राष्ट्रीय
टोरंटो, 5 दिसम्बर | मिसिसॉगा में एक गैस स्टेशन के बाहर 21 वर्षीय कनाडाई-सिख महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। ब्रैम्पटन की रहने वाली पवनप्रीत कौर की मौत 3 दिसंबर को क्रेडिटव्यू-ब्रिटानिया रोड्स इलाके में गैस स्टेशन पर रात करीब 10 बजकर 40 मिनट पर हुई थी। पील क्षेत्रीय पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि घायल महिला को बचाने का प्रयास असफल रहा।
पुलिस उस संदिग्ध की तलाश कर रही है, जो गहरे रंग के कपड़े पहने हुए था और घटना के बाद पैदल ही घटनास्थल से निकल गया।
पुलिस ने इसे सुनियोजित घटना करार देते हुए हत्या की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने कहा कि अभी तक घटनास्थल से कोई हथियार बरामद नहीं हुआ है।
यह घटना भारतीय मूल के 18 वर्षीय सिख महकप्रीत सेठी की सरे के एक हाई स्कूल की पाकिर्ंग में चाकू मारकर हत्या करने के कुछ दिनों बाद हुई है। (आईएएनएस)|
कोलकाता, 5 दिसम्बर | पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम में एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका तुम्परानी मोंडल परुआ (30) ने शिक्षक भर्ती घोटाले में जांच के दायरे में आने की आशंका के चलते खुदकुशी कर ली। रविवार देर रात मृतक के घर से शव बरामद किया गया। मृतका के परिवार के सदस्यों ने स्थानीय पुलिस को सूचित किया है कि हाल ही में एक सूची वायरल हुई थी। इसमें कथित तौर पर शिक्षकों की भर्ती से संबंधित कलकत्ता उच्च न्यायालय में चल रहे विभिन्न मामलों के मद्देनजर जांच के दायरे में आने वाले कुछ शिक्षकों के नाम थे। इस सूची में नाम आने से तुम्पारानी बहुत निराश व हताश थीं।
पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज मामले की जांच शुरू कर दी है।
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के रिकॉर्ड के अनुसार तुम्पारानी को 2016 में कक्षा 9 और 10 के लिए एक शिक्षक के रूप में चुना गया था। 2019 में वह नंदीग्राम के देबीपुर मिलन विद्यापीठ स्कूल में नियुक्त हुईं। वह मूल रूप से पूर्वी मिदनापुर जिले के चांदीपुर थाना क्षेत्र के बुरुंडा गांव की निवासी थीं।
नई दिल्ली, 4 दिसंबर । दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व विधायक अनिल चौधरी ने दावा किया है कि उनका नाम दिल्ली के नगर निगम चुनाव की वोटर लिस्ट से ग़ायब है.
से बात करते हुए उन्होंने बीजेपी पर अपना नाम मतदाता सूची से हटवाए जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उनका नाम सूची से हटा दिया गया इसलिए जब वो पोलिंग बूथ पर पहुंचे तो वोट नहीं डाल सके.
उन्होंने कहा, “मैं अपनी पत्नी के साथ वोट डालने आया था, उसने तो वोट डाला लेकिन मेरा नाम मतदाता सूची में नहीं है, काफ़ी जद्दोजहद के बाद बताया गया कि मेरा पोलिंग बूथ शिफ्ट हो गया है लेकिन कहां शिफ़्ट हुआ है इसका कोई पता नहीं. मुझे पूरी दिल्ली से फ़ोन आ रहे हैं कि कई लोगों के नाम मतदाता सूची से ग़ायब हैं.”
“लाखों लोगों का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है. बीजेपी चुनाव जीत नहीं रही है इसलिए अपनी हार को टालने के लिए बीजेपी ये सब कर रही है. हम जनता की अदालत में आए हैं तो ये लोग जनता को भी रोक रहे हैं. ”
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख ने आप सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि उन्हें अपनी पार्टी की जीत का पूरा भरोसा है.
उन्होंने कहा, “आप सरकार 8 साल से सत्ता में है और दिल्ली के लोगों के लिए शीला दीक्षित जितना काम नहीं कर पाई है आप ने उसका आधा भी नहीं कर सकी है.” (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 4 दिसम्बर | दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी के लिए रविवार सुबह 8 बजे से मतदान शुरू हो गया है। पोलिंग सेंटर पर सुबह से ही मतदान करने वालों की भीड़ दिखना शुरू हो गई है। बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से मतदान करने पहुंच रहे हैं। आज दिल्ली नगर निगम की 250 सीटों के लिए मतदान किया जा रहा है। इसके नतीजे 7 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। मतदान शाम 5.30 तक चलेगी। वहीं इसके नतीजे 7 दिसंबर को आएंगे। हर बार की तरह इस बार भी सबकी नजर भाजपा और आम आदमी पार्टी पर है। भाजपा यहां अपनी साख और सत्ता बचाने में लगी है, तो वहीं आम आदमी पार्टी निगम में अपनी जगह बनाना चाहती है। वहीं कांग्रेस पिछली बार के मुकाबले अपनी सीटें बढ़ाना चाहती है।
दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए 1349 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 709 महिला प्रत्याशी हैं। भाजपा और आप ने सभी 250 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस के 247 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे रहे हैं।
मतदाताओं की कुल संख्या 1,45,05,358 है। इनमें 78,93,418 पुरुष, 66,10,879 महिलाएं और 1,061 ट्रांसजेंडर हैं। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 4 दिसम्बर | दिल्ली नगर निगम के चुनाव के लिए मतदान शुरू हो चुका है। शाम के 5:30 बजे तक वोट डाले जाएंगे। भाजपा, आप और कांग्रेस के चुनावी दावों के बीच आज दिल्ली की जनता यह फैसला करने के लिए घरों से निकल रही है कि इस बार वह एमसीडी में किसे सत्ता प्रदान करना है। दिल्ली के 1.45 करोड़ से ज्यादा मतदाता 1,349 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने जा रहे हैं। चुनाव आयोग ने सभी 250 वाडरें में मतदान के लिए 13,638 पोलिंग बूथ बनाएं हैं। चुनाव में लगभग 56 हजार ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है।
हाल ही में हुए दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण और वाडरें के परिसीमन के बाद यह पहला निकाय चुनाव हो रहा है। इस चुनाव में भाजपा और आम आदमी पाटी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। भाजपा जहां दिल्ली नगर निगम में जीत का चौका लगाने का प्रयास कर रही है, वहीं आप निगम पर कब्जे का पूरा प्रयास कर रही है। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 4 दिसम्बर | जेल में बंद एक कैदी की लखनऊ जिला जेल में कथित तौर पर खुद को घायल करने के बाद मौत हो गई। उसे बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार के सदस्यों ने अस्पताल में हंगामा किया, आरोप लगाया कि उसे जेल में पीटा गया और चिकित्सा सुविधा नहीं दी गई।
कैदी मोहम्मद आमिर को एक मामले में नामित किया गया था और बाद में उसे गोसाईंगंज में जेल भेज दिया गया था।
लखनऊ के वरिष्ठ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने कहा, शनिवार को आमिर ने घास काटने की कैंची से खुद को घायल कर लिया था और उसे जेल अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया।
तिवारी ने कहा कि आमिर अवसाद से जूझ रहा था, उसने शुक्रवार को अपने परिवार से बात की थी। उसे बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
तिवारी ने कहा कि आमिर अगस्त से जेल में था और उसे तीन महीने कैद की सजा सुनाई गई थी।
लेकिन जुर्माना जमा नहीं करने पर दो माह की अतिरिक्त सजा भुगत रहा था। (आईएएनएस)|
कानपुर, 4 दिसम्बर | उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के कल्याणपुर इलाके में एक 17 वर्षीय सब्जी विक्रेता को ट्रेन की चपेट में आने के बाद अपना पैर गंवाना पड़ा, जब वह अपना सामान उठाने की कोशिश कर रहा था, जिसे पुलिस ने ट्रैक पर फेंक दिया था। पीड़ित अरसलान उर्फ लड्डू की हालत गंभीर होने के बाद उसे लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस) रेफर कर दिया गया।
घटना का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए डीसीपी वेस्ट विजय ढुल ने आरोपी हेड कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मामले में जांच भी बिठा दी गई है।
मृतक के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि अरसलान कल्याणपुर चौराहे के बगल में जीटी रोड के किनारे सब्जी बेच रहा था, जब सब-इंस्पेक्टर शादाब खान और हेड कांस्टेबल राकेश कुमार ने अरसलान के साथ दुर्व्यवहार किया और बाद में उसका तराजू रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया।
अरसलान डर गया और उसे कुछ समझ नहीं आया और जैसे ही वह पटरी पर अपना तराजू उठाने गया, तेज रफ्तार मेमू ट्रेन की चपेट में आ गया और उसके दोनों पैर कट गए।
मामले की जानकारी जैसे ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मिली, डीसीपी वेस्ट मौके पर पहुंच गए।
प्रारंभिक जांच के दौरान, विक्रेता के साथ मारपीट करने और बाद में उसके तराजू को रेलवे ट्रैक पर फेंकने के आरोप सही पाए गए।
डीसीपी ने कहा, "साथ जाने वाले सब-इंस्पेक्टर की भूमिका की भी जांच की जा रही है।" उन्होंने कहा, "मामले की जांच कल्याणपुर एसीपी विकास पांडेय को सौंपी गई है।"
इस बीच, डॉक्टरों ने कहा है कि अर्सलान के पैरों के विच्छेदन के साथ-साथ अत्यधिक खून बह जाने के कारण हालत बिगड़ गई है। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 4 दिसम्बर | एक चौंकाने वाली घटना में 20 साल की उम्र की एक दुल्हन मंच पर जयमाल समारोह के दौरान गिर गई और उसकी मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि यह घटना शनिवार को लखनऊ के बाहरी इलाके मलिहाबाद के भदवाना गांव में हुई। मलिहाबाद स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) सुभाष चंद्र सरोज ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से घटना के बारे में पता चला और बाद में एक टीम को जांच के लिए गांव भेजा गया।
एसएचओ ने कहा, भदवाना गांव के राजपाल की बेटी शिवांगी की शादी विवेक से हो रही थी। दुल्हन द्वारा दूल्हे को वरमाला पहनाने के कुछ ही सेकंड बाद वह मंच पर गिर गई। इससे मेहमानों में अफरा-तफरी मच गई।
शिवांगी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उसे ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। (आईएएनएस)|
गणेश भट्ट
नई दिल्ली, 4 दिसम्बर | वर्ष 2020 में कोरोना की दस्तक के बाद देश के मेडिकल कॉलेज और इंस्टीट्यूट में डॉक्टरी और फिजिशियन की पढ़ाई करने वाले छात्रों को पढ़ाने के तरीके में बड़ा बदलाव आया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लनिर्ंग (एमएल) जैसी नए जमाने की तकनीकों ने डायग्नोसिस, इलाज, पोस्ट-ऑपरेटिव केयर, रिमोट पेशेंट केयर और पैलिएटिव केयर को एक अलग स्तर पर पहुंचाया है।
नोएडा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डीन डॉ आशुतोष निरंजन ने आईएएनएस को बताया , पारंपरिक लनिर्ंग का तरीका तो आने वाले समय में भी रहने वाला है लेकिन नए जमाने के तकनीकी युग में वर्चुअल रियलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लनिर्ंग, कुछ ऐसे तरीके हैं जो भविष्य के डॉक्टरों और फिजिशियन को पढ़ाने और ट्रेनिंग प्रदान करने के लिए अमल में लाए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से फिजिशियन द्वारा डिजिटल डेटा को सहेजने और डायग्नोसिस तथा प्रोग्नोसिस करने की उनकी क्षमता में सुधार आयेगा।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पढ़ाने और मूल्यांकन विधियों में कुछ अन्य नए ट्रेंड सामने आए हैं जैसे कि कंप्यूटर एडेड इंस्ट्रक्शन, वर्चुअल पेशेंट (मरीज), ऑगमेंटेड रियलिटी, ह्यूमन पेशेंट सिमुलेशन और छात्र की योग्यता के आकलन के लिए वर्चुअल रियलिटी भी चलन में आ चुकी हैं।
मेडलर्न के मुख्य एग्जीक्यूटिव ऑफिसर दीपक शर्मा ने बताया कि भारतीय हेल्थकेयर के लिए महामारी एक टनिर्ंग प्वाइंट साबित हुई है। पिछली सदी में हेल्थकेयर में नई जानकारी तथा ज्ञान को पूरी तरह से फैलने में 50 साल लगते थे लेकिन 2020 मे नए ज्ञान को फैलने में सिर्फ 73 दिन लगे। पहले प्रैक्टिकल ट्रेनिंग में रिसर्च-आधारित ज्ञान को वास्तविक रूप से अपनाना बहुत धीमा हुआ करता था।
पहले ऐसा इसलिए होता था क्योंकि ज्ञान को व्यापक रूप से लागू होने से पहले डायग्नोसिस और इलाज में मिले नए रिजल्ट को कठोर टेस्टिंग से गुजरना पड़ता था और जब सब कुछ सही रहता था तभी उसे आगे अमल में लाया जाता था। लेकिन अब सब कुछ बदल रहा है। इसके अलावा हेल्थेकेयर मे कई ऐसे अवसर भी आ गए हैं जिसमें मरीजों के लिए बिना किसी खतरे की परवाह किए प्रोफेस्नल्स को नई स्किल्स और ट्रेनिंग दी रही है। अब मरीजों पर प्रयोग ज्यादा नही किए जा रहे हैं। यह सब डिजिटलीकरण से ही संभव हुआ है।
गौरतलब है कि भारत ने हेल्थ प्रोफेसनल्स और इससे सम्बन्धित 53 कैटेगरी को मान्यता दी है। इसके अलावा भारत ने एजुकेशन और ट्रेनिंग की जरूरतों को भी नया रूप दिया है। मेंटल हेल्थ काउंसलर और थेरेपिस्ट आदि इसी तरह की कई कैटेगरी है। इसके अलावा हेल्थकेयर इनफॉर्मेटिक, मॉल्युक्यूलर जेनेटिक्स स्पेशलिस्ट जैसे नए प्रोफेसन को भी सरकार ने मान्यता दी है।
इसके अलावा टेलीमेडसिन और होम हेल्थकेयर में भी काफी मांग बढ़ रही है। ऐसे कोर्सेस की फीस भी कम रखी गई है। रॉयल कॉलेज ऑफ नसिर्ंग, यूके वाले नर्सों के लिए व्यापक स्किल अपग्रेडेशन कोर्स की फीस मात्र 3,000 रुपये प्रति वर्ष है और इसमें 60 आवश्यक विषय शामिल हैं। इमरजेंसी नसिर्ंग एसोसिएशन, यूएस के विशेष कोर्स के लिए फीस 2,500 से लेकर 4,000 रूपए प्रति वर्ष है। हेल्थकेयर प्रोफेसनल भी अपने सॉफ्ट स्किल्स को 500 से रुपए से लेकर 4,000 रुपये मे सुधार कर सकते हैं।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन कोर्स जो बेसिक लाइफ सपोर्ट और एडवांस कार्डियोवास्कुलर लाइफ सपोर्ट के लिए अत्याधुनिक सिमुलेशन उपकरण का उपयोग करते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट देते हैं, उनकी फीस मात्र 3,000 से 11,000 रुपए है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 4 दिसम्बर | मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में लोगों से निगम चुनाव में काम करने वालों को वोट देने का आग्रह किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "ईमानदार पार्टी को वोट दें, अच्छे लोगों को वोट दें। भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी को गाली देने वालों को वोट न दें। दिल्ली को गंदा करने वालों को वोट न दें। वोट उन्हें दें जो दिल्ली को चमकाएं और स्वच्छ बनाएं। काम करने वालों को वोट दें, काम बंद करने वालों को वोट न दें।"
इससे पहले एक ट्वीट में दिल्ली के सीएम ने हिंदी में कहा था, "आज स्वच्छ और सुंदर दिल्ली बनाने के लिए मतदान करें, नगर निगम में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार (स्थापना) बनाने के लिए मतदान करें। मैं दिल्ली के सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि जाएं। एमसीडी में एक ईमानदार और प्रदर्शनकारी सरकार बनाने के लिए मतदान करने के लिए।"
राष्ट्रीय राजधानी में 250 वाडरें के लिए एमसीडी चुनाव सुबह 8 बजे शुरू हुआ।
दिल्ली में 1.45 करोड़ से अधिक मतदाता चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं, जिसके लिए शहर भर में 13,000 से अधिक मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। शाम 5.30 बजे वोटिंग खत्म होगी। (आईएएनएस)|
सैन फ्रैसिंसको, 4 दिसम्बर | टेक दिग्गज एप्पल ने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन फिर से शुरू कर दिया है। यह जानकारी ट्विटर के सीईओ एलन मस्क ने दी है। ब्लूमबर्ग के अनुसार दो घंटे के ट्विटर स्पेस के दौरान मस्क ने यह भी उल्लेख किया कि एप्पल ट्विटर का सबसे बड़ा विज्ञापनदाता था।
तकनीकी दिग्गज कथित तौर पर माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन पर प्रति वर्ष 100 मिलियन डॉलर से अधिक खर्च करते हैं।
इस बीच मस्क ने 18 नवंबर को ऐप स्टोर में कटौती की आलोचना करते हुए इसे इंटरनेट पर छिपा हुआ 30 प्रतिशत टैक्स कहा था।
उन्होंने 28 नवंबर को ट्वीट भी किया कि, "एप्पल ने ज्यादातर ट्विटर पर विज्ञापन देना बंद कर दिया है। क्या वे अमेरिका में मुक्त भाषण से नफरत करते हैं?" और अगले दिन उन्होंने कहा, "एप्पल ने भी अपने ऐप स्टोर से ट्विटर को वापस लेने की धमकी दी है, लेकिन हमें नहीं बताया, क्यों।"
एप्पल के सीईओ टिम कुक के साथ अपनी बैठक के बाद, 1 दिसंबर को मस्क ने कहा कि उन्होंने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर संभवत: ऐप स्टोर से हटाए जाने पर गलतफहमी को हल कर लिया है।
मस्क ने एप्पल मुख्यालय की अपनी यात्रा के माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो पोस्ट किया और बाद में ट्वीट किया, "अच्छी बातचीत। अन्य बातों के अलावा, हमने ट्विटर को ऐप स्टोर से संभावित रूप से हटाए जाने के बारे में गलतफहमी को दूर किया। टिम स्पष्ट थे कि एप्पल ने कभी विचार नहीं किया, ऐसा करने के लिए।" (आईएएनएस)|
लखनऊ, 4 दिसम्बर (आईएएनएस)| लखनऊ को 'स्वच्छ वायु सर्वेक्षण' की राष्ट्रीय रैंकिंग में 'नंबर 1 शहर' घोषित किया गया है और उसे प्रशस्ति पत्र के साथ 1.50 करोड़ रुपये का पुरस्कार मिला है। महापौर संयुक्ता भाटिया और नगरपालिका आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने शनिवार को भुवनेश्वर में पर्यावरण और वन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और महानिदेशक पर्यावरण चंद्र प्रकाश गोयल से पुरस्कार प्राप्त किया।
महापौर भाटिया ने कहा, पांच वर्षों से लखनऊ में पर्यावरण में सुधार के प्रयास किए जा रहे थे। लखनऊ नगर निगम (एलएमसी) ने हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए लालबाग में अपने मुख्यालय के सामने कृत्रिम फेफड़े स्थापित किए थे, ताकि प्रदूषण से बचा जा सके। एलएमसी ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए 15वें वित्त आयोग से नौ रोड-स्वीपिंग मशीन, आठ एंटी-स्मोक गन और 40 पानी छिड़कने वाली मशीनें खरीदीं।
अटल उदय वन में लाखों पौधे रोपे गए और लाखों पौधे जगह-जगह कई उद्यान बनाकर लगाए गए।
पांच साल में 1500 से ज्यादा पार्कों का सौंदर्यीकरण किया गया और हरियाली भी की गई।
इसके अलावा एलएमसी द्वारा वायु गुणवत्ता में किया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण कार्य शहर के विभिन्न स्थानों पर वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों का निर्माण है, जिसके कारण चौबीसों घंटे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की निगरानी की जा रही है।
इसके साथ ही गिरते एक्यूआई को सुधारने के लिए एलएमसी ने शहर में 20 करोड़ रुपये की लागत से 22 जगहों पर एयर प्यूरिफायर लगाए हैं।
भाटिया ने कहा, ''लखनऊ के निवासियों को साफ-सफाई और स्वास्थ्य का ख्याल रखना मेरी पहली प्राथमिकता रही है। मैंने शहरवासियों से लखनऊ को नंबर वन शहर बनाने का वादा किया था। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2022 में आज लखनऊ नंबर वन बन गया है।'' मैं जनता से किए गए वादे को पूरा करने में सफल रही हूं। इस रैंकिंग से लखनऊवासियों का 'ईज ऑफ लिविंग स्टैंडर्ड' बढ़ेगा और मैं इसे और बेहतर करने की कोशिश करूंगी।
नई दिल्ली, 4 दिसंबर | भोपाल गैस त्रासदी की 38वीं वर्षगांठ पर हजारों लोगों ने नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और मांग की कि सरकार को आपदा के कारण होने वाली मौतों और स्वास्थ्य संबंधी खतरों के सटीक आंकड़े सामने लाने चाहिए। त्रासदी के 40 हजार जीवित बचे लोगों द्वारा हस्ताक्षरित याचिका के जरिए अतिरिक्त मुआवजे के लिए उनकी उपचारात्मक याचिका में सुधार की मांग की गई है। जिसकी सुनवाई 10 जनवरी, 2023 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच द्वारा की जाएगी।
भोपाल पीड़ितों के लिए सप्रीम कोर्ट में केस लड़ने वाले अधिवक्ता करुणा नंदी और दलित श्रम अधिकार कार्यकर्ता नोदीप कौर सहित अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तित्व और आम नागरिक जंतर-मंतर पर भोपाल पीड़ितों की लड़ाई और संघर्ष में शामिल हुए। इन लोगों ने पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की।
भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी ने कहा कि भोपाल के 93 फीसदी बचे लोगों को अस्थायी चोट श्रेणी में रखा गया है और मुआवजे के रूप में केवल 25 हजार रुपये दिए गए हैं। यह एक तरह का अन्याय है। इसका समाधान मनमोहन सिंह सरकार ने 2010 में अमेरिकी निगमों से अतिरिक्त मुआवजे के लिए उपचारात्मक याचिका दायर करते समय किया था। हालांकि न्याय तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि वर्तमान सरकार द्वारा आपदा के कारण होने वाली मौतों और चोटों की मात्रा को संशोधित नहीं किया जाता।
इसी मौके पर भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री ने मनमोहन सिंह को लिखा था कि भोपाल पीड़ितों की चोटें स्थायी चोटें थी, अस्थायी नहीं, जैसा कि उपचारात्मक याचिका में प्रस्तुत किया गया है। हालांकि, राज्य सरकार ने अभी तक सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष यह बात नहीं दोहराई है।
भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने कहा, मध्य प्रदेश सरकार ने एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि भोपाल गैस आपदा के परिणामस्वरूप 15,242 लोगों की मौत हुई है।
हालांकि, राज्य सरकार क्यूरेटिव पिटीशन में पेश किए गए 5295 मौतों के गलत आंकड़े को संशोधित करने के लिए कदम उठाने में विफल रही। आगे रचना ने कहा कि न्याय कैसे किया जा सकता है जब तक कि सर्वोच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीशों को आपदा से हुए नुकसान की वास्तविक सीमा से अवगत नहीं कराया जाता।
भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा की शहजादी बी ने सरकार और पीड़ित संघों द्वारा मांगी गई मुआवजे की राशि में अंतर की ओर इशारा करते हुए कहा कि सरकार यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल से मुआवजे के रूप में 96 अरब रुपये मांग रही है जबकि हम 646 अरब रुपये की मांग कर रहे हैं।
मुआवजे की राशि की गणना के लिए हमने जिन आंकड़ों का इस्तेमाल किया है, वे आधिकारिक रिकॉर्ड और केंद्र सरकार की एक एजेंसी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के हैं। बचे हुए लोगों और सरकार द्वारा अग्रेषित आंकड़ों में यह असमानता राहत पैकेजों की गणना करते समय सरकार की ओर से कम आंकने और असंवेदनशील ²ष्टिकोण को दर्शाती है।
भोपाल ग्रुप ऑफ इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा की शहजादी बी, और भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की राशिदा बी ने माननीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात की और उन्हें अपनी वर्तमान स्थिति से अवगत कराया और दस्तावेजों का एक सेट प्रस्तुत किया। (आईएएनएस)|
विवेक त्रिपाठी
वाराणसी, 4 दिसंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक माह तक चलने वाले काशी तमिल समागमम के आयोजन के जरिए भाजपा दक्षिण भारत में पैर जमाने की फिराक में है। इसे मिशन 2024 के लोकसभा चुनाव की राह को आसान बनाने से जोड़कर देखा जा रहा है।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो उत्तर, मध्य पूर्वोत्तर में अपनी धाक जमाने के बाद भाजपा मिशन साउथ में लग चुकी है। भाजपा ने केरल, आंध्रप्रदेश, तमिनाडु, तेलंगाना जैसे राज्यों के लिए विशेष अभियान बनाए हैं। भाजपा को लगता है कि यहां कार्यकर्ताओं के सक्रिय होने से बड़ी संख्या में लोग जुड़ेंगे। दक्षिण की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक स्थितियां उत्तर भारत से बिल्कुल भिन्न हैं। ऐसे में यहां एक रणनीति काम नहीं करेगी। इसलिए भाजपा अलग अलग रणनीति पर काम कर रही है। काशी तमिल समागमम भी इसी का हिस्सा माना जा रहा है। 2024 आम चुनाव को लेकर जहां एक और कांग्रेस के राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा ने भी दक्षिण को अपनी प्राथमिकता में रखा हुआ है। इसके लिए भाजपा ने कोई यात्रा नहीं, बल्कि तमिल भाषियों को उत्तर भारत से मिलाने का यह प्लान तैयार किया है। इसके माध्यम से दक्षिण भारत में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ-साथ लोकसभा चुनाव की जमीन मजबूत होगी। भाजपा सूत्रों की मानें तो दक्षिण भारत के लिए एक नेताओं की टोली टहल रही है जो कि भ्रमण और बैठकें कर यहां की जमीनी हकीकत से रूबरू हो रही है। फिर इसके बाद अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेगी।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री मोदी का काशी तमिल समागमम में आना और वाराणसी में तमिल भेषभूषा में नजर आना सबकुछ सोची समझी राजनीति और रणनीति का ही हिस्सा था। भाजपा काशी-तमिल समागम के बहाने दक्षिण के राज्यों में अपनी दखल बढ़ाना चाहते हैं और इसके लिए मोदी ने धार्मिक एजेंडे को पकड़कर काशी से दक्षिण को साधने की कवायद शुरू कर दी है।
भाजपा के रणनीतिकारों की मानें तो आने वाले लोकसभा चुनाव में बिहार-मध्यप्रदेश समेत कुछ राज्यों में सीटों का नुकसान हो सकता है। पश्चिम बंगाल में भी पहले जितनी सीटें लाना भाजपा के लिए चुनौती ही होगी। इस नुकसान की भरपाई के लिए पार्टी दक्षिण में अपना पांव पसारना चाहती है। इसकी अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भाजपा ने यूपी के थिंक टैंक कहे जाने वाले सुनील बंसल को तेलंगाना और आंध्र की जिम्मेदारी सौंपी है। भाजपा ने दक्षिण के कई राज्यों में अपनी सीटें बढ़ाने को लेकर बेताब है। इसीलिए कुछ महीने पहले हैदराबाद में राष्ट्रीय कार्यसमिति की आयोजन किया गया था।
राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल ने कहा कि दक्षिण के राज्यों में से तमिलनाडु में भाजपा को पांव जमाने की चुनौती है। कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश पहुंच गई है। यह सांस्कृतिक विरासत के जरिए भाजपा अपनी पैठ बनाने के प्रयास में है। सामाजिक मेलजोल बढ़ाकर राजनीतिक लाभ मिल सकता है। उन्होंने कहा कि तमिल के लोग हिंदी भले ना पसंद करें लेकिन उन्हें संस्कृत पसंद है। ऐसे कार्यक्रम के माध्यम से वहां के लोगों के साथ सांस्कृतिक आदान प्रदान हो सकता है।
भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष व तमिल संगमम के संयोजक चमूकृष्ण शास्त्री कहते हैं कि देश की एकता को मजबूत करने के लिए और एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को पूरा करने के लिए काशी तमिल समागमम का विचार पीएम ने किया।
शास्त्री ने बताया कि काशी और तमिल का संबंध हजारों वर्ष पुराना है। यह महज धार्मिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक, शैक्षिक, वाणिज्य संबंध है। उन्होंने बताया कि पुरानी तमिल धरोहर को काशी के लोग समझें, यहां की विकास यात्रा और ज्ञान के बारे में समझें। हिंदी और तमिल भाषा विवाद के बारे में उन्होंने कहा कि यह समस्या अंग्रेजों और विदेशी आक्रांताओं ने पैदा की है। अंग्रेजों के आने के पहले यहां सबलोग सौहाद्र पूर्ण ढंग से रहते थे।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में अभी तक तमिलनाडु से प्रतिनिधि के रूप में तकरीबन तीन हजार लोग आ चुके हैं। इसके अलावा कलाकार 750 कलाकार शामिल आयेंगे। 4000 हजार लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
शास्त्री कहते हैं कि इस कार्यक्रम के माध्यम से भाषा के द्वेष को खत्म करने में काफी सहयता मिल रही है। सोशल मीडिया के और अन्य माध्यमों से यह विषय तमिलनाडु के घर घर जा रहा है। इससे समाज में परिवर्तन आ रहा है। उन्होंने बताया कि मिलने जुलने से मन और भाषा दोनो में बदलाव आता है। कार्यक्रम से संस्कृतियों के अलावा कई धरोहरों को आगे बढ़ाया जाएगा। एकता और आत्मीयता बढ़ेगी। भाषा जोड़ने का विषय है। यह भाव का निर्माण करती है। (आईएएनएस)|
प्रमोद कुमार दुबे
न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति एक विवादास्पद मुद्दा है। वर्तमान प्रक्रिया में प्रावधान है कि सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के परामर्श के बाद की जाएगी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) की राय सरकार के लिए बाध्यकारी है। मुख्य न्यायाधीश कम से कम चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के कॉलेजियम के साथ परामर्श के बाद अपनी राय देंगे। कॉलेजियम के अगर दो न्ययाधीश भी प्रतिकूल राय देते हैं, तो सीजेआई को सरकार को सिफारिश नहीं भेजनी चाहिए।
इसलिए यह कहना है गलत है कि बगैर किसी जवाबदेही के उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति में कॉलेजियम को पूर्ण शक्ति प्राप्त है। इसके लिए एक तय प्रक्रिया है। इसके माध्यम से नाम पहले संबंधित हाईकोर्ट के कॉलेजियम को भेजे जाते हैं। वहां परामर्श और विचार-विमर्श के बाद नाम सुप्रीम कोर्ट को भेजे जाते हैं।
उसके बाद सुप्रीम कोर्ट का कॉलेजियम विचार-विमर्श करता है और आम सहमति होने पर ही न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा नाम की सिफारिश की जाती है। इसके अलावा सबको यह पता होना चाहिए कि हमारा संविधान विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों के पृथक्करण का प्रावधान करता है।
यह प्रणाली एक दूसरे पर नियंत्रण और संतुलन भी प्रदान करती है शक्ति का कोई कठोर पृथक्करण नहीं है। इसलिए यह कहना गलत है कि कॉलेजियम की कोई जवाबदेही नहीं है।
वर्तमान कॉलेजियम प्रणाली तीन ऐतिहासिक निर्णयों से असितत्व में आई है।
सबसे पहले एसपी गुप्ता बनाम भारत के राष्ट्रपति और अन्य एआईआर 1982 एससी149 में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने कहा कि न्यायिक नियुक्तियों पर भारत के मुख्य न्यायाधीश की सिफारिशें बाध्यकारी होंगी, हालांकि ठोस कारणों से इसमें बदलाव से इनकार किया जा सकता।
इसने कई मायनों में न्यायिक नियुक्तियों में कार्यपालिका को प्रधानता दी। दूसरा, मौजूदा व्यवस्था को पूर्व सीजेआई पी.एन. 1993 में प्रस्तुत किया। एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया, (1993) में शीर्ष अदालत के नौ न्यायाधीशों ने 'फस्र्ट जज केस' के अपने फैसले को उलट दिया और 'कॉलेजियम सिस्टम' विकसित किया।
न्यायालय ने माना कि न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में सीजेआई की प्राथमिक भूमिका होती है और उसके परामर्श का अर्थ सहमति होता है। कॉलेजियम प्रणाली के विकास का अंतर्निहित सिद्धांत यह था कि यह एक व्यक्तिगत राय के बजाय न्यायिक नियुक्ति की प्रक्रिया में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीशों की सामूहिक राय को दर्शाता है।
तीसरे मामले में शीर्ष अदालत ने न्यायिक नियुक्ति के मामले में कार्यपालिका पर न्यायपालिका के वर्चस्व को दोहराया और कॉलेजियम को पांच सदस्यीय पैनल के रूप में विस्तार दिया।
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम (एनजेएसी), 2014 की शक्तियों का निर्णय करते हुए सर्वोच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा न्यायिक नियुक्तियों में कार्यपालिका की भूमिका की और जांच की गई और विस्तार से चर्चा की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम प्रणाली को दोहराया और 99वें संविधान संशोधन अधिनियम के साथ एनजेएसी अधिनियम को 4:1 से रद्द कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि शीर्ष अदालत ने पारस्परिकता की वैध शक्ति पर चर्चा की। यानी जब प्राप्तकर्ता देने वाले के प्रति ऋणी महसूस करता है और ऋण को अदा करने के लिए मजबूर महसूस करता है, तो अक्सर वह बेहतर फैसला नहीं कर पाता।
इसे ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने माना और समर्थन किया कि राजनीतिक-कार्यकारी की, जहां तक संभव हो, उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों के नियुक्ति में कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। पारस्परिकता, और राजनीतिक-कार्यकारी को वापस भुगतान की भावना, न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए विनाशकारी होगी।
वर्तमान कॉलेजियम प्रणाली ने हर संकट का सामना किया है और लगभग 30 वर्षों की अवधि में समय की कसौटी पर खरी उतरी है। निर्विवाद रूप से न्यायाधीशों की नियुक्ति में कार्यपालिका की न्यूनतम भूमिका होने के ठोस कारण हैं। इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित होती है।
नियुक्ति प्रक्रिया में अपारदर्शिता ने पूरी प्रक्रिया के बारे में अनुचित संदेह पैदा किया है। सार्वजनिक डोमेन में जानकारी की कमी चिंता का कारण बनी हुई है और आगे चलकर भाई-भतीजावाद और पक्षपात की अटकलों को जन्म देती है, जो न्यायिक अधिकारियों के मनोबल को प्रभावित करती है और अंतत: वादियों को प्रभावित करती है।
सार्वजनिक क्षेत्र में पारदर्शिता और सूचना का प्रवाह न केवल भाई-भतीजावाद और पक्षपात की सभी अटकलों को समाप्त करेगा, बल्कि देश भर के उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति में योग्यता-आधारित ²ष्टिकोण को और बढ़ावा देगा।
सूचना के प्रवाह के लिए एक सक्षम तंत्र सुनिश्चित करेगा कि सही उम्मीदवार की अनदेखी न हो। विशेष रूप से अदालतों में प्रौद्योगिकी के आगमन के साथ नए तंत्र को अपनाने और पारदर्शिता लाने से पूरी प्रणाली में विश्वास को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
कुल मिलाकर न्यायाधीशों की नियुक्ति की वर्तमान प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीशों की देखरेख में एक विस्तृत और थकाऊ प्रक्रिया है।
लेकिन यह प्रणाली अपनी कमियों के बावजूद मजबूत और अकाट्य कारणों पर आधारित है। नियुक्तियों में ठहराव बड़े पैमाने पर समाज के लिए अधिक हानिकारक है, क्योंकि अदालतों में रिक्तियां बढ़ रही हैं जिससे जनता को न्याया देने में अत्यधिक देरी हो रही है।
नई दिल्ली, 3 दिसंबर । भारतीय नौसेना दिवस के मौक़े पर आज नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरी कुमार ने कहा कि देश की सुरक्षा ज़रूरतों की पूर्ति के लिए भारत को आत्मनिर्भर होने की ज़रूरत है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ नेवी प्रमुख ने कहा कि हमारा मक़सद मेड-इन-इंडिया सुरक्षा उपकरणों को तैयार करना है.
रूस-यूक्रेन युद्ध और इस कारण हो रही वैश्विक गतिविधियों की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपनी सुरक्षा ज़रूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रह सकते.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत को लेकर साफ़ निर्देश दिए हैं और शीर्ष नेतृत्व के लिए नौसेना की भी यही प्रतिबद्धता है कि हम 2047 तक आत्मनिर्भर नौसेना बन जाएंगे.
साथ ही उनहोंने कहा, "आईएनएस विक्रांत का कमीशन देश और नौसेना के लिए एक ऐतिहासिक घटना है और यह वास्तव में आत्मानिर्भरता का मशाल वाहक है. ऐसे बहुत कम देश हैं जिनके पास एक विमानवाहक पोत बनाने की क्षमता है और अब हम उन चुनिंदा देशों में से एक हैं." (bbc.com/hindi)
-प्रभाकर मणि तिवारी
कोलकाता, 3 दिसंबर । पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर ज़िले के कांथी में शुक्रवार देर रात तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के मकान में हुए विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए.
यह घटना अर्जुन नगर ग्राम पंचायत के नाड़याविला गांव में हुई.
मृतकों में तृणमूल के स्थानीय नेता राजकुमार मान्ना शामिल हैं. उनके अलावा राजकुमार के भाई देव कुमार मान्ना और एक अन्य व्यक्ति विश्वजीत गाएन की भी मौत हो गई.
जिस इलाक़े में यह घटना हुई उसके पास ही शनिवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की सभा होनी थी.
मौक़े से विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का घर भी ज्यादा दूर नहीं है.
इस विस्फोट को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल के लोग घर में बम बना रहे थे, जिसके फटने से यह हादसा हुआ.
बीते साल विधानसभा चुनाव के बाद से ही यह इलाक़ा अक्सर हिंसा के लिए सुर्खियों में रहा है.
भगवानपुर के भाजपा विधायक रवींद्रनाथ माइती ने कहा, "रात के अंधेरे में बम बनाने के दौरान यह घटना हुई. इसमें मरने वालों की संख्या ज्यादा हो सकती है. अब पुलिस की सहायता से शवों को ग़ायब करने की साजिश रची जा रही है."
कांथी के एक अन्य भाजपा नेता तापस कुमार दोलुई ने भी आरोप लगाया, "तृणमूल कांग्रेस नेता के घर में बम बनाते समय ही यह हादसा हुआ."
दूसरी ओर, भगवानपुर के पूर्व तृणमूल कांग्रेस विधायक अर्धेंदु माइती ने कहा, फिलहाल इस विस्फोट का पूरा ब्योरा नहीं मिल सका है. पुलिस ने फिलहाल जांच चलने की बात कह कर इस विस्फोट पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 3 दिसंबर । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि बीजेपी चुनावी फ़ायदे के लिए उनके एक बयान का दुरुपयोग कर रही है.
खड़गे ने कहा, "वे इसका दुरुपयोग चुनावी फ़ायदे के लिए कर रहे हैं. हमारे लिए, राजनीति का मतलब व्यक्तिवाद नहीं है. ये नीतियों के बारे में है. वे इसे केवल एक व्यक्ति से जोड़कर देखते हैं, जो हर जगह है."
इससे पहले गुजरात में एक रैली के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना रावण से कर दी थी.
उन्होंने अपने भाषण में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, ''प्रधानमंत्री बोलते हैं कि किसी और को मत देखो. मोदी को देखकर वोट दो. कितनी बार तुम्हारी सूरत देखें? कॉरपोरेशन में भी तुम्हारी सूरत देखना है. विधानसभा चुनाव में, संसदीय इलेक्शन में भी सूरत देखना. हर जगह पर, क्या रावण की तरह आपके 100 मुख हैं. मुझे समझ नहीं आता.”
बीजेपी ने खड़गे के इस बयान को अनुचित बताते हुए कहा था कि ऐसी भाषा का इस्तेमाल गुजरात के पूत के लिए करना, वो भी गुजरात में खड़े होकर करना यह उचित नहीं है. (bbc.com/hindi)
चेन्नई, 3 दिसम्बर | तमिलनाडु के वन विभाग ने मदुमलाई टाइगर रिजर्व (एमटीआर) बाघ का पता लगाने के लिए बीस कैमरा ट्रैप लगाए हैं और दो कुमकी हाथियों को लगाया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। हालांकि, बाघ अभी भी लापता है और वन विभाग के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि उसकी तलाश की जा रही है।
बाघ ने एक वन निरीक्षक, के. बोम्मन पर तब हमला किया था जब वह थेप्पेकडु के पास एमटीआर के वन क्षेत्र में घूम रहा था। बाघ द्वारा किसी अन्य इंसान पर हमला करने की शिकायत नहीं की गई है, आदिवासी निवासियों ने वन विभाग से शिकायत की है कि उसने गायों और बकरियों पर हमला किया था।
वन विभाग बाघ का पता लगाने के लिए कैमरा ट्रैप की संख्या वर्तमान बीस से बढ़ाकर पच्चीस करने की योजना बना रहा है। तमिलनाडु वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, हम बाघ का पता लगाने के लिए और कैमरा ट्रैप लगाने की योजना बना रहे हैं। हमें बाघ के स्वास्थ्य को देखना होगा, क्योंकि यह गायों और बकरियों जैसे जानवरों को निशाना बना रहा है और अब एक इंसान भी है। वन विभाग सक्रिय रूप से बाघ का पीछा कर रहा है और हमें यकीन है कि यह जल्द ही हमारे कैमरा ट्रैप में आ जाएगा। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 3 दिसम्बर | अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि एक सड़क हादसे में दो किशोरों मौत हो गई, हादसा उस समय हुआ जब उनका दो पहिया वाहन एक माल वाहक से बचने की कोशिश के बाद सड़क के डिवाइडर से टकरा गया। मृतकों की पहचान थंथई पेरियार नगर के प्रवीण (19) और हरि (17) के रूप में हुई है। प्रवीण बाइक चला रहा था, हरि मोबाइल से वीडियो बना रहा था। यह वीडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया साइट्स पर सामने आया है।
घटना मंगलवार को चेन्नई के तारामणि लिंक रोड पर हुई। पुलिस ने बताया कि बाइक तेज गति से चल रही थी और हादसे के वक्त रफ्तार 114 किलोमीटर प्रति घंटा थी।
विपरीत दिशा में एक माल वाहक को देखकर प्रवीण ने ब्रेक लगाया लेकिन वह बाइक से नियंत्रण खो बैठा। यह भयानक हादसा हेलमेट के कैमरे में भी रिकॉर्ड हो गया और वायरल हो गया। हादसे के बाद प्रवीण की उसी दिन मौत हो गई थी, जबकि हरि की बुधवार को अस्पताल में मौत हो गई थी।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। (आईएएनएस)|
जयपुर, 3 दिसम्बर | उदयपुर सैन्य स्टेशन के रास्ते में पांच वाहनों के काफिले में शामिल सेना के एक वाहन में उदयपुर से 60 किमी दूर गोंडा में शुक्रवार शाम 6.30 बजे आग लग गई। अधिकारियों ने बताया कि तकनीकी खराबी के कारण सेना की गाड़ी में आग लगी। आग देखते ही सेना की क्विक रिएक्शन टीम हरकत में आई, जलते हुए ट्रक को घेर लिया और हाईवे पर ट्रैफिक की आवाजाही रोक दी।
इस हादसे में किसी भी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। नागरिक प्रशासन ने राजमार्ग पर यातायात प्रबंधन के लिए अपने संसाधनों से भी सहायता की। आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए सेना ने आंतरिक जांच के आदेश दे दिए हैं। (आईएएनएस)|
पटना, 3 दिसम्बर | बिहार के कटिहार जिले में शुक्रवार को दो कुख्यात गिरोहों के बीच हुए गैंगवार में कम से कम पांच लोगों के मारे जाने की खबर है। पीकू यादव और मोहना ठाकुर का गिरोह झारखंड के कटिहार और साहेबगंज जिले में सक्रिय है। क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर वह कई बार आपस में भिड़ चुके हैं।
बरारी थाने के मोहना चांदपुर गांव में दोनों गिरोहों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई, जब पीकू यादव गिरोह के कम से कम 40 हथियारबंद लोगों ने मोहना ठाकुर गिरोह के 10 लोगों को रोका और उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। दोनों तरफ से फायरिंग होने लगी। मोहना ठाकुर गिरोह के सदस्यों ने मौके से बकिया गांव की ओर भागने की कोशिश भी की।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि झड़प के बाद एक शव बरामद कर लिया गया है। हालांकि, ग्रामीणों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि गैंगवार में कम से कम पांच लोग मारे गए जिनके शव अभी तक बरामद नहीं किए गए हैं। मृतक कथित तौर पर मोहना ठाकुर गिरोह से जुड़े थे। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 3 दिसम्बर | अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बिजली की आवश्यकता को सुव्यवस्थित करने के लिए, सरकार ने शुक्रवार को अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) शुल्कों की छूट का आदेश दिया। नई पनबिजली परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली के प्रसारण पर आईएसटीएस शुल्क लगाया जाता है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ऐसी परियोजनाओं के चालू होने की तारीख से 18 साल के लिए इन शुल्कों को माफ कर दिया गया है।
सूत्रों ने बताया- सरकार ने मार्च 2019 में पनबिजली परियोजनाओं को अक्षय ऊर्जा स्रोत घोषित किया था। हालांकि, सौर और पवन परियोजनाओं को प्रदान किए गए अंतर-राज्यीय पारेषण शुल्क की छूट को पनबिजली परियोजनाओं तक नहीं बढ़ाया गया था।
इस विसंगति को दूर करने के लिए और जलविद्युत परियोजनाओं को एक समान अवसर प्रदान करने के लिए, विद्युत मंत्रालय ने अब नई पनबिजली परियोजनाओं से बिजली के प्रसारण पर आईएसटीएस शुल्क की छूट का विस्तार करने का फैसला किया है। (आईएएनएस)|
हैदराबाद, 3 दिसम्बर | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने टीआरएस एमएलसी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता से स्पष्टीकरण मांगा है, जिसका नाम दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच में सामने आया था। कविता ने शुक्रवार को कहा- मुझे सीआरपीसी की धारा 160 के तहत सीबीआई नोटिस जारी कर मेरा स्पष्टीकरण मांगा गया है। मैंने अधिकारियों को सूचित कर दिया है कि मैं उनके अनुरोध के अनुसार 6 दिसंबर को हैदराबाद में अपने आवास पर उनसे मिल सकती हूं।
सीबीआई के 2 दिसंबर के नोटिस में कहा गया है, विषय उद्धृत मामले की जांच के दौरान, कुछ तथ्य सामने आए हैं जिनसे आप परिचित हो सकती हैं, इसलिए ऐसे तथ्यों पर आपकी जांच मामले की जांच के हित में आवश्यक है। गुरुवार को शराब नीति मामले में कारोबारी अमित अरोड़ा को रिमांड पर लेने के लिए ईडी द्वारा दिल्ली की एक अदालत में दायर रिमांड रिपोर्ट में कविता का नाम सामने आया था।
रिमांड रिपोर्ट के मुताबिक मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुके कारोबारी विजय नायर को आप नेताओं की ओर से 'साउथ ग्रुप' नामक समूह से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी। रिपोर्ट के अनुसार, समूह कथित तौर पर सारथ रेड्डी, कविता और मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी द्वारा नियंत्रित था।
फार्मा प्रमुख अरबिंदो फार्मा के निदेशकों में से एक सरथ रेड्डी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। श्रीनिवासुलु रेड्डी आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) से सांसद हैं। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 3 दिसंबर | गुजरात विधानसभा और दिल्ली निकाय चुनाव के लिए प्रचार खत्म होने के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भविष्य के चुनावों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी के सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पदाधिकारियों की एक बैठक 5 व 6 दिसंबर को बुलाई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह बैठक 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ-साथ कई राज्यों में 2023 के विधानसभा चुनाव की रणनीति और तैयारियों पर चर्चा के लिए बुलाई गई है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के 6 दिसंबर को बैठक के समापन सत्र को संबोधित करने की संभावना है।
बैठक में पार्टी के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ-साथ सभी राज्यों के प्रभारी व सह प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष व सभी राज्यों के प्रदेश संगठन महासचिवों को भी बुलाया गया है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बैठक के दौरान सरकार की उपलब्धियों की जानकारी भी पदाधिकारियों के साथ साझा की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता नड्डा करेंगे। बैठक में संगठन के कामकाज की भी समीक्षा की जाएगी।
भारत की जी-20 की अध्यक्षता को एक बड़ी उपलब्धि मानते हुए पार्टी इससे जुड़े कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तैयार करेगी, ताकि लोगों को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के बढ़ते वैश्विक प्रभाव' से लोगों को अवगत कराया जा सके। (आईएएनएस)|