राष्ट्रीय
करनाल (हरियाणा), 8 जनवरी भीषण ठंड और कोहरे के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ रविवार सुबह करनाल के नीलोखेड़ी क्षेत्र में दोद्वा से फिर से शुरू हुई।
यह पदयात्रा पानीपत से शनिवार को करनाल जिले में पहुंची थी।
कड़ाके की ठंड और कोहरे के बावजूद सैकड़ों लोग करनाल में यात्रा में शामिल हुए। करनाल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का गृह निर्वाचन क्षेत्र भी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और कुमारी शैलजा ने हरियाणा में इस पदयात्रा में भाग लिया। यह यात्रा आज कुरुक्षेत्र पहुंचेगी जहां पवित्र ब्रह्म सरोवर क्षेत्र में गांधी शाम को ‘‘आरती’’ करेंगे।
हरियाणा में 21 से 23 दिसंबर तक यात्रा के पहले चरण में 130 किलोमीटर की दूरी तय की गई और यह नूंह, गुरुग्राम तथा फरीदाबाद जिलों से गुजरी थी। इस यात्रा ने उत्तर प्रदेश से बृहस्पतिवार शाम फिर से हरियाणा के पानीपत में प्रवेश किया था।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और 30 जनवरी को श्रीनगर में राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के साथ संपन्न होगी।
यह पदयात्रा अभी तक तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से गुजर चुकी है।(भाषा)
नयी दिल्ली, 8 जनवरी उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने और कई स्थानों पर घरों में दरारें पड़ने की घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) रविवार दोपहर को इस संकट पर उच्चस्तरीय बैठक करेगा।
सरकारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्यों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।
इस बैठक में जोशीमठ जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हिस्सा लेंगे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लेने के लिए कल जोशीमठ का दौरा किया था। इससे एक दिन पहले उन्होंने करीब 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया था।
धामी ने कहा था कि जोशीमठ सांस्कृतिक, धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है और इसे बचाने के सभी प्रयास किए जाएंगे।
जोशीमठ बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों तथा अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली के लिए प्रवेश द्वार है और इसके सामने बहुत बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 जनवरी रेलवे ने रविवार को कहा कि कोहरे के कारण 480 से अधिक रेलगाड़ियों की आवाजाही पर असर पड़ा है।
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कोहरे के कारण करीब 335 रेलगाड़ियों के आवागमन में देरी हुई, 88 ट्रेन रद्द कर दी गईं, 31 रेलगाड़ियों का मार्ग बदलना पड़ा और 33 रेलगाड़ियों की यात्रा को गंतव्य से पहले समाप्त कर दिया गया।’’
पश्चिमोत्तर भारत तथा निकटवर्ती मध्य एवं पूर्वी हिस्सों में घना कोहरा छाए रहने के कारण सड़क, रेल और विमान यातायात पर असर पड़ा है।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास पालम वेधशाला में सुबह साढ़े पांच बजे बहुत घने कोहरे के कारण दृश्यता घटकर 50 मीटर रह गई।
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड ने ट्वीट किया कि जो उड़ानें कैट-3 प्रणाली के अनुरूप नहीं हैं, उन पर कोहरे का असर पड़ सकता है।
यात्रियों को उड़ानों के बारे में अद्यतन सूचनाओं के लिए संबंधित एअरलाइन से संपर्क करने की सलाह दी गई है।
मौसम कार्यालय के अनुसार, शून्य से 50 मीटर तक दृश्यता ‘बहुत घने’ कोहरे, 51 मीटर से 200 मीटर तक ‘घने’ कोहरे, 201 मीटर से 500 मीटर तक ‘मध्यम’ कोहरे और 501 मीटर से 1000 मीटर तक दृश्यता ‘हल्के’ कोहरे की श्रेणी में आती है। (भाषा)
बिस्वा भूषण महापात्र
भुवनेश्वर, 8 जनवरी | दो रूसी नागरिकों की रहस्यमयी मौत के बीच पारादीप बंदरगाह क्षेत्र में एक रूसी कार्गो शिप इंजीनियर की मौत से ओडिशा पुलिस सकते में आ गई है। मिलियाकोव सर्गेई (51) के रूप में पहचाने जाने वाले रूसी को 3 जनवरी की सुबह ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के पारादीप बंदरगाह पर लंगर डाले एक मालवाहक जहाज में मृत पाया गया था। सेर्गेई पोत एम.बी. अल्दनाह का मुख्य अभियंता था, जो पारादीप होते हुए बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह से मुंबई जा रहा था।
पुलिस को संदेह है कि मिलाकोव की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। अधिकारी ने कहा, हालांकि मौत के सही कारण का पता उचित जांच के बाद चलेगा।
मिल्याकोव के पोस्टमॉर्टम के दौरान डॉक्टरों को उनके बाएं माथे पर चोट का निशान मिला। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि चोट का निशान रूसी इंजीनियर के जहाज में दिल का दौरा पड़ने से गिरने के बाद लगा था या इसके पीछे कोई और कारण है।
पोस्टमॉर्टम की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई। सूत्रों ने कहा कि सर्गेई के मस्तिष्क, हृदय और फेफड़े जैसे महत्वपूर्ण अंगों के विसरा के नमूने एकत्र किए गए हैं और भुवनेश्वर में राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेजे गए हैं।
सर्गेई के शव का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉ. सागर कुमार बेहरा ने कहा, पोस्टमॉर्टम किया गया है। हमें संदेह है कि यह प्राकृतिक मौत है। फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि मौत प्राकृतिक थी या हत्या।
बेहरा ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार सर्गेई कुछ चिकित्सा समस्या के लिए दवा ले रहे थे और यही उनकी मौत का कारण होने का संदेह है। डॉक्टर ने बताया उनके सिर के अगले हिस्से में चोट थी जो शायद नीचे गिरने के कारण हुई होगी। शव को संरक्षण के लिए पारादीप बंदरगाह अस्पताल के मुर्दाघर में रखा गया है।
पुलिस ने मालवाहक जहाज के चालक दल के 22 सदस्यों से पूछताछ की है, लेकिन अभी तक मौत के कारणों पर कोई बयान नहीं आया है।
चूंकि यह ओडिशा में रहस्यमय परिस्थितियों में किसी रूसी की तीसरी मौत है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या तीन रूसियों की मौत महज एक संयोग है या कोई साजिश है।
मौतों पर टिप्पणी करते ह्रुए ओडिशा के डीजीपी सुनील बंसल ने कहा, जांच चल रही है। अब तक हमें घटनाओं में कोई साजिश नहीं मिली है।
नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि तीनों मौतों को एक साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
बागची ने कहा, ओडिशा में रूसियों की मौत की आवश्यक जांच की जा रही है। अब हम ओडिशा के तट से दूर अंतर्राष्ट्रीय जल में एक रूसी नाविक की मौत के बारे में जानते हैं। औपचारिकताओं के लिए उसका शव पारादीप बंदरगाह लाया गया है। मैं तीनों मामलों को एक साथ जोड़ना नहीं चाहूंगा।
मामलों की कथित विचित्रता पर टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए, बागची ने कहा कि वह उन सभी को एक साथ नहीं जोड़ना चाहेंगे और न ही सभी को एक साथ देखेंगे। उन्होंने कहा, भारत एक बड़ा देश है जहां बड़ी संख्या में विदेशी आते हैं। (आईएएनएस)
शिमला, 8 जनवरी | हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को अपने नौ सदस्यीय मंत्रिमंडल में छह विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) नियुक्त किया। इसके साथ ही, उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में 7 नए विधायकों को शामिल किया। 11 दिसंबर को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के उन्होंने शपथ ली थी। इसके बाद से ये पहला मंत्रिमंडल विस्तार है।
सुक्खू ने यहां मुख्य संसदीय सचिवों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके नाम हैं -- सुंदर सिंह ठाकुर, मोहन लाल ब्राक्टा, राम कुमार चौधरी, आशीष बुटेल, किशोरी लाल और संजय अवस्थी।
महज एक महीने पुरानी कांग्रेस सरकार ने रविवार को अपने पहले कैबिनेट विस्तार में सात मंत्रियों को शामिल किया, जिनमें पहली बार चुने गए और अनुभवी विधायक शामिल हैं। सबसे उम्र दराज 82 वर्षीय कर्नल धनी राम शांडिल हैं, जो तीन बार के विधायक और पूर्व संसद सदस्य हैं।
मंत्रिमंडल में सबसे युवा 33 वर्षीय विक्रमादित्य सिंह हैं, जो छह बार के मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के बेटे हैं। उनकी मां और सांसद प्रतिभा सिंह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थीं।
राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने यहां कैबिनेट स्तर के सात नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
अन्य नए शामिल मंत्रियों में छह बार के विधायक चंद्र कुमार, 78 वर्षीय प्रोटेम स्पीकर, छह बार के विधायक हर्षवर्धन चौहान, चार बार के विधायक जगत सिंह नेगी, चार बार के विधायक रोहित ठाकुर और तीन बार के विधायक अनिरुद्ध सिंह हैं। (आईएएनएस)
बिस्वा भूषण महापात्रा
भुवनेश्वर, 8 जनवरी | करोड़पति सांसद पावेल एंटोव सहित दो रूसी नागरिकों की अचानक मौत का रहस्य अब भी बरकरार है। ओडिशा पुलिस अभी तक दोनों की मौत के कारणों का पता नहीं लगा पाई है। सूत्रों के अनुसार चार रूसी पर्यटक एंटोव, उनके दोस्त व्लादिमीर बिडेनोव और एक युगल नतालिया पानासेंको और मिखाइल तुरोव 19 दिसंबर को ओडिशा के आदिवासी क्षेत्रों और उत्तर-पूर्वी राज्यों के 15 दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे। दिल्ली में उतरने के तुरंत बाद टीम ने भुवनेश्वर के लिए उड़ान भरी।
21 दिसंबर को कंधमाल जिले के दारिंगबाड़ी में एक रात रुकने के बाद रूसी समूह टूर गाइड जितेंद्र सिंह के साथ शाम करीब चार बजे रायगडा शहर के साईं इंटरनेशनल होटल पहुंचा।
पावेल (65) और बिडेनोव (62) अपने-अपने कमरे में चले गए।
अगले दिन 22 दिसंबर शाम करीब 9 बजे पावेल ने होटल के कर्मचारियों को बिडेनोव के पहली मंजिल पर अपने कमरे में बेहोश पड़े होने की जानकारी दी। इसके तुरंत बाद उन्हें रायगडा जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और प्रारंभिक जांच से यह संदेह था कि बिडेनोव की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई, क्योंकि वह बहुत अधिक शराब के नशे में थे।
एंटोव को दूसरी मंजिल पर दूसरे कमरे में स्थानांतरित कर दिया गया। रूस के सांसद अपने दोस्त बिडेनोव के निधन के बाद से काफी परेशान नजर आ रहे थे।
24 दिसंबर की शाम बिडेनोव के शव के दाह संस्कार के बाद एंटोव को मुख्य होटल की इमारत से सटे एक मंजिला इमारत की छत पर पड़ा पाया गया।
हालांकि पुलिस अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं कर पाई है कि एंटोव गलती से होटल के कमरे की छत से गिर गया था या उसने आत्महत्या की या मौतों के पीछे कोई अज्ञात ताकत है।
रिपोर्ट के अनुसार एंटोव रूस के सबसे धनी सांसदों में से एक थे। उन्होंने यूक्रेन पर रूसी मिसाइल हमलों की आलोचना की थी। कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करने के बाद उन्होंने यह कहते हुए पोस्ट को हटा दिया कि यह एक गलतफहमी और तकनीकी त्रुटि थी।
उन्हें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक के रूप में माना जाता था। एंटोव और उनके करीबी दोस्त की रहस्यमय मौत पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए ओडिशा के डीजीपी सुनील बंसल ने दोनों मौतों की क्राइम ब्रांच जांच के आदेश दिए हैं।
अपराध शाखा की टीमों ने अन्य दो रूसी पर्यटकों, उनके गाइड, होटल के कर्मचारियों, पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों और प्रारंभिक जांच करने वाले पुलिस से पूछताछ की है।
पुलिस ने मृतकों के कई राजपत्र और अन्य सामग्री भी जब्त की है। लेकिन वे अभी तक मौतों के पीछे के सही कारण का पता नहीं लगा पाए हैं, इसलिए उन्होंने एंटोव की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए डमी सिमुलेशन अभ्यास करने की योजना बनाई है।
गिरने के पैटर्न का अध्ययन करने के लिए अपराध शाखा विशेष रूप से समान परिस्थितियों में छत से गिरने का डमी सिमुलेशन अभ्यास करने की योजना बना रही है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि इसके लिए एम्स के शरीर रचना विज्ञान विभाग के विशेषज्ञों और फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से मृतक के वजन और कद के बराबर वजन की एक डमी बनाई जाएगी।
इस सिलसिले में पुलिस ने सीबीआई की सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के पूर्व निदेशक राजेंद्र दांगी और एम्स दिल्ली के डॉ. डोगरा को शामिल किया है। वे डमी फॉल सिमुलेशन अभ्यास के प्रमुख विशेषज्ञ हैं। अब सबकी निगाहें इन दोनों विशेषज्ञों की राय पर टिकी हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 जनवरी | भारत और दुनिया भर में हॉकी प्रशंसक 13 जनवरी से शुरू होने वाले एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप 2023 का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। दुनिया भर की सोलह एलीट हॉकी टीमें ओडिशा के दो स्थानों पर 44 मैचों में भाग लेंगी। भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में अर्जेंटीना और दक्षिण अफ्रीका के आमने-सामने होने के साथ टूर्नामेंट की शुरुआत होगी।
मेजबान भारत को क्वालीफाइंग दौर में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। वह पूल डी में दो मजबूत टीमों इंग्लैंड और स्पेन के साथ है।
आईएएनएस ने शीर्ष चार टीमों का विश्लेषण किया है।
बेल्जियम
डिफेंडिंग चैंपियंस के रूप में, बेल्जियम शुक्रवार को विश्व कप के लिए ओडिशा पहुंचा और विश्व हॉकी के कुछ सबसे बड़े सितारों का स्वागत करने के लिए प्रशंसकों की एक भारी भीड़ बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची। बेल्जियम को जर्मनी, जापान और कोरिया के साथ पूल बी में रखा गया है और वह 14 जनवरी को भुवनेश्वर में कोरिया के खिलाफ अपने अभियान की शुरूआत करेगा।
कप्तान फेलिक्स डेनेयर के नेतृत्व में, रेड लायंस एफआईएच 2018 पुरुष हॉकी विश्व कप के अपने प्रदर्शन को दोहराने और ट्रॉफी को बरकरार रखने की उम्मीद कर रहे हैं। यदि वे ऐसा करने में सक्षम होते हैं, तो वे पुरुषों के हॉकी विश्व कप के लगातार दो संस्करण जीतने वाले पाकिस्तान (1978, 1982), जर्मनी (2002, 2006) और ऑस्ट्रेलिया (2010, 2014) के बाद केवल चौथे देश बन जाएंगे।
जर्मनी
जर्मनी इस बार अधिक अनुभवी टीम के साथ प्रतियोगिता में उतरेगा। पिछली शताब्दी में भी महत्वपूर्ण उपलब्धियों के साथ जर्मनों का समृद्ध हॉकी इतिहास रहा है। वे तीसरी विश्व कप ट्रॉफी जोड़ने के लिए होड़ करेंगे - इससे पहले 2002 और 2006 में इसे जीत चुके हैं।
वे अपने अभियान की शुरूआत 14 जनवरी को जापान के खिलाफ करेंगे जिसके बाद उनका दूसरा मैच 17 जनवरी को बेल्जियम से होगा। दोनों मैच भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में खेले जाएंगे। कोरिया के खिलाफ ग्रुप चरण का अंतिम मैच 20 जनवरी को राउरकेला में खेला जाएगा।
नीदरलैंड
तीन बार के पुरुष हॉकी विश्व कप चैंपियन, थिएरी ब्रिंकमैन के नेतृत्व में नीदरलैंड, 10 जनवरी को राउरकेला की यात्रा करने से पहले भुवनेश्वर में अपनी अंतिम तैयारी पूरी करेगा, जहां वे 14 जनवरी को टूनार्मेंट के अपने पहले मैच में मलेशिया का सामना करेंगे।
1973, 1990 और 1998 में विश्व कप जीतने के साथ-साथ पिछले दो संस्करणों में फाइनल में पहुंचने वाली डच टीम इस खेल में सबसे अच्छी है। पूल सी में नीदरलैंड्स को चिली, मलेशिया और न्यूजीलैंड के साथ रखा गया है।
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया, जिन्हें कूकाबुरास के नाम से भी जाना जाता है, अर्जेंटीना, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका के साथ पूल ए में हैं, और 16 जनवरी को कलिंग स्टेडियम में अर्जेंटीना से खेलने से पहले, 13 जनवरी को भुवनेश्वर में फ्रांस के खिलाफ अपने टूनार्मेंट की शुरूआत करेंगे। यह कहना उचित होगा कि मौजूदा एफआईएच शीर्ष रैंक धारक ऑस्ट्रेलिया टूनार्मेंट में सबसे बड़ी दावेदार है।
तीन बार के चैंपियन विश्व कप के 48 वर्षों में सर्वश्रेष्ठ जीत और गोल करने का रिकॉर्ड रखते हैं। उनके द्वारा खेले गए 92 मैचों में से, उन्होंने 75 की जीत प्रतिशत के साथ 69 जीते। उनका गोल करने का प्रति गेम औसत 3.31 है।
2010 (नई दिल्ली) और 2014 (द हेग, नीदरलैंड) में एक के बाद एक विश्व कप खिताब जीतने वाले ऑस्ट्रेलिया ने अपना पहला खिताब 1986 (इंग्लैंड) में जीता था जब उसने इंग्लैंड को हराया था। (आईएएनएस)
सुमित सक्सेना
नई दिल्ली, 8 जनवरी | एक एनजीओ ने दावा किया है कि पिछले दो दशकों में भारत में बलात्कार से संबंधित अपराध दर में 70.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसने यौन हिंसा के पीड़ितों के मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र का आह्वान किया है। संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के साथ-साथ सीआरपीसी की धारा 357 ए के तहत पीड़ित मुआवजा स्कीम और एनएएलएसए की महिला पीड़ितों/यौन उत्पीड़न/अन्य अपराधों से बचे लोगों के लिए मुआवजा स्कीम 2018 गारंटीकृत है।
याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत के 2018 के फैसले में कहा गया है कि सभी राज्यों को मुआवजे की राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) की योजना का पालन करना होगा। यह दावा करते हुए कि कई राज्यों ने 2018 की एनएएलएसए स्कीम के अनुसार अपनी पीड़ित मुआवजा योजनाओं में संशोधन नहीं किया है, यह कहा कि विभिन्न राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों के अप्रभावी कामकाज, यौन हमले के पीड़ितों की परिभाषा में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत अपराधों को शामिल नहीं करना, केवल पीड़ितों और उनके आश्रितों (अभिभावकों को छोड़ कर) को आवेदन दाखिल करने में सक्षम बनाना, एक साथ पीड़ितों के पुन: उत्पीड़न का परिणाम है।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और जेबी परीदवाला ने याचिका पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली के राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों को नोटिस जारी किया।
एनजीओ सोशल एक्शन फोरम फॉर मानव अधिकार की अधिवक्ता ज्योतिका कालरा ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिपोर्ट ब्यूरो की वार्षिक रिपोर्ट के अध्ययन के अनुसार दो दशकों में भारत में बलात्कार से संबंधित अपराध दर 70.7 प्रतिशत बढ़ी है। 2001 में यह प्रति 1 लाख महिलाओं और लड़कियों पर 11.6 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 19.8 प्रतिशत हो गया।
याचिका में तर्क दिया गया है कि 2018 की नालसा योजना और 357ए सीआरपीसी के बारे में जागरूकता और पुलिस प्रशिक्षण के अभाव में पुलिस प्राथमिकी में अपराध की महत्वपूर्ण धाराओं को नहीं जोड़ती है, जिससे पीड़ित मुआवजे के लिए अपात्र हो जाते हैं।
याचिका में कहा गया है याचिकाकर्ता ने वीसीएस के बारे में जागरूकता की कमी पाई है। विभिन्न एसएलएसए में विभिन्न वीसीएस और जटिल प्रक्रियाएं पीड़ितों की पीड़ा को बढ़ा रही हैं। उदाहरण के लिए बिहार और दिल्ली में फॉर्म क भरने की आवश्यकता है, जो गरीब और अशिक्षितों के लिए न्याय तक पहुंचने में बाधा है। मध्य प्रदेश और यूपी में पीड़ित की ओर से एक आवेदन पर्याप्त है।
याचिका में कहा गया है कि मुआवजे के लिए आवेदन केवल पीड़िता या उसके आश्रितों द्वारा सीआरपीसी की धारा 357 ए (4) के तहत और 2018 की नालसा योजना के नियम 5 के तहत पीड़िता या उसके आश्रितों या संबंधित क्षेत्र के एसएचओ द्वारा दायर किया जा सकता है।
याचिका में कहा गया है, वास्तव में अधिकांश पीड़ित नाबालिग हैं और स्वयं आश्रित हैं, इसलिए प्रावधान ही मुआवजे के वितरण में एक रुकावट बन जाता है, क्योंकि नाबालिग पीड़िता के अभिभावक उसकी ओर से आवेदन दायर नहीं कर सकते हैं।
इसने कहा, मुआवजा वीएसवी तक नहीं पहुंचने के कारणों में से एक मानक निगरानी प्रणाली की कमी है, जिसमें सेवा प्रदाताओं से डेटा/रिकॉर्डस को मिलाने की विधि शामिल है (जैसे शिकायतें, अंतरिम राहत दिए गए मामलों की संख्या, पुलिस रिकॉर्ड, स्वास्थ्य रिकॉर्ड और अन्य) ) पीड़ितों/उत्तरजीवियों की सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है।
एनजीओ ने कहा कि अलग-अलग राज्य अलग-अलग तरीकों से अपनी राज्य विशिष्ट योजना को लागू कर रहे हैं, जबकि कुछ मुआवजा प्रदान करने से पहले मुकदमे के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। इसने आगे कहा कि पीड़िता के लिए हर दिन महत्वपूर्ण है, उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों के लिए, इलाज के लिए और पुलिस के साथ मामले को आगे बढ़ाने के लिए भी पैसे की जरूरत है।
याचिकाकर्ता ने नालसा योजना, 2018 के नियम 9 के अनुसार, 60 दिनों से पहले जांच पूरी करने के लिए एक दिशा निर्देश की मांग की। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 जनवरी । करीब 100 से अधिक सेवानिवृत्त सिविल सेवकों और राजनयिकों ने शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष से भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के ख़िलाफ़ हेट स्पीच मामले की शिकायत को सदन की आचार समिति को रेफ़र करने का आग्रह किया है.
इस शिकायत में कहा गया था कि प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने के आरोप में हुई एफ़आईआर ही उन पर एक्शन लेने के लिए पर्याप्त होनी चाहिए.
अंग्रेज़ी अख़बार द टेलीग्राफ़ के अनुसार, पूर्व अधिकारियों और नौकरशाहों के इस समूह ने कहा है कि लोकसभा के नियमों के अनुसार बीजेपी सांसद के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
इस समूह ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी में कहा है, "अपने भड़काऊ भाषण और बार-बार नफ़रत फैलाने वाले कृत्यों से प्रज्ञा ठाकुर ने संसद के सदस्य होने का नैतिक अधिकार खो दिया है."
इस चिट्ठी में कई सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइज़ेशनों की ओर से लोकसभा अध्यक्ष को लिखी एक अर्ज़ी का भी उल्लेख है, जिसमें प्रज्ञा ठाकुर को शिवमोगा में दिए उनके सांप्रदायिक बयानों के लिए सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है. इन संगठनों में कैंपेन अगेन्स्ट हेट स्पीच, बहुत्व कर्नाटक, ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस एंड द पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ (कर्नाटक) शामिल हैं.
चिट्ठी में प्रज्ञा ठाकुर के 25 दिसंबर को दिए बयान का ज़िक्र है. बीजेपी सांसद ने कर्नाटक के शिवमोगा में हिंदू जागरण वेदिक की सभा में कहा था कि हिंदुओं को महिलाओं की सुरक्षा के लिए अपने घरों में सब्ज़ी काटने वाले चाकू तैयार रखने चाहिए. इस बयान के बाद 28 दिसंबर को कर्नाटक में प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वालों में पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, आनंद अर्नी (पूर्व स्पेशल सेक्रटरी, कैबिनेट सेक्रेटेरियेट) मोहिंदरपाल औलख (पंजाब जेल के पूर्व महानिदेशक), शरद बेहर (मध्य प्रदेश के पूर्व चीफ़ सेक्रेटरी), मधु भंडारी (पोलेंड की पूर्व राजदूत) और नितिन देसाई (पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार) जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं. (bbc.com/hindi)
इंदौर, 8 जनवरी | मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश, देश का दिल है। प्रवासी भारतीय दिल के टुकड़े हैं। प्रवासी भारतीय अपने गांव के लिए योगदान दें। मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को इंदौर में प्रवासी भारतीयों और फ्रेंण्डस ऑफ एम.पी. चैप्टर लीडर्स एवं डेलीगेट्स को रात्रि भोज पर संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रवासी भारतीयों से कहा कि आप प्रवासी भारतीय सम्मेलन के साथ ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में भी भाग लें। निवेश के लिए प्रयास करें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रवासी भारतीय मध्यप्रदेश के ब्रांड एम्बेसेडर हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश ने शहरों और गांवों के गौरव दिवस मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि जिस दिन उनके शहर, गांव का गौरव दिवस हो, उस दिन वह अपने शहर, गांव जाकर आएं। शहर, गांव के लिए अपना योगदान दें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रवासी भारतीयों का पूरी दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान है।
उन्होंने कहा कि हम प्रवासी भारतीयों के मध्यप्रदेश में, इंदौर में आने को यादगार बनाना चाहते हैं। इसके लिए हम ग्लोबल गार्डन बना रहे हैं। ग्लोबल गार्डन में एक पेड़ आपके नाम का चाहता हूं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 11 देशों में फ्रेंड्स ऑफ एम.पी. हैं। हम प्रवासी भारतीयों से और अधिक मजबूत रिश्ते चाहते हैं। हम प्रवासी भारतीयों के परिवार के लिए अलग से पोर्टल बना कर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, यूके, यूएई आदि देशों से आये अतिथियों से मुलाकात भी की। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 8 जनवरी | तेलंगाना के नालगोंडा जिले में रविवार तड़के एक सड़क दुर्घटना में 3 लोगों की मौत हो गई और 6 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। यह हादसा कट्टांगुर मंडल के यारसानीगुड़ा गांव के पास डिवाइडर से टकराकर वाहन पलटने से हुआ। इसमें सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि छह अन्य घायल हो गए।
घायलों को नारकेटपल्ली स्थित कामिनेनी अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए नकरेकल के सरकारी अस्पताल में भेज दिया।
पीड़ित खम्मम शहर के किला बाजार इलाके के रहने वाले थे। वे हैदराबाद में एक शादी में शामिल होकर खम्मम लौट रहे थे।
पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि चालक को झपकी आने के कारण दुर्घटना हुई। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 जनवरी | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कों पर पैदल चलने वाले राहगीर सुरक्षित नहीं है। दिल्ली पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2022 के अक्टूबर माह तक 489 राहगीरों की सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है। बीते कई वर्षों के आंकड़े यदि देखे जाएं तो संख्या डराने वाली है। वर्ष 2021 में 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक कुल 504 राहगीरों की मौत हुई। यातायात से जुड़े पुलिस अधिकारी का कहना है कि सड़कों पर राहगीरों के लिए सुविधाओं की कमी और राहगीरों की खुद की लापरवाही हादसों की सबसे बड़ी वजह है। दिल्ली की अधिकतम सड़कों पर राहगीरों के चलने के लिए फुटपाथ की कमी है। सड़क पार करने के लिए फुटओवर ब्रिज और अंडरपास नहीं है। ऐसे में राहगीर सड़क हादसों का अधिक शिकार हो रहे हैं। मंदिर मार्ग स्थित हॉकोर्ट बटलर सीनियर सेकेंडरी स्कूल और उसके ठीक सामने नवयुग स्कूल के पास कहीं भी जेबरा क्रॉसिंग नहीं बनी हुई है। क्रॉसिंग ना होने के चलते बच्चे अपनी जान खतरे में डालकर सड़क पार कर अपने-अपने वाहनों के लिए जाते हैं।
दिल्ली के सबसे व्यस्त चौराहे आईटीओ पर पैदल यात्री कान पर फोन लगाकर सड़क पार करते हुए दिखाई देते हैं। वहीं वाहनों के लिए लाइट होने के बाद भी वाहनों के बीच से सड़क पार करने का प्रयास करते हैं। जिससे कई बार दुर्घटना हो जाती है। इसके अलावा सड़क पर बनाए गए डिवाइडर तोड़कर सड़क पार करते लोग पूरी दिल्ली में आम है। इस तरह गैर जिम्मेदाराना तरीके से सड़क पार करते हुए कई बार गंभीर हादसे हो चुके हैं। जिनमें कई बार चालकों और पैदल राहगीरों की मौत भी हो गई है।
हादसों के पीछे ये हैं प्रमुख तीन कारण..
1- मानव..
चालक की गलती : तेज रफ्तार, लापरवाही से वाहन चलाना, नशे में वाहन चलाना, नियमों का उल्लंघन करना।
पीड़ित की गलती : जेब्रा क्रॉसिंग से सड़क पार नहीं करना, वाहनों से उतरते और चढ़ते समय ध्यान नहीं देना, सड़क पर चलते समय मोबाइल और मोबाइल पर गाने सुनना और बात करना आदि।
2-ढांचागत..
सड़क की संरचना : सेंट्रल वर्ज का नहीं होना, गड्ढे, तीखे मोड़, राहगीरों के चलने के लिए फुटपाथ नहीं होना आदि
यातायात से संबंधित सुविधाएं: लाइट नहीं होना, अतिक्रमण, लेन में वाहनों का नहीं चलना, फुटपाथ नहीं होना, फुटओवर ब्रिज या अंडरपास नहीं होना आदि।
3-वाहन..
वाहनों के टायरों की स्थिति, फिटनेस, ओवरलोड, रिफ्लेक्टर का नहीं होना, सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करना, रियर व्यू मिरर नहीं होना, रियर पाकिर्ंग कैमरा नहीं होना आदि।
राहगीर इन बातों का रखें ध्यान:
-सड़क पार करने के लिए जेब्रा क्रासिंग का ही प्रयोग करें।
-सुनिश्चित करें कि आप किसी खड़ी वाहन के आगे या पीछे से सड़क पार न करें।
-जहां से सड़क पार करने का फैसला किया है वहां सड़क के किनारे रुकें।
-सड़क के दोनों ओर कई बार देखें और सुनें। यह देखें कि कोई ट्रैफिक तो नहीं आ रहा है।
-इंतजार करें, सभी ट्रैफिक गुजर जाने का। सड़क एकदम सीधे पार करें। देखते और सुनते रहें।
-सड़क पार करते समय जब तक आप दूसरी ओर न पहुंच जाएं, सभी तरफ देखते रहें।
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जिला वार आंकड़े..
जिला---------हादसे-----मौत
-उत्तर पूर्वी------22-----22
-शाहदरा -------17-----20
-पूर्वी ---------29-----29
-रोहिणी---------21----21
-बाहरी उत्तरी-----58-----59
-उत्तर पश्चिम-----42-----42
-मध्य----------25-----25
-उत्तरी---------40-----42
-दक्षिण पूर्वी------25-----25
-दक्षिण---------33-----33
-द्वारका---------25-----25
-बाहरी---------45-----45
-पश्चिमी---------51-----51
-नई दिल्ली------15------15
-दक्षिण पश्चिम-----34------35
-----------------------
कुल----------482------489
नोट : आंकड़े एक जनवरी से 31 अक्टूबर तक के हैं।
गत वर्ष की यह है स्थित:
वर्ष 2021 में दिल्ली की सड़कों पर 4273 सड़क हादसे हुए। इसमें 1239 लोगों की मौत हुई।
-40.7 प्रतिशत मौतें राहगीरों की हुई।
-38.1 प्रतिशत मौतें दोपहिया सवारों की हुई।
-3.4 प्रतिशत मौतें कार सवारों की हुई।
-3.6 प्रतिशत साइकिल सवारों की हुई मौत। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 जनवरी | दिल्ली-एनसीआर में कड़ाके की ठंड का दौर जारी है। इसके साथ ही वातावरण में घने कोहरे की चादर छाई होने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक सफदरजंग में रविवार को न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं दिल्ली में घने कोहरे के कारण सफदरजंग में विजिबिलिटी 200 मीटर और पालम में 50 मीटर दर्ज की गई। कड़ाके की ठंड ने दिल्ली-एनसीआर को परेशान कर रखा है। रविवार सुबह सफदरजंग बेस स्टेशन पर मिनिमम टेंपरेचर 1.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। यह सामान्य से 5 डिग्री कम है। सफदरजंग में यह पिछले दो साल का सबसे कम तापमान है। शनिवार को यहां न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं आया नगर में न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस, लोधी रोड में 2.8 डिग्री सेल्सियस और पालम में 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार, शीतलहर से सोमवार के बाद कुछ राहत मिल सकती है। वहीं दिल्ली एयरपोर्ट पर घने कोहरे के कारण लगभग 20 फ्लाइट्स देरी से चल रही है। हालांकि जानकारी के अनुसार सुबह 6 बजे से अबतक किसी फ्लाइट को डाइवर्ट करने की जरूरत नहीं पड़ी है। वहीं रेल सेवाओं पर भी इस कड़ाके की ठंड का काफी असर पड़ा है। कोहरे के कारण विजिबिलिटी काफी कम हो गई है। जिसके चलते कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं।
वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार रविवार को दिल्ली और हरियाणा के कई हिस्सों में गंभीर शीतलहर चल रही है। उत्तरी राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी मध्य प्रदेश व बिहार के कुछ हिस्से भी शीतलहर की चपेट में हैं। (आईएएनएस)
बिस्वा भूषण महापात्र
भुवनेश्वर, 8 जनवरी | ओडिशा लगातार दूसरी बार 13 जनवरी से प्रतिष्ठित एफआईएच हॉकी पुरुष विश्व कप की मेजबानी करने के लिए तैयार है। चार साल में दो बार मेजबान होने के नाते, ओडिशा ने राज्य में दो अत्याधुनिक हॉकी स्टेडियम बनाए हैं और हॉकी को जमीनी स्तर से बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा भी विकसित किया है।
पुरुषों का हॉकी विश्व कप 13 से 29 जनवरी तक भुवनेश्वर के प्रतिष्ठित कलिंग स्टेडियम और राउरकेला में नवनिर्मित बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम में खेला जाएगा। इन दो अंतरराष्ट्रीय मानक हॉकी स्टेडियमों के अलावा, राज्य सरकार ने सुंदरगढ़ जिले के 17 ब्लॉक में 17 एस्ट्रो-टर्फ बनाए हैं। सुंदरगढ़ जिले को हॉकी का पालना कहा जाता है।
आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले ने अब तक पुरुष और महिला दोनों टीमों के लिए 60 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार किए हैं। प्रसिद्ध नामों में 1975 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य माइकल किंडो, हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की और प्रबोध तिर्की सहित कई अन्य शामिल हैं।
बीरेंद्र लाकड़ा और अमित रोहिदास 2020 टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली पुरुष टीम में शामिल थे। रोहिदास और नीलम संजीप एक्सेस को आगामी विश्व कप के लिए भारतीय टीम में नामित किया गया है।
इसी तरह, राज्य सरकार जाजपुर शहर, गंजम में छत्रपुर, संबलपुर में जुजुमारा और बामरा, कटक में सीडीए क्षेत्र, भुवनेश्वर में पतरापाड़ा क्षेत्र, राउरकेला में पंपोश स्पोर्ट्स हॉस्टल और भुवनेश्वर में कलिंगा स्टेडियम में भी इसी तरह की सुविधाएं विकसित कर रही है।
पूर्व भारतीय डिफेंडर लेजरस बारला ने कहा, राज्य सरकार ओडिशा में हॉकी को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ कर रही है। ओडिशा सरकार द्वारा की गई पहल का उद्देश्य ओडिशा में हॉकी खेलने की संस्कृति को नया जीवन देना है। बेहतर बुनियादी ढांचे और कोचिंग सुविधाओं के साथ, राज्य जूनियर और सब-जूनियर स्तरों पर नई प्रतिभाओं की पहचान करेगा।
उन्होंने कहा, स्कूल स्तर से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक, राज्य सरकार हॉकी को बढ़ावा देने के लिए सभी सहायता प्रदान कर रही है। राज्य 2018 से भारतीय हॉकी टीमों को प्रायोजित कर रहा है।
बरला ने कहा कि राज्य सरकार ने न केवल हॉकी के बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है, बल्कि उभरते हॉकी खिलाड़ियों को पेशेवर प्रशिक्षण देने के लिए कोच भी नियुक्त किए हैं।
उन्होंने कहा, युवा प्रतिभाओं को ठीक से पोषित किया जा सकता है ताकि वे भविष्य में देश के लिए खेल सकें। निकट भविष्य में एक दिन आएगा, जब भारतीय टीम में सबसे अधिक हॉकी खिलाड़ी ओडिशा से होंगे।
एक स्थानीय हॉकी विशेषज्ञ के अनुसार, सरकार ने हॉकी को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ किया है। फिर भी, प्रतिभा की खोज के लिए स्कूल और निचले स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 जनवरी | शुक्रवार को एमसीडी सदन में मेयर चुनाव के दौरान हुए बवाल के बाद दिल्ली एमसीडी के मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव कब होगा, इसका फैसला अब दिल्ली के उपराज्यपाल करेंगे। लेकिन उपराज्यपाल ने अभी तक कोई तारीख तय नहीं की है। एलजी के फैसले के बाद ही मेयर का चुनाव होगा और एमसीडी को नया मेयर मिल पाएगा। एमसीडी की पीठासीन अधिकारी अभी सत्या शर्मा बनी रहेंगी। अश्विनी कुमार भी तब तक विशेष अधिकारी के पद पर काम करते रहेंगे।
आपको बता दें कि दिल्ली नगर निगम के मेयर पद को लेकर बीजेपी और आप के बीच जंग जारी है। एमसीडी मेयर का चुनाव 6 जनवरी को होना था। अगर 6 जनवरी को मेयर का चुनाव सकुशल संपन्न हो जाता तो दिल्ली वासियों को नया मेयर मिल जाता। लेकिन अभी दिल्लीवासी नए मेयर की आस में हैं।
गौरतलब है कि शुक्रवार 6 जनवरी को जब एमसीडी सदन शुरू हुआ और उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत पार्षदों की शपथ प्रक्रिया शुरू हुई तो आम आदमी पार्टी और बीजेपी के पार्षदों के बीच नारेबाजी और हंगामा शुरू हो गया। एमसीडी सदन में हंगामा इतना बढ़ गया कि यह अखाड़े में तब्दील हो गया और हाथापाई शुरू हो गई। सदन में कुर्सियां फेंकी गई। इस वजह से सदन को अगली तारीख तक स्थगित कर दिया गया।
अब एमसीडी मेयर के चुनाव की अगली तारीख तय करने को लेकर गेंद उपराज्यपाल के पाले में है। दिल्ली के उपराज्यपाल ही तय करेंगे कि मेयर का चुनाव कब होगा। (आईएएनएस)
संदीप पौराणिक
भोपाल, 8 जनवरी | मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी तकरार तेज हो चली है। कांग्रेस ने सीडी, व्यापमं और भ्रष्टाचार को लेकर सत्ताधारी भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है तो वहीं भाजपा भी आक्रामक मुद्दे में कांग्रेस से सवाल पूछ रही है।
नया साल शुरू होने के साथ कांग्रेस के तेवरों में तेजी से बदलाव आ रहा है, इसकी शुरूआत नए साल के पहले ही दिन से हो गई जब कांग्रेस ने नया साल नई सरकार की होर्डिग और बैनर राजधानी की सड़कों पर पाट दिए। इनमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ को भावी मुख्यमंत्री बताया गया। उसके बाद से तो कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। कांग्रेस के निशाने पर भाजपा नेता व संघ के कार्यकर्ता तक हैं।
कांग्रेस ने सत्ताधारी दल को घेरने के लिए नेताओं की अश्लील सीडी, व्यापमं घोटाला और राज्य सरकार के एक दर्जन से ज्यादा मंत्रियों के भ्रष्टाचार की पोल खोल को मुद्दा बनाया है।
भारतीय जनता पार्टी और शिवराज सरकार को घेरने की शुरूआत नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह के सीडी वाले बयान से हुई है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि उनके पास ऐसी अश्लील सीडी है जिसमें भाजपा के कई नेताओं की कलई खुल जाएगी, उसके बाद गोविंद सिंह ने व्यापमं मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर की मूल प्रति भी मांग की है।
वहीं कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने खुले तौर पर आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार के 15 मंत्रियों के भ्रष्टाचार का ब्यौरा कांग्रेस के पास है।
ज्ञात हो कि राज्य की सियासत में हनीट्रैप ने जमकर हलचल मचाई थी और इसकी आंच कई नेताओं तक पर आई थी, अब एक बार फिर सीडी का जिन्न बाहर आ रहा है।
कमल नाथ ने भी इस बात का दावा किया है कि जब वह मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने यह सीडी देखी थी और जांच के लिए पुलिस अधिकारियों को दी थी। इसके अलावा दिग्विजय सिंह ने व्यापमं को लेकर जो शिकायत की है उसमें आरोप लगाया गया है कि व्यापमं घोटाले में भाजपा नेता, मंत्रियों, कार्यकर्ता भी शामिल हैं। दिग्विजय सिंह की शिकायत पर आठ साल बाद मामला दर्ज हुआ है।
भाजपा की ओर से कांग्रेस के आरोपों को हवा हवाई बताया जा रहा है। साथ ही संवैधानिक पदों पर काबिज नेताओं पर साक्ष्यों से खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाया गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा कांग्रेस नेताओं को खुली तौर पर चुनौती दे चुके हैं कि अगर उनके पास यह सीडी है तो वे उसे सामने लाएं।
उनका कहना है कि गोविंद सिंह और कमल नाथ दोनों ही संवैधानिक पदों पर हैं और वह ऐसे मामलों के साक्ष्यों से खिलवाड़ कर रहे हैं जो न्यायालय में प्रक्रियाधीन हैं। सवाल उठता है कि जो मामला न्यायालय में है उसके साक्ष्यों को इन दोनों नेताओं ने अपने पास कैसे रखा है? इस बात को ध्यान में रखकर जांच एजेंसियों को दोनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव करीब आते ही एक दूसरे को घेरने की मुहिम तेज हो गई है और जिस तरह से भाजपा और सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं उसमें तो शक यहां तक भी होता है कि कांग्रेस नेताओं को भाजपा से जुड़े हुए कुछ लोग ही उकसाने के काम में लग गए हैं।
यही कारण है कि व्यापमं की आठ साल पुरानी शिकायत पर मामला दर्ज हुआ और अब सीडी को हवा दी जा रही है। (आईएएनएस)
जम्मू, 8 जनवरी। सेना ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शनिवार को दो आतंकवादियों को मार गिराया, जिससे घुसपैठ की कोशिश नाकाम हो गई। रक्षा सूत्रों ने बताया कि सात जनवरी की शाम करीब पौने सात बजे, पुंछ जिले के बालाकोट सेक्टर में सीमा पर तैनात सेना के सतर्क जवानों ने कोई संदिग्ध गतिविधि देखी।
रक्षा सूत्रों ने कहा, इसके बाद दो आतंकवादी मारे गए। इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और अभियान जारी है। (आईएएनएस)
कोलकाता, 8 जनवरी | उत्तर बंगाल में दार्जिलिंग की पहाड़ियों की राजनीति एक बार फिर साबित कर रही है कि 'राजनीति अजीबोगरीब दोस्त बनाती है।' यहां दोस्त दुश्मन बन रहे हैं, दुश्मन दोस्त बन रहे हैं और पुरानी दोस्ती का पुनरुत्थान हो रहा है। दिलचस्प बात यह है कि पहाड़ी राजनीति में यह नया चलन एक महीने के भीतर विकसित हुआ। नाटक पिछले साल नवंबर के अंतिम दिनों में सामने आया और दिसंबर के अंत तक चक्र पूरा हो गया।
पिछले साल 24 नवंबर को अजय एडवर्डस द्वारा स्थापित हमरो पार्टी के बोर्ड के छह निर्वाचित प्रतिनिधियों के विपक्षी अनित थापा के नेतृत्व वाले भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा (बीजीपीएम) और तृणमूल कांग्रेस गठबंधन में शामिल होने के बाद दार्जिलिंग नगर पालिका में बदलाव अपरिहार्य हो गया।
नतीजतन पिछले साल फरवरी में 32 में से 18 वाडरें को जीतकर बोर्ड पर नियंत्रण हसिल कर लेने के आठ महीने के भीतर हमरो पार्टी-नियंत्रित बोर्ड अल्पमत में आ गया। एक अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और अजय एडवर्डस ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर प्रस्ताव को रोकने का एक प्रयास किया।
अंतत: पिछले साल 28 दिसंबर को बीजीपीएम-तृणमूल कांग्रेस गठबंधन के बोर्ड का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के बाद उम्मीद के अनुरूप पहाड़ी नगर निकाय में सत्ता परिवर्तन हुआ। हमरो पार्टी के छह पार्षदों में से एक दीपेन ठाकुरी को दार्जिलिंग नगर पालिका का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
उस घटनाक्रम के बाद बिनॉय तमांग ने तृणमूल कांग्रेस के साथ नाता तोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की और यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस ने पहाड़ी लोगों के साथ विश्वासघात किया है। गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के पूर्व मुख्य कार्यकारी तमांग शुरू में जीजेएम में गुरुंग के करीबी विश्वासपात्र थे। हालांकि बाद में दोनों नेता अलग हो गए और तमांग तृणमूल में शामिल हो गए।
27 दिसंबर को उस घटनाक्रम के साथ, जो कि दार्जिलिंग नगर पालिका में गार्ड के परिवर्तन से एक दिन पहले का है, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बिमल गुरुंग, अजय एडवर्डस और बिनॉय तमांग के साझा करने के बाद दार्जिलिंग हिल्स में नए राजनीतिक समीकरणों पर अटकलें तेज हो गईं। दार्जिलिंग शहर में एक सार्वजनिक रैली में तीनों ने दावा किया कि वे पहाड़ियों में लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट हुए हैं।
दार्जिलिंग से भाजपा के लोकसभा सदस्य राजू बिष्ट और बिमल गुरुंग के बीच शुक्रवार की देर रात हुई बैठक में ताजा समीकरणों ने पूरा चक्र बदल दिया। बैठक के बाद गुरुंग और बिस्ता दोनों के कुछ बयानों ने अटकलों को जन्म दिया कि गुरुंग भगवा खेमे के साथ अपने पुराने संबंधों को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे थे और इसी तरह एडवर्डस और तमांग के साथ अपने नवगठित गठबंधन को भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी का समर्थन दे रहे थे।
लंबे समय तक भूमिगत रहने के बाद गुरुंग 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद पहाड़ियों पर लौट आए और भाजपा से अपना नाता तोड़ लिया और तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ एकजुटता व्यक्त की। पिछले साल दिसंबर से वह पहाड़ी राजनीति में काफी निष्क्रिय रहे।
उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर भारत की राजनीति के विशेषज्ञ निर्माल्य बनर्जी के अनुसार पहाड़ियों में वर्तमान सत्ता संघर्ष में गुरुंग-एडवर्डस-तमांग तिकड़ी के साथ-साथ भाजपा के लिए भी नए राजनीतिक समीकरण का उदय अपरिहार्य था।
बनर्जी ने कहा, हम सभी जानते हैं कि भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में जीती गई 18 लोकसभा सीटों को बरकरार रखने के लिए कितनी बेताब है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण दार्जिलिंग है, जिसे 2009 के लोकसभा के बाद से भगवा खेमे ने बरकरार रखा है। भाजपा अच्छी तरह से समझती है कि पहाड़ियों में जमीनी स्तर की राजनीतिक ताकतों के सक्रिय समर्थन के बिना वे दार्जिलिंग को बनाए रखने में सक्षम नहीं होंगे। अब भाजपा के लिए अनित थापा की बीजीपीएम के साथ किसी भी तरह की समझ इस बात पर विचार करने से बाहर है। जीटीए के वर्तमान प्रमुख थापा का तृणमूल कांग्रेस के साथ एक मजबूत संबंध है। अभी तक तृणमूल कांग्रेस और बीजीपीएम के बीच मतभेदों का कोई संकेत नहीं है। यह देखते हुए कि दोनों ने मिलकर दार्जिलिंग नगरपालिका का नियंत्रण ले लिया है। इसलिए भाजपा की अब स्वाभाविक पसंद गुरुंग-एडवर्डस-तमांग तिकड़ी है, क्योंकि सभी का पहाड़ी मतदाताओं के बीच पर्याप्त प्रभाव है।
बनर्जी ने कहा, 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद ममता बनर्जी के साथ गुरुंग की एकजुटता की अभिव्यक्ति, उनके लंबे भूमिगत कार्यकाल से पहाड़ियों में उनकी वापसी का मार्ग प्रशस्त करने के लिए थी। लेकिन उस कदम ने उन्हें कुछ समय के लिए पहाड़ियों में राजनीतिक रूप से महत्वहीन बना दिया। इस स्थिति में वह पहले एडवर्ड और तमांग के साथ गठबंधन करके और फिर इस त्रिकोणीय गठबंधन को राष्ट्रीय समर्थन देने का प्रयास करके अपनी प्रासंगिकता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
एडवर्डस के बारे में बनर्जी ने कहा कि वह अच्छी तरह से समझते हैं कि वह अपने दम पर बीजीपीएम और तृणमूल कांग्रेस के संयुक्त मोर्चे से नहीं लड़ पाएंगे और इसलिए गुरुंग और तमांग के साथ गठबंधन करना उनकी मजबूरी बन गई है।
बनर्जी ने कहा, अंत में तमांग के संबंध में, वह ममता बनर्जी के समर्थन के साथ पहाड़ी राजनीति के नियंत्रक होने की उम्मीद के साथ गुरुंग के साथ अपने संबंध तोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। लेकिन उस स्थान पर अनित थापा का कब्जा था, जो कभी तमांग के आदमी थे-शुक्रवार बाद में गुरुंग के साथ पहले संबंध टूट गए। इसलिए अब तमांग के लिए जीजेएम के साथ हमरो पार्टी के साथ अपनी पुरानी दोस्ती को फिर से हासिल करना स्वाभाविक है। (आईएएनएस)
चेन्नई, 8 जनवरी | तमिलनाडु के सात जिलों में रविवार को मध्यम बारिश की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने इसको लेकर चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने बताया कि, राज्य के चेन्नई, चेंगलपट्टू, तिरुवल्लुर, कांचीपुरम, कुड्डालोर, माइलादुथुराई और नागापट्टिनम जिलों में रविवार को मध्यम बारिश होगी।
आरएमसी ने यह भी कहा है कि, अगले दो दिनों तक चेन्नई और राज्य के अन्य तटीय जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होगी।
तमिलनाडु में अक्टूबर और नवंबर 2022 में भारी बारिश हुई, लेकिन दिसंबर में बारिश में कमी आई। इसके बाद राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
राज्य के सात जिलों में अगले कुछ दिनों में अधिकतम तापमान में भी गिरावट आने की संभावना है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 जनवरी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के निधन पर शोक व्यक्त किया। मोदी ने त्रिपाठी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि, उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा को खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
त्रिपाठी ने बिहार, मेघालय और मिजोरम के राज्यपाल के रूप में छोटे कार्यकाल के लिए अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।
त्रिपाठी का रविवार सुबह प्रयागराज में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। (आईएएनएस)
प्रयागराज, 8 जनवरी | पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी का रविवार सुबह प्रयागराज में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। त्रिपाठी यूपी विधान सभा के तीन बार अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
उन्हें दिसंबर में एक स्थानीय निजी अस्पताल में सांस लेने की समस्याओं के साथ भर्ती कराया गया था।
खाने में हो रही दिक्कत और पेशाब की समस्याओं के अलावा उन्हें सामान्य कमजोरी भी थी और बाद में उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। एक सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल में इलाज के बाद त्रिपाठी को घर लाया गया, जहां रविवार तड़के उनका निधन हो गया।
10 नवंबर, 1934 को इलाहाबाद में पैदा हुए केसरी नाथ त्रिपाठी के पास बिहार, मेघालय और मिजोरम के राज्यपाल का भी अतिरिक्त प्रभार था।
वह छह बार उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे।
वह 1977 से 1979 तक जनता पार्टी के शासन के दौरान उत्तर प्रदेश में वित्त और बिक्री कर के कैबिनेट मंत्री थे।
त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में भी लॉ की प्रैक्टिस की।
वह एक लेखक और कवि भी थे और उन्होंने कई किताबें लिखी हैं। (आईएएनएस)
संकेत पाठक
नई दिल्ली, 8 जनवरी | जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा की जा रही टारगेट किलिंग सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। घाटी में हिन्दू परिवारों, कश्मीरी पंडित और कर्मचारियों को आतंकी लगातार निशाना बना रहे हैं। इसको लेकर अब केंद्रीय गृह मंत्रालय एक्शन में आ गया है।
सूत्रों की मानें तो टारगेट किलिंग करने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार ने प्लान तैयार कर लिया है। इस की शुरूआत पिछले कुछ दिनों में दो आतंकी संगठनों को बैन कर और टारगेट किलिंग में शामिल 3 लोगों को आतंकी घोषित कर की जा चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक जम्मू के राजौरी में नए साल की शुरूआत में हुई दो घटनाओं में 6 नागरिकों की टारगेट किलिंग के बाद गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को टारगेट किलिंग पर नकेल कसने और जम्मू संभाग में ज्यादा से ज्यादा एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए अपनी रणनीति बदली है। उन्होंने अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जाने वाले जम्मू क्षेत्र में टारगेट किलिंग को अंजाम देकर दहशत फैलाने का प्रयास किया है।
गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग पर शिकंजा कसने की कड़ी में पिछले 3-4 दिनों में कई सख्त कदम उठाए हैं। गृह मंत्रालय ने 4 जनवरी को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट जम्मू कश्मीर के मुख्य भर्तीकर्ता एजाज अहमद को आतंकी घोषित किया। इसके अगले दिन गृह मंत्रालय ने दो और सख्त कदम उठाते हुए जम्मू कश्मीर में सक्रिय लश्कर कमांडर मोहम्मद अमीन उर्फ अबू खुबैब को भी आतंकी घोषित किया, तो वहीं द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) नामक संगठन को भी सरकार ने बैन कर दिया।
6 जनवरी को गृह मंत्रालय ने पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) को बैन किया और इसी दिन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के अरबाज अहमद मीर जिसे टारगेट किलिंग का मास्टरमाइंड भी माना जाता है को भी आतंकी घोषित कर दिया गया।
बैन किए गए आतंकी संगठन टीआरएफ और पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट मूल रूप से लश्कर और और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के प्रॉक्सी के तौर पर काम कर रहे थे।
जानकार बताते हैं कि आतंक के पोषण के लिए पाकिस्तान पर पिछले सालों में बढ़ रहे दबाव को देखते हुए आईएसआई और आतंक के आकाओं ने इन नए संगठनों को भारत में गढ़ा। यह घाटी में आतंक के माहौल को जारी रखना चाहते है और बताना चाहते है कि जम्मू-कश्मीर में आतंक का खात्मा अभी नहीं हुआ है।
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जब से जम्मू कश्मीर में 370 हटा है, तभी से इन नए आतंकी संगठनों ने नाराज कश्मीरी युवाओं को आतंकी बनाना शुरू कर दिया। वहीं कोई शक न करे इस लिए इन्हें गैर इस्लामिक नाम दिया गया।
कश्मीर में हिंदुओं के खिलाफ हो रही टारगेट किलिंग में सबसे ज्यादा भूमिका इन दोनों आतंकी संगठनों की ही रही है। इन्ही छद्म नाम वाले संगठनों को पहचानकर कड़ी कार्यवाही की जा रही है ताकि पाकिस्तान को बेनकाब किया जा सके।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठनों द्वारा पिछले काफी समय से जम्मू संभाग में नियंत्रण रेखा के साथ सटे राजौरी और पुंछ जिलों को फिर से दहलाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि अभी तक जम्मू सेफ-जोन माना जाता था। पर्यटक, स्थानीय नागरिक और कश्मीरी पंडित यहां पूरी तरह सुरक्षित माने जाते थे। लेकिन, अब आतंकियों का रुख इस तरफ होने से सुरक्षाबलों की चिंता बढ़ गई है।
एक अधिकारी के मुताबिक घाटी की तुलना में सुरक्षा बल जम्मू में बहुत कम ऑपरेशन चलाते रहे हैं, लेकिन पिछले 15 महीनों में जवानों ने यहां सघन तलाशी अभियान चलाया है। इस दौरान जम्मू में जवान लगातार हथियार, विस्फोटक, ग्रेनेड, आईईडी, आरडीएक्स सहित कई चीजें जब्त कर रहे हैं।
दरअसल घाटी में सुरक्षाबलों से मिल रही चुनौती के बाद बौखलाए आतंकियों ने नई रणनीति के तहत जम्मू में टारगेट किलिंग बढ़ाने की साजिश रची है। सभी एजेंसियां मिलकर इस आतंकी साजिश से निपटने की रणनीति बना रही है।
इसी के तहत केंद्र सरकार ने राजौरी और पुंछ जिलों में सुरक्षा मजबूत करने के लिए सीआरपीएफ की 18 से अधिक अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया है, जिनमें 1800 जवान शामिल हैं। सीआरपीएफ जवानों की टुकड़ियों ने राजौरी और पुंछ पहुंचते ही बंकर और पोस्ट बनाने का काम भी तेजी से शुरू कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग से निपटने और आतंकियों के सफाए के लिए सुरक्षा बलों को पूरी आजादी दी है। हाल में जम्मू में हुई टारगेट किलिंग के बाद लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा था कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकवाद का सफाया करने का संकल्प लिया है।
उन्होंने कहा कि हालांकि मौतों की भरपाई नहीं की जा सकती है, लेकिन मारे गए लोगों के परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि हमने सुरक्षा बलों को आतंकियों के खिलाफ पूरी आजादी दी है। (आईएएनएस)
कुमार विक्रम
नई दिल्ली, 8 जनवरी | इंडिगो एयरलाइन ने अपने बेड़े में 300 विमानों का विस्तार किया है। विमानन क्षेत्र में वृद्धि के अनुसार देश की एयरलाइनों के बेड़े में अगले कुछ वर्षों तक हर साल 100 से अधिक विमान जुड़ने की संभावना है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 2013 में करीब 400 विमान थे और 2021-22 में यह संख्या बढ़कर 700 हो गई। 2027 तक 1,200 विमानों के करीब हो जाएगी।
अधिकारियों ने कहा कि एयरलाइन के बेड़े के आकार का विस्तार एक व्यावसायिक निर्णय है और इसलिए प्रत्येक एयरलाइन वाणिज्यिक व्यवहार्यता, यातायात की मांग और अपनी व्यावसायिक योजना को ध्यान में रखते हुए विमानों को शामिल करने का निर्णय लेती है।
कोविड काल को छोड़कर विमानन यातायात में लगातार वृद्धि देखी गई है। अगले कुछ वर्षों के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा अखिल भारतीय यात्री वृद्धि 2023-24 में 371 मिलियन और 2024-25 में 412 मिलियन होने का अनुमान है।
इसी तरह हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में भी पिछले कुछ वर्षों में इसी तरह की वृद्धि दर्ज की गई है। अधिकारियों ने बताया कि हवाई अड्डों की कुल संख्या 2014 में 74 से लगभग दोगुनी होकर 2022 में 141 से अधिक हो गई है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गोवा में मोपा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया, जिसके लिए नवंबर 2016 में आधारशिला रखी गई थी। इसे लगभग 2,870 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।
इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे, ईटानगर के डोनी पोलो हवाई अड्डे का उद्घाटन नवंबर, 2022 में किया गया था।
विमानन यातायात में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सरकार ने देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है।
इन 21 हवाई अड्डों में गोवा में मोपा, नवी मुंबई, महाराष्ट्र में शिरडी और सिंधुदुर्ग, कर्नाटक में कलाबुरगी, विजयपुरा, हासन और शिवमोग्गा, मध्य प्रदेश में डबरा (ग्वालियर), उत्तर प्रदेश में कुशीनगर और नोएडा (जेवर), गुजरात में धोलेरा और हीरासर,पुडुचेरी में कराईकल, आंध्र प्रदेश में दगदर्थी, भोगपुरम और ओरवाकल (कुरनूल), पश्चिम बंगाल में दुगार्पुर, सिक्किम में पाक्योंग, केरल में कन्नूर और अरुणाचल प्रदेश में डोनी पोलो व ईटानगर शामिल है।
इनमें से दुगार्पुर, शिर्डी, कन्नूर, पाक्योंग, कालाबुरगी, ओरवाकल (कुरनूल), सिंधुदुर्ग, कुशीनगर और डोनी पोलो, ईटानगर और मोपा सहित कई ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे चालू हो गए हैं।
विमान और यात्री यातायात में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए विमानन नियामक ने 2021 में 862 लाइसेंस के मुकाबले 2022 में लगभग 1100 वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस जारी किए हैं। इनमें से अमेठी (यूपी) में आईजीआयूए केंद्र सरकार के अधीन है, आठ राज्य सरकारों के अधीन हैं और 25 निजी क्षेत्र में हैं।
अधिकारियों ने कहा कि सरकार भारत में सार्वजनिक और निजी उद्यमों द्वारा एक क्षेत्रीय परिवहन विमान और संबंधित उपकरणों सहित विमान के निर्माण को बढ़ावा दे रही है और सुविधा प्रदान कर रही है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित हिंदुस्तान-228 (उन्नत) नागरिक विमान क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए उपयुक्त 19 सीटर टर्बो प्रॉप विमान है। एचएएल ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं (एनएएल) के साथ एक 19 सीटर लाइट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एसएआएएस एमके2 के डिजाइन, विकास और प्रमाणन के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और बाद में इसका उत्पादन, विपणन और रखरखाव किया जाएगा। (आईएएनएस)
मनोज पाठक
मुजफ्फरपुर, 8 जनवरी | कहा जाता है कि अगर कठिन परिश्रम और लगन के साथ कोई भी कार्य समर्पित भाव से किया जाए तो उसे पूरा किया जा सकता है। वैसे, आज के दौर में कोई भी पिता अपने पुत्र को इंजीनियर, डाक्टर, आईएएस, आईपीएस बनाना चाहते हैं, लेकिन मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड के एक प्रगतिशील किसान ने बेटे को सफल किसान बनाने का सपना देखा और आज पुत्र अपनी मेहनत की बदौलत उनके सपनों को पूरा कर रहा है।
मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड के मछही गांव के 21 वर्षीय युवा सोनू निगम कुमार ने तो अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए खेती में हाथ आजमाए और चार साल में ही जैविक खेती कर ऐसा नाम कमाया कि उनका चयन राष्ट्रीय उद्यान रत्न पुरस्कार के लिए चयनित हो गया। आगामी 28 मई को महाराष्ट्र के जलगांव में सोनू अपना पुरस्कार ग्रहण करेंगे। इस पुरस्कार को ग्रहण करने के लिए सरकार द्वारा जारी पत्र मेल के माध्यम से सोनू को मिल चुका है।
सोनू ने आईएएनएस को बताया कि कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के कारण राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित सहित कई पुरस्कार पा चुके उनके पिता दिनेश कुमार का निधन अगस्त 2019 में एक दुर्घटना में हो गया था। उनका सपना था कि उनका पुत्र भी पढ़ लिखकर कोई अधिकारी नहीं बल्कि सफल किसान बने और ग्रामीणों को किसानी के लिए जागरूक करे।
पिता के निधन के बाद सोनू उनके सपने को पूरा करने में जुट गया। सोनू ऐसे तो सब्जी के कई प्रकार की खेती करते हैं लेकिन उनकी पहचान सीडलेस (बीज रहित) नींबू और परवल के कारण बनी है।
सोनू कहते हैं कि उन्होंने करीब चार साल पहले भारतीय सब्जी अनुसंधान केंद्र, वाराणसी से परवल का एक पौधा और महाराष्ट्र के जलगांव से नींबू का एक पौधा लाया था और आज वह पांच एकड़ में परवल की खेती करता है जबकि उसके पास नींबू के 60 पेड़ हैं।
आईएएनएस से बातचीत में वे कहते हैं कि यह परवल जहां आम परवल से बड़ा होता है, वहीं अंदर मात्र एक दो बीज होते हैं। यह बिना फ्रिज में रखे भी करीब एक सप्ताह तक पीला नहीं होता। उन्होंने जोर देकर बताया कि वे सिर्फ जैविक खेती करते हैं, किसी भी पौधे में रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करते।
इसी तरह सीडलेस नींबू गुच्छे में फलता है। आम नींबू से इसके आकार बड़े होते है और रसों से भरा होता है। वे कहते हैं कि एक पेड़ से प्रति वर्ष 300 नींबू तोड़े जाते हैं। उन्होंने कहा कि क्राफ्टिंग कर नींबू के पौधे को तैयार किया जाता है।
सोनू बताते हैं कि उन्हें किसानी करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों और परिवार के लोगों ने खूब हौसला बढ़ाया।
सोनू की इच्छा थी कि अल्पशिक्षित रहते हुए जब पिता राष्ट्रपति से सम्मानित हो सकते हैं तो मैं क्यों नही।
राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर सहित कई अन्य कृषि आधारित संस्थानों का मदद सोनू को मिलता रहता है।
राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय उद्यान कॉलेज के प्रधानाध्यापक और कृषि वैज्ञानिक डॉ के के सिंह भी सोनू की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि ऐसे युवाओं के कृषि क्षेत्र में आने के बाद युवा इससे प्रेरित होते हैं।
उन्होंने कहा सोनू आज कई अन्य सब्जियों के लिए भी कार्य कर रहे हैं। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 8 जनवरी | पिछले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर में मुख्य रूप से बादल छाए रहे। मौसम विज्ञान विभाग कार्यालय ने रविवार को कहा कि अगले 24 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश या हिमपात होने की संभावना है। गुलमर्ग स्की रिसॉर्ट और सोनमर्ग हिल स्टेशन पर कल शाम हल्की बर्फबारी हुई।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर में हल्की से मध्यम बारिश या हिमपात होने की संभावना है।"
रात भर बादल छाए रहने से पिछले 24 घंटों में घाटी में न्यूनतम तापमान में सुधार हुआ है।
श्रीनगर में आज न्यूनतम तापमान शून्य से 0.1, पहलगाम में शून्य से 1.4 और गुलमर्ग में शून्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
लद्दाख क्षेत्र में कारगिल में न्यूनतम तापमान माइनस 9.5 और लेह में माइनस 8.6 रहा।
जम्मू में 5, कटरा में 10.2, बटोटे में 6.9, बनिहाल में 3.4 और भद्रवाह में 4 न्यूनतम तापमान रहा। (आईएएनएस)