राष्ट्रीय
मुंबई, 27 सितम्बर | दिग्गज हिंदी फिल्म अभिनेत्री-निर्देशक-निमार्ता आशा पारेख को जल्द ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा इस साल दादासाहेब फाल्के पुरस्कारों में सिनेमा में उनके योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने अभिनेत्री के सम्मान की घोषणा करने के लिए अपने ट्विटर का सहारा लिया।
उन्होंने ट्वीट किया, "यह घोषणा करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि दादासाहेब फाल्के चयन जूरी ने आशा पारेख जी को भारतीय सिनेमा में उनके अनुकरणीय जीवन भर के योगदान के लिए मान्यता और पुरस्कार देने का फैसला किया है। दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा विज्ञान भवन में 68 वें एनएफए में प्रदान किया जाएगा।"
लगभग 5 दशकों के करियर में, आशा पारेख ने 10 साल की उम्र में एक बाल कलाकार के रूप में अपने सफर की शुरूआत फिल्म 'मां' में बेबी आशा पारेख नाम से की थी। सामाजिक पारिवारिक नाटक का निर्देशन बिमल रॉय ने बॉम्बे टॉकीज के लिए किया था। बुरे समय से गुजर रहे स्टूडियो के लिए फिल्म का निर्देशन करने के लिए उन्हें कोलकाता से बॉम्बे आने के लिए कहा गया था।
बिमल रॉय ने एक स्टेज फंक्शन में आशा को डांस करते देखा और उन्हें फिल्म में कास्ट किया और फिर उन्हें 'बाप बेटी' में रिपीट किया। बाद की फिल्म की विफलता ने उन्हें निराश किया, और भले ही उन्होंने कुछ और बाल भूमिकाएं कीं, फिर भी उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा फिर से शुरू करने के लिए छोड़ दिया।
सोलह साल की उम्र में उन्होंने फिर से अभिनय में हाथ आजमाया। उन्होंने एक नायिका के रूप में अपनी शुरूआत करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें विजय भट्ट की 'गूंज उठी शहनाई' से अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि फिल्म निर्माता ने दावा किया कि वह स्टार सामग्री नहीं थी।
बाद में, फिल्म निर्माता सुबोध मुखर्जी और लेखक-निर्देशक नासिर हुसैन (बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान के चाचा) ने उन्हें शम्मी कपूर के साथ 'दिल देके देखो' में नायिका के रूप में लिया, जिसने उन्हें एक बहुत बड़ा स्टार बना दिया। इस फिल्म ने आशा और नासिर के बीच लंबे समय तक संबंध बनाए रखा। दोनों के डेटिंग की भी अफवाह थी, जिसकी पुष्टि खुद अभिनेत्री ने अपने संस्मरण 'द हिट गर्ल' में की थी।
1992 में, उन्हें सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। तीन साल बाद, आशा ने 'आंदोलन' में अभिनय किया और बाद में 1999 की फिल्म 'सर आंखों पर' में अपनी कैमियो उपस्थिति के बाद उन्होंने फिल्मों से संन्यास ले लिया। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 27 सितम्बर | कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए जहां एक तरफ शशि थरूर ने नामांकन पत्र लिया है तो वहीं अब पार्टी कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने भी सोमवार शाम फॉर्म लिए हैं, हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह फॉर्म उन्होंने अपने लिए लिए हैं या अपने किसी समर्थक के लिए है।
केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री सोनिया गांधी संग बैठक की और संगठन चुनाव को लेकर विस्तृत चर्चा की और अभी तक किन-किन लोगों ने फॉर्म लिए हैं, इसकी भी जानकारी उन्होंने दी।
10 जनपथ में बैठक खत्म होने के बाद मधुसूदन मिस्त्री ने बताया, संगठन चुनाव को लेकर सोनिया गांधी को हमने जानकारी दी है और मतदाता पहचान पत्र भी तैयार कराएं हैं वह भी उन्हें सौंपे हैं। वहीं अब तक कांग्रेस नेता शशि थरूर के यहां से उनका अधिकृत व्यक्ति फॉर्म लेकर गए हैं और दूसरा फॉर्म पवन बंसल बतौर समर्थक लेकर गए, हालांकि उन्होंने खुद के लिए यह फॉर्म नहीं लिया है।
पवन बंसल दो फॉर्म लेकर गए हैं, मैं स्पष्ट भी नहीं हूं, किसके लिए लेकर गए हैं।
दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए अब तक शशि थरूर और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम सबसे आगे चल रहा था। हालांकि राजस्थान मैं चले सियासी घमासान के बीच अशोक गहलोत का नाम कहीं न कहीं पिछड़ता जा रहा है, लेकिन पार्टी की तरफ से शशि थरूर के सामने अब कौन अध्यक्ष का चुनाव लड़ेगा इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 27 सितंबर | गौतम बुद्धनगर के जेवर स्थित नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा राज्य की अर्थव्यवस्था को विकास के संदर्भ में बदलने के लिए तैयार है। अब इसे 'यूपी के ताज में नगीना' के रूप में जाना जाता है। यह भविष्य में प्रतिवर्ष 6 करोड़ यात्रियों को संभालने के लिए चार चरण के मास्टर प्लान के साथ ग्रेटर नोएडा के दक्षिण में फ्लुघफेन ज्यूरिख एजी (ज्यूरिख एयरपोर्ट) द्वारा विकसित किया जा रहा है।
परियोजना के अंतिम चरण में 2 रनवे की कल्पना की गई है, जिसे बाद में छह रनवे और 4 टर्मिनल तक विस्तारित किया जाएगा, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा हवाईअड्डा बन जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर, 2021 को इस हवाईअड्डे की नींव रखी थी और कहा जाता है कि यह परियोजना 2024 तक पूरी हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार और जर्मनी के ज्यूरिख हवाईअड्डे ने 7 अक्टूबर, 2020 को 40 साल के रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद नवंबर 2019 में वित्तीय बोलियों को खोले जाने पर अदाणी एंटरप्राइजेज, डायल और एंकोरेज इंफ्रा (फेयरफैक्स) को हराकर प्रति यात्री 400.97 रुपये की उच्चतम बोली लगाई गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिसंबर 2020 में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के हवाईअड्डे के डिजाइन, नाम और लोगो को मंजूरी दी।
ब्रांड के लोगो में यूपी के राज्यपक्षी सारस क्रेन को उड़ता हुआ दिखाया गया है।
परियोजना की साइट दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) हवाईअड्डे से लगभग 70 किमी दूर गौतम बुद्ध नगर में यमुना एक्सप्रेसवे के पूर्व में स्थित है।
आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, हवाईअड्डे को नई मेट्रो लाइन के माध्यम से ग्रेटर नोएडा से जोड़ा जाएगा और 886 किलोमीटर दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) परियोजना पर एक स्टेशन होगा।
इसके अलावा, एनएचएआई द्वारा एयरपोर्ट को निर्माणाधीन 1350 किमी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली 31 किमी सड़क का निर्माण किया जाएगा।
परियोजना के दूसरे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण जनवरी 2021 में शुरू हुआ। प्रारंभिक भू-तकनीकी और भूजल सर्वेक्षण सेंगर्स जियोटेक्निका द्वारा किया गया था। इस समय साइट मिट्टी को समतल किया जा रहा है।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन भी नॉलेज पार्क 2 और जेवर हवाईअड्डे को जोड़ने वाली एक नई मेट्रो लाइन की तैयारी कर रहा है। (आईएएनएस)|
भोपाल, 27 सितंबर | मध्य प्रदेश में एक बार फिर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर दबिश दी है और कई लोगों को हिरासत में लिया है। बीते सप्ताह भी पीएफआई के इंदौर और उज्जैन के ठिकानों पर दी गई दबिश में पीएफआई के चार पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर कई दस्तावेज बरामद किए गए थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भोपाल, इंदौर व उज्जैन के अलावा कई अन्य स्थानों पर एनआईए ने मंगलवार को दबिश दी। इस कार्रवाई में राज्य की एटीएस का भी सहयोग रहा। इस कार्रवाई में बड़ी संख्या मंे संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
इससे पहले एनआईए ने इंदौर में तीन स्थानों और उज्जैन में दबिश दी थी। इंदौर के तीन स्थानों पर दबिश देकर तीन लोगों, वहीं उज्जैन में भी एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। (आईएएनएस)|
कोलकाता, 27 सितंबर | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) वित्तीय गबन घोटाले में चल रही जांच के सिलसिले में मंगलवार को कोलकाता में तीन जगहों पर छापेमारी कर रही है। सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की तीन टीमें फिलहाल छापेमारी और तलाशी अभियान चला रही हैं।
सीबीआई के तीन अधिकारियों की पहली टीम दक्षिण कोलकाता के 255 जोधपुर पार्क रोड स्थित एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के आवास पर पहुंची।
सदस्य चार्टर्ड एकाउंटेंट और उनके परिवार के सदस्यों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं।
पांच अधिकारियों की दूसरी टीम गणेश चंद्र एवेन्यू स्थित उसी चार्टर्ड एकाउंटेंट के कार्यालय में पहुंची।
छह अधिकारियों की तीसरी टीम ईस्टर्न मेट्रोपॉलिटन बाइपास से सटे चार्टर्ड एकाउंटेंट के दूसरे कार्यालय में छापेमारी कर रही है।
हालांकि सीबीआई अपनी जांच पर चुप्पी साधे रही है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने सोमवार को चिटफंड घोटाले में कथित संलिप्तता के सिलसिले में उत्तर 24 परगना जिले के बिरती से चार लोगों को गिरफ्तार किया।
मंगलवार सुबह से छापेमारी उस घोटाले में एजेंसी की जांच जारी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने सोमवार की देर शाम एजेसी बोस रोड स्थित फिनसोर मैनेजमेंट सर्विस लिमिटेड के कार्यालय में छापेमारी की।
कार्यालय से नकदी की वसूली की प्रत्याशा में एक बैंक अधिकारी भी, जो मुद्रा-गिनती मशीन ले गया था, उनके साथ था।
हालांकि कैश बरामद नहीं हुआ। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 27 सितंबर | दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि जामिया नगर में धारा 144 लागू करना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से कोई लेना देना नहीं है। दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा ने आईएएनएस को स्पष्ट किया, यह पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई से संबंधित नहीं है। आदेश 10 दिन पुराना है।
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के मुख्य प्रॉक्टर द्वारा छात्रों को धारा 144 लागू करने के बारे में सूचित करने वाला एक आदेश सोमवार से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
मंगलवार तड़के, जब केंद्रीय एजेंसियों ने दिल्ली पुलिस के साथ राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर छापेमारी शुरू की, तो नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें कई मीडिया हाउस इसे पीएफआई के खिलाफ चल रही कार्रवाई से जोड़ रहे है।
नोटिस में, मुख्य प्रॉक्टर ने कहा कि उन्हें जामिया नगर थाने के एसएचओ द्वारा सूचित किया गया था कि पूरे ओखला-जामिया नगर क्षेत्र में 60 दिनों के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है और बाद में, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी साथ ही छात्रों को परिसर के अंदर और बाहर समूहों, मार्च, धरना, आंदोलन और सभाओं में इकट्ठा नहीं होने की सलाह दी गई।
सहायक पुलिस आयुक्त (दक्षिण-पूर्व) संजय कुमार सिंह ने 19 सितंबर को एक आदेश जारी किया, जिसमें दक्षिण पूर्वी दिल्ली के पूरे अधिकार क्षेत्र में मशाल या मोमबत्ती जलाना या किसी भी रूप में जुलूस, रैलियां निकालने पर रोक लगा दी थी।
एसीपी ने आदेश में बताया कि पुलिस को सूचना मिली है कि कुछ लोग या समूह दक्षिण पूर्वी दिल्ली में तनाव पैदा करने की साजिश रच रहे हैं, जो नागरिकों के जीवन और संपत्ति को गंभीर रूप से खतरे में डाल सकती हैं।
पुलिस ने मंगलवार सुबह से अब तक शहर के कई स्थानों पर छापेमारी के दौरान 30 लोगों को हिरासत में लिया है। दिल्ली के अलावा आठ राज्यों में पीएफआई से जुड़े ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)| 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव और विभिन्न राज्यों में होने वाले आगामी विधान सभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा ने मंगलवार को अपने सभी राज्यों के प्रभारियों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी संगठन को मजबूत बनाने और चुनावों की तैयारियों के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में देश भर में 'सेवा पखवाड़ा' के तहत चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों एवं कार्यक्रमों की भी समीक्षा की जाएगी। बैठक में संगठनात्मक दृष्टिकोण से पार्टी संगठन के कामकाज की समीक्षा के साथ-साथ भविष्य की रणनीति को लेकर भी चर्चा की जाएगी। सभी प्रदेशों के प्रभारी अपने-अपने प्रदेशों के कामकाज को लेकर बैठक में रिपोर्ट रखेंगे। बैठक की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी.एल. संतोष करेंगे।
आपको बता दें कि, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसी महीने नौ सितंबर को विभिन्न राज्यों के प्रभारियों में बड़ा फेरबदल करते हुए कई पूर्व मुख्यमंत्रियों और पार्टी के दिग्गज नेताओं को विभिन्न राज्यों का प्रभारी बनाया था। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव देव, पार्टी राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर एवं महेश शर्मा और ओम माथुर जैसे कई अन्य दिग्गज नेताओं को विभिन्न राज्यों का प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त किया था। उस घोषणा के बाद प्रदेश प्रभारियों की यह पहली बड़ी बैठक मंगलवार को होने जा रही है।
दरअसल, इस वर्ष के आखिर में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं। हिमाचल प्रदेश में लगातार दूसरी बार चुनाव जीत कर भाजपा प्रदेश से जुड़े मिथक को बदलना चाहती है तो वहीं अपने सबसे मजबूत गढ़ गुजरात में इस बार शानदार जीत हासिल करना चाहती है।
अगले वर्ष यानी 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में विधान सभा चुनाव होने हैं। जिन राज्यों में भाजपा अभी सत्ता में है, उन राज्यों की सत्ता बरकरार रखने के साथ-साथ भाजपा राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता से बाहर करना चाहती है वहीं तेलंगाना में भी टीआरएस सरकार को हराने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके मद्देनजर मंगलवार की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
तिरुवनंतपुरम, 27 सितंबर | सुरम्य मुन्नार पर्यटन स्थल के पास अपने खेत में काम करते हुए केरल के एक युवक ने अचानक खुद को जंगली हाथियों के झुंड के बीच में पाया। ऐसे में खुद को बचाने के लिए युवक ने पेड़ का सहारा लिया। विभिन्न आकार के हाथियों को अपनी ओर बढ़ते देख साजी नाम के युवक ने भागने की कोशिश की, लेकिन जल्द ही उसे लगा कि वह आगे नहीं भाग सकता। इसीलिए उसने एकमात्र विकल्प चुना, उसने लंबे यूकेलिप्टस के पेड़ को अपना सहारा बना लिया और पेड़ पर चढ़ गया।
हाथियों ने पेड़ को घेर लिया परंतु साजी उस पेड़ पर बैठा रहा। एक वक्त पर जब साजी की ऊर्जा खत्म होने लगी तब मदद के लिए उसने आवाज लगाई तो आवाज सुनकर स्थानीय लोग एकजुट हो गए।
करीब 90 मिनट के बाद स्थानीय लोग जंगली हाथियों को भगाने में सफल रहे। जैसे ही हाथियों का झुंड चला गया, साजी स्थानीय लोगों का धन्यवाद करते हुए नीचे आ गया।
इसको लेकर साजी ने कहा, मैं अपने खेत पर काम कर रहा था और हाथियों को अपनी ओर आते देखकर चौंक गया। मैं दौड़ा और फिर पेड़ पर चढ़ने का फैसला किया। मैं अपनी सारी ऊर्जा के साथ मदद के लिए चिल्लाया। बाद में सबने आकर मुझे बचा लिया।
इस बीच, चिन्नाकनाल के स्थानीय लोगों ने जंगली हाथियों के खतरे के खिलाफ वन विभाग से निगरानी की मांग की। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 27 सितंबर | सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की है। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए एक बयान में कहा गया है : सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 26 सितंबर, 2022 को हुई अपनी बैठक में बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की है। न्यायमूर्ति दत्ता का पैरेंट हाई कोर्ट कलकत्ता उच्च न्यायालय है।
वर्तमान में, शीर्ष अदालत में 29 न्यायाधीश हैं। 57 वर्षीय न्यायमूर्ति दत्ता को अप्रैल 2020 में बॉम्बे हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
न्यायमूर्ति दत्ता ने 22 जून, 2006 को कलकत्ता हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने से पहले संवैधानिक और नागरिक मामलों में मुख्य रूप से शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय में लॉ की प्रैक्टिस की।
कानपुर, 27 सितंबर (आईएएनएस)| कानपुर नगर निगम (केएमसी) हाउस ने शहर में पिटबुल और रॉटवीलर नस्लों के कुत्ते पालने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि दोनों नस्लों में से किसी को भी किसी व्यक्ति ने पाला तो उस पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा और उनके प्रिय 'पालतू' को जब्त कर लिया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब प्रस्ताव को नगर आयुक्त को भेज दिया गया है, जो इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी करेंगे।
कुत्तों के हमलों की लगातार घटनाओं के बाद केएमसी ने खतरनाक मानी जाने वाली दो नस्लों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।
प्रस्ताव में कहा गया है कि विदेशी खूंखार प्रजातियों के कुत्तों को रखने के लिए लोगों के पास इतना बड़ा आवास या फार्म हाउस नहीं है, जिसके कारण वे तनाव में आ जाते हैं और लोगों पर हमला कर देते हैं।
आगे इसमें कहा गया है कि जनता को हमले से बचाने के लिए खूंखार पिटबुल और रॉटवीलर नस्लों को शहर की सीमा में प्रतिबंधित कर दिया गया है।
अतिरिक्त नगर आयुक्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ने कहा, "शहरी क्षेत्रों में पालतू बनाने और व्यापार के उद्देश्य से इन दोनों प्रजातियों के कुत्तों का प्रजनन प्रतिबंधित है। यदि कोई व्यक्ति अवैध रूप से ऐसे कुत्तों को नगरपालिका सीमा में रखता है, तो उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और कुत्ते को भी जब्त कर लिया जाएगा।"
लखनऊ, गाजियाबाद और मेरठ में पिटबुल के हमलों की घटनाओं के बाद हाल ही में कानपुर के सरसैया घाट पर एक पिटबुल ने एक गाय पर हमला किया था। कानपुर की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
भोपाल, 27 सितंबर | मध्य प्रदेश में प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा देने के लिए किसान-कल्याण एवं कृषि विकास विभाग और नेशनल कोएलीशन फॉर नेचुरल फार्मिग (एनसीएनएफ) के बीच करार हुआ। कृषि विभाग की संचालक प्रीति मैथिल ने बताया है कि प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने और खेती की लागत में कमी लाकर उनकी आय में वृद्धि करने में एमओयू कारगर साबित होगा। एनसीएनएफ के अध्यक्ष मीर शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में देश में अग्रणी राज्य है।
प्रदेश के 40 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने, जैविक उत्पादन, उचित मूल्य प्राप्त करने जीवामृत, बीजामृत, गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट और रोगों एवं कीटों की रोकथाम के लिए जैविक कीटनाशक तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
प्राकृतिक खेती के द्वारा लोगों के स्वास्थ्य के बेहतर बनाने और भूमि की उर्वराशक्ति को बरकरार रखने में मदद मिलेगी। निरंतर रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से क्षीण हो रही भूमि की उर्वरा शक्ति, नष्ट हो रहे कृषि मित्र केंचुए और जन्म ले रहीं मानव जन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रदेश में प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में बेहतर तरीके से कार्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्राकृतिक खेती के रकबे को बढ़ा कर खेती की लागत में कमी लाई जाकर किसानों की आय में उत्तरोत्तर वृद्धि करने के लिये शासन निरंतर कार्य कर रहा है।
किसानों को जागरूक करने में एनसीएनएफ समान विचारधारा वाले 23 पार्टनर संस्थाओं के साथ मिल कर प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को लाभान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्राकृतिक खेती के लिये एनसीएनएफ द्वारा नेचर पॉजीटिव एग्रीकल्चर एवं नेचर बेस्ड सॉल्यूशन में सहयोग किया जाएगा। इसके अलावा शासन के साथ पॉलिसी एवं क्रियान्वयन के स्तर पर भी सशक्त भागीदारी की जाएगी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 27 सितंबर | केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में मंगलवार को बीते 24 घंटों में 3,230 नए कोविड संक्रमण के मामले दर्ज किए गए। वहीं, इसी अवधि में कोरोना से 32 लोगों की मौत हुई है। जिसके चलते मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 5,28,562 हो गई है।
इसके अलावा, पिछले 24 घंटों में महामारी से 4,255 मरीज ठीक भी हुए हैं। जिससे ठीक होने वाले संक्रमित मरीजों की संख्या 4,40,04,553 पर पहुंच गई है। ऐसे में, भारत का रिकवरी रेट 98.72 प्रतिशत है।
इस बीच, भारत का डेली पॉजिटिविटी रेट 1.18 प्रतिशत है, जबकि देश में वीकली पॉजिटिविटी रेट भी वर्तमान में 1.58 प्रतिशत है।
साथ ही इसी अवधि में, देश भर में कुल 2,74,755 कोरोना टेस्ट किए गए, जिससे कुल संख्या बढ़कर 89.41 करोड़ से अधिक हो गई।
सोमवार को, देश में 4,129 कोविड-19 मामले दर्ज किए गए थे। (आईएएनएस)|
नोएडा, 27 सितंबर | नोएडा प्राधिकरण को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। नोएडा प्राधिकरण अब 1 करोड़ रूपए की कीमत की जमीन के 361 करोड़ रुपए चुकाएगा और मुआवजा देने में देरी करने पर प्राधिकरण को रोजाना पांच लाख रुपए और देने होंगे। ऐसे में प्राधिकरण लीगल सेल में बातचीत कर रहा है। हालांकि इस सुप्रीम ऑर्डर से प्राधिकरण का बच पाना मुश्किल है। मामला 24 अप्रैल 1997 का है। बेंग्लूरू के रहने वाले रेड्डी विरेन्ना ने नोएडा के छलेरा बांगर (सेक्टर-18) में खसरा नंबर 422 और 427 में कुल 14,358 वर्गमीटर जमीन एक करोड़ रुपए में खरीदी थी। इसमें प्राधिकरण ने पहले ही काफी जमीन का अधिग्रहण कर लिया था। प्राधिकरण ने सिर्फ 7 हजार 400 वर्गमीटर जमीन रेड्डी के नाम की। पूरी जमीन न मिलने पर रेड्डी ने सिविल कोर्ट में केस दायर कर दिया। कोर्ट ने जमीन पर नजर बनाए रखने का आदेश दिया, लेकिन इसके बावजूद प्राधिकरण ने वाणिज्यिक भूखंड योजना निकालकर 54,320 वर्गमीटर जमीन बेच दी।
इसमें रेड्डी विरेन्ना की भी 7400 वर्गमीटर जमीन शामिल थी। यह पूरी जमीन प्राधिकरण ने डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को 173 करोड़ रूपए में बेची। डीएलएफ ने यहां निर्माण शुरू करा दिया। अपनी जमीन में निर्माण होता देख रेड्डी ने हाईकोर्ट में नोएडा प्राधिकरण और डीएलफ को पार्टी बनाते हुए रिट फाइल की।
कोर्ट ने देखा कि जमीन में निर्माण पूरा हो चुका है। ऐसे में रेड्डी को जमीन नहीं दी जा सकती। इसलिए उसे मुआवजा देने का आदेश दिया। प्राधिकरण ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी 2011 को याचिका खारिज कर दी। इसके बाद प्राधिकरण ने कृषि भूमि प्रतिकर के हिसाब से 181.87 रुपए प्रति वर्ग गज प्लस ब्याज समेत 36 लाख का मुआवजा बनाया और रेड्डी को दे दिया।
28 अक्टूबर 2021 को हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था। 2019 में रेड्डी ने फिर से हाईकोर्ट में कॉमर्शियल दर से मुआवजे के लिए याचिका दायर की। जिस पर 22, 24 और 29 सितंबर और 6 अक्टूबर 2019 को सुनवाई हुई। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। 28 अक्टूबर 2021 को हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया। इसके तहत 55 हजार प्रति वर्गमीटर ब्याज समेत कुल 175 करोड़ का मुआवजा तय किया।
प्राधिकरण ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की और कहा कि एक करोड़ की जमीन का मुआवजा 175 करोड़ रुपए देना अनुचित है। 5 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को आदेश दिया कि रेड्डी को 1.10 लाख प्रति वर्ग मीटर, वैद्यानिक ब्याज, 3 प्रतिशत पैनल ब्याज पर मुआवजा दिया जाए।
कोर्ट ने इसके लिए प्राधिकरण को तीन महीने का समय दिया था। जिस पर प्राधिकरण ने रीव्यू पीटिशन डाली, जिसे 10 अगस्त को खारिज कर दिया गया। सोमवार को मामले से फिर से सुनवाई की गई। कोर्ट ने प्राधिकरण को ब्याज समेत पूरी रकम चुकाने का आदेश दिया है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 27 सितंबर | राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मंगलवार को आठ राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों से जुड़े कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है। सूत्रों ने बताया कि 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और गिरफ्तारी पूछताछ के बाद की जाएगी।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद, जालाना, परभणी जिलों में, कर्नाटक के सिमोगा, बीदर, बल्लारी, हुबली, कलबुर्गी जिलों में, असम के नगरबेरा में, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ के बुलंदशहर का कस्बा स्याना, सरूरपुर और लिसारी गेट क्षेत्र और दिल्ली में कई जगहों पर छापेमारी चल रही है।
छापेमारी मंगलवार की सुबह शुरू हुई, जो जारी है।
एनआईए सूत्रों ने बताया कि कुछ राज्यों में स्थानीय पुलिस उनके निर्देश पर छापेमारी कर रही है।
असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) (विशेष शाखा) हिरेन नाथ ने कहा कि उन्होंने नगरबेरा इलाके से पीएफआई के पांच सदस्यों को हिरासत में लिया है। डीजीपी ने कहा कि असम के कई जिलों में छापेमारी जारी है।
एनआईए ने हाल ही में छापेमारी में 11 लोगों को गिरफ्तार किया था।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चार लोगों को हिरासत में लिया गया है।
सूत्र ने कहा, "हम उनसे पूछताछ कर रहे हैं। अभी तक उनमें से किसी के खिलाफ कोई गिरफ्तारी ज्ञापन दर्ज नहीं किया गया है। वे पीएफआई के सदस्य हैं। हमें पहले गिरफ्तार किए गए पीएफआई सदस्यों से पूछताछ के बाद ताजा जानकारी मिली है और हम छापेमारी कर रहे हैं।"
महाराष्ट्र में आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) और स्थानीय पुलिस औरंगाबाद, जालाना और परभणी जिलों में छापेमारी कर रही है।
कर्नाटक के सिमोगा, बीदर, बल्लारी, हुबली और कलबुर्गी इलाके में छापेमारी जारी है। पांच को सिमोगा से, चार को बल्लारी से, दो को हुबली से और छह को कोलार जिले से हिरासत में लिया गया है। बीदर जिला अध्यक्ष और कलबुर्गी मीडिया समन्वयक पीएफआई को हिरासत में लिया गया है।
दिल्ली में निजामुद्दीन, रोहिणी, जामिया और शाहीनबाग में छापेमारी चल रही है।
गिरफ्तार पीएफआई सदस्यों से पूछताछ के दौरान एनआईए को ताजा सूचना मिलने के बाद छापेमारी की जा रही है।
इससे पहले सप्ताह में पीएफआई के 106 से अधिक सदस्यों को एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। पीएफआई के दो सदस्यों के खिलाफ सोमवार को लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया था।
एनआईए फिलहाल पीएफआई से जुड़े कुल 19 मामलों की जांच कर रही है।
एनआईए ने कहा है कि इससे पहले साल 2010-2011 में करीब 46 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें दोषी ठहराया गया था। पीएफआई के करीब 355 सदस्यों के खिलाफ एजेंसी पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के बीच अनसुलझे मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को नई दिल्ली में एक अहम बैठक बुलाई है। दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में हिस्सा लेंगे। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के नेतृत्व में नार्थ ब्लॉक में होने वाली इस बैठक में 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद से लंबित मुद्दों पर चर्चा होगी। जानकारी के मुताबिक दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों सहित अन्य प्रमुख अधिकारियों के बैठक में भाग लेने की संभावना है। केंद्र सरकार ने बैठक के लिए एक 14 सूत्री एजेंडा तय किया है, इसमें बड़े विवादित मुद्दों को आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून 2014 के तहत उठाया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक बैठक के द्विपक्षीय मुद्दों में मुख्य तौर पर शामिल हैं कंपनियों और निगमों का अनुसूची नौ में विभाजन और पुनर्गठन अधिनियम की अनुसूची दस में उल्लिखित संस्थान। इन संस्थानों के विभाजन, आंध्र प्रदेश राज्य वित्त निगम, सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड और आंध्र प्रदेश हेवी मशीनरी इंजीनियरिंग लिमिटेड पर भी चर्चा की जाएगी।
इसके अलावा तत्कालीन सरकार के नकद और बैंक बैलेंस, केंद्र प्रायोजित योजनाओं, संयुक्त संस्थानों पर खर्च और पूर्ववर्ती राज्य में शुरू की गई परियोजनाओं पर विदेशी फंड पर भी चर्चा की जाएगी। वहीं गृह मंत्रालय का मानना है कि वो एक समन्वयक की भूमिका में ही काम कर सकती है। --आईएएनएस
नई दिल्ली, 26 सितम्बर | दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्यवाही एक नए न्यायाधीश को ट्रांसफर करने के खिलाफ दायर की गई थी।
मामले में जांच एजेंसी से जवाब मांगते हुए न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने आगे की सुनवाई 28 सितंबर के लिए सूचीबद्ध की।
इससे पहले जैन के मामले की सुनवाई एक विशेष अदालत में हुई, जहां विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल मामले की सुनवाई कर रही थीं।
अब इस मामले को न्यायाधीश विकास ढुल की विशेष अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया। जैन ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
सुनवाई के दौरान, जैन के वकील ने तर्क दिया कि शीर्ष अदालत ने भी कहा था कि उनकी जमानत याचिका पर 14 दिनों में फैसला किया जाए। जैन के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता एन. हरिहरन ने दलील दी कि जिला न्यायाधीश ने उन मुद्दों पर विचार नहीं किया जिन पर विचार किया जाना था। यह एक गलत संदेश है।
19 सितंबर को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार गुप्ता ने विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल के समक्ष जमानत की सुनवाई की कार्यवाही पर रोक लगा दी और मामले में जैन और अन्य सह-आरोपियों को नोटिस जारी किया। जैन वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद है।
ईडी के पहले के सबमिशन के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली शेल कंपनियों पर जैन का नियंत्रण था, और सह-आरोपी अंकुश जैन और वैभव जैन सिर्फ डमी थे।
ईडी ने विशेष न्यायाधीश द्वारा जमानत की दलीलें सुनने के संबंध में कुछ तर्क दिए थे। (आईएएनएस)|
देहरादून, 26 सितम्बर | अंकिता भंडारी कल पंचतत्व में विलीन हो चुकी हैं। अंकिता को उनके भाई ने मुखाग्नि दी थी। जिसके बाद अब सभी लोग इस दुख की घड़ी में अंकिता के परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं। इसी कड़ी में अब प्रदेश के पूर्व सीएम हरीश रावत आज दोपहर अंकिता भंडारी के परिजनों से मिलने उनके गांव पहुंचे। जहाँ उन्होंने अंकिता के परिजनों को ढांढस बंधाया। वहीं, ग्रामीणों ने उन्हें ज्ञापन भी सौंपा। हरीश रावत ने कहा कि अंकिता पूरे प्रदेश की बेटी थी। उसे न्याय जरूर मिलेगा। आरापियों को सजा जरूर होगी उन्हें विश्वास है।
हरीश रावत ने कहा कि कुछ सत्ताधारी नेताओं की शह पर पहाड़ की मासूम बच्चियों को देह व्यापार में धकेलने का प्रयास किया जा रहा है। यह बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेटियां सुरक्षित नहीं रह गई हैं। मामले की निपष्क्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही कहा कि वह और उनकी पार्टी इस लड़ाई को हर स्तर पर लड़ने को तैयार हैं और वो अंकिता को न्याय जरूरत दिलाएंगे।
उधर दूसरी तरफ अपनी बेटी अंकिता को खो चुकी माँ की तबीयत फिर बिगड़ गई है। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अंकिता की मां सोनी देवी के स्वास्थ्य को देखते हुए रविवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में भर्ती कराया गया है। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध बेस अस्पताल के कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि सोनी देवी घबराहट और बेचैनी की शिकायत कर रही थी। इसलिए उन्हें शाम चार बजे बेस अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कर दिया गया था। आज सुबह साढ़े नौ बजे उन्हें डिस्चार्ज कर दिया था। लेकिन आने के बाद सुबह फिर उनकी तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टर ने घर पर आकर उनकी जांच की।
अंकिता हत्याकांड के विरोध में सोमवार को पूरे चमोली जिले में बंद का आह्वान किया गया है। गोपेश्वर व्यापार संघ की ओर से जिले के सभी व्यापार संघों से इसमें समर्थन मांगा गया है। इसके साथ ही चक्का जाम का भी एलान किया गया है। वहीं, आज गोपश्वर बाजार बंद रखा गया है। देहरादून में भी युवाओं ने प्रदर्शन किया।
पूर्व मुख्यमंत्री व गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अंकिता हमारी बेटी है। घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि डीएम को पीड़ित परिवार को जल्द मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं। कहा कि डीएम पौड़ी को रिजॉर्ट के सभी पहलुओं की जांच कर मानकों के खिलाफ पाए जाने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 26 सितम्बर | तमिलनाडु सरकार प्रमुख परियोजना में सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए मुफ्त शैक्षिक किट में खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों की आपूर्ति के बाद आलोचना का शिकार हुई है। इसमें स्कूल ड्रेस, जूते, ज्योमेट्री बॉक्स, नोटबुक और स्कूल बैग शामिल हैं। वितरित किए गए उत्पादों की गुणवत्ता के अलावा, कई जगहों पर छात्रों को अभी तक शैक्षिक किट नहीं मिली हैं और छात्रों को जूते और नई वर्दी खुद ही खरीदनी पड़ रही है। राज्य में स्कूलों को खुले तीन महीने बीत चुके हैं, तमिलनाडु टेक्स्ट बुक एंड एजुकेशनल सर्विस कॉरपोरेशन की ओर से सुस्ती के कारण कई जगहों पर छात्रों को किट नहीं मिल रही है।
ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में, छात्रों को अभी तक उनके शैक्षिक उद्देश्यों के लिए जूते और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्राप्त नहीं हुई हैं।
मदुरै के एक सरकारी स्कूल के एक शिक्षक ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "आम तौर पर, महामारी से पहले, स्कूलों को फिर से खोलने के दो सप्ताह के भीतर किट वितरित किए गए थे, लेकिन अब चीजें उलटी हो गई हैं और कई स्कूलों में बच्चों को अभी तक मुफ्त शैक्षिक किट प्राप्त नहीं हुई हैं। इससे छात्र नई वर्दी नहीं पहन पाएंगे, नए उपकरण बॉक्स का उपयोग नहीं कर पाएंगे और नए स्कूल बैग ले जा सकेंगे।"
हालांकि, पाठ्यपुस्तक और शैक्षिक सेवा निगम के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि यह पहली बार नहीं है जब वितरण में देरी हुई है। उल्लेखनीय है कि पाठ्यपुस्तक एवं शिक्षा सेवा निगम वर्ष 2013 से प्रदेश में नि:शुल्क शैक्षिक किट का वितरण कर रहा है। निगम पाठ्यपुस्तक, नोटबुक, वर्दी, स्कूल बैग, क्रेयॉन, ज्योमेट्री बॉक्स, जूते आदि की खरीद का प्रभारी है।
शिक्षकों और अभिभावकों की ओर से मांग की जा चुकी है कि विभाग स्थानीय रूप से खरीदे गए उत्पादों पर कायम रहे क्योंकि वर्दी और जूते और चप्पल के कुछ बैच बच्चों के लिए उपयुक्त आकार के नहीं थे। (आईएएनएस)|
भोपाल, 26 सितम्बर | मध्यप्रदेश में 46 नगरीय निकाय में हो रहे चुनाव वैसे तो छोटे चुनाव हैं, मगर इन चुनावों में बड़ा संदेश छुपा है। यही कारण है कि सत्ताधारी दल भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने इन चुनावों में जीत हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा दिया।
राज्य के 46 नगरीय निकायों में मंगलवार को मतदान होना है, यह सभी क्षेत्र 18 जिलों में आते हैं और इनमें से अधिकांश जनजाति बाहुल्य है, लिहाजा दोनों दल इन इलाकों में जीत दर्ज कर सियासी तौर पर बड़ा संदेश देना चाहते हैं। यही कारण है कि भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने एक-एक क्षेत्र में पहुंचकर जनसभाएं की कार्यकर्ताओं की बैठकें की और कारगर रणनीति पर जोर दिया, इसी तरह कांग्रेस की ओर से प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने हर दूरदराज इलाके तक पहुंचने की कोशिश की।
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के तमाम क्षेत्रीय नेता नगरीय निकाय के चुनाव में सक्रिय नजर आए, क्योंकि इन चुनावों की हार जीत उन इलाकाई नेताओं के भविष्य को तय करने वाले जो है। भाजपा की पूरी कमान प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री चौहान और प्रदेशाध्यक्ष शर्मा के हाथ में रही तो दूसरी ओर कांग्रेस की सारी जिम्मेदारी प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के हाथ ही रही।
मतदान की तारीख के लगभग एक सप्ताह पहले से दोनों ही राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं ने सक्रियता बढ़ाई और उन्होंने हर मतदाता का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी, तो वही संगठन और सत्ता से जुड़े लोगों को जमीन पर पहुंचने को मजबूर कर दिया।
ज्ञात हो कि, राज्य के 46 निकायों में 27 सितंबर को मतदान हेागा और 30 सितंबर को नतीजे आएंगे, जिन स्थानों पर चुनाव होना है इनमें 17 नगर पालिका और 29 नगर परिषद शामिल हैं। यह नगर पालिका और नगर परिषद राज्य के 18 जिलों में आते हैं। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 26 सितंबर | दिल्ली के जामिया नगर के एक घर में लाखों रुपये कीमत की चीजों की चोरी करने वाले दो चोरों को गिरफ्तार किया गया। दोनों की पहचान अनवर अली उर्फ कुक्कू (51) और मुकेश शर्मा (51) के रूप में हुई है। उन पर पहले से ही चोरी और आर्म्स एक्ट के 17 मामले दर्ज हैं। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) ईशा पांडे ने कहा कि जामिया नगर पुलिस स्टेशन में 22 सितंबर को एक घर में चोरी के संबंध में पीसीआर कॉल आई थी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शिकायतकर्ता से मिली।
जामिया नगर में एक फिजियोथेरेपी क्लिनिक चलाने वाली शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि कुछ अज्ञात व्यक्ति उसके घर में घुसे और 19 लाख रुपये कैश, डायमंड पेंडेंट, दो सोने की अंगूठियां, चार सोने की बालियां, दो जोड़ी सोने की चूड़ियां और दो हाथ की घड़ी चुराकर ले गए।
पुलिस ने आईपीसी की धारा 380 और 454 के तहत एफआईआर दर्ज की और घटना की जांच शुरू कर दी।
जांच के दौरान, पुलिस टीम ने घटना स्थल के पास लगे कैमरों के 75 से अधिक सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। उन्हें दो व्यक्तियों की संदिग्ध गतिविधि मिली। टीम ने सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान की।
डीसीपी ने कहा, "बाद में हमें एक गुप्त सूचना मिली कि चोरी करने वालों में से एक चांदनी चौक के पास घूम रहा है।" उन्होंने कहा कि उक्त स्थान पर जाल बिछाया गया और आरोपी अनवर अली को पकड़ लिया गया।
आरोपी के कहने पर अनवर अली और उसके सहयोगी मुकेश शर्मा को भी तुगलकाबाद एक्सटेंशन दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
इनके पास से 17.35 लाख रुपये नकद, हीरे का पेंडेंट, सोने का लॉकेट, एक सोने की अंगूठी, तीन सोने की बालियां, दो जोड़ी सोने की चूड़ियां, तीन घड़ियां, लॉक कटर और स्क्रू ड्राइवर आदि बरामद किए गए। (आईएएनएस)
राजस्थान कांग्रेस में छिड़ा घमासान बढ़ता जा रहा है. नए मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर पार्टी विधायकों की बैठक नहीं हो सकती.
दिल्ली से पर्यवेक्षक बनकर पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने विधायकों से एक-एक कर मुलाक़ात करने का भी ऑफर दिया लेकिन विधायकों ने अलग-अलग गुट में मुलाक़ात की बात कही.
कोई ठोस रणनीति न बन पाने की वजह से खड़के और माकन दिल्ली लौट रहे हैं.
अजय माकन ने मीडिया से बातचीत मेंबताया कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहमति से उनके आवास में रखी गई थी. और उनकी सुविधा के हिसाब से समय भी रखा गया था. लेकिन विधायक बैठक के लिए राजी नहीं हुए.
उन्होंने कहा, ‘‘जो विधायक बैठक में नहीं आए उन्हें हम लगातार कह रहे थे कि आप आइए और हम अलग-अलग सबकी बात सुनने को तैयार हैं. खड़गे जी और हम, सब की बात सुनेंगे और हम कोई फ़ैसला नहीं कर रहे हैं. हम सब की बात सुनेंगे एक-एक करके और दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बताएंगे. हमें यही निर्देश हैं.’’
माकन ने बताया कि इसके बाद विधायक शांती धारीवाल, डॉ. सीपी जोशी और प्रताप सिंह खचारियावास उनसे मुलाक़ात के लिए पहुंचे. उन्होंने उनके सामने तीन शर्तें रखीं.
अजय माकन ने बताया कि उनकी शर्तों में पहली शर्त यह थी कि, ‘‘मुख्यमंत्री कौन होगा, यह फ़ैसलाकांग्रेस अध्यक्ष के ऊपर छोड़ना है तो रेजोल्यूशन पास किया जाए लेकिन इसका फ़ैसला 19 अक्टूबर के बाद हो.’’
विधायकों की शर्तें क्या हैं?
दरअसल, अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तकरार लंबे समय से चल रही है. गहलोत से नाराज़ सचिन पायलट ने सरकार के सभी पदों से इस्तीफ़ा दे दिया था और कहा था कि वो पार्टी के लिए काम करेंगे.
अब अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवारी की इच्छा जताई है. ऐसे में अगर कांग्रेस के विधायक और अशोक गहलोत चाहते हैं कि सीएम के चुनाव को लेकर रेजोल्यूशन पास किया जाए और फैसला 19 अक्टूबर के बाद हो तो अशोक गहलोत के अध्यक्ष बनने की स्थिति में यह मामला और तूल पकड़ सकता है.
अजय माकन ने कहा, ‘‘अगर वो अध्यक्ष बन जाते हैं तो अपने ही रेजोल्यूशन के ऊपर खुद को ही एंपावर करेंगे तो इससे बड़ा कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट नहीं हो सकता.’’
माकन ने कहा, "इसके अलावा विधायकों ने शर्त रखी है कि जिन 102 विधायकों ने पहले गहलोत का समर्थन किया था उन्हीं में से एक को मुख्यमंत्री चुना जाए, सचिन पायलट या उनके समर्थक विधायकों में से न चुना जाए."
अजय माकन ने कहा कि विधायक अपनी शर्तों के आधार पर रेजोल्यूशन चाहते हैं. कांग्रेस के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि शर्तों के आधार पर रेजोल्यूशन पास हो. विधायकों का पार्टी की आधिकारिक बैठक में न आना अनुशासनहीनता है.
वहीं, जोधपुर में सचिन पायलट के समर्थन में होर्डिंग लगाए गए हैं.
सचिन पायलट के समर्थन में लगे पोस्टर पर लिखा है, ‘‘सत्यमेव जयते, नए युग की तैयारी’’. (bbc.com/hindi)
श्रीनगर, 26 सितंबर | अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। इस बात की जानकारी मौसम विभाग ने सोमवार को दी है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर में आंशिक रूप से बादल छाए रहने और हल्की बारिश की संभावना है।"'
इस बीच, श्रीनगर में आज सुबह न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस, पहलगाम में 6.4 डिग्री और गुलमर्ग में 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
लद्दाख क्षेत्र में कारगिल में 8.2 डिग्री, जबकि जम्मू में 19.7, कटरा में 17.7, बटोटे में 11.2, बनिहाल में 10.8 और भद्रवाह में 9.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। (आईएएनएस)
दुमका, 26 सितंबर | झारखंड के दुमका में डायन का आरोप लगाकर एक परिवार की तीन महिलाओं सहित चार लोगों को भयावह तरीके से प्रताड़ित किये जाने का मामला सामने आया है। जिले के सरैयाहाट प्रखंड अंतर्गत असवारी गांव के दबंगों ने इन चारों को जबरन मल-मूत्र पिलाया और उन्हें लोहे की गर्म छड़ों से दागा। यहां दबंगों का खौफ इस तरह है कि प्रताड़ित लोग पूरी रात घंटों तक दर्द से तड़पते रहे, लेकिन वे न तो पुलिस के पास जाने की हिम्मत जुटा पाये और न किसी को इस बारे में बता पाये। रविवार को किसी से घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस गांव पहुंची। इसके बाद चारों पीड़ितों को इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया।
बताया गया कि शनिवार की रात ज्योतिन मुर्मू नामक व्यक्ति ने गांव के लोगों की बैठक बुलाई। इसमें श्रीलाल मुर्मू के घर की तीन महिलाओं को डायन करार दिया गया। कहा गया कि इनके जादू-टोने की वजह से गांव के पशु और बच्चे बीमार हो रहे हैं। इसके बाद करीब दर्जन भर लोग लाठी-डंडों और हथियारों से लैस होकर उसके घर पर हमला कर दिया।
परिवार की तीन महिलाओं सोनामनी टुडू, रसी मुर्मू, कोसा टुडू के साथ-साथ श्रीलाल मुर्मू की बुरी तरह पिटाई की गई। इसके बाद इन चारों को पकड़कर उनके मुंह में जबरन मल-मूत्र डाला गया। हमलावरों ने उन्हें गर्म छड़ों से दागा। चारों लोग चीखते-चिल्लाते रहे, लेकिन गांव का कोई भी व्यक्ति उन्हें बचाने नहीं आया। उन्होंने धमकी दी कि अगर पुलिस को जानकारी दी तो पूरे परिवार का कत्ल कर दिया जायेगा। रविवार सुबह एक बार फिर हमलावर आये और उनकी दोबारा पिटाई की।
इस बीच रविवार को सरैयाहाट थाना प्रभारी विनय कुमार को घटना की जानकारी मिली तो पुलिस की टीम गांव भेजी गयी। चारों लोगों को पहले सरैयाहाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। फिर इनकी गंभीर हालत को देखते हुए देवघर स्थित अस्पताल ले जाया गया। पुलिस के मुताबिक, हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए छापमारी की जा रही है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 26 सितंबर | समाज की मुख्य धारा से वंचित रहे वनटांगियों और मुसहर जाति के लोगों को सरकार न सिर्फ विकास की धारा से जोड़ना चाहती है, बल्कि उन्हें कानूनी अधिकार भी मिले। अब वह बिखराव की स्थिति से उबर कर समूह में काम करने को तैयार हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत इनके जीवन मे बदलाव आ रहा है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक भानु गोस्वामी ने बताया कि सुल्तानपुर के दुबेपुर ब्लॉक की दिखोली पंचायत के 14 में से 12 मुसहर परिवारों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शिव महिला स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया। इसके बाद उनका परिवार न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हुआ बल्कि अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी योगी सरकार की योजनाओं के बारे में बताते हुए अपने साथ जोड़ा। मनरेगा के तहत उनकी आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बकरी शेड बनवाया गया, जिससे बकरी पालन कर अपनी आमदनी बढ़ाई गई।
गोस्वामी ने बताया कि योगी सरकार के निर्देश पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के दो सामाजिक रूप से पिछड़े वनटांगिया और मुसहर समुदायों को मुख्यधारा में लाने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश में वनटांगिया अनुसूचित जनजाति के तहत आते हैं जबकि मुसहर अनुसूचित जाति के तहत आते हैं।
भानु गोस्वामी ने बताया कि प्रदेश के 19 जिलों के 2843 ग्राम पंचायतों में मुसहर समुदाय के 1438 विशेष मुसहर समूह का गठन किया गया। साथ ही लगभग 2401 स्वयं सहायता समूहों में कम से कम एक मुसहर परिवार की भागीदारी सुनिश्चित की गई। योगी सरकार ने 850 समूहों को रिवाल्विंग और 567 समूहों को कम्युनिटी इंवेस्टमेंट फंड सीआईएफ वितरित किया। वहीं 133 समूह बैंक क्रेडिट लिंकेज से लाभान्वित हुए हैं।
इसके साथ ही प्रदेश के 5 जिलों की 34 ग्राम पंचायतों में वनटांगिया समुदाय के 466 समूहों का गठन कर 268 समूहों को रिवाल्विंग फंड और 202 को सीआईएफ प्रदान किया गया है। वहीं बैंक क्रेडिट लिंकेज के माध्यम से 91 समूहों को लाभ पहुंचाया गया। मुसहर, वनटांगिया के साथ बवेरिया समुदाय के 2346 परिवारों को 236 समूहों में संगठित किया गया है, जिसमें से 118 समूहों को रिवाल्विंग फंड और 35 समूहों को सीआईएफ की धनराशि प्रदान की गई है। वहीं प्रदेश के तीन जिलों में थारू जनजाति के कुल 371 समूह बनाए गए, जिनमें 227 समूहों को रिवाल्विंग फंड और 205 को सीआईएफ फंड दिया गया है।
गोंडा के छपिया विकासखंड के महुली खोरी पंचायत की वनटांगिया समुदाय की सोनी चौहान ने बताया कि उन्होंने समुदाय के 10 अन्य लोगों के साथ मिलकर जय दुर्गा स्वयं सहायता समूह का गठन किया है। स्वयं सहायता समूह ने उन्हें 1,10,000 रुपये की सीआईएफ राशि और 1,00,000 रुपये की सीसीएल राशि प्राप्त करने में सक्षम बनाया, जिसके साथ उन्होंने मनरेगा के तहत सीआईबी बोर्ड का निर्माण शुरू किया। इससे उन्होंने नर्सरी की शुरूआत की। सोनी बताती हैं कि उनके समुदाय को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जमीन भी दी गई थी, जहां वह सभी बड़े पैमाने पर सब्जियां पैदा कर रही हैं। उन्हे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिले। इतना ही नहीं सीएम योगी के प्रयास से समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के बाद अब उन्हे सरकार की सभी योजनाओं का भरपूर लाभ मिल रहा है। योगी सरकार के प्रयासों से उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया है। (आईएएनएस)
शिमला, 26 सितंबर | देवी दुर्गा और उनके नौ अवतारों को समर्पित नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव के पहले दिन सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में क्षेत्रभर से भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। बिलासपुर जिले में नैना देवी के लोकप्रिय मंदिर, ऊना जिले में चिंतपूर्णी, कांगड़ा जिले में ब्रजेश्वरी देवी, ज्वालाजी और चामुंडा देवी, शिमला जिले में भीमाकाली और हटेश्वरी, हमीरपुर जिले में बाबा बालक नाथ में भारी भीड़ देखी गई।
अधिकांश तीर्थयात्री पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली से आए थे।
संभावना जताई जा रही है कि मंदिरों में प्रतिदिन 20,000 से अधिक भक्त आएंगे।
खास बात यह कि भक्त मंदिरों के ऑनलाइन लाइव दर्शन कर सकते हैं और प्रसाद भी चढ़वा सकेंगे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां आईएएनएस को बताया कि सभी प्रमुख मंदिरों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे लगाए गए हैं।
नवरात्रि महोत्सव का समापन 5 अक्टूबर को होगा। (आईएएनएस)