प्रेरित मृत्यु दर का सबसे बड़ा जोखिम है।
जलवायु संबंधी मृत्यु दर का दूसरा प्रमुख कारण सूखा है, जिसके कारण 3.2 मिलियन लोगों की जान जाने का अनुमान है।
दूसरी ओर, लू से 2050 तक अनुमानित 7.1 ट्रिलियन डॉलर का सबसे अधिक आर्थिक नुकसान होने की आशंका है।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि जलवायु संकट वैश्विक स्वास्थ्य असमानता को और बढ़ा देगा और सबसे कमजोर आबादी को सबसे अधिक नुकसान होगा।
बुनियादी ढांचे और आवश्यक चिकित्सा उपकरणों जैसे सीमित संसाधनों के कारण अफ्रीका और दक्षिणी एशिया जैसे क्षेत्र जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील रहेंगे।
'डब्ल्यूईएफ ने रिपोर्ट में वैश्विक हितधारकों से उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने के लिए निर्णायक और रणनीतिक कार्रवाई करने का आह्वान किया।
सेंटर फॉर हेल्थ एंड हेल्थकेयर के प्रमुख और कार्यकारी समिति के सदस्य श्याम बिशेन ने कहा, "जब तक उत्सर्जन में कमी और शमन उपायों में सुधार नहीं किया जाता और जलवायु अनुकूलनीय स्वास्थ्य प्रणालियों के निर्माण के लिए निर्णायक वैश्विक कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक प्रगति दूर रहेगी।"
--आईएएनएस
तेल अवीव, 17 जनवरी इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने घोषणा की है कि उसके सैनिकों ने दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शहर में उच्च पदस्थ हमास नेताओं के कार्यालयों पर छापे मारी की है।
आईडीएफ के कमांड ब्रिगेड ने मंगलवार रात को छापेमारी की।
आईडीएफ के अनुसार, लक्षित कार्रवाई हमास द्वारा नासिर अस्पताल से खान यूनिस में उसके सैनिकों के खिलाफ हमले के बाद की गई।
इसके बाद कमांड ब्रिगेड ने खान यूनिस के नए क्षेत्रों में हमास के बुनियादी ढांचे पर एक बड़ा आक्रमण शुरू किया, जिसमें सैनिकों के आगे बढ़ने से पहले हवाई हमलों की एक श्रृंखला शामिल थी।
आईडीएफ के अनुसार, हमलों ने हमास के कई ठिकानों के साथ-साथ क्षेत्र में फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के मुख्यालय को भी निशाना बनाया।
हालाँकि, सेना ने उन हमास नेताओं का नाम नहीं बताया है जिनके कार्यालयों को निशाना बनाया गया।
कई रिपोर्टों में कहा गया है कि हमास के शीर्ष नेता मोहम्मद दीफ और याह्या सिनवार कथित तौर पर खान यूनिस में छिपे हुए हैं। (आईएएनएस)।
संयुक्त राष्ट्र, 17 जनवरी। यूक्रेन में हाल में रूस के भीषण मिसाइल एवं ड्रोन हमलों के कारण हताहत हुए आम नागरिकों की संख्या में दिसंबर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और इस दौरान इन हमलों में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है एवं करीब 500 लोग घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
यूक्रेन स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन ने बताया कि हताहत हुए आम नागरिकों की संख्या में पिछले महीने 26.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उसने बताया कि यह संख्या नवंबर में 468 थी जो दिसंबर में बढ़कर 592 हो गई।
संस्था ने कहा कि कुछ रिपोर्ट का सत्यापन होना अभी लंबित है इसलिए यह संख्या और बढ़ने की आशंका है।
संयुक्त राष्ट्र निगरानी मिशन के प्रमुख डेनिएल बेल ने कहा, ‘‘2023 में हताहत होने वाले आम नागरिकों की संख्या में लगातार कमी आ रही थी, लेकिन दिसंबर के अंत और जनवरी की शुरुआत में हमले बढ़ने के कारण संख्या में बढ़ोतरी हुई।’’
संयुक्त राष्ट्र मिशन ने कहा कि वह इन रिपोर्ट की पुष्टि कर रहा है कि यूक्रेन में 29 दिसंबर से जनवरी की शुरुआत तक किए गए रूसी मिसाइल और ड्रोन हमलों में 86 नागरिकों की मौत हुई है और 416 अन्य लोग घायल हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी कार्यालय के संचालन निदेशक एडम वोसोर्नू ने पिछले बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया था कि 24 फरवरी, 2022 को रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से मारे गए आम नागरिकों की संख्या 10,200 से अधिक है, जिसमें 575 बच्चे भी शामिल हैं और घायलों की संख्या 19,300 से अधिक है।
एपी सिम्मी अभिषेक सिम्मी 1701 0830 संराष्ट्र (एपी)
न्यूज़ीलैंड की एक सांसद ने चोरी के कई आरोप लगने के बाद इस्तीफ़ा दे दिया है. पुलिस इन मामलों की जाँच कर रही है.
ग्रीन पार्टी की गोलरिज़ घाहरमन ने कथित तौर पर कपड़े की दो दुकानों में तीन बार चोरी की. इनमें से एक चोरी ऑकलैंड में हुई और बाकी वेलिंगटन की दुकान में.
घाहरमन ने कहा है कि काम के तनाव की वजह से वो अपने चरित्र के एकदम उलट बर्ताव कर रही हैं.
उन्होंने कहा, "मैंने बहुत से लोगों को शर्मिंदा किया है और मैं माफ़ी चाहती हूं."
संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों की वकील रह चुकीं गोलरिज़ ने साल 2017 में इतिहास रचा था. वो न्यूज़ीलैंड की सरकार में शपथ लेने वाली पहली शरणार्थी थीं.
वो बचपन में अपने परिवार के साथ ईरान से भागी थीं. इसके बाद उन्हें और उनके परिवार को न्यूज़ीलैंड में राजनीतिक शरण दी गई.
घाहरमन का इस्तीफ़ा मंगलवार को तब हुआ जब ऑकलैंड के बूटीक़ से उनके एक डिज़ाइनर बैग उठाने का सीसीटीवी फुटेज सामने आया. 42 साल की गोलरिज़ पर कोई अपराध नहीं लगाया गया है.
उन्होंने अपने बयान में कहा, "उनका व्यवहार उन उच्च मानदंडों पर खरा नहीं उतरा, जो जनता एक चुने हुए प्रतिनिधि से उम्मीद करती है."
गोलरिज़ ने कहा, "मेरा बर्ताव ऐसा नहीं, जिसके बारे में मैं कुछ कह पाऊं, क्योंकि ये किसी भी तरह से ठीक नहीं है और मेडिकल जाँच के बाद, मैं ये समझ चुकी हूं कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है." (bbc.com/hindi)
दो जनवरी को टोक्यो के एक एयरपोर्ट पर दो विमानों के टकराने की घटना के ठीक दो हफ़्ते बाद मंगलवार को जापान में फिर ऐसा ही हादसा हो गया.
जापान के सरकारी मीडिया संस्थान 'एनएचके' (जापान ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन) के अनुसार, होक्काइडो के न्यू चितोस एयरपोर्ट पर स्थानीय समय के अनुसार साढ़े पांच बजे ये दुर्घटना हुई.
हालांकि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है.
एनचके के अनुसार, यह हादसा तब हुआ जब होक्काइडो एयरपोर्ट पर दक्षिण कोरिया के कोरियन एयर और हॉन्गकॉन्ग के कैथे पैसिफिक के विमान एक दूसरे से टकरा गए.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कोरियन एयर के अधिकारी के हवाले से बताया कि इस एयरपोर्ट पर उड़ान भरते वक़्त उसका एक विमान कैथे पैसिफिक एयरवेज़ से टकरा गया. कोरियन एयर के विमान में 289 यात्री सवार थे.
वहीं कैथे पैसिफिक के हवाले से एनएचके ने बताया है कि टक्कर के समय उसके विमान में कोई यात्री सवार नहीं था.
इस हादसे के बाद न्यू चितोस एयरपोर्ट पर कई विमानों की उड़ान रद्द करनी पड़ी है.
दो जनवरी को जापान के हनेडा एयरपोर्ट पर दो विमानों की टक्कर में पाँच लोगों की मौत हो गई थी.
14 दिन पहले भी हुआ था हादसा
इससे पहले दो जनवरी को भी जापान के हनेडा एयरपोर्ट के रनवे पर दो विमानों की टक्कर हुई थी. उस हादसे में कोस्ट गार्ड के प्लेन में सवार चालक दल के छह में से पाँच लोगों की मौत हो गई थी.
जापान एयरलाइंस का विमान लैंड होते समय रनवे पर खड़े कोस्ट गार्ड के विमान से टकराया था, जिससे दोनों विमानों में भीषण आग लग गई.
हालांकि, जापान एयरलाइंस के विमान में सवार सभी 379 यात्रियों और क्रू सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था.
लेकिन कोस्ट गार्ड के विमान में मौजूद छह में से पाँच क्रू सदस्यों की मौत हो गई थी. (bbc.com/hindi)
सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फ़ैसल बिन फ़रहान बिन अब्दुल्लाह ने कहा है कि हम इसराइल को तभी मान्यता देंगे जब हालात पूरी तरह से सामान्य हो जाएं और एक ऐसा समझौता हो जिसमें फ़लस्तीन एक देश का दर्जा मिल जाए.
स्विट्ज़रलैंड के दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकॉनमिक फ़ोरम में एक पैनल में बात करते हुए प्रिंस फ़रहान बिन अब्दुल्लाह ने कहा, “ हम मानते हैं कि क्षेत्रीय शांति में इसराइल के लिए शांति भी शामिल है, लेकिन यह केवल तभी संभव हो सकता है जब फ़लस्तीनीयों के लिए एक अलग फ़लस्तीन देश बनाया जाए.”
जब उनसे ये पूछा गया कि क्या तब सऊदी अरब इसराइल को मान्यता देगा? इस पर उन्होंने कहा- “ बिलकुल ”
प्रिंस फ़ैसल ने कहा कि "फ़लस्तीनीयों के लिए एक अलग देश बनाकर क्षेत्रीय शांति हासिल करने को लेकर हम अमेरिकी प्रशासन के साथ काम कर रहे हैं, और ग़ज़ा के संदर्भ को देखते हुए ऐसा करना और भी ज़्यादा प्रासंगिक हो गया है."
संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मोरक्को के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने के बाद सऊदी अरब से मान्यता पाना इसराइल के लिए बड़ी उपलब्धि हो सकती है और इससे मध्य पूर्व की राजनीति पूरी तरह बदल सकती है.
ख़बर थी कि सात अक्टूबर को हमास के इसराइल पर हमले से पहले सऊदी अरब इसराइल के साथ बातचीत आगे बढ़ाने वाला था और इस पहल के पीछे अमेरिका का हाथ था, लेकिन हमास के हमले के बाद सऊदी ने इसराइल के साथ होने वाली इस संभावित बातचीत को ठंडे बस्ते में डाल दिया. (bbc.com/hindi)
लंदन, 16 जनवरी । ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने लोगों को घातक निपाह वायरस से बचाने के लिए एक टीके का परीक्षण करने के लिए पहला मानव नैदानिक परीक्षण शुरू किया है।
विश्वविद्यालय ने एक बयान में बताया, "18 से 55 साल की उम्र के 51 लोग ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के महामारी विज्ञान संस्थान के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित ChAdOx1 निपाह बी टीके के परीक्षण में भाग लेंगे।"
निपाह वायरस एक विनाशकारी बीमारी है, जो लगभग 75 प्रतिशत मामलों में घातक हो सकती है। सिंगापुर, मलेशिया, बांग्लादेश और भारत सहित दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में इसका प्रकोप हुआ है, हाल ही में सितंबर 2023 में केरल, भारत में इसका प्रकोप हुआ।
निपाह वायरस फ्रूट बैट्स द्वारा फैलता है। इंसानों को चमगादड़ों के मुंह लगाए फल खाने से भी निपाह वायरस हो सकता है। यह संक्रमित जानवरों (जैसे सूअर) के संपर्क में आने या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में निकट संपर्क के माध्यम से भी फैल सकता है।
25 साल पहले मलेशिया और सिंगापुर में निपाह वायरस का पहला मामला आने के बावजूद, वर्तमान में कोई टीका या उपचार नहीं है।
परीक्षण के प्रधान अन्वेषक और विश्वविद्यालय के नफिल्ड मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर ब्रायन एंगस ने कहा, "निपाह वायरस की पहचान पहली बार 1998 में की गई थी। वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय में 25 वर्षों के बाद भी इस विनाशकारी बीमारी के लिए कोई टीका या उपचार नहीं है।"
''उच्च मृत्यु दर और निपाह वायरस संचरण की प्रकृति के कारण, इस बीमारी को प्राथमिकता वाले महामारी रोगजनक के रूप में पहचाना जाता है। यह वैक्सीन परीक्षण एक ऐसे समाधान की पहचान करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो स्थानीय प्रकोप को रोक सकता है, साथ ही दुनिया को भविष्य की वैश्विक महामारी के लिए तैयार करने में भी मदद कर सकता है।''
निपाह वायरस, खसरा जैसे रोगजनकों के रूप में पैरामाइक्सोवायरस के एक ही परिवार से संबंधित है।
वैज्ञानिकों ने ChAdOx1 प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके निपाह वायरस के खिलाफ वैक्सीन का उत्पादन किया। वहीं, वायरल वेक्टर वैक्सीन प्लेटफॉर्म जिसका उपयोग ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के लिए किया गया था, जिसने दुनियाभर में अनुमानित छह मिलियन लोगों की जान बचाई है।
यह परियोजना अगले 18 महीनों तक चलेगी, निपाह प्रभावित देश में आगे परीक्षण किए जाने की उम्मीद है। (आईएएनएस)।
वाशिंगटन, 16 जनवरी । भारतीय-अमेरिकी तकनीकी उद्यमी विवेक रामास्वामी ने घोषणा की कि वह 2024 के रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो रहे हैं, और उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का समर्थन किया, जिन्होंने महत्वपूर्ण आयोवा कॉकस जीता।
38 वर्षीय बायोटेक उद्यमी ने सोमवार रात अपने समर्थकों से कहा कि वह आयोवा के लीडऑफ़ कॉकस में निराशाजनक समापन के बाद अभियान समाप्त कर रहे हैं।
राजनीतिक रूप से नौसिखिया और राष्ट्रपति पद की दौड़ में सबसे कम उम्र का उम्मीदवार सात प्रतिशत मतों के साथ चौथे स्थान पर पीछे चल रहे थे।
द हिल ने रामास्वामी के हवाले से बताया“फिलहाल, हम इस राष्ट्रपति अभियान को निलंबित करने जा रहे हैं। इससे पहले आज रात मैंने डोनाल्ड ट्रम्प को यह बताने के लिए फोन किया था कि मैं उन्हें उनकी जीत पर बधाई देता हूं, और अब आगे बढ़ते हुए, राष्ट्रपति पद के लिए आपको मेरा पूरा समर्थन मिलेगा।''
90 से अधिक आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले अमेरिका के दो बार महाभियोग का सामना करने वाले पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प, आयोवा में विजयी हुए, जिससे रिपब्लिकन नामांकन के लिए सबसे आगे के रूप में उनकी स्थिति मजबूत हो गई।
रिपब्लिकन नेता, जिन्होंने हमेशा रामास्वामी की "चतुर आदमी" और "बहुत बुद्धिमान व्यक्ति" के रूप में प्रशंसा की है, ने हाल ही में राजनीतिक नवागंतुक को "बहुत धूर्त" बताया और मतदाताओं से उनके "धोखाधड़ी अभियान चाल" से "धोखे" में नहीं आने को कहा।
रामास्वामी ने कहा कि वह ट्रम्प के हमले के जवाब में उनकी आलोचना नहीं करने जा रहे हैं, जिसे उन्होंने "दोस्ताना आग" कहा है।
यह कहते हुए कि वह "प्लान बी व्यक्ति" नहीं हैं, रामास्वामी ने उनके उपराष्ट्रपति बनने की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि वह पिछले साल अगस्त में नंबर दो की स्थिति में अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे।
फरवरी 2023 में अपना अभियान शुरू करने वाले एंटी-वोक क्रूसेडर का बाहर निकलना, न्यू जर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी द्वारा घोषणा किए जाने के तुरंत बाद हुआ कि वह अपनी व्हाइट हाउस की बोली छोड़ रहे हैं।
रूढ़िवादी प्रकाशन वाशिंगटन एग्जामिनर के प्रधान संपादक विशाल गुर्डन ने लिखा है कि प्रत्येक राष्ट्रपति चुनाव एक "दिलचस्प उम्मीदवार" को सामने लाता है जो "स्पष्ट रूप से बुद्धिमान, अत्यधिक अपरंपरागत, और एक-दूसरे की तुलना में दूसरों की तुलना में कम पसंद करता है"।
और रामास्वामी 2024 के चुनाव चक्र के "दिलचस्प उम्मीदवार" बन गए थे।
भारत के आप्रवासी माता-पिता के घर जन्मे, उन्होंने एक फार्मास्युटिकल उद्यमी के रूप में लाखों कमाए और राजनीति में उतरने के लिए संभावनाओं का परीक्षण करने के लिए एक किताब लिखी।
वह स्पष्ट रूप से पहली रिपब्लिकन बहस के स्टार थे क्योंकि उन्होंने खुद को अधिकांश बातचीत में शामिल किया था, जिसमें क्रिस्टी के तीखे प्रहार भी शामिल थे, जिन्होंने कहा था कि वह चैटजीपीटी की तरह लग रहे थे।
साथी भारतीय-अमेरिकी और रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी, निक्की हेली ने टिकटॉक पर एक बहस में अपनी बेटी का संदर्भ लाने के लिए उन्हें "गंदा" कहा।
उन्होंने यह भी कहा कि रामास्वामी के पास "विदेश नीति का कोई अनुभव नहीं है और यह दिखता है।" (आईएएनएस)।
लंदन, 16 जनवरी । इंग्लैंड में 12 वर्षीय लड़की को कार से टक्कर मारने वाली भारतीय मूल की सर्जन को 135,000 पाउंड का हर्जाना देने का आदेश दिया गया है। टक्कर से पीड़िता के सिर में गंभीर चोट आई, कॉलरबोन फ्रैक्चर और अन्य जटिलताएं भी हुईं।
जनवरी 2018 में बिसेस्टर के बकिंघम रोड पर स्कूल जाते समय स्कूली छात्रा की टक्कर डॉ. शांति चंद्रन की कार से हो गई।
ऑक्सफोर्ड मेल अखबार ने पिछले सप्ताह रिपोर्ट दी कि मिल्टन कीन्स अस्पताल में सलाहकार चिकित्सक चंद्रन अपनी बीएमडब्ल्यू आई3 रेंज एक्सटेंडर में काम करने जा रही थीं, जब यह घटना घटी।
पुलिस ने कहा कि बच्ची का सिर उसकी कार की विंडस्क्रीन पर लगा, जिससे शीशा टूट गया।
अधिकारियों ने कहा कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि बच्ची 11 मीटर दूर जाकर गिरी।
दुर्घटना के बाद, लड़की, जो अब 18 साल की है, को सिर में गंभीर चोट लगी, काफी खून बहा और उसके बाएं कॉलरबोन में फ्रैक्चर हो गया।
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, उसे तीन दिनों तक इनट्यूबेटेड वेंटिलेटर पर रखा गया और 10 दिनों तक अस्पताल में रही।
दुर्घटना के बाद पहले साल के दौरान, वह मानसिक समस्याओं से ग्रस्त थी, उसे बुरे सपने और पीटीएसडी-टाइप के सिम्टम्स का सामना करना पड़ा।
चंद्रन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बच्ची ने कहा कि वह बहुत तेजी से गाड़ी चला रही थी और अगर वह सुरक्षित और उचित गति से गाड़ी चला रही होती, तो टक्कर नहीं होती।
चंद्रन ने पुलिस को बताया कि वह 28 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चला रही थी, जो 30 मील प्रति घंटे की लागू गति सीमा से कम थी। जब लड़की को टक्कर लगी, तो उसने तुरंत अपनी कार रोक दी।
अपने बचाव में, चंद्रन ने अदालत को बताया कि यह घटना हरी बत्ती होने पर लड़की के सड़क पर निकलने के कारण हुई।
पिछले साल एक मामले की सुनवाई के दौरान, न्यायाधीश डेक्सटर डायस ने कहा कि यह एक आम गलतफहमी थी कि गति सीमा से ठीक नीचे गाड़ी चलाना उचित है।
जज डायस ने कहा था, "हालांकि यह मामला किसी मौत का नहीं है, लेकिन यह एक बार फिर दिखाता है कि अत्यधिक और अनुचित गति से गाड़ी चलाना कितना खतरनाक है।"
द मेल की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने शुरू में प्रस्तावित 225,000 पाउंड के नुकसान में 40 प्रतिशत की कमी की, क्योंकि ट्रैफिक लाइट हरी होने के दौरान लड़की का सड़क पर निकलना उसकी लापरवाही थी।
मुआवजा पिछले महीने उच्च न्यायालय में निर्धारित किया गया था, और निर्णय 11 जनवरी को प्रकाशित किया गया। (आईएएनएस)।