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-शुरैह नियाज़ी
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौर के ख़िलाफ़ एक एफ़आईआर दर्ज कराई गई है.
यह एफ़आईआर भोपाल के हबीबगंज थाने में उनकी ओर से सीधी के पेशाब कांड पर 'एमपी में का बा कमिंग सून' टाइटल से एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद की गई है.
इसमें सीधी कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के यूनिफॉर्म में दिखाया गया है.
भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के मीडिया प्रभारी सूरज खरे ने इसकी शिकायत की थी.
सूरज खरे ने कहा है कि नेहा राठौर को संघ का इतिहास पता होना चाहिए.
उन्होंने कहा, "देश में जो दूसरे मुद्दे हैं जैसे लव जिहाद, वो लैंड जिहाद इन पर क्यों नहीं पोस्ट करती हैं."
खरे ने यह भी कहा कि इस सीधी कांड से आरएसएस का कोई लेना-देना नहीं है.
शहर के हबीबगंज थाना प्रभारी मनीष राठौर के मुताबिक़, "एक ट्विटर अकाउंट है जो नेहा सिंह राठौर के नाम से है उनके ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया गया है."
इसमें आरएसएस की ड्रेस पहने एक व्यक्ति को पेशाब करते दिखाया गया है जिसमें प्रतीत होता है कि वो सीधी की घटना को बताता है.
इस मामले में आगे की जांच की जा रही है. (bbc.com/hindi)
शुरैह नियाज़ी
भोपाल से, 7 जुलाई। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौर के ख़िलाफ़ एक एफ़आईआर दर्ज कराई गई है.
यह एफ़आईआर भोपाल के हबीबगंज थाने में उनकी ओर से सीधी के पेशाब कांड पर 'एमपी में का बा कमिंग सून' टाइटल से एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद की गई है.
इसमें सीधी कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के यूनिफॉर्म में दिखाया गया है.
भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के मीडिया प्रभारी सूरज खरे ने इसकी शिकायत की थी.
सूरज खरे ने कहा है कि नेहा राठौर को संघ का इतिहास पता होना चाहिए.
उन्होंने कहा, "देश में जो दूसरे मुद्दे हैं जैसे लव जिहाद, वो लैंड जिहाद इन पर क्यों नहीं पोस्ट करती हैं."
खरे ने यह भी कहा कि इस सीधी कांड से आरएसएस का कोई लेना-देना नहीं है.
शहर के हबीबगंज थाना प्रभारी मनीष राठौर के मुताबिक़, "एक ट्विटर अकाउंट है जो नेहा सिंह राठौर के नाम से है उनके ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया गया है."
इसमें आरएसएस की ड्रेस पहने एक व्यक्ति को पेशाब करते दिखाया गया है जिसमें प्रतीत होता है कि वो सीधी की घटना को बताता है.
इस मामले में आगे की जांच की जा रही है. (bbc.com/hindi)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी पहुंचकर कहा है कि 'काशी के लोग मुझे सिखा देते हैं, मैं उन्हें कुछ सिखा नहीं सकता.'
पीएम मोदी कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए वाराणसी पहुंचे थे.
उन्होंने वाराणसी में हुई जी20 बैठक का ज़िक्र करते हुए कहा कि उन्हें यकीन है कि काशी के लोग सब संभाल लेंगे.
मोदी ने इस मौक़े पर विपक्ष को भी निशाने पर लिया और कहा, "पहले लोकतंत्र के नाम पर केवल गिने चुने लोगों के हित साधे जाते थे, ग़रीबों की कोई पूछ नहीं थी. भाजपा के शासन काल में लाभार्थी वर्ग सेकुलरिज़्म का उदाहरण बन चुका है."
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने देश पर दशकों तक राज किया उनके शासन के मूल में बेईमानी रही.
उन्होंने कहा, "2014 से पहले भ्रष्टाचारी और परिवारवादियों की सरकारों के दौरान ऐसा ही कारोबार चलता था. बजट की बात आती थी तो घाटे का, नुक़सान का ही बहाना होता था लेकिन आज ग़रीब कल्याण हो या इंफ्रास्ट्रक्चर बजट की कमी नहीं है."
"बीते नौ सालों में आए परिवर्तन का सबसे बड़ा उदाहरण भारतीय रेल का है. 2006 में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (मालगाड़ियों के लिए विशेष परियोजना) में शुरू हुई थी, लेकिन 2014 तक एक किलोमीटर ट्रैक भी नहीं बन पाया था. बीते नौ सालों में इसका बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है."
50 साल पहले देश में राजधानी एक्सप्रेस चलाई गई, लेकिन इतने सालों में भी ये केवल 16 रूटों में ही चल पाई है. इसी तरह शताब्दी 30-35 साल पहले चली, लेकिन ये भी 19 रूटों पर ही चल रही है. इनसे अलग वंदे भारत एक्सप्रेस है जो चार साल में 25 रूट पर चलनी शुरू हो चुकी है." (bbc.com/hindi)
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को महाराष्ट्र की राजनीति में जारी नाटकीय घटनाक्रम पर एक बेहद दिलचस्प टिप्पणी की है.
उन्होंने कहा है कि अजित पवार की शिवसेना-बीजेपी सरकार में एंट्री होने से उनके पद के लिए किसी तरह का ख़तरा पैदा नहीं हुआ है.
अजित पवार इस हफ़्ते की शुरुआत में अपने चाचा शरद पवार के ख़िलाफ़ बग़ावत करके कई एनसीपी विधायकों के साथ एनडीए में शामिल हुए हैं.
इसके साथ ही अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. यही नहीं, एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने यहां तक कहा है कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं.
एनसीपी में मचे घमासान पर शिंदे ने कहा कि पार्टियां तब टूट जाती हैं जब मेहनत से काम करने वाले कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जाती है.
उन्होंने कहा, “ये सब तब होता है जब मेहनतकश पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी होती है. अजित पवार ने खुद कहा है कि शरद पवार ही बीजेपी के साथ 2017 और 2019 में करार करना चाहते थे लेकिन उन्होंने अपना रुख़ बदल लिया.” (bbc.com/hindi)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 7 जुलाई। सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग के आह्वान पर शनिवार 8 जुलाई को मांगों को लेकर बस्तर संभाग के सभी विधायकों का निवास घेराव किया जाएगा। सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग के पदाधिकारियों ने अपील की है कि जगदलपुर विधानसभा और बस्तर विधानसभा वाले सभी साथी 11 बजे आदिवासी कार्यालय नयापारा जगदलपुर पहुंचे। चित्रकोट विधानसभा वाले बास्तानार आदिवासी भवन पहुंचेंगे और नारायणपुर विधानसभा वाले सभी साथी भानपुरी समरसता भवन विधायक निवास घेराव करने के लिए पहुंचेंगेे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 जुलाई। माना एयरपोर्ट में टैक्सी बुकिंग करने वाले ट्रैवल्स एजेंसी की लड़कियों के बीच मारपीट हो गई। यह मारपीट राहुल ट्रैवल्स और डब्लूटीआई ट्रैवल्स की लड़कियों के बीच हुई। ये लड़कियां ,लड़कों की तरह एक दूसरे को गालियां दे रही थीं। बताया गया है कि इनमें से एक ट्रैवल्स का कांट्रेक्ट एएआई से खत्म हो गया है, उसके बाद भी उनका स्टाफ टैक्सी बुकिंग के लिए मौजूद रहता है और ऐसे विवाद होते हैं।इससे पहले भी राहुल ट्रैवल्स की इन लड़कियों ने एक आटो ड्राइवर के साथ मारपीट की थी। इस मामले की माना थाने में रिपोर्ट के बाद पुलिस ने इन्हें मुचलके पर छोड़ दिया था। वैसे अक्सर ये इनका यात्रियों से विवाद होना आम बात है। आज एर दूसरे से भिड़ी ये लड़कियां पार्किंग ठेका फर्म की नहीं हैं। इस फर्म ने किसी भी लड़की की नियुक्त नहीं की है।
रायपुर, 7 जुलाई। 5 और 6 जुलाई को 15 घंटे गुजारने के बाद गृह मंत्री अमित शाह 14 जुलाई को एक बार फिर रायपुर आएंगे। जहां वे माथुर, मांडविया को चुनाव प्रभारी बनने के बाद की अगली रणनीति पर संगठन की बैठक लेंगे. इस बैठक में प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नबीन भी शामिल होंगे। जानकारी के अनुसार, अमित शाह ने सभी विधानसभा की रिपोर्ट मांगी है।साथ ही बीजेपी कहां कमजोर है और कहां मजबूत इसकी भी रिपोर्ट मांगी है। वहीं विधानसभाओं के मुद्दे भी रिपोर्ट में शामिल किए जाएंगे। बता दें कि अमित शाह ने दो दिन पहले दिग्गजों के साथ बैठक के बाद प्रभारी ओम माथुर और सह प्रभारी नितिन नबीन को एक प्रारूप दिया है। इस प्रारूप के आधार पर हर विधानसभा की जानकारी को एकत्रित करना है।
इसमें हर विधानसभा की रिपोर्ट होगी, कहां भाजपा मजबूत है और कहां कमजोर। इसके अलावा कांग्रेस के प्रत्याशियों से कहां-कहां नाराजगी है। विधानसभा में मुद्दे कौन से बड़े हैं। सरकार को लेकर नाराजगी कहां है। मौजूदा भाजपा विधायक की सीटों की भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है कि उनकी वर्तमान स्थिति क्या है। 8 दिन बाद वे वे बैठक कर इसकी समीक्षा करेंगे। छत्तीसगढ़ भाजपा की नई टीम से शाह खुश नजर आए। वे 15 घंटे रायपुर में रहे इसमें ज्यादा समय प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नारायण चंदेल के साथ बिताया। उन्होंने पुराने नेताओं को मिलकर साथ चलने की हिदायत भी दी। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार सरकार भाजपा की ही बनेगी, बस अपना शत प्रतिशत पार्टी को दीजिए। कांग्रेस सरकार की गड़बड़ियों-घोटालों को उजागर कीजिए। राज्य में हमारी स्थिति दिन ब दिन मजबूत हो रही है। यह अच्छे संकेत हैं।
रायपुर, 7 जुलाई। पीएम मोदी की सभा में शामिल होने के लिए सूरजपुर आ रही बस आज तड़के बेलतरा के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें घायल कार्यकर्ताओं से मिलने केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल अपोलो अस्पताल बिलासपुर पहुंचे।
उन्होंने घायल कार्यकर्ताओ के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया व डॉक्टरों को समुचित इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। ये दोनों नेता कल मृतक कार्यकर्ताओं के अंतिम संस्कार में शामिल होने सूरजपूर भी जाएंगे ।
बेंगलुरु, 7 जुलाई। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कलबुर्गी स्थित एक नर्सिंग कॉलेज को आदेश दिया है कि वह उन सभी 10 विद्यार्थियों को 10-10 लाख रुपये बतौर मुआवजा प्रदान करे जिन्हें कॉलेज ने फर्जीवाड़ा करके प्रवेश दिया था।
पाया गया कि मदर मैरी कॉलेज ऑफ नर्सिंग ने प्रवेश लेने की अंतिम तिथि बीतने के बाद भी विद्यार्थियों को प्रवेश दिया और उनके नाम पंजीकरण पुस्तिका और उपस्थिति रजिस्टर में शामिल किये।
हालांकि, कॉलेज ने दावा किया था कि वह इन विद्यार्थियों का ब्योरा विश्वविद्यालय की साइट पर अपलोड नहीं कर सकता था क्योंकि तकनीकी समस्या थी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि वह स्वास्थ्य विज्ञान राजीव गांधी विश्वविद्यालय (आरजीयूएचएस) को यह निर्देश नहीं दे सकता कि वह कॉलेज द्वारा किये गये फर्जीवाड़े को स्वीकार कर ले।
चूंकि विद्यार्थी अब परीक्षा देने में समर्थ नहीं हैं, इसलिए कॉलेज को उनको मुआवजा देना चाहिए। (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 जुलाई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए शुक्रवार को केंद्रीय प्रभारियों व सह-प्रभारियों की नियुक्ति की। इन राज्यों में इस साल के अंत तक चुनाव होने हैं।
पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मध्य प्रदेश, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को राजस्थान, वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर को छत्तीसगढ़ और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को तेलंगाना का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है।
गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और हरियाणा के कुलदीप बिश्नोई को राजस्थान का सह-प्रभारी बनाया गया है, जबकि केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया को छत्तीसगढ़ का सह-प्रभारी नियुक्ति किया गया है।
पार्टी ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को मध्य प्रदेश का और भाजपा महासचिव सुनील बंसल को तेलंगाना का सह-प्रभारी नियुक्त किया है।
तेलंगाना का चुनाव प्रभारी बनाए जाने के थोड़ी ही देर बाद जावड़ेकर ने दावा किया कि इस दक्षिणी राज्य में भाजपा चुनाव जीतने जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना की जनता केसीआर (के. चंद्रशेखर राव) की सरकार से बहुत नाराज है। वहां लोगों का रुझान भाजपा के पक्ष में है, हम चुनाव जीतने जा रहे हैं।’’
प्रत्येक राज्य के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा केंद्रीय प्रभारी और सह-प्रभारियों की नियुक्ति करती है। प्रभारी व सह प्रभारी चुनावी राज्यों के पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठकें करते हैं और चुनावी रणनीति को धार देने में भूमिका निभाते हैं। चुनाव के दौरान उम्मीदवारों के चयन में भी उनकी अहम भूमिका होती है।
प्रभारी और सह-प्रभारी राज्य नेतृत्व व केंद्रीय नेतृत्व के बीच सेतु का काम भी करते हैं। (भाषा)
(लिसा एम. गिवेन, सूचना विज्ञान के प्रोफेसर और निदेशक, सामाजिक परिवर्तन सक्षम प्रभाव मंच, आरएमआईटी विश्वविद्यालय)
मेलबर्न, 7 जुलाई। ट्विटर के प्रतिस्पर्धी के रूप में सोशल मीडिया ऐप थ्रेड्स का लॉन्च गेम-चेंजर है.
मेटा, जो फेसबुक और इंस्टाग्राम का भी मालिक है, ने तय समय से पहले कल नया प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। थ्रेड्स का लगभग तुरंत ही स्वागत किया गया - विशेष रूप से ट्विटर उपयोगकर्ताओं की भीड़ द्वारा, जो अपने प्रिय प्लेटफ़ॉर्म को एलोन मस्क के हाथों ढहते देखकर निराश थे।
24 घंटे से भी कम समय में, थ्रेड्स ने लगभग तीन करोड़ उपयोगकर्ताओं को आकर्षित किया। और मेटा के पास पहले से ही दो अरब से अधिक इंस्टाग्राम उपयोगकर्ता हैं जो सीधे अपने खातों को इससे लिंक कर सकते हैं, थ्रेड्स का उपयोगकर्ता आधार तेजी से बढ़ेगा।
इसके सरल काले और सफेद फ़ीड और सुविधाओं के साथ जो आपको अन्य लोगों के ‘‘थ्रेड्स’’ पर उत्तर देने, लव, उद्धरण और टिप्पणी करने की सुविधा देते हैं, थ्रेड्स और ट्विटर के बीच समानताएं स्पष्ट हैं।
अब सवाल यह है कि क्या थ्रेड्स ही अंततः ट्विटर को सत्ता से बाहर कर देगा?
हम पहले भी यहां आ चुके हैं
पिछले साल अक्टूबर में एलन मस्क के सीईओ बनते ही ट्विटर यूजर्स असहाय होकर देखते रहे। मैस्टोडॉन पहली ‘‘पलायन योजना’’ थी। लेकिन कई लोगों को इसके विकेन्द्रीकृत सर्वर का उपयोग करना कठिन और भ्रमित करने वाला लगा, प्रत्येक सर्वर के सामग्री नियम और समुदाय बहुत अलग थे।
ट्विटर क्रैश होने की स्थिति में कई ट्विटर प्रशंसकों ने ‘‘बैक अप’’ मास्टोडॉन अकाउंट बनाए और यह देखने के लिए इंतजार किया कि मस्क आगे क्या करेंगे। इंतज़ार लंबा नहीं था। प्लेटफ़ॉर्म अस्थिरता और आउटेज आम हो गए क्योंकि मस्क ने ट्विटर कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया (उन्होंने अब ट्विटर के मूल कार्यबल के लगभग 80% को निकाल दिया है)।
कुछ ही समय बाद, मस्क ने उपयोगकर्ताओं को भयभीत कर दिया और ट्विटर की सत्यापन प्रणाली को बढ़ाकर और ‘‘ब्लू टिक’’ धारकों को प्रमाणीकरण के विशेषाधिकार के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर करके सुर्खियां बटोरीं। इसने खाता प्रतिरूपण और बड़े पैमाने पर गलत सूचना साझा करने का द्वार खोल दिया। कुछ बड़े कॉर्पोरेट ब्रांड अपने विज्ञापन डॉलर को अपने साथ लेकर मंच छोड़ गए।
मस्क ने बीबीसी जैसे विश्वसनीय समाचार संगठनों को भी ‘‘सरकार के स्वामित्व वाला’’ मीडिया करार दिया, जब तक कि सार्वजनिक प्रतिक्रिया ने उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर नहीं किया। हाल ही में, उन्होंने यह सीमा तय करना शुरू कर दिया कि उपयोगकर्ता कितने ट्वीट देख सकते हैं और घोषणा की कि ट्वीटडेक (ट्वीट शेड्यूल करने के लिए एक प्रबंधन उपकरण) भुगतान किए गए खातों तक सीमित होगा।
ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने स्पाउटिबल और पोस्ट सहित कई विकल्प आज़माए हैं। ब्लूस्की, जो ट्विटर के सह-संस्थापक जैक डोर्सी से आया है, लोकप्रियता हासिल कर रहा है - लेकिन इसकी वृद्धि केवल आमंत्रण पंजीकरण प्रक्रिया के कारण सीमित हो गई है।
अभी तक ट्विटर फॉलोअर्स का ध्यान किसी भी चीज़ ने नहीं खींचा था।
समुदाय सफलता की कुंजी है
मस्क के आने से पहले, ट्विटर ने कई वर्षों तक सफलता का आनंद लिया। यह लंबे समय से पत्रकारों, सरकारों, शिक्षाविदों और जनता के लिए दिन के प्रमुख मुद्दों पर जानकारी साझा करने का साधन रहा है। आपात स्थिति में, ट्विटर ने वास्तविक समय में सहायता की पेशकश की। कुछ सबसे खराब आपदाओं के दौरान, उपयोगकर्ताओं ने जानकारी साझा की है और जीवन-रक्षक निर्णय लिए हैं।
हालांकि खामियों के बिना नहीं - जैसे कि ट्रोल, बॉट और ऑनलाइन दुरुपयोग - ट्विटर की सत्यापन प्रक्रिया और अनुचित सामग्री को ब्लॉक करने और रिपोर्ट करने की क्षमता एक संपन्न समुदाय के निर्माण में इसकी सफलता का आधार थी।
यही बात थ्रेड्स को प्रतिस्पर्धियों से अलग करती है। थ्रेड्स को इंस्टाग्राम से जोड़कर, मेटा ने खुद को एक अग्रणी मंच के रूप में स्थापित करने के लिए आवश्यक उपयोगकर्ताओं के महत्वपूर्ण समूह तक पहुंचने की दिशा में एक महत्वपूर्ण शुरुआत दी है (एक विशेषाधिकार जो मास्टोडॉन को प्राप्त नहीं था)।
थ्रेड्स उपयोगकर्ता न केवल अपना उपयोगकर्ता नाम बरकरार रख सकते हैं, बल्कि वे अपने इंस्टाग्राम फॉलोअर्स को भी अपने साथ ला सकते हैं। ट्विटर के समान अनुभव प्रदान करने वाले ऐप में समुदाय को बनाए रखने की क्षमता ही थ्रेड्स को अब तक का सबसे बड़ा खतरा बनाती है।
मेरे शोध से पता चलता है कि जब लोग ऑनलाइन जानकारी से जुड़ते हैं तो उन्हें अधिकार, प्रामाणिकता और समुदाय की सबसे अधिक चाहत होती है। हमारी नई पुस्तक में, मेरे सह-लेखक डोनाल्ड ओ. केस, रिबका विल्सन और मैं बताते हैं कि कैसे उपयोगकर्ता उन स्रोतों से जानकारी खोजते हैं जिन्हें वे जानते हैं और उन पर भरोसा करते हैं।
ट्विटर प्रशंसक समान कार्यक्षमता वाला एक वैकल्पिक मंच चाहते हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे जल्दी से ‘‘अपने लोगों’’ को ढूंढना चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि उन्हें अपने समुदायों का पुनर्निर्माण करना पड़े। संभवतः यही कारण है कि इतने सारे लोग ट्विटर पर बने हुए हैं, जबकि मस्क ने इसे जमीन पर उतारने के लिए बहुत अच्छा काम किया है।
आगे की चुनौतियां
बेशक, ट्विटर यूजर्स भी फ्राइंग पैन से आग में कूदने को लेकर चिंतित हो सकते हैं। किसी अन्य मेटा ऐप पर साइन अप करना अपनी चिंताओं के साथ आता है।
नए थ्रेड्स उपयोगकर्ता जो बारीक प्रिंट पढ़ते हैं, वे ध्यान देंगे कि उनकी जानकारी का उपयोग दोनों प्लेटफार्मों पर ‘‘विज्ञापनों और अन्य अनुभवों को वैयक्तिकृत’’ करने के लिए किया जाएगा। और उपयोगकर्ताओं ने बताया है कि आप अपना थ्रेड्स खाता केवल तभी हटा सकते हैं जब आप अपना इंस्टाग्राम खाता हटाते हैं।
इस प्रकार की घुसपैठ कुछ लोगों के लिए निराशाजनक हो सकती है।
इसके अलावा, नियामक चिंताओं के कारण मेटा ने कल यूरोपीय संघ में कहीं भी थ्रेड्स लॉन्च नहीं करने का निर्णय लिया। ईयू का नया डिजिटल बाज़ार अधिनियम थ्रेड्स के लिए चुनौतियाँ बढ़ा सकता है। उदाहरण के लिए, अधिनियम निर्धारित करता है कि व्यवसाय ‘‘प्रभावी सहमति दिए बिना, लक्षित विज्ञापन के उद्देश्य से मुख्य प्लेटफ़ॉर्म सेवा के बाहर अंतिम उपयोगकर्ताओं को ट्रैक नहीं कर सकते’’। यह थ्रेड्स की गोपनीयता नीति के विरोध में हो सकता है।
मेटा ने अंततः थ्रेड्स को विकेंद्रीकृत बुनियादी ढांचे की ओर ले जाने की योजना की भी घोषणा की है। ऐप के ‘‘थ्रेड्स कैसे काम करता है’’ विवरण में, यह कहा गया है कि ‘‘थ्रेड्स के भविष्य के संस्करण फ़ेडिवर्स के साथ काम करेंगे’’, जिससे ‘‘लोग मास्टोडन सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर एक-दूसरे का अनुसरण करने और बातचीत करने में सक्षम होंगे’’।
इसका मतलब यह है कि लोग थ्रेड्स में साइन अप किए बिना, गैर-मेटा खातों से थ्रेड्स सामग्री को देख और उसके साथ इंटरैक्ट कर सकेंगे।
एक्टिविटीपब मानक (जो प्लेटफार्मों के बीच विकेन्द्रीकृत अंतरसंचालनीयता को सक्षम बनाता है) का उपयोग करते हुए, थ्रेड्स वर्डप्रेस, मास्टोडन और ईमेल सर्वर के समान कार्य कर सकते हैं - जिसमें एक सर्वर के उपयोगकर्ता दूसरों के साथ बातचीत कर सकते हैं।
थ्रेड्स विकेंद्रीकृत सहभागिता के लिए इस योजना को कब और कैसे प्राप्त करता है - और यह उपयोगकर्ताओं के अनुभव को कैसे प्रभावित कर सकता है - यह स्पष्ट नहीं है।
क्या मेटा ने 'व्यापार रहस्य' चुराए?
जहाँ तक मस्क की बात है, वह बिना लड़े हार नहीं मानेंगे। थ्रेड्स की रिलीज़ के कुछ ही घंटों बाद, ट्विटर के वकील एलेक्स स्पिरो ने एक पत्र जारी किया जिसमें मेटा पर व्यापार रहस्यों के ‘‘व्यवस्थित’’ और ‘‘गैरकानूनी दुरुपयोग’’ का आरोप लगाया गया।
पत्र में आरोप लगाया गया है कि मेटा द्वारा नियुक्त किए गए पूर्व ट्विटर कर्मचारियों को कुछ ही महीनों में मेटा के नकलची ‘‘थ्रेड्स’’ ऐप को विकसित करने का काम जानबूझकर सौंपा गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, मेटा ने इन दावों का खंडन किया है, लेकिन दोनों कंपनियों के बीच प्रतिद्वंद्विता अभी खत्म नहीं हुई है। (द कन्वरसेशन)
मुंबई, 7 जुलाई। भारतीय जनता पार्टी की महाराष्ट्र इकाई की नेता पंकजा मुंडे ने शुक्रवार को कहा कि वह एक या दो महीने के लिए ‘ब्रेक’ लेने की योजना बना रही हैं और वह अपनी निष्ठा पर बार-बार सवाल उठाए जाने से व्यथित हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को यह जवाब देना होगा कि क्या उनमें (पंकजा के पास) योग्यता है। उन्होंने कहा कि यह वक्त ही बताएगा कि उनके साथ गलत व्यवहार किया गया या नहीं।
मुंडे ने उनके कुछ बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करने के लिए मीडिया पर भी निशाना साधा और कहा कि वह एक चैनल पर मुकदमा करने की भी योजना बना रही हैं, जिसने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ उनकी बैठक की खबर चलाई थी।
परली से पूर्व विधायक ने कहा कि उनके पार्टी सहयोगियों ने नरेन्द्र मोदी सरकार के नौ साल को रेखांकित करने वाले अभियान के लिए बहुत मेहनत की थी लेकिन वह महाराष्ट्र के हालिया घटनाक्रम पर बोलने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। मुंडे ने यह बात राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक गुट के एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के संदर्भ में कही।
पार्टी के दिग्गज नेता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी ने कहा कि वह भाजपा की दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की विचारधारा को बरकरार रखना चाहती हैं क्योंकि वह उसी भाव के साथ बड़ी हुई हैं।
मुंडे ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 2019 विधानसभा चुनाव में परली से हारने के बाद उनका नाम राज्यसभा के लिए और महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए दो बार लिया गया लेकिन अंतिम क्षणों में उनसे आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा गया।
उन्होंने कहा, 'मैंने कभी भी सार्वजनिक रूप से इस पर टिप्पणी नहीं की और हमेशा पार्टी के दिशा-निर्देशों का पालन किया। मैंने कभी भी पार्टी के हित के खिलाफ जाकर कोई काम नहीं किया।'
उन्होंने कहा, 'अगर भाजपा यह नहीं सोचती कि राजनीति कहां जा रही है...लोग क्या सोचते हैं अगर इसमें किसी की दिलचस्पी नहीं है तो मुझे आत्मनिरीक्षण करना होगा।
शिवसेना (पिछल साल जून में) और राकांपा (इस साल दो जुलाई) में फूट के बारे में मुंडे ने कहा, 'मैं एक भाजपा कार्यकर्ता हूं, जो दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की विचारधारा में विश्वास रखती है।' उन्होंने कहा, 'मैं चाहती हूं कि यह विचारधारा बरकरार रहे क्योंकि मैं इसी भाव के साथ बड़ी हुई हूं।'
मुंडे ने दावा किया कि कभी-कभार उनके भाषणों के हिस्सों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है और यह अंदाजा लगाया जाता है कि मैंने (पंकजा) ऐसा कहा होगा इसलिए मैंने ब्रेक लेने का फैसला किया है, 'काम से नहीं बल्कि आप (मीडिया) से।'
मुंडे ने कहा कि वह उस मीडिया चैनल के खिलाफ भी मुकदमा दाखिल करेंगी, जिसने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ मुलाकात की खबर चलाई थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 जुलाई। कांग्रेस ने ‘‘मोदी उपनाम’’ वाली टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की याचिका गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि यह निर्णय कानूनी रूप से गलत है और वह इसके विरूद्ध बहुत जल्द उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी।
मुख्य विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि यह सब स्वतंत्र विचारों का गला घोंटने की सरकार की साजिश है और इस मकसद को पूरा करने के लिए मानहानि के कानून का दुरुपयोग किया गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह फैसला निराशाजनक जरूर है, किंतु अप्रत्याशित नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह मामला सिर्फ राहुल गांधी या किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है, क्योंकि यह स्वतंत्र विचार और अभिव्यक्ति की बात है। इस सरकार का उद्देश्य है कि अभिव्यक्ति की आजादी पर नियंत्रण किया जाए। इसीलिए मानहानि के कानून का दुरुपयोग किया गया है।’’ सिंघवी ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘राहुल गांधी जी सत्य की राह के निडर यात्री हैं और वो भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करते रहेंगे। इस तरह के पर्दाफाश से मोदी सरकार बौखलाई रहती है। हमें विश्वास है कि सत्य की जीत होगी और इस अहंकारी सत्ता को अंत में कड़ा जवाब मिलेगा।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह एक साजिश है कि स्वतंत्र विचारों का गला घोटा जाए और कोई व्यक्ति स्वतंत्र रूप से अपने विचार व्यक्त नहीं कर सके।’’
उनका कहना था कि यह फैसला कानूनी रूप से गलत है और इसे बहुत जल्द उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।
इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कांग्रेस का कोई नेता साजिश से नहीं डरेगा और इस मामले में राजनीतिक एवं कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘देश अब मोदी जी की भ्रष्टाचार पर दोहरी नीति को बड़ी गहराई से जान चुका है। कांग्रेस का कोई भी नेता, हमारा कोई भी कार्यकर्ता, इस राजनीतिक साज़िश से नहीं डरता। हम राजनीतिक और क़ानूनी लड़ाई, दोनों लड़ेंगे। सत्यमेव जयते।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने आरोप लगाया कि ‘अहंकारी सत्ता’ सच को दबाने के लिए हर हथकंडे आजमा रही है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि उच्च न्यायलय के फ़ैसले ने इस मामले को आगे ले जाने के पार्टी के संकल्प को दोगुना किया है।
कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने संबंधी याचिका खारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।
गुजरात उच्च न्यायालय ने मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध खारिज कर दिया।
गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी।
फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। (भाषा)
गोरखपुर, 7 जुलाई। गीता प्रेस को भारत की एकजुटता को सशक्त करने वाला तथा ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतिनिधित्व करने वाला बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गीता प्रेस विश्व का ऐसा एकलौता प्रिंटिंग प्रेस है, जो सिर्फ एक संस्था नहीं बल्कि एक जीवंत आस्था है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार का उनका गोरखपुर का दौरा ‘‘विकास भी-विरासत भी’’ की नीति का अद्भुत उदाहरण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘गीता प्रेस अलग-अलग भाषाओं में भारत के मूल चिंतन को जन-जन तक पहुंचाती है। गीता प्रेस एक तरह से 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की भावना का प्रतिनिधित्व करती है।’’
उन्होंने कहा,'गीता प्रेस विश्व का ऐसा इकलौता प्रिंटिंग प्रेस है, जो सिर्फ एक संस्था नहीं है बल्कि, एक जीवंत आस्था है। गीता प्रेस का कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए किसी भी मंदिर से जरा भी कम नहीं है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि गीता प्रेस जैसी संस्था सिर्फ धर्म और कर्म से ही नहीं जुड़ी है, बल्कि इसका एक राष्ट्रीय चरित्र भी है । गीता प्रेस भारत को जोड़ती है, भारत की एकजुटता को सशक्त करती हैं ।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके नाम में भी गीता है, इसके काम में भी गीता हैं । जहां गीता है वहां साक्षात कृष्ण हैं। जहां कृष्ण हैं वहां करूणा भी है, कर्म भी हैं ।'
उन्होंने कहा,'1923 में गीता प्रेस के रूप में यहां जो आध्यात्मिक ज्योति प्रज्वलित हुई, आज उसका प्रकाश पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रहा है । हमारा सौभाग्य है कि हम सभी इस मानवीय मिशन की स्वर्ण शताब्दी के साक्षी बन रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस ऐतिहासिक अवसर पर ही हमारी सरकार ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिया है । गांधी जी का गीता प्रेस से आध्यात्मिक जुड़़ाव था। गांधी जी ने सुझाव दिया था कि कल्याण पत्रिका में विज्ञापन न छापे जायें, कल्याण पत्रिका आज भी गांधी जी के उस सुझाव का शत प्रतिशत अनुसरण कर रही है।'
मोदी ने कहा, ‘‘मुझे यह खुशी है कि आज यह पुरस्कार गीता प्रेस को मिला है। यह देश की ओर से गीता प्रेस का सम्मान है, इसके योगदान का सम्मान है और इसकी सौ वर्षों की विरासत का सम्मान है। इन सौ वर्षों में गीता प्रेस ने करोड़ों-करोड़ किताबें प्रकाशित कर चुकी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश के हर कोने में रेलवे स्टेशनों पर हमें गीता प्रेस का स्टाल देखने को मिलता है। पन्द्रह अलग अलग भाषाओं में यहां से करीब 1600 प्रकाशन होते हैं। गीता प्रेस अलग अलग भाषाओं में भारत के मूल चिंतन को जन जन तक पहुंचाती है। गीता प्रेस एक तरह से 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को प्रतिनिधित्व देती हैं।’’
उन्होंने कहा कि गीता प्रेस ने अपने 100 वर्षो की यह यात्रा एक ऐसे समय में पूरी की है जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष मना रहा है और इस तरह के योग केवल संयोग नहीं होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘1947 के पहले भारत ने निरंतर अपने पुनर्जागरण के लिए अलग अलग क्षेत्रों में प्रयास किए। अलग अलग संस्थाओं ने भारत की आस्था को जगाने के लिए आकार लिया। इसी का परिणाम था कि 1947 आते आते भारत मन और मानस से गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने को पूरी तरह से तैयार था।’’
उन्होंने कहा कि सौ साल का पहले का ऐसा समय जब सदियों की गुलामी ने भारत की चेतना को धूमिल कर दिया था, अंग्रेजों के दौर में गुरुकुल परंपरा लगभग नष्ट कर दिए गये, ऐसे में स्वाभाविक था कि ज्ञान और विरासत लुप्त होने के कगार पर थे। हमारे पूज्य ग्रंथ गायब होने लगे थे। जो प्रिंटिंग प्रेस भारत में थे वह महंगी कीमत के कारण सामान्य आदमी की पहुंच से दूर थे और कल्पना करिए कि गीता और रामायण के बिना हमारा समाज कैसे चला रहा होगा ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गीता प्रेस इस बात का भी प्रमाण है कि जब आपके उद्देश्य पवित्र होते हैं, आपके मूल्य पवित्र होते हैं, तो सफलता आपका पर्याय बन जाती है।
मोदी ने कहा कि गीता प्रेस एक ऐसा संस्थान है जिसने हमेशा सामाजिक मूल्यों को समृद्ध किया है, लोगों को कर्तव्य पथ का रास्ता दिखाया है। गंगा जी की स्वच्छता की बात हो, योग विज्ञान की बात हो, पतंजलि योग सूत्र का प्रकाशन हो, आयुर्वेद से जुड़ा आरोग्य अंक हो, भारतीय जीवन शैली से लोगों को परिचित करवाने के लिए जीवनचर्या अंक हो। समाज में सेवा के आदर्शों को मजबूत करने के लिए सेवा अंग और दान महिमा हो... इन सब प्रयासों के पीछे राष्ट्र सेवा की प्रेरणा जुडी रही हैं राष्ट्र निर्माण का संकल्प रहा है।’’
उन्होंने कहा कि संतों की तपस्या कभी निष्फल नही होती है उनके संकल्प कभी शून्य नहीं होते हैं और इन्हीं संकल्पों का परिणाम है कि आज हमारा भारत सफलता के नित्य नए आयाम स्थापित कर रहा है ।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने लाल किले से कहा था कि यह समय गुलामी की मानसिकता से मुक्त होकर अपनी विरासत पर गर्व करने का समय है। इसलिए शुरुआत में भी मैने कहा कि आज देश विकास और विरासत दोनो को साथ लेकर चल रहा है। आज एक ओर भारत डिजिटल प्रौद्योगिकी में नए रिकॉर्ड बना रहा है तो साथ ही सदियों बाद काशी में विश्वनाथ धाम का दिव्य स्वरूप भी देश के सामने प्रकट हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम विश्व स्तरीय ढांचा बना रहे हैं, तो साथ ही केदारनाथ और महालोक जैसे तीर्थो की क्षमता के साक्षी भी बन रहे हैं। सदियों बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सपना भी पूरा होने जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम आजादी के 75 साल बाद भी अपनी नौसेना के झंडे पर अपनी गुलामी के प्रतीक चिन्ह को ढो रहे थे। हम राजधानी दिल्ली में संसद के बगल में अंग्रेजी परंपराओं पर चल रहे थे। हमने पूरे आत्मविश्वास के साथ इन्हें बदलने का काम किया। हमने अपनी धरोहरों को भारतीय विचारों को वह स्थान दिया है जो उन्हें मिलना चाहिए।’’
मोदी ने कहा, ‘‘इसलिए अब भारत की नौसेना के झंडे पर छत्रपति शिवाजी महाराज के समय का निशान दिखाई दे रहा है । अब गुलामी के दौर का राजपथ, कर्तव्य पथ बनकर कर्तव्य भाव की प्रेरणा दे रहा है।’’
आज देश की जनजातीय परंपरा का सम्मान करने के लिए देश भर में जनजातीय स्वतंत्रता म्यूजियम बनाए जा रहे है । हमारी जो पवित्र प्राचीन मूर्तियां चोरी करके देश के बाहर भेज दी गयी थी वह भी अब वापस हमारे मंदिरों में आ रही हैं और जिस विकसित एवं आध्यात्मिक भारत का विचार हमारे मनीषियों ने हमें दिया, आज हम उसे सार्थक होता हुआ देख रहे है ।
इस दौरान प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे ।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले एक निर्णायक मंडल ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 प्रदान करने की घोषणा की थी। केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 1995 में स्थापित इस वार्षिक पुरस्कार के तहत एक करोड़ रुपये की नकद राशि, एक प्रशस्ति पत्र और एक पट्टिका तथा एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला या हथकरघा उत्पाद प्रदान किया जाता है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 जुलाई। दिल्ली की एक अदालत ने महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद एवं भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को 18 जुलाई को तलब किया है। अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल ने बृजभूषण को 18 जुलाई को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।
अदालत ने भारतीय कुश्ती महासंघ के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर को भी तलब किया।
इसने कनॉट प्लेस पुलिस थाने के प्रभारी को दोनों आरोपियों के खिलाफ समन को तामील कराने का निर्देश दिया।
न्यायाधीश ने कहा कि वह इस बात पर गौर करते हुए कि दोनों आरोपी दिल्ली में ही रहते हैं, उन्हें अदालत में पेश होने के लिए कम समय दे रहे हैं।
दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत 15 जून को आरोपपत्र दायर किया था।
तोमर पर आईपीसी की धाराओं 109 (किसी अपराध के लिए उकसाना), 354, 354ए और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध का आरोप लगाया गया था।
वर्तमान मामले के अलावा, एक नाबालिग पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार सिंह के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जो यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी। वह उन सात महिला पहलवानों में शामिल थीं, जिन्होंने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
दिल्ली की एक अदालत ने एक नाबालिग पहलवान के कथित यौन उत्पीड़न को लेकर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने के लिये पुलिस की ओर से दाखिल की गई अंतिम रिपोर्ट पर ‘‘पीड़िता’’ और शिकायतकर्ता से चार जुलाई को जवाब मांगा था।
दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए 15 जून को अदालत में एक रिपोर्ट दाखिल की थी।
सरकार ने पहले ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और ओलंपियन विनेश फोगाट सहित आंदोलनकारी पहलवानों को आश्वासन दिया था कि 15 जून तक आरोप पत्र दायर किया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था।
वे नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों का उत्पीड़न करने के आरोप को लेकर सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 जुलाई। फास्टफूड शृंखला मैकडॉनल्ड्स ने टमाटर की आसमान छूती कीमतों के बीच देश के उत्तरी एवं पूर्वी क्षेत्रों के अपने अधिकांश रेस्तरां में खाने के सामान में टमाटर का इस्तेमाल बंद कर दिया है।
कुछ जगहों पर टमाटर के दाम 150 रुपये प्रति किलो से भी ऊपर हो गए हैं।
हालांकि कंपनी ने कहा है कि अच्छी गुणवत्ता के टमाटर उपलब्ध नहीं होने के कारण वह खाने के सामान में इसका उपयोग नहीं कर रही है।
मैकडॉनल्ड्स इंडिया (नॉर्थ एंड ईस्ट) ने कहा कि वह ‘फिलहाल टमाटरों पर रोक’ लगाने के लिए मजबूर है और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाकर इस मुद्दे को हल करने का प्रयास कर रही है।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “कुछ क्षेत्रों में मौसमी फसल संबंधी समस्याओं के कारण, हमारे गुणवत्ता निर्देशों के अनुरूप सब्जियां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं। अपने ग्राहकों को बेहतरीन गुणवत्ता के उत्पाद देने की अपनी पहचान के अनुरूप हम फिलहाल टमाटर पर रोक लगाने के लिए मजबूर हैं।”
बर्गर जैसे कुछ लोकप्रिय उत्पादों में टमाटर की कमी को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चाएं का दौर जारी है। सोशल मीडिया उपयोगकर्ता बिना टमाटर वाले बर्गर की तस्वीरें साझा कर रहे हैं। कुछ लोगों ने मैकडॉनल्ड्स रेस्तरां पर लगाए गए नोटिस को भी साझा किया जिसमें ग्राहकों को टमाटर की अस्थायी अनुपलब्धता के बारे में सूचित किया गया है।
मैकडॉनल्ड्स के प्रवक्ता ने ग्राहकों को आश्वासन देते हुए कहा, “हम यह बात दोहरा रहे हैं कि ऐसा कीमतों में उछाल के कारण नहीं हुआ है। यह हमारे गुणवत्ता मानकों के अनुरूप टमाटर नहीं मिलने के कारण हुआ है।”
उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब-चंडीगढ़ क्षेत्र के रेस्तरां में टमाटर से बनने वाले खाद्य पदार्थ ग्राहकों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में खाने के सामान में टमाटर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है।
उत्तर और पूर्वी भारत में मैकडॉनल्ड्स रेस्तरां का परिचालन फ्रेंचाइजी के रूप में कनॉट प्लाजा रेस्टुरेन्ट्स प्राइवेट लि. (सीपीआरएल) कर रही है।
वहीं दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में मैकडॉनल्ड्स के रेस्तरां का परिचालन दूसरी फ्रेंचाइजी कंपनी वेस्टलाइफ ग्रुप कर रही है। (भाषा)
अहमदाबाद, 7 जुलाई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर दर्ज एक आपराधिक मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से गुजरात उच्च न्यायालय के इनकार पर नाखुशी जताते हुए विपक्षी दल ने शुक्रवार को कहा कि वह राहत पाने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा।
गुजरात कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया है कि यह संसद में राहुल गांधी को, असहज करने वाले मुद्दे उठाने से रोकने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक साजिश है।
मानहानि का मामला दायर करने वाले सत्ताधारी दल के नेता पूर्णेश मोदी ने कहा कि अयोग्य ठहराए गए लोकसभा सदस्य को दूसरों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, ‘‘हमारी विधिक टीम इस मामले को उच्चतम न्यायालय में ले जाएगी। चूंकि गांधी ने (वर्ष 2019 के दौरान) कर्नाटक में बयान दिया था , अत: यह सूरत की अदालत के न्यायिक अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता जहां मामला दर्ज किया गया है। यदि कुछ गलत होता है तो इसके खिलाफ बोलना राजनेताओं की जिम्मेदारी और उनका अधिकार है। देश का धन लूटकर भागने वाले कारोबारी ललित मोदी और नीरव मोदी के बारे में बोलना कोई अपराध नहीं है।’’
उच्च न्यायालय के फैसले पर गोहिल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न मामलों में आरोपी को राहत प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि यह मामला (मानहानि केस) उच्चतम न्यायालय तक जरूर जाएगा।
गोहिल ने कहा, ‘‘वर्ष 2016 में, अमरेली की एक अदालत ने तत्कालीन सांसद नाराण कछाड़िया को एक दलित चिकित्सक से मारपीट के मामले में दोषी ठहराया था। बाद में शीर्ष अदालत ने उन्हें राहत देते हुए कहा था कि ‘यह एक गंभीर अपराध था, लेकिन सजा के कारण उन्हें एक जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी जिम्मेदारियां निभाने से नहीं रोका जाना चाहिए।’’
उन्होंने एक और उदाहरण देते हुए कहा कि केरल की एक अदालत ने हत्या के प्रयास के एक मामले में एक सांसद को राहत दी थी।
राज्यसभा सदस्य गोहिल ने कहा, ‘‘मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि इसी तरह उच्चतम न्यायालय राहुल गांधी को भी राहत देगा।’’
कांग्रेस विधायक अमित चावड़ा ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले से लोकतंत्र और संविधान में आस्था रखने वाले लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
चावड़ा ने कहा, “जैसे ही राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके निरंकुश शासन पर सवाल उठाना शुरू किया, चाहे वह भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ पर हो या अडाणी की कंपनियों में काला धन का निवेश हो, भाजपा ने हमारे नेता को संसद से बाहर निकालने की साजिश रची ताकि वह उन मुद्दों को न उठा न सकें।’’
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि संसद में महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने से रोकने के लिए गांधी की टिप्पणियों के आधार पर उनके खिलाफ कई मामले दर्ज कराए गए।
कांग्रेस विधायक दल के नेता ने कहा ‘‘राहुल गांधी को संसद में मुद्दे उठाने से रोकने के लिए, भाजपा द्वारा एक साजिश के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसे कई मामले दर्ज कराए गए। जिस तरह से अदालतें प्रतिकूल फैसले दे रही हैं, ऐसा लगता है कि देश के लोकतंत्र पर निरंकुशता हावी हो जाएगी। हम न्यायपालिका पर भरोसा करते हैं और हम उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।'
भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता को अब आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और उन्हें दूसरों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
पूर्णेश की शिकायत पर सूरत मेट्रोपॉलिटन अदालत ने गांधी को दोषी ठहराया था और उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई थी, जिसके कारण उन्हें लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
वर्ष 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए चुने गए गांधी ने उच्च न्यायालय से दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। (भाषा)
भोपाल, 7 जुलाई। मध्यप्रदेश सरकार ने सीधी पेशाब कांड के पीड़ित आदिवासी व्यक्ति को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है और उसके घर के निर्माण के लिए डेढ़ लाख रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
यह मदद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भोपाल में अपने आवास पर पीड़ित दशमत रावत के पैर धोने और अपमानजनक घटना पर उससे माफी मांगने के एक दिन बाद आई है।
सीधी जिला कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर, रावत के लिए पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता और घर के निर्माण के लिए डेढ़ लाख रुपये (कुल 6.5 लाख रुपये) की अतिरिक्त सहायता मंजूर की गई है।
प्रदेश के सीधी जिले में प्रवेश शुक्ला नामक युवक ने रावत पर पेशाब कर दिया था, जिसका वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया । इसके बाद पुलिस ने शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज कर बुधवार को उसे गिरफ्तार कर लिया।
एक अधिकारी ने पहले कहा था कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तथा कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत भी कार्रवाई शुरू की गई है।
बृहस्पतिवार को चौहान ने चेतावनी दी कि अन्याय पूर्ण कार्य करने वालों और गरीबों के खिलाफ गलत काम करने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी।
प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। सीधी पेशाब कांड ने प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है। विपक्षी कांग्रेस ने इस घटना को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला किया है और पीड़ित के पैर धोने के चौहान के कृत्य को महज एक नाटक बताया है। (भाषा)
मुंबई, 7 जुलाई। हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री सायरा बानो शुक्रवार को इंस्टाग्राम से जुड़ीं और अपने पति दिलीप कुमार को उनकी दूसरी बरसी पर श्रद्धांजलि दी।
अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर अपने पहले पोस्ट में दिलीप कुमार के साथ एक पुरानी तस्वीर पोस्ट की और कहा कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए वह दिवंगत अभिनेता के जीवन के खास पल, उनके विचारों और दृष्टिकोण को साझा करना चाहती हैं।
सायरा बानो ने लिखा, “मैं यह नोट सात जुलाई को विशेष रूप से दुनियाभर के शुभचिंतकों और सबसे प्यारे दोस्तों के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के लिए लिख रही हूं, जिन्होंने आज तक मुझे और दिलीप साहब को बेशुमार प्यार से आबाद रखा है, मेरे कोहिनूर दिलीप कुमार साहब के लिए प्यार और सम्मान।”
उन्होंने कहा कि दिलीप कुमार न केवल महान अभिनेता थे, बल्कि एक महान इंसान भी थे। दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान था।
सायरा बानो ने लिखा, ‘‘इंस्टाग्राम पर मैं उनके जीवन के खास पलों, उनके विचारों और दृष्टिकोण के साथ-साथ न केवल ‘फिल्म उद्योग’ के प्रति उनके समर्पण और प्रतिबद्धताओं को साझा करना चाहती हूं, बल्कि समाज और लोगों के कल्याण से जुड़ी उनकी अन्य गतिविधियों को भी बड़े पैमाने पर दुनिया के सामने साझा करना चाहती हूं।’’
मधुमती, नया दौर, मुगल-ए-आजम, देवदास, गंगा जमना और सौदागर जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों के लिए चर्चित दिलीप कुमार को 1994 में भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था।
लंबी बीमारी के बाद जुलाई 2021 में 98 वर्ष की आयु में दिलीप कुमार का निधन हो गया था। (भाषा)
गोरखपुर (उप्र), 7 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वंदे भारत ट्रेन ने देश के मध्यम वर्ग को सुविधाओं और सहूलियतों के लिए नई उड़ान दी है। आज देश के कोने कोने के नेता पत्र लिखते हैं कि हमारे क्षेत्र से भी वंदे भारत ट्रेन चलाइये।
प्रधानमंत्री ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन से गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि यह ट्रेन अयोध्या से होकर गुजरेगी और इससे क्षेत्र में पर्यटन एवं कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।
मोदी ने इसके साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण की भी शुरुआत की। अधिकारी ने बताया कि गोरखपुर रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण पर 498 करोड़ रुपये की लागत आयेगी ।
प्रधानमंत्री ने इसी दौरान जोधपुर से अहमदाबाद के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को भी रवाना किया।
इसके पहले मोदी ने गीता प्रेस शताब्दी वर्ष समापन समारोह को संबोधित करते हुए गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत ट्रेन रवाना करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा, 'गीता प्रेस के कार्यक्रम के बाद मैं गोरखपुर रेलवे स्टेशन जाऊंगा। आज से ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण का काम भी शुरू होने जा रहा है।'
उन्होंने कहा, 'आज का मेरा गोरखपुर दौरा विकास और विरासत की नीति का अद्भुत उदाहरण है।'
मोदी ने कहा कि 'मैंने जब से सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें डाली हैं, लोग हैरान होकर देख रहे हैं कि रेलवे स्टेशनों का भी इस तरह से कायाकल्प हो सकता है।'
उन्होंने कहा कि उसी कार्यक्रम में मैं गोरखपुर से लखनऊ के लिए वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाऊंगा और उसी समय जोधपुर से अहमदाबाद के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को भी रवाना किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'एक समय था जब नेता लोग चिट्ठियां लिखा करते थे कि हमारे क्षेत्र में इस ट्रेन का जरा हाल्ट बना लें, उस ट्रेन का हाल्ट बना लें आज देश के कोने-कोने से नेता मुझे चिट्ठियां लिखकर कहते हैं कि मेरे क्षेत्र से भी वंदे भारत चलाइए।'
उन्होंने कहा, 'यह वंदे भारत का एक क्रेज है। इन सारे आयोजनों के लिए मैं गोरखपुर के लोगों को, देश के लोगों को बहुत बहुत बधाई देता हूं।' (भाषा)
रायपुर, 7 जुलाई। पीएम मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाने वाले सीएम भूपेश बघेल परभाजपा सांसद सरोज पांडे ने तीखा हमला किया है। बघेल को टैग कर सरोज ने अपने ट्वीट में कहा कि आप भूपेश बघेल जी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हैं पद की गरिमा रखनी चाहिए थी।अगर थोड़ी सी भी शर्म हो तो सच बताइए क्या कांग्रेस ने चुनाव के पहले शराब बंदी की घोषणा नहीं की थी? सच तो ये है कि आपने झूठे वादों की ऐसी झड़ी लगाई है कि इन्द्रदेव की मूसलाधार बारिश उसके सामने फीकी पड़ जाये।
रायपुर, 7 जुलाई। मैथिल विप्र परिषद ने प्रतिभावान छात्र /छात्रा सम्मान समारोह आयोजित किया ।कार्यक्रम में पूर्व मंत्री विधायक अमितेश शुक्ला,निगम में सभापति प्रमोद दुबे के साथ कान्यकुब्ज सभा सचिव सुरेश मिश्रा कार्यक्रम संयोजक नितिन झा भी मौजूद रहे। ।
नयी दिल्ली, 7 जुलाई। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दो जून को ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना के सिलसिले में शुक्रवार को तीन रेलकर्मियों को गिरफ्तार किया। इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि एजेंसी ने वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (सिग्नल) अरुण कुमार महंत, अनुभाग अभियंता मोहम्मद आमिर खान और तकनीशियन पप्पू कुमार को गिरफ्तार किया है। ये तीनों आरोपी बालासोर जिले में तैनात हैं।
अधिकारियों ने कहा कि तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और धारा 201 (साक्ष्य नष्ट करना) के तहत गिरफ्तार किया गया है।
बालासोर ट्रेन दुर्घटना में 293 यात्रियों की मौत हुई थी। इस दुर्घटना में तीन ट्रेन- शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी। (भाषा)
रायपुर, 7 जुलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल गांधी के मोदी सरनेम मामले में हाईकोर्ट के फैसले पर बयान दिया है। बघेल ने कहा कि राहुल गांधी को लोकसभा में बोलने नहीं दिया जाता था, जब सड़कों पर चले तब बीजेपी की नींद उड़ गई। सीएम बघेल ने कहा कि लगातार राहुल जी को रोकने की कोशिश की जा रही है। राहुल जी सत्य के रास्ते पर चल रहे हैं।राहुल जी ना झुकेंगे और ना रुकेंगे। केंद्र सरकार राहुल के खिलाफ लगातार षड्यंत्र कर रही है । इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा. सीएम बघेल ने मोदी पर भी हमला बोला. मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी जी की सभा से कोई असर नहीं पड़ेगा, जो हमारा 75 प्लस का टारगेट है उसे पूरा करेंगे।अपनी योजनाओं को लेकर आम जनता के बीच जाएंगे। बघेल ,राहुल के समर्थन में संगठन के धरना प्रदर्शन में भी शामिल हुए। धरना राजधानी के अंबेडकर चौक में दिया गया था।