राष्ट्रीय
बागलकोट (कर्नाटक) 28 सितम्बर | कर्नाटक में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने बीजेपी और आरएसएस पर लगातार हमले करते हुए मंगलवार को कहा कि देश को आजादी महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के प्रयासों से मिली, ना कि आरएसएस की वजह से मिली। उन्होंने आगे सवाल किया, "क्या गोडसे (महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे) ने हमारे लिए आजादी जीती और क्या सावरकर (वीर सावरकर) ने देश के लिए आजादी हासिल की?"
सिद्धारमैया ने आगे पूछा, "क्या आरएसएस या बीजेपी में से किसी की मृत्यु हुई या भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी? बीजेपी में लोग इतिहास नहीं जानते हैं।"
उन्होंने तालिबान की तुलना आरएसएस और भाजपा से करने के अपने पहले के बयान का बचाव करते हुए कहा कि, "जो मानवता में विश्वास नहीं करता वह तालिबान है। भाजपा और आरएसएस को मानवतावाद में विश्वास नहीं है। वे लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं करते हैं। वे संविधान का सम्मान तक नहीं करते। चूंकि वे संविधान के सिद्धांतों के अनुसार शासन नहीं करते हैं, इसलिए उन्हें तालिबानी और हिटलर की संस्कृति वाला कहा जाता है।"
इससे पहले, सिद्धारमैया ने रविवार को आरएसएस कैडर को 'चड्डी' (शॉर्ट्स, आरएसएस कैडर द्वारा पहनी जाने वाली शॉर्ट पैंट का जिक्र करते हुए) कहा था। यहां तक कि उन्होंने बीजेपी और आरएसएस के नेताओं को राक्षसी करार दिया था।
पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक सी.टी. रवि ने कहा कि सिद्धारमैया झूठे हैं। उम्र के कारण वह कुछ चीजों के प्रति अंधे हो गये हैं और उन्हें इलाज की जरूरत है। अगर तालिबान को सत्ता में रहना होता, तो वह इस समय तक एक खंभे पर लटके होते।
गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा, "अगर वह तालिबान और भाजपा में अंतर नहीं कर सकते, तो वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। सिद्धारमैया विपक्ष के नेता हैं जो कुछ बातें कहना चाहते हैं। यह स्पष्ट है कि वह कर्नाटक में भाजपा द्वारा किए गए अच्छे काम को पचा नहीं पा रहे हैं।" (आईएएनएस)
दक्षिण कन्नड़ (कर्नाटक), 28 सितंबर | कर्नाटक पुलिस ने दक्षिण कन्नड़ जिले के सुरथकल के पास हुई कथित नैतिक पुलिसिंग के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। मंगलुरु के पुलिस आयुक्त एन. शशि कुमार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। आयुक्त शशि कुमार ने कहा कि आरोपी ने रविवार को उस वाहन को रोका था, जिसमें एक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान में पढ़ने वाली तीन लड़कियों सहित 6 छात्र यात्रा कर रहे थे। वे मालपे समुद्र तट क्षेत्र में गए थे और जब लौट रहे थे, उसी दौरान उन्हें रोका गया। इस बारे में सूरथकल थाना क्षेत्र के छात्रों पूछताछ कर जानकारी जुटाई गई।
आरोपी ने एक छात्र को वाहन से घसीटा, जिससे वह घायल हो गया। इस संबंध में दर्ज कराई गई शिकायत में उल्लेख किया गया है कि अज्ञात पुरुषों के एक समूह ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और मारपीट की गई।
शिकायतकर्ता ने कहा, "हमारे पुलिस निरीक्षक शरीफ, जो अपनी निजी कार में उसी सड़क से गुजर रहे थे, भीड़ को रोका और नियंत्रित किया। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए छात्रों को पुलिस स्टेशन ले जाया गया।"
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि लड़कों के समूह ने लड़कियों के साथ बदसलूकी की सूचना मिलते ही उन्होंने कार रोक दी। उन्होंने कहा, "जब हमने मामले की जांच की तो ऐसा कुछ नहीं मिला। सभी एक ही कक्षा के हैं और अपने पेशेवर पाठ्यक्रमों में द्वितीय वर्ष में पढ़ते हैं।"
यह पूछे जाने पर कि क्या समूह के लड़के एक अलग धर्म के थे, आयुक्त शशि कुमार ने कहा कि यह भी हमले के कारणों में से एक था।
एक राहगीर द्वारा बनाया गया घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। सूत्रों ने बताया कि मेडिकल के छात्र यात्रा पर मालपे बीच के पास एक द्वीप पर गए थे। आरोपी व्यक्तियों ने उनका पीछा किया। जब समूह ने मेडिकल छात्रों को निशाना बनाया तो वे भीड़ से भिड़ गए और उनसे सवाल किया कि उन्हें क्यों रोका जा रहा है। मामले की जांच जारी है। (आईएएनएस)
यवतमाल (महाराष्ट्र), 28 सितम्बर | महाराष्ट्र के यवतमाल के उमरखेड़ में मंगलवार सुबह एक जलमग्न पुल को पार करते समय राज्य परिवहन की बस के बह जाने से चार लोगों की मौत हो गई। स्थानीय लोगों की चेतावनियों की अनदेखी करते हुए, महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) नांदेड़-नागपुर बस बाढ़ के पानी में जलमग्न पुल को पार कर रही थी।
बमुश्किल कुछ मीटर की दूरी पर ही बस पानी की तेज धाराओं में फंस गई, चालक ने नियंत्रण खो दिया और यात्रियों के साथ वाहन नदी में गिर गई।
देर दोपहर तक, बचाव दल बस चालक, कंडक्टर और दो यात्रियों के शवों को निकालने में कामयाब रहे।
चार अन्य यात्रियों ने बस की छत पर चढ़ने में कामयाबी हासिल की और तीन को ग्रामीणों ने बचा लिया।
रोजगार गारंटी मंत्री संदीपनराव भुमरे, (जो यवतमाल के संरक्षक मंत्री हैं) ने खोज और बचाव कार्यों की निगरानी की।
गुलाब चक्रवात के दुष्परिणाम के रूप में जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते आज शाम तेज बहाव वाली नदी में फंसी बस को निकालने के लिए रस्सियों वाली एक क्रेन को नदी किनारे पर तैनात किया गया था।
जिले के शीर्ष पुलिस अधिकारी, एसटी अधिकारी और दमकल की टीमें भी आसपास के गांवों के युवाओं के साथ बचाव कार्यों में मदद के लिए पहुंचीं।
कोंकण जिलों सहित राज्य के कई हिस्सों मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, नासिक, पुणे, धुले, नंदुरबार, बीड, उस्मानाबाद, सतारा, कोल्हापुर, सोलापुर, औरंगाबाद, जालना, नांदेड़, लातूर, परभणी, यवतमाल, चंद्रपुर और अन्य में पिछले तीन दिनों में मूसलाधार बारिश हुई है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 सितम्बर | दिल्ली पुलिस ने इंडियन आइडल के पूर्व प्रतियोगी और ताइक्वांडो में दो बार के राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता को स्नैचिंग और डकैती के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, 28 वर्षीय आरोपी की पहचान सूरज के रूप में हुई है जो गुप्ता एन्क्लेव, विकास नगर, उत्तम नगर दिल्ली का निवासी है। उसके खिलाफ विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 30 से अधिक आपराधिक मामलों में शामिल होने का केस दर्ज है।
आरोपी इंडियन आइडल सीजन 4 में प्रतिभागी था और तब शीर्ष 50 प्रतियोगियों में पहुंचने में सफल रहा है।
22 सितंबर को पेट्रोलिंग ड्यूटी के दौरान एक पुलिस टीम ने एक स्कूटी पर एक संदिग्ध व्यक्ति को देखा था, बाद में शक होने पर कर्मचारियों ने उसे रोक लिया।
पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान पता चला की जो स्कूटी उसके पास है वह थाने कीर्ति नगर से चोरी हुई थी। आरोपी की सरसरी तलाशी के दौरान, उसके पास से एक देशी पिस्टल और एक जिंदा कारतूस बरामद किया गया।
पूछताछ के दौरान, आरोपी ने उत्तरी दिल्ली की सब्जी मंडी इलाके से कई मोबाइल फोन छीनने और 2.5 किलो सोने के सामान को लूटने की बात कबूल की।
एक अधिकारी ने कहा कि उसने मोटरसाइकिल पर देशी पिस्टल और चाकू के बल पर दिल्ली के विभिन्न हिस्सों, खासकर पश्चिम, बाहरी, मध्य और उत्तरी जिलों में 100 से अधिक स्नैचिंग करने की बात कबूल की है।
जांच के दौरान विभिन्न स्थानों से आरोपितों के इशारे पर 55 मोबाइल फोन व चार दोपहिया वाहन बरामद किए गए।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 सितम्बर | नवजोत सिंह सिद्दू के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने आलाकमान को ये पहले ही कहा था। पंजाब जैसे बॉर्डर के राज्य के लिये सिद्दू उपयुक्त व्यक्ति नहीं हैं। वहीं आईएएनएस से बातचीत में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन बंसल ने कहा, ये सिद्दू का निजी का फैसला है। उन्होंने क्या किया, इस पर कोई और क्या कह सकता है! आलाकमान ने उनपर भरोसा कर के ही ये पद उन्हें सौंपा था।
बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्तचरण दास ने कहा, ये पंजाब कांग्रेस की राजनीति के लिए अच्छी बात नहीं है। ये सिद्दू की महत्वकांक्षी प्रतिक्रिया का ही नतीजा है। सिद्दू पहले भी अपनी बयानबाजी से कांग्रेस पार्टी के नेताओं का दिल दुखाते रहे हैं, हालांकि उनका इस्तीफा कांग्रेस पार्टी के लिये अच्छी बात नहीं है। पार्टी को अब पंजाब में नए सिरे से मेहनत करनी होगी।
गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। 72 दिन के भीतर उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। जोकि कांग्रेस पार्टी में बेहद चौंकाने वाला है। सिद्धू ने मंगलवार को सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया है। सिद्धू ने ट्वीट कर के ये जानकारी दी। हालांकि सिद्धू ने ये भी स्पष्ट लिखा है कि वह कांग्रेस पार्टी में बने रहेंगे।
गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस में पिछले कुछ महीनों से कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था। उन दिनों लगातार मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की निंदा नवजोत सिंह सिद्धू खुलेआम करते रहे। अपने इसी अंदाज में सिद्धू ने कैप्टन की निंदा करते हुए एक दिन उनके मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इसके बाद दोनों नेताओं के बीच विवाद लगातार बढ़ता गया। इस तमाम गतिरोध के बीच अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और सिद्धू को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। हालांकि नाराज अमरिंदर सिंह ने कई बार हाईकमान से बातचीत की, लेकिन राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने कैप्टन की जगह सिद्धू को ही महत्व दिया और आज उसी सिद्धू ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया।(आईएएनएस)
भुवनेश्वर, 28 सितम्बर | भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को कहा कि उत्तर ओडिशा के कुछ जगहों पर 30 सितंबर तक भारी बारिश हो सकती है। एक विशेष बुलेटिन में, आईएमडी के भुवनेश्वर केंद्र ने कहा, "पूर्वोत्तर और उससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी पर चक्रवाती सर्कुलेशन के प्रभाव में, बंगाल की उत्तर-पश्चिम खाड़ी और पश्चिम बंगाल के आसपास के तटीय क्षेत्रों में कम दबाव का क्षेत्र बन गया था।"
संबंधित चक्रवाती सर्कुलेशन मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है। अगले 24 घंटों के दौरान इसके और अधिक पहचाने जाने की संभावना है।
कम दबाव के क्षेत्र के प्रभाव में मंगलवार को बालासोर, मयूरभंज, भद्रक, जाजपुर और केंद्रपाड़ा जिलों के एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
इसी तरह, बुधवार को क्योंझर, मयूरभंज, सुंदरगढ़, देवगढ़, अंगुल, जाजपुर, भद्रक, बालासोर और ढेंकनाल जिलों के कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है।
मौसम केंद्र ने चेतावनी दी है कि भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में जलभराव, नगर निगम सेवाओं में अस्थायी व्यवधान, शहरी क्षेत्रों में यातायात जाम और बुरहाबलंग और सुवर्णरेखा का जलस्तर बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसमें कहा गया है कि बागवानी फसलों को कुछ नुकसान भी हो सकता है।
आईएमडी ने कहा, इसके अलावा, सुंदरगढ़, झारसुगुडा और बरगढ़ जिलों में 30 सितंबर को भारी बारिश होगी।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 सितम्बर | सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा, जिसमें कोलकाता में चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों की सीबीआई जांच का आदेश देने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने मामले में कोई और प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के लिए सीबीआई को कोई निर्देश देने से इनकार कर दिया।
पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की विस्तृत दलीलें सुनने के बाद, जस्टिस विनीत सरन और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा, "आपने नोटिस जारी करने के लिए मामला बनाया है। देखते हैं। हम उत्तरदाताओं के लिए काउंटर दाखिल करने के लिए थोड़ा समय देंगे।"
जैसा कि सिब्बल ने पीठ से सीबीआई को मामले में कोई और मामला दर्ज नहीं करने का निर्देश देने का आग्रह किया, पीठ ने जवाब दिया, "यह केवल एक सप्ताह है, कुछ नहीं होगा।"
सीबीआई द्वारा मामलों में पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी करने के उनके अनुरोध पर, न्यायमूर्ति सरन ने कहा, "आपने प्राकृतिक न्याय के बारे में तर्क दिया है, हमें दूसरे पक्ष को सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं करना चाहिए।"
शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को निर्धारित की है।
सुनवाई समाप्त होने के बाद, सिब्बल ने पीठ से एक टिप्पणी मांगी कि मामले की सीबीआई जांच शीर्ष अदालत में मामले के परिणाम के अधीन होगी।
पीठ ने जवाब दिया, "यह एक विशिष्ट आदेश पारित किए बिना भी समझा जाता है, हमें ऐसा कहने की आवश्यकता नहीं है।"
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने एनएचआरसी पैनल की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद चुनाव परिणामों के बाद राज्य में जघन्य अपराधों के सभी कथित मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। चुनाव के बाद की हिंसा से जुड़े अन्य आपराधिक मामलों के लिए उच्च न्यायालय ने एक विशेष जांच दल द्वारा अदालत की निगरानी में जांच का निर्देश दिया था।
20 सितंबर को, पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि राज्य में "चौंकाने वाली चीजें" हुई हैं और मामले, जिनमें डकैती भी शामिल है, को "बड़े पैमाने पर" सीबीआई को स्थानांतरित किया जा रहा है।
सिब्बल ने कहा, "एक मामले में, आदमी जीवित है, सीबीआई भी डकैती के मामलों की जांच कर रही है। हर तरह की चीजें हो रही हैं।"
राज्य सरकार की याचिका में तर्क दिया गया था कि एनएचआरसी समिति की रिपोर्ट बड़ी जल्दबाजी में तैयार की गई थी, "एक पूर्व-कल्पित और प्रेरित उद्देश्य के साथ और सबसे महत्वपूर्ण, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों, आपराधिक न्यायशास्त्र के स्थापित सिद्धांतों की पूर्ण अवहेलना में।" इसने आगे कहा कि सीबीआई और एसआईटी को मामलों को स्थानांतरित करने का निर्देश शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार नहीं था, क्योंकि इस तरह के स्थानांतरण दुर्लभ या असाधारण मामलों में ही किए जाने चाहिए। (आईएएनएस)
जयपुर, 28 सितम्बर | राजस्थान के सिरोही जिले की पोक्सो स्पेशल कोर्ट ने 8 साल की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले और हत्या के दोषी को मौत की सजा सुनाई है। सुनवाई के दौरान अदालत ने 24 गवाहों को सुना और लड़की की डीएनए जांच रिपोर्ट का अध्ययन किया। उसके बाद सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायाधीश ने 26 वर्षीय नोकरम उर्फ धर्मा को मौत की सजा देने की घोषणा की।
पुलिस के अनुसार अनादरा थाना क्षेत्र के तेलपी खेड़ा गांव में 25 सितंबर 2020 को दुष्कर्म व हत्या का यह जघन्य अपराध दर्ज किया गया था। उस वक्त 8 साल की बच्ची और उसका छोटा भाई नदी के किनारे से गुजर रहे थे।
इसी दौरान नशे में धुत धर्मा ने मासूम को जबरन पकड़ लिया, जबकि उसका छोटा भाई डर गया और मौके से भाग गया। धर्मा ने नदी के किनारे मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया।
रविवार को अपने फैसले में, अदालत ने कहा, "बच्चों को किसी भी डर और असुरक्षा के बिना खुशी से समाज में रहने का अधिकार है। हालांकि, आज समाचार पत्रों में युवा लड़कियों के खिलाफ दुष्कर्म और अपराधों की खबरों की बाढ़ आ गई है।"
सभी सबूतों को सुनने के बाद, न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि यह दुर्लभतम मामला है और इसके लिए मौत की सजा से कम कोई सजा नहीं दी सकती है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 सितम्बर | हरियाणा के स्वास्थ्य और गृह मंत्री अनिल विज को सोमवार देर शाम कोविड-19 के बाद की शिकायत के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया। उन्हें सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद एम्स ले जाया गया। मंत्री ने सोमवार शाम को कोविड के बाद सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की, इसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल ले जाया गया। उन्हें एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया की निगरानी में रखा गया है। वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर है। रविवार को उनका ऑक्सीजन लेवल गिर गया जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी।
इससे पहले भी हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री को अगस्त में पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया, जब उनका ऑक्सीजन लेवल गिर गया था। स्वास्थ्य खराब होने के कारण अनिल विज हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में शामिल नहीं हुए।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने पिछले साल दिसंबर में भारत बायोटेक के कोवैक्सिन के परीक्षण के दौरान एक खुराक लेने के तुरंत बाद कोविड -19 को अनुबंधित किया था। उन्हें गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और तीन सप्ताह के बाद छुट्टी दे दी गई। उन्होंने भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सिन के तीसरे चरण के परीक्षणों में पहला स्वयंसेवक बनने की पेशकश की गई थी। उन्हें टीकों की दोनों खुराकें दी गई हैं। हालांकि, उन्होंने कई बार ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट के कारण कोविड के बाद की जटिलताओं की शिकायत की है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 28 सितम्बर | पंजाब कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह मंगलवार देर शाम केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि उनके मीडिया सलाहकार ने इससे इनकार किया है। सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलने की संभावना है।
हालांकि, अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने भाजपा नेताओं के साथ उनकी मुलाकात से इनकार करते हुए कहा कि वह कुछ दोस्तों से मिलने के लिए निजी तौर पर दिल्ली आए हैं।
ठुकराल ने ट्वीट किया, "कैप्टन अमरिंदर के दिल्ली दौरे के बारे में बहुत कुछ कहा जा रहा है। वह निजी दौरे पर हैं, इस दौरान वह कुछ दोस्तों से मिलेंगे और नए मुख्यमंत्री के लिए कपूरथला का घर भी खाली करेंगे। किसी भी तरह की अनावश्यक अटकलों की जरूरत नहीं है।"
प्रस्तावित बैठक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अमरिंदर सिंह ने कहा था कि उन्होंने 'अपमानित' महसूस करते हुए पद छोड़ दिया है।
साथ ही उन्होंने कहा था कि 'भविष्य की राजनीति का विकल्प हमेशा होता है और वह उस विकल्प का इस्तेमाल करेंगे।
कयास लगाए जा रहे हैं कि अमरिंदर सिंह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
अमरिंदर के इस्तीफे और राजनीतिक खींचतान के बाद, चरणजीत सिंह चन्नी ने 20 सितंबर को अपने दो डिप्टी के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उपमुख्यमंत्री- सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी, अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पिछली मंत्रिपरिषद में भी मंत्री थे। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 28 सितम्बर | हैदराबाद-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर गगनपहाड़ गांव के पास एक झील के उफान पर होने के कारण, अधिकारियों ने हैदराबाद हवाई अड्डे पर जाने वाले लोगों को आउटर रिंग रोड (ओआरआर) का उपयोग करने की सलाह दी है। अप्पा चेरुवु के ओवरफ्लो होने के कारण एनएच44 का एक हिस्सा जलमग्न हो गया है, जिससे हैदराबाद को शमशाबाद, कुरनूल और बेंगलुरु में राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से जोड़ने वाले प्रमुख राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया है।
साइबराबाद पुलिस ने हवाई अड्डे, कुरनूल, बेंगलुरु आदि की ओर जाने वाले नागरिकों से एनएच44 के बजाय ओआरआर का उपयोग करने की अपील की है।
लगातार दूसरे साल गगनपहाड़ में एनएच44 खंड पानी के नीचे आ गया है। साइबराबाद ट्रैफिक पुलिस एक लेन पर केवल भारी वाहनों को ही अनुमति दे रही है।
चेवेल्ला के सांसद जी. रंजीत रेड्डी ने अधिकारियों के साथ गगनपहाड़ का दौरा किया और स्थिति की समीक्षा की।
पिछले साल अक्टूबर में गगनपहाड़ में पांच लोग बह गए, जब भारी बारिश के बाद झील में पानी भर गया था।
इस बार किसी भी तरह की त्रासदी को रोकने के लिए प्रशासन ने यातायात को डायवर्ट कर एहतियाती कदम उठाए।
इस बीच, तेलंगाना राज्य पुलिस अकादमी (टीएसपीए) के पास ओआरआर सर्विस रोड पर हिमायत सागर झील का पानी ओवरफ्लो हो गया।
साइबराबाद ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्जन की घोषणा की। ओआरआर सर्विस रोड पर टीएसपीए से शमशाबाद की ओर जाने वाले ट्रैफिक को टीएसपीए-खलीजखान दरगाह-किस्मतपुर-बुडवेल एक्सटेंशन-पिलर नंबर 194-आरामघर पर डायवर्ट किया जा सकता है।
चक्रवात 'गुलाब' के प्रभाव में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश के बाद शहर के बाहरी इलाके हिमायत सागर और उस्मान सागर जलाशयों में पानी अधिकतम स्तर पर पहुंच गया है।
अधिकारियों ने मुसी नदी में पानी छोड़ने के लिए दोनों जलाशयों के द्वार खोल दिए हैं, जो शहर से होकर बहती है।
मुसी के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया गया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 सितम्बर | देशभर में अपने जनाधार और जनपतिनिधियों की संख्या बढ़ाने की मुहिम में लगी भाजपा को पुड्डुचेरी में एक बड़ी कामयाबी मिली है। 1980 में भारतीय जनता पार्टी के नाम से गठित होने वाले राजनीतिक दल को पहली बार पुड्डुचेरी से राज्यसभा की सीट मिली है। पार्टी की इस सफलता से उत्साहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुड्डुचेरी से भाजपा को पहली बार राज्यसभा सीट मिलने को पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं के लिए गर्व की बात बताया है। पुड्डुचेरी की जीत से उत्साहित प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करके लिखा कि यह भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं के लिए गर्व की बात है कि हमारी पार्टी को एस सेल्वागणपति जी के रूप में पुड्डुचेरी से पहला राज्यसभा सांसद मिला है।
प्रधानमंत्री ने पुड्डुचेरी की जनता का आभार जताते हुए यह भरोसा दिलाया कि वे राज्य की प्रगति के लिए लगातार कार्य करते रहेंगे।
आपको बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में भाजपा, एआईएनआरसी की गठबंधन सरकार है और समझौते के तहत इस बार राज्यसभा सीट भाजपा के खाते में आई है और इस तरह से पुड्डुचेरी से पहली बार राज्यसभा में भाजपा का कोई सांसद पहुंचा है और वो भी निर्विरोध निर्वाचित होकर।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के दो सहयोगियों सवार्नंद सोनोवाल और एल मुरुगन को भी राज्यसभा चुनाव में निर्विरोध निर्वाचित होने पर बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि मेरे मंत्रिमंडलीय सहयोगियों सवार्नंद सोनोवाल और एल मुरुगन को क्रमश: असम और मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने पर बधाई।
उन्होने अपने दोनों मंत्रिमंडलीय सहयोगियों पर विश्वास जताते हुए लिखा कि ये दोनों संसद की कार्यवाहियों में अपना योगदान देंगे और लोगों की भलाई के हमारे एजेंडे को बढ़ाएंगे।
आपको बता दें कि सोमवार को इन सीटों पर नाम वापस लेने की आखिरी तारीख थी और इन सभी सीटों पर एक ही उम्मीदवार होने की वजह से निर्वाचन अधिकारियों ने इन्हे निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 सितम्बर | लाहौर का एक सत्र अदालत ने पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) के धारा 295 सी के तहत ईश-निंदा के आरोप में एक मुस्लिम महिला को मौत की सजा सुना दी। डॉन न्यूज ने इसकी जानकारी दी। फैसले में कहा, "दोषी सल्मा तनवीर को मौत की सजा सुनाई गई है और पीकेआर फाइन यू/एस 295-सी पीपीसी के तहत 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।"
अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश मंसूर अहमद कुरेशी ने अपने 22-पेज के फैसले में कहा, "यह उचित संदेह से परे साबित हुआ है कि सल्मा तनवीर ने पवित्र पैगंबर मुहम्मद (पीबीयूएच) के संबंध में अपमानजनक लेखन लिखे और वितरित किए और वह साबित करने में नाकाम रहे कि उसका मामला पीपीसी की धारा 84 द्वारा प्रदान किए गए अपवाद में पड़ता है।"
डॉन समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि एक निजी स्कूल के मालिक और प्रिंसिपल पर अपने लेखन की फोटोकॉपी वितरित करने का आरोप लगाया गया था, जिसमें उन्होंने भविष्यवक्ता की अंतिमवस्था से इंकार कर दिया और उन्हें एक भविष्यद्वक्ता के रूप में दावा किया।
महिला के वकील, मुहम्मद रमजान ने तर्क दिया था कि संदिग्ध घटना के समय अस्वस्थ मस्तिष्क में थी।
उन्होंने कहा कि संबंधित मजिस्ट्रेट ने संदिग्ध की मानसिक परीक्षा का आदेश दिया था जो संदिग्ध के हिस्से पर किसी भी गलती के बिना लंबित रहा था।
इस वकील ने आगे कहा कि फोटोकॉपीज से लेखन की तुलना संभव नहीं थी क्योंकि कथित दस्तावेजों की फोटोकॉपी में छेड़छाड़ की गई थी।
एक राज्य अभियोजक, सदिया आरिफ ने शिकायतकर्ता के वकील गुलाम मुस्तफा चौधरी की सहायता करते हुए अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि अभियोजन पक्ष ने मौखिक और वृत्तचित्र साक्ष्य के आधार पर अपना मामला साबित कर दिया।
उन्होंने कहा कि संदिग्ध यह साबित करने में असफल रहा कि निन्दा सामग्री लिखने और वितरित करने के समय वह अपने कार्य की प्रकृति को जानने में असमर्थ थी।
धारा 84 असुरक्षित दिमाग के व्यक्ति द्वारा किए गए अपराधों से संबंधित है।
निश्तर कॉलोनी पुलिस ने स्थानीय मस्जिद के कारी इफ्तिखार अहमद रजा की शिकायत पर महिला के खिलाफ 2 सितंबर, 2013 को प्राथमिकी दर्ज की थी।
न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि रिकॉर्ड से पता चला कि महिला अपनी गिरफ्तारी तक अपने स्कूल को अकेले चला रही थी।
इसलिए, महिला को कानूनी पागलपन से पीड़ित नहीं होने के लिए कहा जा सका।
न्यायाधीश ने आगे देखा कि यह स्पष्ट था कि संदिग्ध असामान्यता से मुक्त नहीं थी अन्यथा, वरना ऐसी अपमानजनक सामग्री को लिखकर उसके वितरित नहीं करती। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 सितम्बर | राष्ट्रीय राजधानी की मंडोली जेल में कम से कम 25 कैदियों ने जानबूझकर खुद को घायल कर लिया है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को दी। सूत्रों के अनुसार, यह घटना सोमवार शाम को जेल नंबर 11 में हुई जब दो कैदी दानिश और अनीश बिना किसी कारण के अपने वार्ड से बाहर जाना चाहते थे। बाद में पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया क्योंकि दोनों के बीच एक मौजूदा गिरोह प्रतिद्वंद्विता थी।
जेल सूत्रों ने कहा, "इस बात ने उन्हें उत्तेजित कर दिया और उन्होंने खुद को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए कहा।"
इसके बाद अन्य कैदियों ने भी दीवारों पर सिर पीटकर और एक-दूसरे को छुरा घोंपकर खुद को घायल करना शुरू कर दिया। इसके बाद जेल अधिकारियों को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा।
सूत्रों ने कहा, "करीब 25 कैदियों को मामूली चोटें आई, जिनमें से एक को नजदीकी अस्पताल ले जाना पड़ा।"
गौरतलब है कि रोहिणी कोर्ट में जितेंद्र सिंह मान उर्फ 'गोगी' की नाटकीय हत्या के बाद अधिकारियों ने उच्च सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल, मंडोली जेल और रोहिणी समेत दिल्ली की सभी जेलों में गैंगवार की आशंका जताई है। जेल को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
गोगी तिहाड़ जेल में बंद था जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी टीलू ताजपुरिया मंडोली जेल में हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 सितम्बर | अगले 48 घंटे के भीतर देश भर के सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों को 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों का डेटा अपडेट और अपलोड करना होगा। स्कूलों से यह डेटा मिलने के बाद ही सीबीएसई बोर्ड इस साल नवंबर में शुरू होने वाली पहले बैच की बोर्ड परीक्षाओं की डेट शीट घोषित करेगा। सीबीएसई बोर्ड फिलहाल देश भर के 10वीं एवं 12वीं कक्षा के सीबीएसई छात्रों का ब्यौरा एकत्र कर रहा है। इस संदर्भ में सीबीएसई बोर्ड ने देशभर के स्कूलों के लिए एक नोटिस भी जारी किया है। नोटिस में सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि सभी स्कूलों को तय समय में छात्रों की जानकारी 'लिस्ट ऑफ कैडिडेट्स' यानी एलओसी बनाकर बोर्ड को भेजनी है। स्कूलों द्वारा यह प्रक्रिया 30 सितंबर पूरी की जानी है।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज के मुताबिक सीबीएसई बोर्ड इस बार दो चरणों में बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कर रहा है। कोरोना महामारी के मद्देनजर सावधानी बरतते हुए यह फैसला लिया गया है। इस योजना के तहत बोर्ड परीक्षा का पहला चरण नवंबर व दिसंबर माह के दौरान आयोजित किया जाएगा।
सीबीएसई बोर्ड का कहना है कि पहले चरण की परीक्षाओं की तैयारियों को देखते हुए बोर्ड ने सभी स्कूलों और प्रधानाचार्यों को उम्मीदवारों की सूची जमा करने का निर्देश दिया है।
देशभर के ऐसे सभी स्कूल जो सीबीएसई से एफिलिएटिड है वे अब अपनी आधिकारिक लिस्ट सीबीएसई के संबंधित पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे। सीबीएसई के मुताबिक स्कूलों के लिए यह सुविधा 30 सितंबर तक जारी रहेगी।
यह प्रक्रिया शुक्रवार यानी 17 सितंबर से शुरू हो गई है। इस माह के अंत यानी 30 सितंबर तक देशभर के सभी सीबीएसई स्कूल बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले अपने छात्रों का ब्यौरा सीबीएसई को भेज सकते हैं। यह ब्यौरा ऑनलाइन माध्यम से बोर्ड को भेजा जाएगा।
दरअसल सीबीएसई बोर्ड 16 अगस्त को ही स्कूलों को छात्रों का ब्यौरा यानी एलओसी बनाने का निर्देश दे चुका है। बोर्ड द्वारा इस प्रक्रिया को आधिकारिक रूप से 17 सितंबर से शुरू किया जा रहा है इसके लिए उपलब्ध कराए गए पोर्टल पर जाकर विभिन्न स्कूलों को अपना विवरण अपलोड करना होगा। (आईएएनएस)
भुवनेश्वर, 28 सितम्बर | पुलिस ने मंगलवार को बताया कि ओडिशा के पिपिली इलाके के बलंगा पुलिस थाने में बीती आधी रात को भीषण विस्फोट हुआ। पुलिस ने कहा कि थाने में मलखाना की संतरी सरोज बेहरा विस्फोट से बाल-बाल बच गई, जबकि अन्य कर्मचारी उपचुनाव ड्यूटी पर थे।
पुलिस को संदेह है कि विस्फोट विभिन्न क्षेत्रों में छापेमारी के बाद मलखाना में जब्त और जमा किए गए विस्फोटकों के बड़े जखीरे के कारण हुआ होगा।
धमाका इतना जोरदार था कि पूरा कार्यालय भवन ढह गया जबकि आग में लगभग सभी कार्यालय का सामान, दस्तावेज, और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान जल कर राख हो गया।
सेंट्रल रेंज के आईजी नरसिंह भोला और पुरी के एसपी कंवर विशाल सिंह ने थाने का दौरा कर इसकी जांच की।
एसपी सिंह ने कहा कि विस्फोट में इमारत के सभी बिजली के उपकरण और फर्नीचर क्षतिग्रस्त हो गए है। विस्फोट में कोई चोट या हताहत नहीं हुआ है। हमने घटना की जांच शुरू कर दी है। अतिरिक्त एसपी पी. प्रधान को प्रारंभिक जांच करने और जांच से जुड़ी एक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा कि सभी दस्तावेजों और रिपोटरें का विश्लेषण करने के बाद विस्तृत और गहन जांच की जाएगी।
सिंह ने कहा कि जिला स्तरीय वैज्ञानिक और बम निरोधक दल पहले ही मौके पर पहुंच चुके हैं जबकि राज्य फोरेंसिक लैब की एक टीम भी इसकी जांच करेगी।
भोला ने कहा कि अगर कोई पुलिस अधिकारी जांच रिपोर्ट में दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि वहां बहुत सारे जब्त विस्फोटक थे। इसलिए, हमें उस विशेष विस्फोटक का पता लगाना होगा जो विस्फोट का कारण बना और इसका प्रभारी कौन था।
ओडिशा पुलिस के आईजी ने कहा कि इस विस्फोट के बाद सभी पुलिस थानों को निर्देश दिया गया है कि जब्त विस्फोटक को या तो निष्क्रिय कर दिया जाए या ऐसी घटना से बचने के लिए सुरक्षित स्थान पर रखा जाए।
उन्होंने कहा कि थाना अब अस्थायी भवन से चलेगा और जल्द ही थाना प्रभारी के लिए नए भवन के निर्माण के लिए राशि मांगी जाएगी।
इस बीच, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की। पात्रा ने कहा कि पिपिली क्षेत्र में लंबे समय से गिरोह युद्ध और बमबारी की खबरें आती रही हैं। हाल ही में, सतसंखा में भाजपा कार्यालय पर एक बम फेंका गया था, जिसकी मीडिया में खबर आई थी।
उन्होंने सवाल किया कि जहां पुलिस ही सुरक्षित नहीं है, वे लोगों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं?
अपनी प्रतिक्रिया में, बीजेडी के वरिष्ठ नेता और मंत्री समीर दास ने कहा कि यह संदेह था कि विस्फोट 2018 में जब्त किए गए विस्फोटकों के कारण हुआ और सौर बैटरी भी वहां संग्रहित की गई थी। दास ने कहा कि इस घटना से उपचुनाव का कोई संबंध नहीं है।
ओडिशा के पुरी जिले में पिपिली विधानसभा क्षेत्र के लिए लंबे समय से लंबित उपचुनाव 30 सितंबर को होगा। सुरम्य विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव की आवश्यकता थी क्योंकि इसके मौजूदा बीजेडी विधायक प्रदीप महारथी की अक्टूबर 2020 में कोविड -19 के कारण मौत हो गई थी। (आईएएनएस)
भोपाल, 28 सितम्बर | मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह की सक्रियता एक बार फिर तेजी से बढ़ चली है, वे हर मोर्चे पर पार्टी की कमान संभाले नजर आ रहे हैं। वहीं कांग्रेस के तमाम बड़े नेता इन दिनों चुप्पी साधे हुए हैं, तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ स्वास्थ्य कारणों से देश से बाहर हैं। बीते कुछ दिनों की राज्य की सियासी हलचल और खासकर कांग्रेस की गतिविधियों पर नजर दौड़ाई जाए तो इनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सक्रियता सबसे ज्यादा नजर आती है। वे राज्य के अलग-अलग हिस्सों में दौरे कर रहे हैं, आंदोलन, धरना और प्रदर्शन में हिस्सा भी ले रहे हैं। इसके साथ ही सीधे तौर पर वे सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ दिग्विजय सिंह ही सबसे ज्यादा सक्रिय हों, हां कुछ नेता जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधो, जीतू पटवारी, पीसी शर्मा, कमलेश्वर पटेल, सचिन यादव जैसे नेता भी अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं, मगर इन सभी नेताओं की सक्रियता सीमित दायरे में है। पूरे राज्य में अगर कोई एक नेता सक्रिय है तो वह दिग्विजय हैं। इनके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व मंत्री अजय सिंह जैसे तमाम नेताओं की सक्रियता नजर नहीं आ रही है। इतना ही नहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की इन दिनों स्वास्थ्य कारणों से देश के बाहर हैं। इन स्थितियों में मध्य प्रदेश की कांग्रेस की कमान पूरी तरह दिग्विजय सिंह ने थाम रखी है। उन्होंने सोमवार को भोपाल में किसान आंदोलन में हिस्सा लिया तो है, मंगलवार को इंदौर में प्रदर्शन करने पहुंच गए।
कांग्रेस ने इंदौर में प्रदर्शन का ऐलान किया है। यह प्रदर्शन कई कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा की गई जिला बदर कार्रवाई का विरोध को लेकर है। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के तमाम बड़े नेता सड़क पर उतरे हैं।
कांग्रेस के इंदौर प्रदर्शन पर भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने तंज कसते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह और कांग्रेस कभी-कभी बाहर निकलते हैं। उन्हें प्रदेश और शहर के विकास की चिंता नहीं है। वह केवल गैरकानूनी काम करने वाले लोगों के समर्थन में सामने आते हैं। (आईएएनएस)
भारत में दस लोगों को पुलिस ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर परीक्षा में नकल करने की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने चप्पलों में ब्लू टूथ डिवाइस छिपा रखी थी.
डॉयचे वेले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट
राजस्थान पुलिस ने दस लोगों को आधुनिक तकनीक की मदद से नकल करने की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने अपनी चप्पलों में ब्लू टूथ डिवाइस छिपा रखी थीं.
भारत में नकल एक बड़ी समस्या रही है. रविवार को राजस्थान में सरकारी परीक्षा हुई जिसमें 16 लाख लोगों ने हिस्सा लिया. इस परीक्षा में नकल रोकने के लिए कड़े प्रबंध किए गए थे. परीक्षा जारी रहने के दौरान पुलिस को मोबाइल फोन जब्त करने के भी अधिकार दिए गए थे.
हाईटेकनकल
पुलिस का कहना है कि कुछ अभ्यार्थियों ने इन कड़े प्रतिबंधों का तोड़ निकालने की कोशिश की थी. उन्होंने अपनी चप्पलों के तले में ब्लू टूथ डिवाइस छिपा ली थी. इस डिवाइस से फोन कॉल रिसीव की जा सकती थी जिसे कान में लगाए बहुत छोटे वायरलेस रिसीवर के जरिए सुना जा सकता था.
बीकानेर में पुलिस अधिकारी प्रीति चंद्रा ने मीडिया को बताया कि आरोपियों की योजना थी कि बाहर बैठे कुछ लोग कॉल करेंगे और सवालों के जवाब बताएंगे. यह परीक्षा शिक्षकों की भर्ती के लिए हो रही थी.
चंद्रा ने कहा कि परीक्षा से एक दिन पहले ही केंद्र के बाहर घूम रहे कुछ लोगों पर पुलिसकर्मियों को संदेह हुआ तो उनकी तलाशी ली गई, जिसमें योजना का पता चला.
चंद्रा ने बताया, "हम इससे वाकिफ थे कि नकल की कोशिश हो सकती है. लेकिन हमने सोचा था कि कोई पेपर लीक करने की कोशिश कर सकता है या फिर इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसीलिए कई जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया था. लेकिन यह तरीका एकदम नया था. वे तकनीकी रूप से मजबूत हो रहे हैं.”
पुलिस की जांच में पता चला कि कम से कम 25 परीक्षार्थियों ने एक गैंग से ये चप्पल 60-60 हजार रुपये में खरीदी थीं. बीकानेर पुलिस ने यह सूचना अन्य जिलों में परीक्षा केंद्रों तक भी भेजी जिसके बाद परीक्षार्थियों को कमरे के बाहर ही जूते-चप्पल निकालने को कहा गया.
चंद्रा बताती हैं कि एक मामले में तो पुलिस को अभ्यार्थी का पता परीक्षा क बाद चला. उन्होंने कहा, "एक छात्र को हमने एग्जाम के बाद पकड़ा और हमें उसके कान से ब्लूटूथ डिवाइस निकलवाने के लिए उसे डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा.”
बीमारीबनचुकीनकल
भारत में स्कूल-कॉलेज की परीक्षाओं में ही नहीं, सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी नकल बहुत ज्यादा बढ़ रही है और अधिकारियों को नकलार्थियों के आधुनिक तरीकों से निपटने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है.
अधिकारी बताते हैं कि नकल करने के तरीकों में किसी अन्य के स्थान पर परीक्षा देना भी शामिल है जिसे कुछ लोगों ने तो अपना पेशा ही बना लिया है. इसके अलावा पेपर चुराना और उन्हें बेचना भी एक पेशेवर अपराध बन चुका है.
राजस्थान में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर लीक होने के भी आरोप लगे हैं. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक परीक्षा से दो घंटे पहले ही पर्चा लीक हो गया था. पिछले महीने हरियाणा में पुलिस भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने के बाद चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
इसी साल फरवरी में भारत के सुप्रीम कोर्ट ने पेपर लीक होने के मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि ऐसी घटनाएं देश की शिक्षा प्रणाली को बर्बाद कर रही हैं. कोर्ट ने कहा कि मध्य प्रदेश के व्यापम जैसे मामले शिक्षा प्रणाली को खराब कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बोबडे ने कहा, "हम एक संदेश देना चाहते हैं. ये लोग शिक्षा प्रणाली को बर्बाद कर रहे हैं. हम उन मामलों से गुजर रहे हैं जहां शिक्षा प्रणाली विकृत और खराब की गई है.” उन्होंने कहा था कि हम जानते हैं कि मध्य प्रदेश में व्यापम मामले में क्या हुआ था. (dw.com)
अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन अगले महीने भारत और पाकिस्तान के दौरे पर जा रही हैं. सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि अफगानिस्तान में तालिबान का सत्तारोहण इस यात्रा के केंद्र में होगा.
अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन अगले महीने भारत और पाकिस्तान का दौरा करेंगी. अमेरिकी जासूसी एजेंसी सीआईए के प्रमुख बिल बर्न्स ने हाल ही में पाकिस्तान दौरा किया है जिसके बाद शरमन सबसे उच्च अमेरिकी अधिकारी होंगी जो भारत के पड़ोसी देश जा रही हैं.
शरमन 7-8 अक्टूबर को पाकिस्तान में होंगी जहां वह वरिष्ठ नेताओं से मिलेंगी. उससे पहले 6-7 अक्टूबर को वह भारत में रहेंगी. अपने दौरे पर शरमन दिल्ली और मुंबई जाएंगी. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक वह अमेरिका-भारत बिजनस काउंसिल की सालाना ‘आइडियाज समिट' को संबोधित करेंगी. शरमन भारत के सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी मिलेंगी.
अगस्त में तालिबान ने अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार को अपदस्थ कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था. पाकिस्तान को तालिबान का करीबी माना जाता है. उधर भारत, जो पश्चिम समर्थक लोकतांत्रिक अफगान सरकार की मदद कर रहा था, तालिबान को लेकर लगातार अपनी चिंताएं जताता रहा है. उसने अफगानिस्तान की स्थिति में पाकिस्तान की भूमिका पर नजर रखने की भी अपील की है.
1996 से 2001 तक जब तालिबान पिछली बार अफगानिस्तान पर काबिज था, तब भी पाकिस्तान ही उसका सबसे बड़ा समर्थक था. अमेरिका भी पाकिस्तान पर तालिबान की अंदरखाने मदद का आरोप लगाता रहा है.
‘बलि का बकरा'
पाकिस्तान का कहना है कि उस पर लगाए जा रहे इल्जाम अन्यायपूर्ण हैं. सोमवार को अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का एक लेख छपा है जिसमें उन्होंने अपने देश को बलि का बकरा बनाए जाने का आरोप लगाया है.
खान ने लिखा है, "अफगानिस्तान में बाहरियों द्वारा चलाए जा रहे युद्ध को वैधता नहीं मिल पाई थी, जो एक भ्रष्ट और नाकाबिल सरकार के कारण और बढ़ गई जिसे विशेषकर ग्रामीण अफगानिस्तान में कठपुतली सरकार के रूप में देखा जाता था और उसकी कोई विश्वसनीयता नहीं थी.”
इमरान खान ने कुछ इसी तरह की बात संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने सालाना भाषण में कही थीं. अपने लेख में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि तालिबान सरकार के साथ संपर्क बनाए ताकि "शांति और स्थिरता स्थापति हो.”
अपने पूर्ववर्तियों की तरह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी भारत के साथ मजबूत संबंध बनाने में सक्रिय दिलचस्पी दिखाई है. इसके उलट पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से उन्होंने अब तक बात भी नहीं की है जबकि उन्हें सरकार में आए नौ महीने हो चुके हैं. हालांकि पिछले हफ्ते अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने पाक विदेश मंत्री से मुलाकात की और अफगानिस्तान से अमेरीकियों को निकालने में मदद के लिए धन्यवाद किया.
मौजूदगी बनाने की कोशिश
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि शरमन अपनी यात्रा के दौरान उज्बेकिस्तान भी जाएंगी. अमेरिका अफगानिस्तान के आसपास कई देशों के साथ बातचीत कर रहा है क्योंकि वह चाहता है कि इलाके में उसकी फौजों की मौजूदगी इस तरह रहे कि अल कायदा या इस्लामिक स्टेट जैसे संगठनों पर जल्द कार्रवाई की जा सके.
गुरुवार को वेंडी शरमन जेनेवा में रूस के साथ बातचीत करने वाली हैं, दोनों देशों के नेताओं के बीच रणनीतिक स्थिरता विमर्श का दूसरा दौर होगा. जून में जो बाइडेन और व्लादीमीर पुतिन की पहली बैठक में कथित रणनीतिक स्थिरता विमर्श की शुरुआत की गई थी, जिसका मकसद दोनों देशों के बीच जारी असहमतियों को बातचीत से दूर करना और तनाव घटाना है.
इस बारे में पहली बैठक जुलाई में हो चुकी है जिसमें हथियारों पर नियंत्रण के मुद्दे पर विस्तृत विमर्श हुआ था. रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान और उसके बाद भी अमेरिकी राष्ट्रपति कई मंचों से कह चुके हैं कि वह रूस से सहयोग बढ़ाना चाहते हैं.
वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)
दो साल पहले भारत ने कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था जिसके बाद कश्मीर में काफी तनाव पैदा हो गया. डीडब्ल्यू ने कई कश्मीरियों से बात की, जिनमें से बहुत से लोग भारत सरकार से नाराज दिखते हैं.
डॉयचे वेले पर धारवी वैद की रिपोर्ट
भारत प्रशासित कश्मीर के श्रीनगर में 58 वर्षीय नाविक शब्बीर कहते हैं, "कश्मीर में हर चीज की तरह, मैं भी अपने पिछले दिनों की छायामात्र हूं.”
शब्बीर (बदला हुआ नाम), डल झील पर एक पारंपरिक पीली शिकारा नाव के मालिक हुआ करते थे. झील का तैरता बाजार शब्बीर की आजीविका का मुख्य साधन था. यह तब तक था जब तक भारत सरकार ने 5 अगस्त 2019 को भारत प्रशासित कश्मीर की अर्ध-स्वायत्त स्थिति को समाप्त करने का निर्णय नहीं लिया था.
जब इस क्षेत्र ने अपना विशेष दर्जा खो दिया और एक कड़ी सुरक्षा बंद हो गई तो शब्बीर ने अपनी आजीविका के साथ-साथ अपनी पीली नाव भी खो दी.
डीडब्ल्यू से बातचीत में शब्बीर कहते हैं, "मेरे पास एक रिश्तेदार के साथ उसकी नाव पर काम पर जाने के अलावा कोई चारा नहीं था. मेरी दो बेटियां हैं जिनकी शादी करनी है. सरकारी हुक्मरान कहते हैं कि चीजें वापस सामान्य हो रही हैं, लेकिन मुझे यह दिखाई नहीं दे रहा है. कोई उम्मीद भी नहीं है और न कोई भरोसा है. जो हुआ, उसे मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा.”
कश्मीरका ‘अलगाव'
1947 के बाद से ही यह मुस्लिम बहुल क्षेत्र भारत और पाकिस्तान जैसे परमाणु हथियारों से लैस दो देशों के बीच विवाद का विषय रहा है.
कश्मीर ने पिछले कुछ दशकों में एक खौफनाक विद्रोह देखा है, साथ ही साथ हजारों हिंदुओं या कश्मीरी पंडितों का सामूहिक पलायन, भारी सैन्यीकरण और सुरक्षा लॉकडाउन के साथ ही मानवाधिकार हनन की तमाम घटनाओं का भी गवाह रहा है.
दकश्मीरवाला के संस्थापक और संपादक फहाद शाह कहते हैं कि कश्मीरी अलग-थलग पड़ गए हैं. "अलगाव को समझने के लिए आपको यह समझने की जरूरत है कि एक छोटा कश्मीरी बच्चा कैसे बड़ा होता है.”
शाह कहते हैं, "साल 1996 के चुनाव के दौरान मैं एक छोटा लड़का था और मुझे याद है कि सेना मेरे घर के अंदर आ रही थी और वहां के लोगों को वोट देने के लिए ले जा रही थी. मुझे याद है कि मैं अपनी मां के साथ आंगन में बैठकर घर को बर्बाद न करने के लिए कह रहा था. आप कश्मीर में बढ़ती हुई कार्रवाई की एक पूरी श्रृंखला को देखिए, आप हमलों और हत्याओं को देखिए. कश्मीर में एक युवा दिमाग शुरू से ही क्यूरेट हो जाता है. आप यह जानने लगते हैं कि सामान्य लोग ऐसा नहीं करते हैं और सामान्य स्थिति में ऐसा नहीं होता है.”
'सुलहकासवालनहीं'
उत्तरी कॉलराडो विश्वविद्यालय में राजनीतिक मानवविज्ञानी अतहर जिया को नहीं लगता कि भारत सरकार के साथ सुलह संभव है. डीडब्ल्यू से बातचीत में वह कहती हैं, "यदि किसी के गले पर कोई चाकू रखे हो, तो मुझे नहीं लगता कि यह सुलह की स्थिति है. मुझे नहीं लगता कि कश्मीर में निरस्तीकरण के बाद की कोई दुनिया है. यह लगातार अपमान की स्थिति है. यदि हम सोचते हैं कि कश्मीरी लोग अपने जख्मों को भूलकर उनके साथ सामंजस्य बिठाएंगे, तो यह भूल होगी. लोग ऐसे जख्मों को नहीं भूलते.”
कश्मीर में जो कुछ हो रहा है जिया उसे "लोगों का धीमा नरसंहार" और "युवा लड़कों की हत्या" कहती हैं. वह कहती हैं, "ये युद्ध अपराध हैं. वे यानी भारत सरकार, सांस्कृतिक साम्राज्यवाद की इन सड़कों का निर्माण कर रहे हैं. कश्मीरियों को भारत से अपने लिए उम्मीद नहीं दिखती, इसलिए सुलह का सवाल ही नहीं है.”
सुलहकीकोशिशें ?
एक हिंसक विद्रोह और उत्पीड़न के डर ने साल 1990 के दशक की शुरुआत में हजारों कश्मीरी हिंदुओं को उनके घरों से निकाल दिया. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद करीब 520 कश्मीरी प्रवासी इस क्षेत्र में लौट आए हैं.
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर में प्रशासन कश्मीरी हिंदुओं की वापसी की सुविधा के लिए जरूरी चीजों पर काम तेज कर रहा है. लेखक राहुल पंडिता, उस वक्त 14 साल के थे जब वो अपने परिवार के साथ कश्मीर से भाग गए थे. डीडब्ल्यू से बातचीत में राहुल पंडिता कहते हैं, "मैं सुलह और कश्मीरी पंडितों की वापसी के बारे में भी निराशावादी हूं. हम सुलह या कश्मीरी पंडितों की तथाकथित वापसी की बात करते हैं, लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि आज की कश्मीर घाटी 1990 की कश्मीर घाटी की तुलना में 10 गुना अधिक कट्टरपंथी है.”
उनके मुताबिक, "कश्मीरी पंडितों से यह उम्मीद करना कि वे शेष भारत या बाकी दुनिया में बहुत सावधानी से अपनी बेहतर जीवनशैली छोड़कर इस कट्टरपंथी घाटी में वापस चले जाएंगे, जहां उनकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. उनसे यह पूछना ही उनके प्रति अत्याचार है.”
दक्षिण अफ्रीका और रवांडा में सच्चाई और सुलह आयोगों का हवाला देते हुए राहुल पंडिता कहते हैं कि किसी भी सुलह की पहली आवश्यकता इतिहास की स्वीकृति होती है. वह कहते हैं, "बहुसंख्यक कश्मीरी मुसलमान उन परिस्थितियों से पूरी तरह इनकार करते हैं जिनके कारण कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ. पलायन के तीस साल बाद भी ऐसी कोई स्वीकारोक्ति नहीं हुई, यहां तक कि निजी बातचीत में भी नहीं.”
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 1990 के दशक में मारे गए कश्मीरी हिंदुओं की संख्या 219 थी, लेकिन पंडिता कहते हैं कि हिंसा में कम से कम 700 लोग मारे गए थे. पंडिता यह भी कहते हैं कि अभी तक एक भी दोष सिद्ध नहीं हुआ है.
वह कहते हैं, "दुर्भाग्य से यह सरकार भी कश्मीरी पंडितों को किसी भी प्रकार का न्याय देने के प्रति गंभीर नहीं है. उनसे किसी भी सुलह का हिस्सा बनने की उम्मीद करना व्यर्थ है.”
जिया के अनुसार, भारत के राजनीतिक ढांचे ने "इन दो स्वदेशी समुदायों के दर्द को हथियार बना दिया है."
उनके मुताबिक, "मुझे लगता है कि यह इन दोनों समुदायों को सोचना है कि वे एक दूसरे को कितनी दूर तक हथियार बनाना चाहते हैं. क्या कश्मीरी पंडित एक साथ आना चाहते हैं और सेना के घेरे वाले कस्बों में रहना चाहते हैं, या क्या वे ऐसे लोगों के रूप में वापस आना चाहते हैं जो बहुसंख्यक समुदाय वाले पड़ोस के बीच रहना चाहते हैं?”
जिया कहती हैं, "लोगों को इन्हीं मैकियावेलियन नीतियों की इन साजिशों से ऊपर उठना होगा जिन्हें इन सरकारों ने लागू किया है.” (dw.com)
वीपीएन सेवाएं यूजर को रिमोट सर्वर के जरिए इंटरनेट इस्तेमाल करने का मौका देती हैं. जिससे उनकी पहचान छिपी रहती है. वीपीएन के इस्तेमाल से किसी खास देश में बैन वेबसाइट्स भी खोली जा सकती हैं.
डॉयचे वेले पर अविनाश द्विवेदी की रिपोर्ट
अगस्त में एक संसदीय समिति ने गृह मंत्रालय को सुझाव दिया कि भारत में सभी तरह के वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) को बैन कर दिया जाना चाहिए. लेकिन जानकार डर जता रहे हैं कि इस कदम के बहुत बुरे परिणाम होंगे. यह न सिर्फ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, विसलब्लोअर और पत्रकारों के काम को नुकसान पहुंचाएगा बल्कि कई कंपनियों और आम लोगों के लिए भी नुकसानदेह साबित होगा.
बता दें कि एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क या वीपीएन का इस्तेमाल मुख्य रूप से इंटरनेट पर अपनी पहचान छिपाने के लिए किया जाता है. दरअसल इंटरनेट से जुड़े सभी डिवाइस का एक इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) अड्रेस होता है. इसके जरिए कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार एजेंसियां और इंटरनेट सेवा प्रदाता आदि किसी खास डिवाइस, उसकी जगह और उसे इस्तेमाल करने वाले के बारे में जानकारियां जुटा सकते हैं.
वहीं वीपीएन का इस्तेमाल कर यूजर किसी रिमोट सर्वर या सर्वर्स के जरिए किसी खास सर्वर या वेबसाइट को इस्तेमाल कर सकता है. ऐसा करने से यूजर की पहचान छिपी रहती है. ऐसे वीपीएन जिनका सर्वर दूसरे देश में हो उनका इस्तेमाल कर किसी खास देश में बैन वेबसाइट भी खोली जा सकती हैं. इसीलिए भारत में वीपीएन बैन का सुझाव सामने आया है. समिति का तर्क है कि इससे अपराधों पर लगाम लगेगी.
पूर्णबैनकीसिफारिश
फिलहाल जिस संसदीय समिति ने बैन की सिफारिश की है, उसने इसके लिए 'तकनीकी चुनौतियों' का हवाला दिया है. इसमें कहा गया है कि डार्क वेब और वीपीएन साइबर सिक्योरिटी की चारदीवारी को फांद सकते हैं और ये अपराधियों की ऑनलाइन पहचान छिपाने में मदद करते हैं."
सिफारिश में यह भी कहा गया है कि वीपीएन को आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है और कई सारी वेबसाइट्स ऐसी सुविधाएं दे रही हैं और इनका प्रचार भी कर रही हैं. इसलिए कमेटी का सुझाव है कि गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के मंत्रालय (MeitY) के साथ सहयोग करे ताकि इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स की मदद से वीपीएन की पहचानकर उन्हें हमेशा किए ब्लॉक किया जा सके.
डार्कवेबऔरवीपीएनअलग
जानकार मानते हैं कि यह सुझाव, सुई का काम तलवार से कराने जैसा है. अंतरराष्ट्रीय संस्था एक्सेस नाउ में पॉलिसी डायरेक्टर रमनजीत सिंह चीमा कहते हैं, "यह छोटी सी समस्या का बहुत बड़ा इलाज है." वीपीएन को अक्सर ब्लॉक वेबसाइट्स को खोलने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जबकि दूसरी ओर डार्क वेब उस इंटरनेट का हिस्सा ही नहीं होता, जिसे लोग आमतौर पर इस्तेमाल करते हैं.
डार्क वेब का इस्तेमाल करने के लिए अनियन राउटर यानी टॉर (TOR) की जरूरत होती है, जो कि ऐसा गुप्त नेटवर्क होता है, जिसकी अपनी अलग वेबसाइट्स होती हैं. इसकी वेबसाइट, वेब अड्रेस के अंत में 'डॉट कॉम' के बजाए 'डॉट अनियन' एक्सटेंशन का इस्तेमाल करती हैं.
अपराधियोंकोपकड़नामुश्किलनहीं
जानकारों के मुताबिक ऐसा नहीं है कि वीपीएन का इस्तेमाल कर अपराध कर रहे लोगों को पकड़ा नहीं जा सकता. वीपीएन, यूजर और सेवा के बीच एक केंद्रीय माध्यम होता है, इसकी प्रदाता कंपनियां कभी भी जान सकती है कि यूजर क्या कर रहे हैं. कई सारे सेवा प्रदाता अपने यूजर्स को और ज्यादा सुरक्षा देने के लिए ट्रैफिक को इन्क्रिप्ट कर देते हैं. इसके बावजूद दुनियाभर में कानून व्यवस्था स्थापित करने वाली एजेंसियां वीपीएन इस्तेमाल कर रहे अपराधियों को पकड़ रही हैं बल्कि ये एजेंसियां टॉर जैसे माध्यम की जांच करने में भी सक्षम रही हैं.
साल 2013 में अमेरिकी जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (FBI) ने 'सिल्क रोड' नाम के एक डार्क वेब मार्केट प्लेस को बंद किया था, जिस पर ड्रग्स से लेकर इंसानों तक कई गैर-कानूनी चीजें बेची जा रही थीं. उन्होंने इसे चला रहे अपराधी को भी गिरफ्तार किया था.
भारतीयोंकीसुरक्षाउनकेहाथ
जानकार कहते हैं, भारत में इंटरनेट को लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं है. लोगों के डेटा की सुरक्षा का कोई कानून नहीं है. यहां कई पॉलिटिकल और सोशल वेबसाइट ब्लॉक हैं. 'डाउरी कैल्कुलेटर' जैसी दहेज के खिलाफ संदेश देने वाली वेबसाइट्स तक बैन हैं.
यूं तो सरकार के पास आईटी एक्ट के तहत इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को किसी वेबसाइट को ब्लॉक करने का आदेश देने का अधिकार है लेकिन कई बार कोई वेबसाइट बिना किसी आदेश के ही ब्लॉक कर दी जाती है. रमनजीत सिंह चीमा कहते हैं, "जबकि ऐसा करना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार और भारतीय संविधान दोनों के ही खिलाफ है. ऐसे में अगर सरकार वीपीएन बैन का फैसला करती है तो कोर्ट को यह तुरंत वापस लेना चाहिए."
वह कहते हैं, "सबसे बुरी बात है कि इतने बड़े सुझाव के लिए कमेटी की ओर से कोई सबूत या आंकड़े नहीं दिए गए हैं. इसे साबित करने के लिए कोई आंकड़ा नहीं है कि वीपीएन क्राइम को बढ़ावा दे रहा है. और सरकार और कंपनियां वीपीएन को बैन करने की प्रक्रिया में जितना पैसा खर्च करेंगी, उतना पुलिस को साइबर क्राइम के खिलाफ ट्रेनिंग देने में करें तो यह ज्यादा फायदेमंद होगा. महिलाएं आम अपराध की शिकायत करने पुलिस के पास नहीं जातीं. साइबर क्राइम की शिकायत करने वे तभी जाएंगी जब उन्हें पुलिस पर विश्वास होगा. यह विश्वास पैदा करने की जरूरत है."
आमयूजर्सऔरकंपनियोंकेलिएजरूरी
रमनजीत सिंह चीमा के मुताबिक, "वीपीएन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए भी जरूरी है." वहीं एक्सेस नाउ की एशिया पैसेफिक काउसंल नम्रता माहेश्वरी कहती हैं, "कई बार आम लोग बिना विज्ञापनों के इंटरनेट का इस्तेमाल करना चाहते हैं. वीपीएन के जरिए उन्हें ऐसा करने की छूट मिलनी चाहिए. इस उद्देश्य से ही कई सारे सर्च इंजन में अब वीपीएन खुद ही इंबेड होता है. भारत सरकार ने कई वेबसाइट को बिना वजह बताए बैन किया हुआ है. कई बैन पर अभी कोर्ट में मामले विचाराधीन हैं. ऐसी वेबसाइट की सेवाओं के लिए भी वीपीएन की काफी उपयोगिता होती है."
जानकारों के मुताबिक वीपीएन बैन इसलिए भी एक खराब कदम है क्योंकि व्यक्तिगत यूजर्स के अलावा कई बिजनेस भी इसका इस्तेमाल करते हैं. लगभग वे सभी बिजनेस जिनके कर्मचारी कंपनी से जुड़ी संवेदनशील जानकारियों या सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं, वीपीएन का इस्तेमाल कर रहे हैं. रमनजीत सिंह चीमा बताते हैं, "कंपनियां खुद अपने कर्मचारियों को वीपीएन इस्तेमाल करने के लिए कह रही हैं." कॉरपोरेट इसका इस्तेमाल कर एक इंटर्नल नेटवर्क बना रहे हैं, जिसे कर्मचारी उस समय एक्सेस कर सकते हैं, जब वे ऑफिस में न हों. और वर्क-फ्रॉम-होम के दौर में यह एक जरूरी उपाय हो चुका है. (dw.com)
दक्षिण कन्नड़, 27 सितंबर (आईएएनएस)| कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में सोमवार को एक पुलिस कांस्टेबल द्वारा रेप पीड़िता नाबालिग लड़की के साथ रेप किए जाने की चौंकाने वाली घटना सामने आई। बच्ची के पिता ने दक्षिण कन्नड़ के कदबा थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, घटना के बाद से आरोपी पुलिस कांस्टेबल लापता हो गया है।
नाबालिग लड़की ने दो साल पहले कदबा थाने में रेप का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस कांस्टेबल मामले को लेकर लड़की से बातचीत करने उसके घर जाने लगा। पीड़िता के पिता ने शिकायत में उल्लेख किया है कि वह समन देने के बहाने उसके घर जाता था।
आरोपी ने रेप पीड़िता से वादा किया था कि वह उससे शादी करेगा और उसका यौन शोषण करता रहा। शिकायत में कहा गया है कि जब लड़की साढ़े पांच महीने की गर्भवती हो गई, तब उसके माता-पिता को इस बारे में पता चला और उसने आरोपी से पूछताछ की।
आरोपी ने लड़की से शादी करने से साफ इनकार कर दिया। उसने उसके माता-पिता से गर्भपात कराने के लिए कहा और इसके लिए पैसे देने का वादा किया। पिता की शिकायत में कहा गया है कि अब लड़की और उसकी मां 18 सितंबर से लापता हैं।
सूत्रों ने बताया कि आरोपी ने उन्हें 35,000 रुपये डिजिटल ट्रांसफर किया और उन्होंने बेटी का गर्भपात कराया। इसके बाद आरोपी बेटी और मां को अपने साथ ले गया। बेटी-मां ने शिकायतकर्ता को सूचित किया कि उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है।
पिता ने पुलिस से आरोपी पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने और यह भी पता लगाने को कहा है कि उसकी बेटी और पत्नी को कहां रखा गया है। इसकी शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री से भी की है।
नई दिल्ली, 27 सितंबर | भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को कहा कि उद्योग, खेल, चिकित्सा, विज्ञान से लेकर अंतरिक्ष तक भारतीय महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रही हैं। भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को वर्चुअली संबोधित करते हुए, नड्डा ने कहा, "रानी लक्ष्मीबाई और कई अन्य महिला स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और उनके योगदान को कोई नहीं भूल सकता। स्वतंत्रता के बाद के युग में भी, भारतीय समाज में महिलाओं का योगदान अद्वितीय है।"
उन्होंने कहा, "उद्योग, खेल, चिकित्सा, विज्ञान से लेकर अंतरिक्ष तक, भारतीय महिलाएं सभी क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ रही हैं। उन्होंने हाल ही में संपन्न टोक्यो ओलंपिक में भी अपनी योग्यता साबित की।"
नड्डा ने कहा, "हमारा मानना है कि किसी भी देश के विकास के लिए महिलाओं को आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। हम भारतीय महिलाओं को सशक्त और स्वतंत्र बनाना चाहते हैं।"
नरेंद्र मोदी कैबिनेट में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के बारे में बात करते हुए नड्डा ने कहा, "मोदी सरकार में महिलाओं की भूमिका और संख्या हाल के दिनों में बढ़ी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में 12 महिला मंत्री हैं, जो कुल का 14 प्रतिशत है। यह भारत के इतिहास में एक रिकॉर्ड है।"
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में रक्षा, विदेश, वित्त और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय महिला मंत्रियों को दिए गए। उन्होंने कहा, "भारतीय वायुसेना ने लड़ाकू भूमिकाओं में महिलाओं के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। सरकार ने कांस्टेबल के पद के लिए सीआरपीएफ और सीआईएसएफ में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है।"
महिला सुरक्षा के बारे में नड्डा ने कहा, "हमारी सरकार ने पूरे भारत के आठ शहरों में सेफ सिटी प्रोजेक्ट भी शुरू किया है। मोदी सरकार ने 2015 में एक महिला हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया था। महिलाएं अब सहायता के लिए 181 का उपयोग कर सकती हैं। पहली बार, महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय में एक नया डिवीजन बनाया गया है। देश के हर थाने में महिला हेल्प डेस्क स्थापित करने का निर्णय लिया गया।"
नड्डा ने महिला कल्याण के लिए मोदी सरकार की कई योजनाओं जैसे 'मातृ वंदना योजना', 'परिवार विकास मिशन', छह महीने का मातृत्व अवकाश और मुफ्त एम्बुलेंस और मुफ्त डिलीवरी की सुविधा के साथ-साथ 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता के बारे में बात की।
उन्होंने दावा किया कि इन योजनाओं के स्वास्थ्य क्षेत्र में अच्छे परिणाम आए हैं।
पार्टी की महिला विंग के कार्यो की प्रशंसा करते हुए नड्डा ने कहा, "जब देश कोविड महामारी से जूझ रहा था, हमारे महिला मोर्चा ने देश के लोगों की सहायता करने में महतवपूर्ण योगदान दिया।" (आईएएनएस)
जम्मू, 27 सितंबर | अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगते अखनूर इलाके में भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद, नशीला पदार्थ और नकली नोट बरामद करने में बीएसएफ को सोमवार को बड़ी कामयाबी मिली। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बीएसएफ ने कहा कि एक विशिष्ट इनपुट पर कार्रवाई करते हुए, अखनूर क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास एक तलाशी अभियान चलाया गया।
तलाशी के दौरान मोटी सरकंडा घास में छिपा एक थैला मिला। यहां से चार पिस्तौल, आठ मैगजीन, 7.63 गुणा 25 एमएम की 190 गोलियां, एक किलो वजनी नशीला पदार्थ (संभावित हेरोइन) और 2,75,000 रुपये के नकली नोट मिले हैं।
बयान के अनुसार, यह खेप क्षेत्र के राष्ट्र विरोधी तत्वों (एएनई) तक पहुंचाए ताने की संभावना थी, लेकिन बीएसएफ ने खेप को जब्त करके उनके नापाक प्रयासों को विफल कर दिया। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 सितंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों के योगदान को मान्यता देने के लिए डिजिटल संग्रहालय स्थापित करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया है कि निर्माण स्थल पर कार्य में लगे सभी कर्मियों को कोरोना वैक्सीन लग जाए। उन्होने अधिकारियों को सभी श्रमिकों की मासिक स्वास्थ्य जांच कराने का भी निर्देश दिया।
श्रमिकों द्वारा नए संसद भवन के निर्माण कार्य में लगने को पवित्र और ऐतिहासिक बताते हुए उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक बार निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद, निर्माण स्थल पर काम में लगे सभी निर्माण श्रमिकों के लिए एक डिजिटल संग्रहालय स्थापित किया जाना चाहिए, जिसमें उनका नाम, उनके स्थान का नाम, उनकी तस्वीर और उनके व्यक्तिगत विवरण शामिल हों।
प्रधानमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्य में उनके योगदान को पहचान मिलनी चाहिए और इसलिए सभी श्रमिकों को उनकी भूमिका और उनके इस प्रयास में भागीदारी के बारे में एक प्रमाण पत्र भी दिया जाना चाहिए।
दरअसल , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 26 सितंबर को रात पौने नौ बजे अचानक नए संसद भवन के निर्माण स्थल पर पहुंच कर निर्माण कार्यों का जायजा लिया था और साथ ही इसकी प्रगति की समीक्षा भी की थी। निर्माण स्थल पर एक घंटे भी अधिक समय तक निरीक्षण करने के दौरान उन्होने साइट पर किए जा रहे निर्माण कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी लेते हुए परियोजना को समय पर पूरा करने का निर्देश भी दिया। उन्होने वहां काम कर रहे श्रमिकों से बातचीत भी की थी और उनका हालचाल भी जाना था। उसी दौरान उन्होने श्रमिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि वे एक पवित्र और ऐतिहासिक कार्य कर रहे हैं।
आपको बता दें कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन का भी निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी और 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी। कई तरह की अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस संसद भवन की नई इमारत में 1300 से अधिक सदस्यों ( लोकसभा चैंबर में 888 और राज्यसभा चैंबर में 384 ) के एक साथ बैठने की क्षमता होगी। ( आईएएनएस )