अंतरराष्ट्रीय
मेक्सिको सिटी, 18 दिसंबर । मेक्सिको के गुआनाजुआतो राज्य के साल्वाटियेरा नगर पालिका में क्रिसमस पार्टी के दौरान कम से कम 12 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।
गुआनाजुआटो अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने कहा कि यह रक्तपात रविवार को सैन जोस डेल कारमेन के समुदाय में एक पारंपरिक मैक्सिकन उत्सव, क्रिसमस पोसाडा के दौरान हुआ।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने नगरपालिका सरकार की शुरुआती रिपोर्टों का हवाला देते हुए बताया कि सशस्त्र हमलावरों का एक समूह अप्रत्याशित रूप से पहुंचा और पोसाडा प्रतिभागियों पर गोलियां चला दीं, इनमें से अधिकांश युवा थे। इसमें 12 लोग मारे गए और 10 घायल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि घायलों को नगर पालिका के अस्पतालों में ले जाया गया।
हाल के वर्षों में आपराधिक समूहों के बीच विवाद के कारण क्षेत्र में हिंसा बढ़ गई है। (आईएएनएस) ।
सियोल, 18 दिसंबर । उत्तर कोरिया ने सोमवार को पूर्वी सागर की ओर एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी। दक्षिण कोरियाई सेना ने कहा, नवीनतम मिसाइल एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल हो सकती है।
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने कहा कि उसने प्रक्षेपण का पता लगाया है, लेकिन अधिक जानकारी नहीं दी।
उत्तर कोरिया ने रात 10:38 बजे प्योंगयांग या उसके आसपास से कम दूरी की मिसाइल दागी। जेसीएस के अनुसार, रविवार को पूर्वी सागर में गिरने से पहले इसने लगभग 570 किमी की उड़ान भरी।
दक्षिण कोरिया के प्रथम उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार किम ताए-ह्यो ने कुछ दिन पहले कहा था कि उत्तर कोरिया इस महीने के भीतर आईसीबीएम दाग सकता है, इसके बाद बैक-टू-बैक मिसाइल प्रक्षेपण हुआ।
यह गोलीबारी सियोल और वाशिंगटन द्वारा परमाणु सलाहकार समूह (एनसीजी) के दूसरे सत्र के आयोजन और अगले साल के मध्य तक साझा परमाणु रणनीति की योजना और संचालन पर दिशानिर्देशों की स्थापना को पूरा करने पर सहमति व्यक्त करने के कुछ दिनों बाद हुई।
रविवार के प्रक्षेपण के तुरंत बाद, उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने एनसीजी बैठक को "परमाणु टकराव पर एक खुली घोषणा" के रूप में खारिज कर दिया।'
पिछले महीने प्योंगयांग द्वारा तनाव कम करने और सीमा पर आकस्मिक झड़पों को रोकने के लिए बनाए गए 2018 के अंतर-कोरियाई सैन्य समझौते को रद्द करने के बाद उत्तर कोरिया का नवीनतम प्रक्षेपण भी बढ़े हुए तनाव के बीच आया है।
सियोल ने 21 नवंबर को उत्तर कोरिया द्वारा अपने पहले सैन्य जासूसी उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के विरोध में सौदे को आंशिक रूप से निलंबित कर दिया था।
जेसीएस के अनुसार, उत्तर कोरिया ने आखिरी बार 22 नवंबर को बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी, लेकिन प्रक्षेपण विफल रहा। (आईएएनएस) ।
वाशिंगटन, 18 दिसंबर । भारतीय-अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने पिछले सप्ताह 42 प्रचार अभियानों में भाग लिया, जो 2024 के किसी भी अन्य उम्मीदवार से अधिक है।
यूएसए टुडे अखबार के अनुसार, 38 वर्षीय बायोटेक उद्यमी को उम्मीद है कि वह इस सप्ताह 38 आयोजनों में भाग लेंगे।
शुक्रवार को आयोवा में एक अभियान के दौरान उन्होंने कहा कि उनके अभियान के दौरान जुट रही भीड़ उन्हें इसके लिए प्रेरित करती है।
लगभग 630 मिलियन डॉलर की संपत्ति वाले येल लॉ स्कूल के स्नातक ने कहा कि कठोर परिश्रम उन्होंने अपने माता-पिता से सीखा है।
उन्होंने यूएसए टुडे से कहा," कठोर परिश्रम से आप हर कामयाबी हासिल कर सकते हैं।"
पिछले साल की शुरुआत में रामास्वामी के साथ स्ट्राइव एसेट मैनेजमेंट कंपनी की -स्थापना करने वाले एनसन फ्रेरिक्सकी ने यूएसए टुडे को बताया कि रामास्वामी के कार्यक्रम में आराम के लिए कोई समय नहीं है।
हाई स्कूल के समय से ही रामास्वामी को जानने वाले फ्रेरिक्स ने कहा वह हर समय काम करते रहते हैं।
फ्रेरिक्स ने कहा, रामास्वामी ने प्रति दिन 16 घंटे काम किया और यह कार्य संस्कृति पूरे संगठन में व्याप्त हो गई है।
वह रियलक्लीयर पॉलिटिक्स के सर्वेक्षणों के एकत्रीकरण में राष्ट्रीय स्तर पर चौथे स्थान पर चल रहे हैं, जो रिपब्लिकन प्राइमरी में उन्हें पांच प्रतिशत समर्थन के साथ दिखाता है।
न्यू हैम्पशायर राज्य प्राइमरी में, रियलक्लीयर पॉलिटिक्स उन्हें सात प्रतिशत के साथ पांचवें स्थान पर रखती है।
उन्होंने यूएसए टुडे को बताया, "मुझे विश्वास है कि निर्वाचित होने का यह सही तरीका होगा, उन लोगों से अलग नहीं रहना, जो हमें चुनते हैं, बल्कि कई मायनों में, उन लोगों के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए, जिनका हम प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "मैं एक मठवासी मेगा डोनर रिट्रीट बनने के बजाय राज्य भर में इन कॉकसगोअर्स और पिज़्ज़ा रेंच के साथ समय बिताना पसंद करूंगा।" (आईएएनएस) ।
ब्यूनस आयर्स, 18 दिसंबर । पूर्वी अर्जेंटीना में आए भयंकर तूफान के कारण कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई, इसके साथ भारी बारिश और 150 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, तूफान ने सबसे पहले 16 दिसंबर को ब्यूनस आयर्स से लगभग 570 किमी (355 मील) दक्षिण में बंदरगाह शहर बाहिया ब्लैंका में दस्तक दी, इससे इमारतों को नुकसान पहुंचा और रविवार को राजधानी शहर की ओर बढ़ने से पहले बिजली गुल हो गई।
अधिकारियों के अनुसार, बाहिया ब्लैंका से टकराने के बाद, तूफान के कारण रोलर स्केटिंग प्रतियोगिता के दौरान एक खेल केंद्र की छत का हिस्सा गिर गया, इससे 13 लोगों की मौत हो गई।
अतिरिक्त 14 लोग घायल हो गए, इनमें से कुछ मलबे के नीचे फंसे हुए थे।
ब्यूनस आयर्स प्रांत के कुछ हिस्सों में जीवन और संपत्ति के लिए खतरे का संकेत देने वाला नारंगी मौसम अलर्ट लागू था।
रविवार को, बाहिया ब्लैंका के उपनगर मोरेनो शहर में एक पेड़ की शाखा गिरने से एक महिला की मौत हो गई।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को नवनियुक्त राष्ट्रपति जेवियर माइली ने नुकसान का सर्वेक्षण करने के लिए कई मंत्रियों के साथ बाहिया ब्लैंका की यात्रा की।
उनके कार्यालय ने कहा कि सरकार "पीड़ितों की सहायता करने और क्षति को नियंत्रित करने के लिए प्रांतीय और नगर निगम अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है।"
तूफान के कारण पड़ोसी उरुग्वे में भी दो लोगों की मौत हो गई। (आईएएनएस)।
तेल अवीव, 18 दिसंबर । इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने सोमवार को गाजा में चार और सैनिकों के मारे जाने की घोषणा की। इससे मौजूदा जमीनी हमले में मारे गए सैनिकों की कुल संख्या 126 हो गई है।
सेना के अनुसार, सार्जेंट प्रथम श्रेणी के उरीजा बायर (20), उत्तरी शहर मालोट-तारशिहादीद के मैगलन यूनिट के एक कमांडो, ने 14 दिसंबर को दक्षिणी गाजा में युद्ध के दौरान लगी चोटों के कारण दम तोड़ दिया।
इस बीच सार्जेंट प्रथम श्रेणी लियाव अलौश (21) और मास्टर सार्जेंट (रेस.) डुवदेवन इकाई से एतान नाएह (26); और मास्टर सार्जेंट. (रेस.) कॉम्बैट इंजीनियरिंग कोर की याहलोम यूनिट के ताल फ़िलिबा (23), रविवार को दक्षिणी गाजा में लड़ाई के दौरान मारे गए।
आईडीएफ ने यह भी कहा कि भीषण लड़ाई में कुछ सैनिक घायल हो गए, इनमें डुवदेवन यूनिट का एक सैनिक भी शामिल है।
आतंकवादी समूह द्वारा 7 अक्टूबर को यहूदी राष्ट्र के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमला शुरू करने के 20 दिन बाद -इज़राइल ने 27 अक्टूबर को हमास-नियंत्रित क्षेत्र में अपना जमीनी आक्रमण शुरू किया है। (आईएएनएस) ।
सैन फ्रांसिस्को, 18 दिसंबर । टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने सोमवार को कहा कि पिछली बार चंद्रमा पर उतरने के बाद आधी सदी बीत चुकी है, जो मानवता के लिए निराशाजनक है और अब हमें अंतरिक्ष में रहने का आधार बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए।
1969 में अपोलो 11 मिशन ने पहली बार मानव को चंद्रमा पर उतारा।
कमांडर नील आर्मस्ट्रांग और लूनर मॉड्यूल पायलट बज़ एल्ड्रिन ने 20 जुलाई, 1969 को अपोलो लूनर मॉड्यूल ईगल को उतारा और आर्मस्ट्रांग छह घंटे और 39 मिनट बाद, 21 जुलाई को चंद्रमा की सतह पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति बने।
19 मिनट बाद एल्ड्रिन उनके साथ शामिल हो गए, और उन्होंने उस साइट की खोज में लगभग सवा दो घंटे एक साथ बिताए, जिसे लैंडिंग के बाद उन्होंने ट्रैंक्विलिटी बेस नाम दिया था।
मस्क ने एक्स पर पोस्ट किया, "पहली उड़ान से लेकर चंद्रमा पर उतरने तक केवल 66 साल, लेकिन अब आखिरी चंद्रमा पर उतरने के बाद से आधी सदी बीत चुकी है।"
उन्होंने कहा कि यह "सभ्यता के रूप में हमारा उच्च जल चिह्न" नहीं हो सकता।
एक्स के मालिक ने कहा, "मानवता के पास चंद्रमा का आधार होना चाहिए, मंगल ग्रह पर शहर होना चाहिए और वहां सितारों के बीच होना चाहिए।"
मस्क की पृथ्वी की कक्षा से परे यात्रा करने की बड़ी योजनाएं हैं।
उन्होंने पिछले दिनों कहा था, "हमें चंद्रमा पर एक बेस बनाना चाहिए, जैसे चंद्रमा पर स्थायी रूप से कब्जा किया गया मानव बेस होना चाहिए और फिर लोगों को मंगल ग्रह पर भेजना चाहिए। हो सकता है कि अंतरिक्ष स्टेशन से परे भी कुछ हो, हम देखेंगे।"
तकनीकी अरबपति ने भविष्यवाणी की है कि स्पेसएक्स का स्टारशिप मेगा रॉकेट तीन या चार वर्षों में मंगल ग्रह पर एक मानवरहित मिशन बना सकता है। (आईएएनएस)।
सियोल, 18 दिसंबर। दक्षिण कोरिया ने दावा किया कि उत्तर कोरिया ने अपनी हथियार परीक्षण गतिविधियों को फिर से शुरू करते हुए सोमवार को समुद्र में संदिग्ध रूप से लंबी दूरी की एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी।
सियोल का कहना है कि उत्तर कोरिया परमाणु गतिविधियां रोकने के लिए दबाव बनाने के वास्ते अमेरिका और दक्षिण कोरिया द्वारा उठाये गये कदम का लगातार विरोध कर रहा है और इसी के जवाब में उसने यह मिसाइल दागी।
दक्षिण कोरिया की सेना ने एक बयान में कहा कि उत्तर कोरिया ने सोमवार सुबह अपने राजधानी क्षेत्र से लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागी। उसने कहा कि दक्षिण कोरिया हथियार प्रक्षेपण के बारे में अमेरिकी और जापानी अधिकारियों के साथ हमेशा जानकारी साझा करता रहता है।
जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने भी उत्तर कोरिया द्वारा दागी गई बैलिस्टिक मिसाइल का पता लगाया है।
जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने संवाददाताओं से कहा कि मिसाइल प्रक्षेपण के बाद किसी भी तरह के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की तैयारी कर रहे हैं।
दक्षिण कोरिया ने बताया था कि उत्तर कोरिया ने रविवार रात समुद्र में कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी, इसके कुछ घंटों बाद ही लंबी दूरी की मिसाइल दागी गई। लगभग एक माह के अंतराल के बाद ऐसा देखा गया है।
वरिष्ठ अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने सप्ताहांत में वाशिंगटन में मुलाकात की थी और उत्तर कोरिया की परमाणु गतिविधियों को रोकने की रणनीति पर चर्चा की थी।
उत्तर कोरिया इसका विरोध कर रहा है और लगातार मिसाइल दाग रहा है।
एपी खारी गोला गोला 1812 0944 सियोल (एपी)
नीदरलैंड्स के आम चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने वाले गीर्ट वाइल्डर्स ने दुनिया भर से मिल रहे बधाई संदेशों के जवाव में सोशल मीडिया एक्स के ज़रिए सभी को धन्यवाद दिया है.
हालांकि इस संदेश में उन्होंने सभी लोगों को धन्यवाद देने के साथ ही विशेष तौर पर #India टैग के साथ भारत और हिंदुओं का ज़िक्र किया.
उन्होंने लिखा, “मुझे भारत से कई तरह के संदेश मिले- मैं हमेशा उन हिंदुओं का समर्थन करूंगा जिन पर केवल हिंदू होने के कारण बांग्लादेश, पाकिस्तान में हमला किया जाता है या मारने की धमकी दी जाती है या फिर उन पर मुक़दमे चलाए जाते हैं.”
गीर्ट वाइल्डर्स नीदरलैंड की राजनीति में दक्षिणपंथी और इस्लाम विरोधी बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं.
उन्हें अपमानजनक बयान देने के लिए 2016 में सज़ा भी सुनाई जा चुकी है.
हालांकि हाल ही में सम्पन्न हुए चुनाव के अभियान के दौरान वाइल्डर्स ने अपने इस्लाम विरोधी बयानों में बदलाव किया था.
तब उन्होंने कहा था कि देश के सामने कई और बड़े मुद्दे हैं.
उन्होंने कहा था कि वो मस्जिदों और मदरसों पर पाबंदी लगाने की अपनी नीति को टालने के लिए तैयार हैं. (bbc.com/hindi)
ग़ज़ा में युद्धविराम को लेकर फ्रांसीसी विदेश मंत्री के बयान के बाद इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने युद्ध को लेकर एक बार फिर बयान दिया है.
जंग में मारे गए एक सैनिक के परिजनों का लिखा खत दिखाते हुए नेतन्याहू ने कहा कि "लड़ते रहना आपका फर्ज़ है, बीच में रुकने का आपको हक नहीं है."
उन्होंने कहा "दुश्मन पर जीत के लिए और बंधकों को छुड़ाने के लिए हमास पर सेना का दबाव बना ज़रूरी है. हम आख़िर तक लड़ेंगे और अपना लक्ष्य हासिल कर के रहेंगे."
इधर इसराइल सेना के चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़ हेरज़ी हलेवी ने भी कहा है कि हमास को ख़त्म करने और बंधकों को छुड़ाने के लिए जारी सैन्य अभियान ख़त्म नहीं होगा.
उन्होंने कहा, "हम सीमापार मौजूद दुश्मन को ख़त्म करने और अपने नागरिकों को हमा के कब्ज़े से छुड़ाने के लिए जंग के मैदान में उतरे हैं. निर्णायक युद्ध के बिना हम अपनी सीमाओं की रक्षा नहीं कर पाएंगे."
इसी सप्ताह इसराइल के दौरे पर गई फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना ने कहा कि युद्धविराम तुरंत होना चाहिए और ये स्थायी होना चाहिए.
उन्होंने कहा था कि युद्ध में बड़ी संख्या में आम लोगों की मौत हो रही है.
जैसे-जैसे इसराइल हमास युद्ध में मरने वालों की संख्या बढ़ रही है, इसराइल पर युद्धविराम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ रहा है.
इससे पहले ब्रितानी विदेश मंत्री डेविड कैमरून और जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बारबोक ने अख़बार में एक साझा लेख में लिखा था कि ग़ज़ा में बड़ी संख्या में आम लोग युद्ध की भेंट चढ़ रहे हैं.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी कहा था कि ग़ज़ा में जारी अंधाधुंध बमबारी के कारण इसराइल वैश्विक समर्थन खो रहा है. (bbc.com/hindi)
काहिरा, 17 दिसंबर। यूरोप जा रहे प्रवासियों की नौका लीबिया तट के नजदीक पलटने से उसमें सवार कम से 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी ने यह जानकारी दी।
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार-शुक्रवार की दरमियानी रात नौका पलटने की घटना भूमध्य सागर के इस हिस्से में हुई नवीनतम त्रासदी है। यूरोप में बेहतर जीवन की तलाश में अबतक इस खतरनाक रास्ते से अवैध तरीके से जाने वाले हजारों लोगों की मौत हो चुकी है।
संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन ने एक बयान में बताया कि नाव 86 प्रवासियों को ले जा रही थी और तेज लहरों के कारण लीबिया के जुवारा शहर के नजदीक पलट गई और 61 लोग डूब गए।
यूरोपीय संघ की सीमा एजेंसी ने रविवार को एक बयान में कहा कि उसके विमान ने बृहस्पतिवार की शाम को लीबिया के नजदीक आंशिक रूप से खराब रबर की नाव का पता लगाया।
फ्रंटेक्स के नाम से जानी जाने वाली एजेंसी ने कहा, ‘‘प्रतिकूल मौसम के कारण लोग गंभीर खतरे में थे, लहरें 2.5 मीटर की ऊंचाई तक उठ रही थीं।’’
संकट में फंसे प्रवासियों के लिए एक हॉटलाइन ‘अलार्म फोन’ ने एक ट्वीट में कहा कि नौका पर सवार कुछ प्रवासी स्वयंसेवी समूह और लीबियाई तटरक्षक सहित अधिकारियों को घटना की जानकारी दी। खबर के मुताबिक लीबियाई तटरक्षक बल ने कहा, ‘‘वे उनकी तलाश नहीं करेंगे।’’
लीबियाई तट रक्षक के प्रवक्ता पूरे प्रकरण पर तुरंत टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे।
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के प्रवक्ता फ्लेवियो डि जियाकोमो ने बताया कि इस वर्ष मध्य यूरोपीय इस मार्ग पर 2,250 से अधिक लोग मारे गए। (एपी)
लुइस बारुको
दक्षिण अमेरिका के इकलौते अंग्रेजी भाषी देश गुयाना को ब्रिटेन ने उपनिवेश के तौर पर बसाया था.
गुलाम प्रथा की समाप्ति के बाद, ब्रिटेन के औपनिवेशिक देशों में सबसे ज़्यादा भारतीय नागरिक अप्रवासी बनकर गुयाना में ही बसे.
यही वजह है कि ब्राज़ील की सीमा से सटे और शताब्दियों से वेनेजुएला के साथ सीमा विवाद वाले देश गुयाना में हर दस नागरिकों में चार मूल रूप से भारतीय उपमहाद्वीप से जुड़े हैं.
इनमें भारत के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिक भी शामिल हैं.
1947 से पाकिस्तान और बांग्लादेश आज़ाद नहीं हुए थे, ये दोनों भारत के हिस्से के तौर पर ब्रिटिश शासन के अधीन थे.
गुयाना के मौजूदा राष्ट्रपति इरफ़ान अली भी इन्हीं लोगों में शामिल हैं. अली गुयाना के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक़, गुयाना की बाक़ी की आबादी में 30 प्रतिशत अफ्रीकी मूल के हैं, जबकि 17 प्रतिशत आबादी मिश्रित समूह की है. जबकि नौ प्रतिशत लोग अमेरिकी मूल के हैं.
हालांकि लोगों के लिए ये कौतूहल का ही विषय है कि किस तरह से आंध्र प्रदेश जितने क्षेत्रफल वाले इस छोटे से सुदूर दक्षिण अमेरिकी देश में भारतीय नागरिक आकर बसे होंगे.
गुयाना का क्षेत्रफल एक लाख 60 हज़ार वर्ग किलोमीटर है.
भारत से पहुंचे प्रवासी
दरअसल 1814 में ब्रिटेन ने नेपोलियन के साथ युद्ध के दौरान गुयाना पर कब्ज़ा किया और बाद में इसे उपनिवेश के तौर पर ब्रिटिश गुयाना के तौर पर बदल दिया.
इससे पहले इस देश पर फ्रेंच और डच नागरिकों का प्रभुत्व था.
महज 20 साल बाद 1834 में दुनिया भर के ब्रिटिश उपनिवेशों में गुलामी प्रथा या बंधुआ मजदूरी का अंत हुआ. गुयाना में भी बंधुआ मजदूरी के ख़त्म होने के बाद मजदूरों की भारी मांग होने लगी थी.
ऐसे समय में ही भारतीय नागरिकों का दल गुयाना पहुंचा था. ऐसा केवल गुयाना में ही नहीं हुआ बल्कि जमैका, त्रिनिडाड, कीनिया और यूगांडा जैसे देशों में भी हुआ.
गुयाना पहुंचने वाले प्रवासी भारतीयों के दल में 396 लोग शामिल थे. इन लोगों को ग्लैडस्टोन कुलीज के तौर पर जाना गया क्योंकि ये लोग ब्रिटिश गुयाना में गन्ने की खेती कराने वाले जॉन ग्लैडस्टोन के मज़दूर थे.
एशिया, ख़ासकर भारत और चीन में 19वीं एवं 20वीं शताब्दी में हाथों से काम करने वाले मज़दूरों को ऐतिहासिक तौर पर 'कुली' कहा जाता था.
आज भी विकसित देशों में एशिया मूल के लोगों के लिए अपमानजनक और नस्लीय टिप्पणी करने के लिए 'कुली' शब्द का इस्तेमाल होता है.
ये प्रवासी शुरू में दो जहाजों, एमवी व्हिटबी और एमवी हेस्परस के ज़रिए आए थे.
गुयाना पहुंचने के लिए इन मज़दूरों ने पहले हिंद महासागर और फिर अटलांटिक महासागर को पार किया था.
इन मज़दूरों को एक समझौते के तहत लाया गया था, जिसमें थोड़ी सी रकम के बदले उन्हें गन्ने के खेतों में कई सालों तक काम करना था.
भारत से कितने गिरमिटिया मज़दूर गए?
गुयाना शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह व्यवस्था 75 वर्षों से अधिक समय तक चलन में रही और इसमें 'गुलामी प्रथा की याद दिलाने वाली' ख़ासियत मौजूद थी.
एक दशक के अंदर ही भारतीय अप्रवासी मज़दूरों की मेहनत के चलते ब्रिटिश गुयाना की अर्थव्यवस्था में चीनी उद्योग का वर्चस्व दिखने लगा है.
इसे क्रांतिकारी बदलाव माना गया और इससे उपनिवेश में काफ़ी हद तक आर्थिक उन्नति देखने को मिली.
अनुबंध की समाप्ति के बाद कुछ लोग भारत लौट आए जबकि अन्य लोग तत्कालीन ब्रिटिश गुयाना में ही बस गए.
आंकड़ों के मुताबिक 1838 से 1917 के बीच करीब 500 जहाजों के ज़रिए 2,38,909 भारतीयों को गिरमिटिया मजदूरों के रूप में ब्रिटिश गुयाना लाया गया था.
अंग्रेजी भाषी उपनिवेशों में, गुयाना एक ऐसी जगह थी, जहां भारत से सबसे अधिक गिरमिटिया मज़दूरों को लाया गया था.
आज तक गुयाना पहले भारतीयों के आगमन के दिन यानी 5 मई को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाता है.
1966 में गुयाना ब्रिटिश उपनिवेश से आज़ाद हुआ, लेकिन भारतीय मूल के लोगों की उपस्थिति यहां हर तरफ दिखती है.
यही वजह है कि दिवाली और होली जैसे प्रसिद्ध भारतीय उत्सव भी गुयाना कैलेंडर में मौजूद हैं. (bbc.com)
अमेरिका के टेनेसी प्रांत में भयावह तूफान में फंस कर भी एक चार महीने का बच्चा सही-सलामत है.
इस शिशु के माता-पिता ने बताया कि तूफान ने उनके मोबाइल घर को तहस-नहस कर डाला था और पालने को ले उड़ा था, लेकिन 'ईश्वर की दया' रही और शिशु बच गया.
तेज तूफान बच्चे को पालने समेत ले उड़ा था और वो एक उखड़े हुए पेड़ पर अटक गया था. उस समय जबरदस्त बारिश भी हो रही थी.
उस बच्चे के एक साल के भाई और माता-पिता को हल्की खरोंच आई है और वो सभी सुरक्षित हैं.
बच्चों की 22 साल की मां सिडनी मूर ने बताया कि तूफान ने उनके मोबाइल फोन को तहस-नहस कर दिया है.
मूर ने एक स्थानीय न्यूज़ स्टेशन को बताया, ''तूफान का झोंका आया और मेरे बच्चे के पालने को ले उड़ा, मेरा बच्चा लॉर्ड उस समय इसमें सो रहा था."
बच्चे के पिता पालने को पकड़ने के लिए लपके लेकिन तूफान उसको अपने साथ उड़ा ले गया.
मूर ने बताया, ''बच्चे के पिता पूरी ताकत से पालने को कसकर पकड़े हुए थे लेकिन तूफान की वजह से वो गोल-गोल घूमने लगे और आखिरकार उसने उन्हें जमीन पर ला पटका.
इस दौरान मूर ने अपने एक साल के बड़े बेटे प्रिंसटन को कस कर पकड़े रखा था.
उन्होंने बताया, ''मेरे अंदर से आवाज़ आई कि दौड़ो और अपने बच्चे को ढक लो. जैसे ही मैं उसके ऊपर झुकी, मकान की छत गिर पड़ी. मैं तो इसके अंदर दब गई. मैं सांस भी नहीं ले पा रही थी.''
तूफान के गुजर जाने के बाद मूर किसी तरह प्रिंसटन को लेकर मलबे से बाहर निकली. मूर और बच्चे के पिता ने तुरंत छोटे बेटे को खोजना शुरू कर दिया.
भीषण बारिश में खोजते-खोजते उन्हें बच्चा मिल गया. बच्चा जिंदा था. बच्चा जहां था वो किसी पेड़ के छोटे पालने जैसा लग रहा था.
मूर ने कहा, ''मैं डर गई थी कि बच्चे को जिंदा नहीं देख पाऊंगी, हमें वो मिल नहीं पाएगा, लेकिन ईश्वर ने दया की ओर वो हमें जीवित मिला.''
मूर की बहन केटलिन ने 'गोफंडमी' शुरू किया है, जिससे तूफान में अपनी कार और घर खो चुके मूर के इस परिवार की मदद की जा सके.
बच्चों और मूर को छोटी-मोटी खरोंच ही आई है. केटलिन मूर ने कहा कि बच्चे के पिता का कंधा और हाथ टूट गया है.
'गोफंडमी' के मुताबिक़ छोटा बच्चा लॉर्ड ऐसे मिला जैसे किसी ने उसे पेड़ पर सुरक्षित बिठा दिया हो. ऐसा लग रहा था कि मानो किसी देवदूत ने उसे वहां सुरक्षित रख दिया हो.
मूर ने कहा कि बच्चे के बिना उनका बुरा हाल हो जाता. बच्चे के पिता का भी यही हाल था. (bbc.com)
कैंटन (अमेरिका), 17 दिसंबर। अमेरिका में यहूदियों के उपासनागृह में गोलीबारी करने की योजना बनाने के जुर्म में 13 वर्षीय लड़के को एक साल की ‘प्रोबेशन’ की सजा सुनायी गयी है।
‘प्रोबेशन’ ऐसी सजा है जिसमें किसी दोषी को खास शर्तों के साथ परिवार,मित्र अथवा अपने समुदाय में रहने की मंजूरी होती है लेकिन वह प्रोबेशन अधिकारी की निगरानी में रहता है।
‘द कैंटन रिपॉजिटरी’ अखबार की खबर के मुताबिक, ओहायो के रहने वाले नाबालिग ने अफरा-तफरी मचाने और उपद्रवी आचरण के आरोप शुक्रवार को स्वीकार कर लिए।
प्राधिकारियों ने बताया कि कैंटन में ‘टेम्पल इजराइल’ में बड़े पैमाने पर गोलीबारी करने की एक विस्तृत योजना को लाइव स्ट्रीमिंग मंच ‘डिस्कॉर्ड’ पर पोस्ट किया गया था।
अदालत के एक दस्तावेज के अनुसार, स्टार्क काउंटी की परिवार अदालत के न्यायाधीश जिम जेम्स ने प्रोबेशन की सजा का आदेश दिया लेकिन सुधार गृह में 90 दिन की उसकी सजा को निलंबित कर दिया। लड़के पर बिना निगरानी के इंटरनेट का इस्तेमाल करने पर भी रोक लगाई गई है और उसे एक लाइसेंसधारक चिकित्सक से काउंसिलिंग जारी रखने का आदेश दिया गया है।
उसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हंगरी के बुडापेस्ट में नरसंहार से हजारों यहूदियों की जान बचाने वाले स्विस राजनयिक कार्ल लुट्ज के बारे में एक किताब पढ़ने को भी कहा गया है। उसे किताब पढ़ने के बाद एक रिपोर्ट किशोर प्रोबेशन विभाग को सौंपनी होगी।
बृहस्पतिवार को जारी किए दस्तावेजों के अनुसार यह मामला सात सितंबर का है जब संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के एक एजेंट ने अधिकारियों को एक लड़के और वाशिंगटन में एक व्यक्ति के बीच सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सतर्क किया जिसमें यहूदी उपासनागृह को जलाने और उसमें ‘‘गोलीबारी’’ करने की योजना का जिक्र था।
अमेरिका और दुनियाभर में यहूदी विरोधी घटनाओं में तेजी के बीच यह मामला सामने आया है। अकेले अमेरिका में 2021 से 2022 तक यहूदी विरोधी घटनाओं में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
एपी गोला शोभना शोभना 1712 1034 कैंटन (एपी)
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ग़ज़ा से हमास को हटाने के बाद वे वहां फ़लस्तीनी प्राधिकरण के नियंत्रण की इजाज़त नहीं देंगे.
नेतन्याहू ने कहा कि हमारे सबसे मजबूत सहयोगी अमेरिका की इच्छा के बावजूद इसराइल 'हमास्तान' को 'फ़तहस्तान' में बदलने की अनुमति नहीं देगा.
फ़लस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास के नेतृत्व वाली फ़तह पार्टी की ही वेस्ट बैंक में सरकार है.
इसराइली अख़बार टाइम्स ऑफ़ इसराइल के अनुसार, उन्होंने कहा है कि ग़ज़ा में एक 'सिविल गवर्नमेंट' होगी, जो अपने बच्चों को 'इसराइल को बर्बाद करने' की सीख नहीं देगा.
नेतन्याहू ने एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए बताया कि फ़लस्तीनी प्राधिकरण के कब्जे वाले फ़लस्तीनी इलाके 'वेस्ट बैंक' के 82 प्रतिशत लोगों ने इसराइल पर सात अक्टूबर को हुए हमले को उचित करार दिया है.
उन्होंने कहा कि युद्ध ख़त्म होने के बाद इसराइली सेना ग़ज़ा में सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार होगी.
हमास के कब्जे में अभी भी रह रहे 100 से अधिक इसराइली नागरिकों की रिहाई के बारे में उन्होंने कहा कि हाल के अस्थाई सीजफायर की वजह 'सेना का दबाव' थी और यह दबाव ही बाक़ी बंधकों की रिहाई तय करेगा.
वहीं एक बड़े बयान में नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें पिछले 30 सालों से दोनों पक्षों के बीच 1993 में हुए ओस्लो समझौते पर 'ब्रेक' लगाने और फ़लस्तीनी राज्य बनने से रोकने के लिए 'ज़िम्मेदार' बताया जाता है, जो कि 'सच' है.
उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा करने पर 'गर्व' है, क्योंकि आज हर कोई इसका अंजाम
अब से लगभग 10 महीने बाद अमेरिका में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुए ताज़ा सर्वेक्षण में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन पर भारी पड़ते नज़र आ रहे हैं.
सीएनएन के ताज़ा मतदाता सर्वेक्षण में जिन राज्यों के मतदाताओं के बहुमत की पसंद हर चुनाव में बदलती रहती है, उन राज्यों में ट्रंप अपने प्रतिद्वंद्वी बाइडन पर बढ़त बनाते दिख रहे हैं.
माना जा रहा है कि अगले राष्ट्रपति चुनाव में इन राज्यों की भूमिका काफ़ी अहम रहने वाली है.
इस सर्वेक्षण के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ने जॉर्जिया (5 प्रतिशत की बढ़त), मिशिगन (10 प्रतिशत की बढ़त), नेवादा, एरिज़ोना, विस्कॉन्सिन और पेन्सिल्वेनिया जैसे राज्यों में राष्ट्रपति बाइडन से ट्रंप आगे हैं.
2020 के चुनाव में जो बाइडन ने इन सभी छह राज्यों में जीत दर्ज की थी. माना जा रहा है कि एक बार फिर अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए डोनाल्ड ट्रंप को इनमें से किसी भी एक राज्य में जीत दर्ज करनी होगी.
इसी हफ़्ते ब्लूमबर्ग/मॉर्निंग कंसल्ट के मतदाता सर्वेक्षण में भी बाइडन, ट्रंप से पिछड़ते दिखे हैं. इसके अनुसार, बाइडन कई 'स्विंग स्टेट्स' में पिछड़ रहे हैं. बाइडन के लिए यह ख़तरे की घंटी माना जा रहा है.
इस सर्वे के अनुसार, उत्तरी कैरोलिना (11 प्रतिशत), जॉर्जिया (7 प्रतिशत), विस्कॉन्सिन (6 प्रतिशत), नेवादा (5 प्रतिशत), मिशिगन (4 प्रतिशत) और एरिज़ोना (3 प्रतिशत) में बाइडन पिछड़ रहे हैं.
हालांकि अभी प्राइमरी के चुनाव नहीं हुए हैं और रिपब्लिकन पार्टी में डोनाल्ड ट्रंप की उम्मीदवारी पर मुहर नहीं लगी है. (bbc.com/hindi)
लीबिया के तट पर हुई एक जहाज़ दुर्घटना में 60 से अधिक प्रवासियों के डूबने की ख़बर है.
संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने ज़िंदा बचे लोगों का हवाला देते हुए शनिवार को बताया कि यह जहाज़ लगभग 86 लोगों को लेकर लीबिया के तटीय शहर ज़ुवारा से रवाना हुआ था.
ख़बर के अनुसार, समुद्र की ऊंची लहरों की चपेट में नाव के आ जाने से बच्चों समेत 61 लोग लापता हो गए. माना जा रहा है कि वे मर गए हैं.
भूमध्य सागर पार कर अफ्रीका से यूरोप जाने की कोशिश करने वाले प्रवासियों के लिए लीबिया मुख्य केंद्रों में से एक है.
आईओएम का अनुमान है कि अकेले इस साल इस तरह के प्रयास के दौरान अब तक 2,200 से अधिक लोग डूब कर मर चुके हैं.
समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, आईओएम ने कहा है कि इस हादसे में मारे गए अधिकतर लोग नाइजीरिया, गाम्बिया और अन्य अफ्रीकी देशों के थे.
इसमें यह भी कहा गया कि बचे हुए 25 लोगों को लीबिया के डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया है. वहां उन्हें चिकित्सा सहायता दी जा रही है.
सोशल मीडिया साइट एक्स पर आईओएम के एक प्रवक्ता ने इस साल मारे गए लोगों की संख्या को अविश्वसनीय ढंग से बढ़ी है.
उन्होंने कहा कि समुद्र में लोगों की जान बचाने के पर्याप्त प्रयास नहीं किए जा रहे हैं.
भूमध्य सागर को पार करने की होड़ में अक्सर देखा जाता है कि छोटी सी नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार हो जाते हैं, जो उनकी सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक होता है.
यात्रा करने वाले लोग आम तौर पर सबसे पहले इटली पहुंचते हैं और वहां से यूरोप के अन्य देश चले जाते हैं.
आईओएम के अनुसार, इस साल ट्यूनीशिया और लीबिया से 1.53 लाख से अधिक प्रवासी इटली पहुंचे हैं. (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 16 दिसंबर । एक नई सरकारी रिपोर्ट से पता चला है कि अमेरिका में बेघर लोगों की संख्या 12 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने शुक्रवार को आवास और शहरी विकास विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के हवाले से बताया कि जनवरी में देश भर में लगभग 653,000 लोग बेघर हो गए।
यह एक वर्ष पहले की तुलना में 70,650 अधिक है और 2007 में सर्वेक्षण शुरू होने के बाद से सबसे अधिक संख्या है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ्रीकी-अमेरिकी अमेरिकी आबादी का 13 प्रतिशत हैं, लेकिन कुल बेघरों का 37 प्रतिशत हैं।
इसमें कहा गया है कि बेघर होने में सबसे बड़ा उछाल हिस्पैनिक लोगों में था, जो 2022 से 2023 तक 28 प्रतिशत थी।
पारिवारिक बेघरता में भी 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 2012 के बाद से गिरावट की प्रवृत्ति को उलट रही है।
अमेरिका में बेघर होने के संकट के पीछे बढ़ते किराए और कोरोनोवायरस महामारी सहायता में गिरावट प्रमुख कारकों में से एक है। (आईएएनएस)।
वाशिंगटन, 16 दिसंबर । एक नई सरकारी रिपोर्ट से पता चला है कि अमेरिका में बेघर लोगों की संख्या 12 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने शुक्रवार को आवास और शहरी विकास विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के हवाले से बताया कि जनवरी में देश भर में लगभग 653,000 लोग बेघर हो गए।
यह एक वर्ष पहले की तुलना में 70,650 अधिक है और 2007 में सर्वेक्षण शुरू होने के बाद से सबसे अधिक संख्या है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ्रीकी-अमेरिकी अमेरिकी आबादी का 13 प्रतिशत हैं, लेकिन कुल बेघरों का 37 प्रतिशत हैं।
इसमें कहा गया है कि बेघर होने में सबसे बड़ा उछाल हिस्पैनिक लोगों में था, जो 2022 से 2023 तक 28 प्रतिशत थी।
पारिवारिक बेघरता में भी 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 2012 के बाद से गिरावट की प्रवृत्ति को उलट रही है।
अमेरिका में बेघर होने के संकट के पीछे बढ़ते किराए और कोरोनोवायरस महामारी सहायता में गिरावट प्रमुख कारकों में से एक है। (आईएएनएस)।
टोरंटो, 16 दिसंबर । कनाडा के सस्केचेवान में 2018 की एक दुर्घटना में 16 युवा हॉकी खिलाड़ियों की जान लेने के मामले में आठ साल की जेल की सजा काट रहे भारतीय-कनाडाई ट्रक ड्राइवर जसकीरत सिंह सिद्धू अब भारत निर्वासित किए जाने के एक कदम और करीब है।
सिद्धू ने एक चौराहे पर ट्रैफिक लाइट तोड़ दी थी और अपने ट्रक ट्रेलर से हम्बोल्ट ब्रोंकोस हॉकी क्लब के खिलाड़ियों को ले जा रही बस में टक्कर मार दी थी, जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई और 13 घायल हो गए थे।
एक संघीय अदालत ने गुरुवार को निर्वासन रोकने के सिद्धू के आवेदन को खारिज कर दिया। कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी ने सिफ़ारिश की है कि सिद्धू को भारत भेज दिया जाए।
सिद्धू शादीशुदा है और उसे इस साल की शुरुआत में पैरोल दी गई थी। उसने गुहार लगाई कि उनका निर्वासन रोक दिया जाए क्योंकि उस घटना से पहले उसका रिकॉर्ड साफ था।
उसके वकील, माइकल ग्रीन ने अनुरोध किया कि निर्वासन के लिए कनाडा सीमा सेवा एजेंसी की सिफारिश को रोक दिया जाए।
सिद्धू की याचिका को खारिज करते हुए, मुख्य न्यायाधीश पॉल क्रैम्पटन ने कहा, "कई लोगों की जान चली गई, कई परिवार टूट गए, और कई उम्मीदें और सपने चकनाचूर हो गए। दुर्भाग्य से, इस अदालत का कोई भी फैसला उन दुखद परिणामों को नहीं बदल सकता।"
न्यायाधीश ने सिद्धू को भारत निर्वासित करने के फैसले को उचित ठहराते हुए कहा, “अधिकारी का निर्णय उचित, पारदर्शी है। यह सुसंगत और तर्कसंगत है, और सिद्धू द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों के साथ सही रूप से जुड़ा हुआ है।"
अपने निर्वासन को रोकने के लिए सिद्धू के पास अब सिर्फ मानवीय आधार ही बचा है। (आईएएनएस)
सना, 16 दिसंबर। यमन के हौथी विद्रोहियों ने लाल सागर में दो मालवाहक जहाजों पर मिसाइल हमले की जिम्मेदारी ली है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हौथी सैन्य प्रवक्ता येह्या सरिया ने शुक्रवार को समूह के अल-मसीरा टीवी पर प्रसारित एक बयान में कहा, "हमने इजराइल की ओर जा रहे दो कंटेनर जहाजों के खिलाफ एक सैन्य अभियान चलाया।"
सरिया ने कहा, "हमने दो मिसाइलों से जहाजों, एमएससी अलान्या और एमएससी पलाटियम तीन को निशाना बनाया। यह ऑपरेशन तब हुआ जब दो जहाजों के चालक दल ने हमारे नौसैनिक बलों के कॉल का जवाब देने से इनकार कर दिया।"
प्रवक्ता ने कहा कि उनका समूह "जब तक गाजा पट्टी में अधिक भोजन और दवा की आपूर्ति की अनुमति नहीं दी जाती, तब तक सभी जहाजों को इजरायली बंदरगाहों की ओर जाने से रोकना जारी रहेगा।"
सऊदी स्थित अल अरबिया टीवी समाचार ने यह भी बताया कि मालवाहक जहाजों में से एक, जिस पर लाइबेरिया का झंडा था, यमन की मिसाइल से हमला किया गया और उसमें आग लग गई।
7 अक्टूबर को इज़राइल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद हौथियों द्वारा दावा किए गए इज़राइल विरोधी हमलों की श्रृंखला में यह नवीनतम है।
गुरुवार को, हौथिस ने कहा कि उन्होंने एक मालवाहक जहाज पर ड्रोन से हमला किया क्योंकि उसने लाल सागर में अपनी यात्रा रोकने और वापस जाने के आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया था।
मंगलवार को, हौथी समूह ने कहा कि उसने लाल सागर में इज़राइल जाने वाले नॉर्वेजियन तेल जहाज पर मिसाइल से हमला किया। इसके पहले भी हौथी लड़ाके हमले का दावा कर चुके हैं।
--आईएएनएस
कीव, 16 दिसंबर । यूक्रेन के पश्चिमी जकारपट्टिया क्षेत्र में ग्राम परिषद की इमारत में किए गए ग्रेनेड विस्फोट में कम से कम 26 लोग घायल हो गए। राष्ट्रीय पुलिस ने यह जानकारी दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने पुलिस के एक टेलीग्राम पोस्ट का हवाला देते हुए बताया कि यह घटना शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार सुबह लगभग 11:37 बजे केरेत्स्की गांव में परिषद की बैठक के दौरान हुई।
घायलों में से छह को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मीडिया के अनुसार, हमले के पीछे हमलावर और केरेत्स्की क्षेत्रीय समुदाय के प्रमुख के बीच संघर्ष था।
यूक्रेनी अधिकारी आतंकवाद और हथियारों, गोला-बारूद या विस्फोटकों के अवैध संचालन के आरोप में घटना की जांच कर रहे हैं। (आईएएनएस)।
वाशिंगटन, 16 दिसंबर । अमेरिका में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या की नाकाम कोशिश में शामिल होने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के अभियोग पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन द्वारा भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसियों को जानकारी दी गई।
एक बयान जारी करते हुए, पांच सांसदों - अमी बेरा, श्री थानेदार, राजा कृष्णमूर्ति, प्रमिला जयपाल और रो खन्ना ने गुप्ता के अभियोग पर जानकारी प्रदान करने के प्रशासन के कदम की सराहना की।
उन्होंने बयान में कहा, "हम न्याय विभाग द्वारा निखिल गुप्ता के अभियोग पर जानकारी प्रदान करने वाले प्रशासन की सराहना करते हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि भारत सरकार का एक अधिकारी एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश में शामिल था।"
"कांग्रेस के सदस्यों के रूप में, हमारे घटकों की सुरक्षा और भलाई हमारी सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। अभियोग में लगाए गए आरोप बेहद चिंताजनक हैं।"
सांसदों ने हत्या की साजिश की पूरी जांच के लिए एक जांच समिति की घोषणा करने के भारत के प्रयासों का भी स्वागत किया।
उन्होंने कहा," यह महत्वपूर्ण है कि भारत पूरी तरह से जांच करे, भारत सरकार के अधिकारियों सहित जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह बनाए और आश्वासन दे कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।"
नई दिल्ली ने हत्या की साजिश के आरोप में एक भारतीय व्यक्ति को अमेरिका द्वारा दोषी ठहराए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और कहा था कि यह "चिंता का विषय" है और "सरकारी नीति के विपरीत" भी है।
सांसदों ने आगे कहा कि मामले को 'उचित रूप से' हल करने में विफल रहने से वर्षों से मजबूत हुए द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट आने की संभावना है।
बयान में कहा गया है,"हम मानते हैं कि अमेरिका-भारत साझेदारी ने हमारे दोनों लोगों के जीवन पर सार्थक प्रभाव डाला है, लेकिन हमें चिंता है कि यदि अभियोग में उल्लिखित कार्रवाइयों को उचित रूप से संबोधित नहीं किया गया, तो इस परिणामी साझेदारी को महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है।"
अमेरिकी अभियोजकों ने कथित तौर पर एक भारतीय सरकारी कर्मचारी की ओर से अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने के लिए 52 वर्षीय गुप्ता के खिलाफ हत्या के आरोप की घोषणा की है।
न्यूयॉर्क में रह रहा पन्नून भारत में एक नामित आतंकवादी है और प्रतिबंधित खालिस्तान समूह, सिख फॉर जस्टिस का कानूनी सलाहकार है।
प्राग की एक जेल में बंद गुप्ता को प्रत्यर्पण संधि के तहत अमेरिका के अनुरोध के जवाब में चेक अधिकारियों ने 30 जून को गिरफ्तार किया था।
किराये के बदले हत्या और साजिश के आरोप में दोषी पाए जाने पर उसे 20 साल की जेल की सजा का सामना करना पड़ेगा।
अमेरिका ने भारत सरकार के एक कर्मचारी पर भी आरोप लगाया है, जिसकी पहचान फिलहाल गुप्त रखी गई है। (आईएएनएस)।
वाशिंगटन, 16 दिसंबर । एक संघीय जूरी ने डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व वकील रूडी गिउलियानी को 2020 में दो महिला चुनाव कर्मियों को वोटों के साथ छेड़छाड़ करने के झूठे दावों पर 148 मिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान करने का आदेश दिया है।
पोलिटिको के मुताबिक आठ सदस्यीय पैनल ने शुक्रवार को रूबी फ्रीमैन और उनकी बेटी शाय मॉस को इस दावे के लिए लगभग 16 मिलियन डॉलर देने का आदेश दिया कि गिउलिआनी ने उन्हें बदनाम किया, साथ ही गिउलिआनी के आरोपों के बाद उन्हें जो भावनात्मक परेशानी का सामना करना पड़ा इसके लिए प्रत्येक को 20 मिलियन डॉलर देने का आदेश दिया।
दंडात्मक क्षति के रूप में 75 मिलियन डॉलर का एक और भुगतान उनके बीच विभाजित करने का आदेश दिया गया था।
जुर्माना तय करने के लिए चार दिनों की सुनवाई के बाद यह फैसला आया।
फ़्रीमैन और मॉस ने गिउलिआनी से 15 मिलियन से 43 मिलियन डॉलर के बीच हर्जाने की मांग की थी।
फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गिउलिआनी ने कहा कि उन्हें "किसी बड़ी बात" का अफसोस नहीं है। (आईएएनएस) ।
वर्जीनिया (अमेरिका), 16 दिसंबर। वर्जीनिया में अपनी शिक्षिका को गोली मारने वाले छह वर्षीय बच्चे की मां को संतान के पालन-पोषण में लापरवाही बरतने के आरोप में दो साल कारावास की सजा सुनाई गई है।
देजा टेलर के बेटे ने उसकी शॉर्ट गन से अपनी अध्यापिका पर गोली चला दी थी। ‘न्यूपोर्ट न्यूज’ ने बताया कि देश को स्तब्ध कर देने वाली इस घटना में टेलर को दूसरी बार सजा सुनाई गई है।
सर्किट अदालत के न्यायाधीश क्रिस्टोफर पैपीले ने टेलर को राज्य सरकार के मामले में शुक्रवार को जो सजा सुनाई वह तय दिशा-निर्देशों की तुलना में कठोर है। अभियोजकों और टेलर के वकीलों ने छह महीने की सजा की सिफारिश की थी लेकिन अदालत से इससे अधिक सजा सुनाई।
टेलर को बंदूक रखते हुए भांग का उपयोग करने के लिए नवंबर में संघीय मामले में 21 महीने की सजा सुनाई गई थी। बंदूक रखना और उसके साथ भांग का इस्तेमाल करना अमेरिकी कानून का उल्लंघन है। राज्य के मामले और संघीय मामले में टेलर को कुल चार साल की सजा सुनाई गई है।
टेलर के बेटे ने प्राधिकारियों को बताया था कि वह अपनी मां के पर्स में रखी 9एमएम की बंदूक को अपने बस्ते में छिपाकर स्कूल ले गया था और उसने पहली कक्षा की अध्यापिका एबी ज्वेनर को गोली मार दी थी जिसके कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गई थीं।
एपी सिम्मी शोभना शोभना 1612 0914 वर्जीनिया (एपी)
काहिरा, 16 दिसंबर। दक्षिणी गाजा के एक स्कूल पर शुक्रवार को इजराइल के हमले में टीवी नेटवर्क ‘अल जजीरा’ के एक फलस्तीनी कैमरामैन की मौत हो गई और गाजा में कार्यरत उसका मुख्य संवाददाता घायल हो गया। टीवी नेटवर्क ने यह जानकारी दी।
नेटवर्क ने बताया कि कैमरामैन समीर अबू दक्का और संवाददाता वाएल दहदौह दक्षिणी शहर खान यूनिस के एक स्कूल में हमला होने के बाद वहां गए थे और जब वे स्कूल पहुंचे तो वहां इजराइली ड्रोन से एक और हमला किया गया, जिसमें अबू दक्का और दहदौह गंभीर रूप से घायल हो गए।
अस्पताल में भर्ती दहदौह ने ‘एल जजीरा’ को बताया कि वह खून से लथपथ अवस्था में स्कूल से बाहर निकलने में सफल रहा, जहां कई एंबुलेंस कर्मी खड़े थे।
दहदौह ने कहा कि उन्होंने एंबुलेंस कर्मियों से अबू दक्का को बाहर लाने को कहा, लेकिन उन्होंने कहा कि इसमें बहुत जोखिम है और उन्होंने वादा किया कि उसके लिए एक और एंबुलेंस आएगी।
दहदौह ने कहा, ‘‘वह चीख रहा था और मदद की गुहार लगा रहा था।’’
अल जजीरा ने बताया कि बाद में शाम को एक एंबुलेंस ने अबू दक्का को निकालने के लिए स्कूल पहुंचने की कोशिश की लेकिन ध्वस्त मकानों के मलबे के कारण सड़कें अवरुद्ध होने की वजह से उसे लौटना पड़ा।
नेटवर्क ने बयान में कहा कि अबू दक्का का खून कई घंटे बहता रहा और शुक्रवार शाम को एक असैन्य सुरक्षा दल ने उन्हें मृत पाया।
‘कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट’ के अनुसार, सात अक्टूबर को हमास और इजराइल के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से 64 पत्रकारों की मौत हो चुकी है जिनमें 57 फलस्तीनी, चार इजराइली और तीन लेबनानी पत्रकार शामिल हैं।
एपी सिम्मी शोभना शोभना 1612 0829 काहिरा (एपी)