अंतरराष्ट्रीय
अज़रबैज़ान की सेना के नागोर्नो-काराबाख इलाक़े में आक्रामक अभियान शुरू करने के चौबीस घंटे के अंदर ही आर्मीनियाई नस्ल के लड़ाकों की फोर्स संघर्ष विराम के लिए तैयार हो गई है. उन्होंने रूस की ओर से तय की गई शर्तों को मान लिया है.
एक दिन पहले ही अज़रबैजान ने यहां हमला किया था, जिसे वो 'आतंकवाद रोधी अभियान' बताते हैं.
नागोर्नो-काराबाख के अधिकारियों का कहना है कि हालिया संघर्ष में 32 लोगों की मौत हुई है. संघर्ष विराम के तहत स्थानीय सेना के पास से पूरी तरह हथियार हटाने और आर्मीनिया के सुरक्षाबलों की वापसी शामिल है.
नागोर्नो-काराबाख इलाके के अधकारियों का कहना है कि उन्हें 'अपने दुश्मन के हाथों' नुकसान का सामना करना पड़ा है क्योंकि संख्याबल और हथियार से वे ज़्यादा बेहतर स्थिति में हैं. इस इलाके में कई महीने से तनाव जारी है.
नागोर्नो-काराबाख की अधिकतर आबादी आर्मीनियाई मूल की है लेकिन अंतरराष्ट्रीय जगत इस इलाके को अज़रबैजान के हिस्से के तौर पर मान्यता देता है. ये दोनों देश दक्षिण कॉकेशस क्षेत्र में स्थित हैं जो कि पूर्वी यूरोप और एशिया का पहाड़ी क्षेत्र है. इसके एक तरफ़ काला सागर है तो दूसरी तरफ़ कैस्पियन सागर है.
अज़रबैजान और आर्मीनिया के बीच तीन साल पहले भी लंबा संघर्ष हुआ था. (bbc.com/hindi)
(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 20 सितंबर। ऑस्ट्रेलिया ने एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या में भारत का हाथ होने के कनाडा के आरोपों को ‘‘चिंताजनक’’ बताया और कहा कि कैनबरा ‘‘इससे जुड़े घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए है’’ तथा उसने भारतीय समकक्षों के सामने यह मुद्दा उठाया है।
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय (यूएनजीए) में एक संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की।
यूएनजीए के उच्च स्तरीय 78वें सत्र में ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहीं वोंग कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इन आरोपों से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थीं कि प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर (45) की हत्या में ‘‘भारत सरकार के एजेंट’’ शामिल हैं।
वोंग ने कहा, ‘‘देखिए, ये खबरें चिंताजनक हैं और मैंने कहा है कि जांच जारी है, लेकिन निश्चित तौर पर हम अपने साझेदारों के साथ इन आरोपों के बाद के घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहे हैं और हम ऐसा करते रहेंगे।’’
भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में शामिल निज्जर की पश्चिमी कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में 18 जून को एक गुरुद्वारे के बाहर दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम था।
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘‘बेतुका’’ और ‘‘निहित स्वार्थों से प्रेरित’’ बताते हुए मंगलवार को खारिज कर दिया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या ऑस्ट्रेलिया ने भारत के समक्ष यह मुद्दा उठाया है, वोंग ने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया ने अपने भारतीय समकक्षों के समक्ष इन मुद्दों को उठाया है, जैसा कि आप हमसे अपेक्षा करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ‘‘अपने साझेदारों के साथ इससे जुड़े घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहा है, हम इस पर नजर रखते रहेंगे और मैं पुष्टि करती हूं कि हमने भारत के साथ अपनी चिंताएं साझा की हैं। मैं उस पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दे रही हूं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह क्वाड समूह में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत के साझेदार जापान के साथ इस मुद्दे को उठाने की योजना बना रही हैं, वोंग ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि आप किसी भी देश के विदेश मंत्री से यह उम्मीद नहीं करेंगे कि वह किन मुद्दों को कैसे उठाया गया है या उठाया जाएगा, इस पर विस्तार से टिप्पणी करेंगे, लेकिन मैं आपसे कहूंगी कि ऑस्ट्रेलिया का सैद्धांतिक रुख यह है कि हम इस बात पर भरोसा करते हैं कि सभी देशों की संप्रभुत्ता का सम्मान किया जाना चाहिए।’’
वोंग से पूछा गया कि क्या उन्हें ऑस्ट्रेलिया में भारत के किसी हस्तक्षेप को लेकर कोई चिंता है? जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया एक मजबूत लोकतंत्र है और भारतीय प्रवासी समुदाय के विविध विचार हैं। आप जानते हैं कि हमने ऑस्ट्रेलिया में लोकतांत्रिक चर्चा के संबंध में यह स्पष्ट किया है कि विभिन्न विचारों की शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति ऑस्ट्रेलिया के लोकतंत्र का अहम हिस्सा हैं और मुझे लगता है कि अधिकांश आस्ट्रेलियाई इससे सहमत होंगे।’’ (भाषा)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 20 सितंबर। अमेरिका के एक विशेषज्ञ ने सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट का हाथ होने के कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को ‘शर्मनाक और निंदनीय’ करार देते हुए अमेरिका से इसका हिस्सा न बनने का आग्रह किया है।
हडसन इंस्टीट्यूट थिंक-टैंक में आयोजित एक पैनल चर्चा में अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ फेलो माइकल रुबिन ने दावा किया कि ट्रूडो उन लोगों के हाथों की कठपुतली बन रहे हैं, जो खालिस्तानी आंदोलन को अहं और लाभ के आंदोलन के रूप में देखते हैं।
कनाडाई नागरिक निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट का हाथ होने के ट्रूडो के आरोपों के बाद कनाडा और भारत ने अपने-अपने देश में एक-दूसरे के वरिष्ठ राजनयिक को मंगलवार को निष्कासित कर दिया था। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘बेबुनियाद’ बताते हुए उन्हें सिरे से खारिज किया था।
प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख और भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में शामिल निज्जर (45) की दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गत 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी।
रुबिन ने कहा कि ट्रूडो के ‘शर्मनाक और निंदनीय कदम’ को लेकर चौंकाने वाली बात यह है कि वह निज्जर की हत्या मामले में तो बयान दे रहे हैं, लेकिन देश की पुलिस पाकिस्तान की कथित मदद से हुई करीमा बलूच की हत्या की जांच कर रही है और प्रधानमंत्री कार्यालय ने अब तक इस मामले का संज्ञान नहीं लिया है।
अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा, “तो सवाल यह उठता है कि अगर लोकलुभावन राजनीति नहीं की जा रही है, तो यह विरोधाभास क्यों है? इससे जस्टिन ट्रूडो को लंबी अवधि में मदद मिल सकती है, लेकिन यह अच्छा नेतृत्व नहीं है। हमें यहां (अमेरिका में) और कनाडा में हमारे नेताओं के अधिक जिम्मेदाराना रुख अपनाने की जरूरत है, क्योंकि वे आग से खेल रहे हैं।”
रुबिन ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ बाहरी तत्व खालिस्तान आंदोलन को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि यह कोशिश रंग लाएगी। मैं नहीं चाहता कि अमेरिका ‘बाहरी तत्वों की इस तरह की निंदक चालों’ को स्वीकृति दे। अचानक किसी अलगाववादी आंदोलन को फिर से उभरते देखना और तर्क देना कि यह वैध है, एक बहुत बड़ी गलती होगी।” (भाषा)
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाया.
अर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा 78वें सत्र में दुनिया भर के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, “दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि लाने के लिए कश्मीर में शांति बहाल करनी होगी. ये शांति भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत और सहयोग के ज़रिए ही स्थापित होगी.”
“इस दिशा में उठाए गए क़दमों को तुर्की का समर्थन मिलता रहेगा. ”
बीते साल भी अर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कुछ ऐसा ही बयान दिया था.
उन्होंने कहा था कि आज़ादी के 75 साल बाद भी भारत-पाकिस्तान के बीच शांति और सहयोग स्थापित नहीं हो सका है. हम चाहते हैं कि कश्मीर में स्थायी शांति और समृद्धि स्थापित हो.(bbc.com/hindi)
कनाडा ने भारत को लेकर नई ट्रैवेल एडवाइज़री जारी की है जिसमें उसने अपने नागरिकों को ‘अत्यधिक सावधान’ रहने को कहा है.
कनाडाई सरकार ने अपने नागरिकों से "अप्रत्याशित सुरक्षा स्थिति के कारण" केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की यात्रा से बचने के लिए कहा है.
मंगलवार को जारी इस एडवाइज़री में कहा गया है, “ जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, उग्रवाद, अशांति और अपहरण का ख़तरा है. इसमें लद्दाख की यात्रा शामिल नहीं है.”
इसके अलावा भारत के पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों में भी नागरिकों को ना जाने की सलाह दी गई है. गुजरात, पंजाब और राजस्थान के पाकिस्तान की सीमा वाले इलाकों में भी ना जाने की सलाह दी गई है.
कनाडा की ओर से ये नई ट्रैवेल एडवाइज़री ऐसे समय आई है जब दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है.
सोमवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार का हाथ हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में होने की आशंका जताई और कनाडा सरकार ने एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया.
बदले में भारत ने भी एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करते हुए उन्हें भारत छोड़ने के लिए पांच दिन का वक़्त दिया.
भारत सरकार ने कनाडा के आरोपों को ख़ारिज किया है और इसे बेतुका बताया है.
अपने देश की संसद में भारत पर आरोप लगाने वाले ट्रूडो ने मंगलवार को एक और बयान दिया.
उन्होंने कहा- “ सिख अलगाववादी नेता की हत्या से भारतीय एजेंटों का संबंध होने की आशंका ज़ाहिर करने के पीछे कनाडा का मकसद भारत को उकसाना नहीं था, बल्कि कनाडा चाहता है कि भारत इस मामले को ठीक से संभाले. ”
“ भारत सरकार को इस मामले में बेहद गंभीरता दिखाने की ज़रूरत है. हम यही कर रहे हैं. हम किसी को उकसाना या मामले को खींचना नहीं चाहते. यह बेहद गंभीर है, और अंतरराष्ट्रीय कानून में इसके दूरगामी परिणाम होंगे, हम शांत रहेंगे. हम अपने लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मूल्यों पर कायम रहेंगे. हम सबूतों का पालन करेंगे.” (bbc.com/hindi)
लीमा, 19 सितंबर । पेरू के हुआनकेवेलिका क्षेत्र में एक यात्री बस के खड्ड में गिरने से कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय मीडिया के हवाले से ये जानकारी सामने आई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना सोमवार को स्थानीय समयानुसार लगभग 1:30 बजे चुरकम्पा प्रांत के पहाड़ी इलाके में हुई।
न्यूज ब्रॉडकास्टर रेडियो प्रोग्रामास डेल पेरू ने चुरकांपा इंटीग्रेटेड हेल्थ नेटवर्क का हवाला देते हुए बताया कि मरने वालों में नाबालिग भी शामिल हैं।
घायलों को हुआनकायो, पम्पास और अयाकुचो शहरों के अस्पतालों में ले जाया गया।
एंको के जिला मेयर, मैनुअल ज़ेवलोस ने रेडियो स्टेशन को बताया कि क्षेत्र में हिमस्खलन के चलते सड़क कम से कम एक महीने से खराब स्थिति में है। (आईएएनएस)
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ हो सकता है.
कनाडा सरकार ने एक भारतीय राजनयिक को इस मामले में निष्कासित कर दिया है.
कनाडा के इस आरोप को भारतीय विदेश मंत्रालय ने ख़ारिज किया है और कहा है कि भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप बेतुके हैं.
कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो के इस बयान पर कई प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. लोग दोनों देशों की विदेश नीति के लिहाज से इसे हैरान करने वाला क़दम बता रहा है.
कनाडा के वैन्कुवर साउथ से सांसद हरजीत सज्जन ने ट्रूडो के बयान पर लिखा है, “हम भारत या किसी अन्य देश को अपने लोकतंत्र में हस्तक्षेप नहीं करने देंगे. कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार का शामिल होना हमारी संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है.”
वॉशिंगटन डीसी स्थित थिंक टैंक द विलसन सेंटर के साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर माइकल कुगलमैन ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “ कनाडा भारत का बहुत अहम पश्चिमी साझेदार है. जस्टिन ट्रूडो की ओर से भारत पर लगाए गए बड़े आरोपों के बाद भारत के राजनयिक का निष्कासन एक हैरान करने वाला क़दम है. ऐसा आमतौर होता नहीं है.”
“कनाडा के प्रधानमंत्री का इस तरह सार्वजनिक तौर पर ये आरोप लगाना ज़ाहिर तौर पर ये बताता है कि उनके पास इसके पुख़्ता सबूत हैं, वरना वो क्यों भारत के साथ अपने अच्छे रिश्ते को नुकसान पहुंचाएंगे. मेरा मानना है कि वो जो कह रहे हैं उन्हें उस बात की गंभीरता का अंदाज़ा है.”
कनाडाई वरिष्ठ पत्रकार ताहिर असलम गोरा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “ कनाडा भारत का शुभचिंतक है और भारत कनाडा का शुभचिंतक रहा है. ख़लिस्तानी मुद्दे को लेकर कभी-कभी मनमुटाव होता था लेकिन इसके बावजूद दोनों देशों के रिश्ते बहुत अच्छे रहे हैं इसलिए ये कदम बहुत हैरान करने वाले हैं."
" इतना बड़ा क़दम अलगावादी नेता की हत्या के तीन महीने बाद लेना बहुत हैरान करने वाली बात है. इससे कनाडाई लोग भी हैरान हैं. आज से 30-32 साल पहले एयर इंडिया बम धमाके की जांच अब तक नतीजे पर नहीं पहुंच पायी तो तीन महीने में ये जांच कैसे पूरी हो गई. एकदम से पीएम ने संसद में ये बयान दे दिया. हम कनाडाई लोग पूरे सच का इंतज़ार कर रहे हैं.”
भारत का कनाडा को जवाब
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पूरे मामले में बयान जारी करते हुए कहा है-
“हमने कनाडा के प्रधानमंत्री का उनकी संसद में दिया गया बयान और उनके विदेश मंत्री के बयान को खारिज करते हैं.”
“कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप बेतुके हैं.इसी तरह के आरोप कनाडा के प्रधानमंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री के सामने भी रखे थे और उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था.”
“हम कानून के शासन के प्रति मज़बूत प्रतिबद्धता वाली एक लोकतांत्रिक देश हैं.”
“इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं, जिन्हें कनाडा में आश्रय दिया गया है और जो
कनाडा ने क्या आरोप लगाए हैं
इसी साल 18 जून को निज्जर की कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
ट्रूडो ने कनाडा की संसद में कहा, ''कनाडा की एजेंसियों ने पुख्ता तौर पर पता किया है कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ हो सकता है.''
कनाडा के पीएम ने कहा कि जी-20 सम्मेलन के दौरान उन्होंने ये मुद्दा पीएम मोदी के सामने भी उठाया था.
कनाडा की संसद में ट्रूडो ने कहा, ''हमारे देश की ज़मीन पर कनाडाई नागरिक की हत्या के पीछे विदेशी सरकार का होना अस्वीकार्य है और ये हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है.''
ट्रूडो बोले, ''ये उन मूलभूत नियमों के ख़िलाफ़ है, जिसके तहत लोकतांत्रिक, आज़ाद और खुले समाज चलते हैं.''
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने सोमवार को बताया कि भारतीय राजनयिक पवन कुमार राय को इस केस की जांच के चलते निष्कासित कर दिया गया है. (bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 18 सितंबर । पाकिस्तान की कराची की रहने वाली एरिका रॉबिन ने 'मिस यूनिवर्स पाकिस्तान 2023' का खिताब जीत लिया है, वह यह खिताब हासिल करने वाली देश की पहली महिला बन गई हैं।
लेकिन एरिका की जीत का घर में जश्न नहीं मनाया गया। इसके बजाय उसे आलोचना या पूर्ण चुप्पी का सामना करना पड़ा।
24 वर्षीय एरिका ने पहली बार मिस यूनिवर्स पाकिस्तान कार्यक्रम में खिताब जीता। इसमें पाकिस्तान के पांच प्रतियोगी शामिल थे और इसे दुबई स्थित कंपनी युगेन ग्रुप द्वारा आयोजित किया गया था।
एरिका ने खिताब जीतने पर खुशी जताई और ऊपर वाले का आशीर्वाद बताया। उनकी उपलब्धि की पाकिस्तान में कई लोगों, विशेषकर धार्मिक समूहों और पार्टियों ने आलोचना की, जबकि सरकार ने एरिका की उपलब्धि पर अपना पल्ला झाड़ लिया।
जमात-ए-इस्लामी के सीनेटर मुश्ताक अहमद खान ने कहा, युवा महिलाओं को मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के लिए तैयार करना और मिस पाकिस्तान प्रतियोगिता का आयोजन करना शर्मनाक है। यह पाकिस्तान का अपमान है। पाकिस्तान की महिलाओं का अपमान है।
आयोजक कौन हैं ? यह शर्मनाक कृत्य कौन कर रहा है? सरकार को उन्हें सामने लाना चाहिए। किसने उन्हें पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकृत किया है? क्या यह पाकिस्तान सरकार का निर्णय है? कार्यवाहक प्रधान मंत्री को तुरंत अपनी सरकार की स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और सौंदर्य प्रतियोगिताओं के नाम पर पाकिस्तानी महिलाओं का यह उपहास, अपमान बंद करें। यह पाकिस्तान के मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं के साथ जानबूझकर खेला जाने वाला खेल है।"
प्रमुख धार्मिक नेता मोहम्मद तकी उस्मानी ने भी इस खबर पर सवाल उठाए, "खबर है कि पांच युवतियां अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगी। अगर यह सच है, तो हम कितनी दूर तक जाएंगे? इस धारणा को मिट जाने दीजिए।"
महिला कार्यकर्ता एरिका रॉबिन के समर्थन में सामने आई हैं और जब भी कोई पाकिस्तानी महिला अपने लिए नाम कमाती है, तो असुरक्षित महसूस करने वाले लोग उसकी आलोचना करते हैं।
अधिकार कार्यकर्ता ज़ोहरा यूसुफ़ ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय मंच पर नाम कमाने वाली पाकिस्तानी महिलाओं पर हमला करना एक आदर्श बन गया है। महिलाओं की अंतरराष्ट्रीय सफलताओं को देश की नैतिकता पर एक धब्बा के रूप में क्यों देखा जाता है?"
वरिष्ठ पत्रकार मारियाना बाबर ने 24 वर्षीय एरिका की प्रशंसा की और जोर देकर कहा कि कोई भी पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर सकता है।
मारियाना ने कहा, "पाकिस्तान सभी का है। हर पाकिस्तानी कहीं भी, जब भी, जैसे भी प्रतिनिधित्व कर सकता है। देवियो और सज्जनो, कराची की एरिका रॉबिन को पहली मिस यूनिवर्स पाकिस्तान की विजेता का ताज सुंदरता और दिमाग के लिए हासिल हुआ।"
पाकिस्तान के अंतरिम सूचना मंत्री मुर्तजा सोलंगी ने कहा कि देश ने ऐसे आयोजन के लिए किसी गैर-राज्य या गैर-सरकारी व्यक्ति या संस्था को नामित नहीं किया है।
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान सरकार और राज्य का प्रतिनिधित्व राज्य और सरकारी संस्थानों द्वारा किया जाता है। हमारी सरकार ने ऐसी किसी भी गतिविधि के लिए किसी भी गैर-राज्य और गैर-सरकारी व्यक्ति या संस्थान को नामित नहीं किया है और ऐसा कोई भी व्यक्ति/संस्था राज्य/सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है।''
एरिका का कहना है कि वह पाकिस्तान की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं में मौजूद उत्कृष्ट सुंदरता को प्रकाश में लाना चाहती है।
एरिका कराची की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट पैट्रिक गर्ल्स हाई स्कूल से की और जनवरी 2020 में अपने पेशेवर मॉडलिंग करियर की शुरुआत की।
दिसंबर 2021 में, उसने दुबई - संयुक्त अरब अमीरात के लिए उड़ान भरी और 14 सितंबर, 2023 को एरिका ने मालदीव के रा एटोल में ब्रेनिया कोटेफ़ारू में मिस यूनिवर्स पाकिस्तान का खिताब जीता।
एरिका का अगला पड़ाव 18 नवंबर, 2023 को सैन साल्वाडोर, अल साल्वाडोर में मिस यूनिवर्स 2023 प्रतियोगिता में होगा। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 18 सितंबर । भारतीय-अमेरिकी रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने सर्वेक्षणों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 38 वर्षीय व्यक्ति की बढ़त से लोग नाराज हैं। उन्होंने कहा कि लोगों का मानना है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के लिए बहुत छोटे हैं।
यह टिप्पणी फॉक्स न्यूज पोल के बाद आई है, जिसमें दिखाया गया है कि अगस्त के बाद से रामास्वामी के प्रतिकूल विचारों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जब वह पहली रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की बहस में मंच पर आए थे, जहां प्रतिद्वंद्वियों क्रिस क्रिस्टी और निक्की हेली ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी।
'फॉक्स न्यूज संडे' में उपस्थित होकर, उन्होंने मेजबान शैनन ब्रीम से कहा, "जब से मैंने दूसरी बहस में अच्छा प्रदर्शन किया है, तब से तीव्र आलोचना का सामना कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "हकीकत यह है कि बहुत से लोग मेरे उत्थान से नाराज़ हैं और मानते हैं कि 38 साल का व्यक्ति अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के लिए बहुत छोटा है।"
अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति का हवाला देते हुए, रामास्वामी ने कहा, "थॉमस जेफरसन 33 साल के थे, जब उन्होंने अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा लिखी थी।"
उधर, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बढ़त बनाए हुए हैं। रामास्वामी अधिकांश सर्वेक्षणों में फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस के बाद तीसरे स्थान पर हैं।
पहली बहस के बाद हुए सर्वेक्षणों से पता चला कि 504 उत्तरदाताओं में से 28 प्रतिशत ने कहा कि रामास्वामी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया।
बहस के बाद, आत्मविश्वास से भरे रामास्वामी ने संवाददाताओं से कहा कि दौड़ में केवल दो उम्मीदवार बचे रहेंगे, जो वह और ट्रम्प होंगे।
फॉक्स न्यूज के अनुसार, गूूूगल पर वह सबसे अधिक खोजे जाने वाले रिपब्लिकन उम्मीदवार हैं, उनके बाद प्रतिद्वंद्वी निक्की हेली हैं।
एक टिप्पणीकार के यह कहने पर कि अमेरिकियों को रामास्वामी "कष्टप्रद" लगते हैं, बायोटेक उद्यमी इस बात पर जोर देते हैं कि उनका अभियान सफलता की राह पर है
उन्होंने फॉक्स न्यूज को बताया, "हम 0.0 फीसदी से वहां तक आ गए जहां हम अभी हैं।" "मुझे लगता है कि हम यह चुनाव जीतने की राह पर हैं।" (आईएएनएस)
जापान में 100 साल से ज्यादा आयु वाले लोगों की तादाद 92,000 के पार चली गई है. यह लगातार 53वां साल है जब ऐसे लोगों की संख्या ने बढ़ कर एक नया कीर्तीमान बनाया है.
जापान बुजुर्गों की संख्या के मामले में काफी पहले से ही बाकी देशों की तुलना में आगे है. जापान सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी नए आंकड़े बता रहे हैं कि अब देश में इनकी संख्या 92,139 तक जा पहुंची है. 100 साल से ऊपर की उम्र वाले लोगों में पिछले एक साल में 1,613 और लोग जुड़ गए हैं. एशियामें चीन और जापान ही ऐसे दो देश हैं जहां आबादी के सिकुड़ने को लेकर चिंता है.
शतायु लोगों में 88 फीसदी औरतें
ताजा सर्वे के मुताबिक शतायु लोगों में 88 फीसदी महिलाएं हैं. जापान में जीवन प्रत्याशा महिलाओं के लिए 87 साल और पुरुषों के लिए 81 साल है. 1963 में पहली बार जापान में 100 से ऊपर की उम्र वाले लोगों की गिनती की गई थी. तब यह संख्या 153 थी. 1998 में यह संख्या बढ़ कर 10,000 के पार चली गई. 10 हजार से 50 हजार का आंकड़ा पार करने में महज 14 साल लगे और 2012 में यह मुकाम हासिल हुआ.
जापान में बुजुर्ग लोगों की संख्या हर साल एक नया रिकॉर्ड बना रही हैजापान में बुजुर्ग लोगों की संख्या हर साल एक नया रिकॉर्ड बना रही है
जिस तरह यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ रहा है उसमें इसके जल्दी ही एक लाख के पार जाने की उम्मीद की जा रही है. हालांकि आबादी के इन आंकड़ों में एक बोझ भी छिपा है जो जापान के लिए नई मुश्किलें पैदा कर रहा है. बीते कई दशकों से लोगों की उम्र बढ़ने के साथ ही यहां जन्मदर नीचे गई है. इसके नतीजे में कामकाजी लोगों की तादाद घट गई है और तमाम दूसरे कामों के साथ ही बुजुर्गों का ख्याल रखने में खासी परेशानी हो रही है.
जापान की सिकुड़ती आबादी
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बुजुर्ग लोगों की संख्या किसी भी और औद्योगिक देश के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है. जापान की आबादी भी रिकॉर्ड दर से सिकुड़ती जा रही है. पिछले साल जापान की आबादी एक साल पहले की तुलना में 8,01,000 कम हो कर 12.24 करोड़ पर आ गई. जब से आबादी के आंकड़े दर्ज किए जा रहे हैं तबसे यह किसी भी देश की आबादी में सबसे बड़ी कमी है. जापान के लोग अपना ज्यादातर समय काम में बिताते हैं और उनके पास परिवार या दूसरे कामों के लिए उतना समय नहीं होता, यही कारण है कि आबादी तेजी से सिकुड़ रही है.
बीते सालों में जापान की सरकार ने कामकाजी लोगों को बच्चे पैदा करने और पालने में सुविधा देने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की. सरकरा लोगों को प्रोत्साहित करने में भी जुटी है. हालांकि इसका कोई खास नतीजा अब तक नहीं आया है. बेहतर सुविधाएं और तकनीक लोगों की आयु तो बढ़ा रही हैं लेकिन बच्चे पैदा करने में लोग दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. आबादी के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल वहां सिर्फ सात लाख बच्चे पैदा हुए.
एनआर/ओएसजे (डीपीए)
(फाकिर हसन)
जोहानिसबर्ग, 18 सितंबर। दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग शहर के लेनासिया उपनगर में रविवार को वार्षिक 'गांधी वॉक' के 35वें संस्करण का आयोजन किया गया। छह किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा में दो हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।
वर्ष 2020 में प्रस्तावित 'गांधी वॉक' से लगभग एक महीने पहले कोविड-19 महामारी की दस्तक के मद्देनजर गांधी वॉक समिति ने इस पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला किया था।
खबरों के मुताबिक, 2020 में 'गांधी वॉक' के दो प्रारूप आयोजित करने की योजना थी, जिनमें धावकों के लिए 15 किलोमीटर, जबकि आम लोगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए पांच किलोमीटर लंबी पदयात्रा शामिल थी।
खबरों के अनुसार, 2020 में प्रस्तावित 'गांधी वॉक' से जुड़ी तैयारियों पर बड़ी धनराशि खर्च हुई थी और लगभग चार हजार लोगों ने इसमें हिस्सा लेने के लिए पंजीकरण कराया था। देश के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने इन पदयात्रा के लिए निर्धारित तारीख से एक पखवाड़े पहले संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की घोषणा की थी।
रामाफोसा पिछली बार इस वार्षिक आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे और उन्होंने सामाजिक एकता एवं सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए गांधी वॉक समिति की सराहना की थी।
रविवार को आयोजित 'गांधी वॉक' में महात्मा गांधी के हमशक्ल हरिवर्दन पीतांबर एक बार फिर शामिल हुए। वह इस पदयात्रा के मुख्य आकर्षण रहे। बड़ी संख्या में प्रतिभागियों को उनके साथ सेल्फी लेते देखा गया।
पीतांबर ने सफेद धोती और चश्मा पहनकर तथा हाथ में छड़ी थामकर पदयात्रा में हिस्सा लिया। रामाफोसा ने उनकी तरफ इशारा करते हुए कहा, "मुझे आमंत्रित करने, इस महान एवं अद्भुत गांधी वॉक का हिस्सा बनाने और विशेष रूप से ठीक मेरे बगल में खड़े व्यक्ति (महात्मा गांधी के हमशक्ल) के साथ खड़े होने का मौका देने के लिए धन्यवाद।" (भाषा)
वाशिंगटन, 16 सितंबर । पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ संघीय चुनाव में हस्तक्षेप के मामले में विशेष वकील जैक स्मिथ ने जिला न्यायाधीश तान्या छुटकन से मांग की है कि कि ट्रंप पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार अभियोजकों ने कहा है कि यह उनकी मांग मान ली जाती है, तो यह ट्रंप को संभावित गवाहों की पहचान, गवाही या विश्वसनीयता के संबंध में बयान देने और किसी भी पार्टी, गवाह, वकील, अदालत कर्मियों, या संभावित जूरी सदस्यों के बारे में ऐसे बयान देने से प्रतिबंधित कर देगा, जो अपमानजनक, भड़काऊ या डराने वाले हों।
अभियोजकों ने लिखा, ''प्रतिवादी इस आपराधिक मामले में भी वही काम करने का प्रयास कर रहा है, ताकि आपराधिक न्याय प्रणाली में विश्वास को कम किया जा सके और इस जिले के नागरिकों, न्यायालय, अभियोजकों और संभावित गवाहों पर अपमानजनक और भड़काऊ हमलों के माध्यम से जूरी पूल पर प्रतिकूल प्रभाव डाला जा सके।"
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, वाशिंगटन में आपराधिक मामले की देखरेख के लिए ओबामा द्वारा नियुक्त छुटकन ने अभी तक अनुरोध पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
इस बीच, ट्रम्प ने शुक्रवार को ट्रुथ सोशल पोस्ट में विशेष वकील के प्रस्ताव की आलोचना करते हुए स्मिथ को "विक्षिप्त" कहा।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार रात राजधानी में महिलाओं के समूह के रात्रिभोज को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि अभियोजक स्वतंत्र रूप से और खुलकर बोलने के उनके अधिकार को छीनना चाहते हैं।
2024 के रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के नामांकन के दावेदार ट्रंप को बढ़ती कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन पर चार बार आपराधिक आरोप लगाया गया है, इसमें 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम को पलटने के प्रयासों का आरोप भी है। (आईएएनएस)
पोलैंड में शुक्रवार को एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री माटेउश मोरोविकी ने कहा कि वो यूक्रेनी अनाज के आयात पर लगी रोक को नहीं हटाएंगे.
माटेउश मोरोविकी ने कहा, "यूरोपीय कमिशन से मतभेद के बावजूद हम यूक्रेनी अनाज के आयात पर लगे बैन को आगे बढ़ाएंगे. अपने किसानों के हित के लिए हम ये करना चाहते हैं."
पोलैंड में जल्द चुनाव होने वाले हैं और यहां की सत्ताधारी पार्टी का कहना है कि वो लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर सत्ता पर काबिज़ होगी.
पोलैंड ने यूक्रेन से आ रहे अनाज के लिए अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं. कहा जा रहा है कि पोलैंड के बाद स्लोवानिया और हंगरी ने भी इसी तरह की रोक लगाने का फ़ैसला किया है.
आर्थिक मामलों को पोलैंड के मंत्री वाल्देमार बुडा ने कहा है कि उन्होंने "इससे जुड़े एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. ये रोक अनिश्चितकाल के लिए है और ये 16 सितंबर की रात से लागू हो जाएगा."
इस मुद्दे को लेकर यूरोपीय कमिशन और पोलैंड आमने-सामने हैं. कमिशन का कहना है कि पोलैंड पर राजनीतिक कारणों से लोकलुभावन नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है.
यूरोन्यूज़ के अनुसार हंगरी ने यूक्रेन से आने वाले 24 खेती से जुड़े उत्पादों को ब्लॉक करने का आदेश जारी कर दिया है. इनमें अनाज, सब्ज़ियां, शहद और मीट शामिल हैं. ये सभी उत्पाद सीमा पर सील कर दिए जाएंगे और इन्हें केवल देश के भीतर से होकर आगे जाने की इजाज़त होगी.
यूक्रेन युद्ध के शुरू होने के बाद से पोलैंड यूक्रेन के समर्थन में रहा है. वो नैटो से गुज़ारिश करता रहा है कि वो अपने हथियार पोलैंड सीमा पर तैनात करे.
युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन काले सागर के रास्ते अनाज निर्यात नहीं कर पा रहा है क्योंकि इस रास्ते पर एक तरह से रूस का पहरा है. ऐसे में वो सड़क मार्ग से अपने पड़ोसियों की मदद से अनाज का निर्यात कर रहा है.
अब तक किसी यूरोपीय देश ने यूक्रेन से दूसरे देशों के बाज़ारों तक पहुंच रहे अनाज का रास्ता नहीं रोका है. लेकिन यूक्रेन के पड़ोसी देश के भीतर हो रहे उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यूक्रेन से अनाज आयात पर रोक लगा रहे हैं. (bbc.com/hindi)
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने कहा है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति अगले सप्ताह व्हाइट हाउस आने वाले हैं.
शुक्रवार हुई एक प्रेस वार्ता में सुलिवन ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन गुरुवार को व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की का स्वागत करेंगे.
उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस में दोनों नेताओं की ये तीसरी मुलाक़ात होगी.
उन्होंने कहा, "ये बैठक ऐसे वक्त हो रही है जब रूस यूक्रेन में हो रही लड़ाई के लिए उत्तर कोरिया जैसे मुल्कों की मदद तलाश कर रहा है, उसके ख़िलाफ़ यूक्रेनी सेना की जवाबी कार्रवाई आगे बढ़ रही है और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन अगले सप्ताह हमारे कई सहयोगियों और यूरोप के हमारे सहयोगियों के साथ एक बैठक आयोजित कर रहे हैं."
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन युद्ध को लेकर उनका नज़रिया समझेंगे और आज़ादी और संप्रभुता के लिए यूक्रेन के संघर्ष के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता दोहराना चाहते हैं.
यूक्रेन के लिए सैन्य सहयोग से जुड़े एक सवाल के जवाब में जेक सुलिवन ने कहा कि इस मुलाक़ात के दौरान अमेरिका यूक्रेन के लिए और हथियारों के पैकेज की घोषणा कर सकता है.(bbc.com/hindi)
मैड्रिड, 15 सितंबर । स्पेनिश पुलिस ने व्हाट्सएप पर एक नाबालिग लड़की का यौन वीडियो साझा करने के आरोप में रियल मैड्रिड के चार खिलाड़ियों को गिरफ्तार किया है।
20 से 21 वर्ष के आयु के खिलाड़ियों को गुरुवार को क्लब के प्रशिक्षण परिसर में गिरफ्तार किया गया। एल कॉन्फिडेंशियल अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस मुख्यालय में बयान देने के कुछ घंटों बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
गिरफ्तारी तब की गई जब नाबालिग की मां ने मोगन (ग्रैन कैनरिया) में घटनाओं की सूचना दी। एल कॉन्फिडेंशियल और कैडेना एसईआर रेडियो स्टेशन की रिपोर्ट के अनुसार खिलाड़ियों ने वीडियो को व्हाट्सएप पर फैलाया।
नाबालिग द्वारा न तो रिकॉर्डिंग और न ही प्रसारण के लिए सहमति दी गई थी। गिरफ्तार किए गए खिलाड़ियों में से तीन रियल मैड्रिड की सी टीम से हैं, चौथा क्लब की बी टीम से है, जिसे कैस्टिला के नाम से जाना जाता है।
रियल मैड्रिड के करीबी सूत्रों का हवाला देते हुए कैडेना एसईआर रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि लड़की ने सहमति से संबंध बनाए रखा और जून में उसकी सहमति के बिना रिकॉर्डिंग हुई, यही वजह है कि उन पर वीडियो को तीसरे पक्ष तक फैलाने का आरोप लगाया गया है।
गिरफ्तारी की खबर के बाद रियल मैड्रिड ने एक बयान जारी किया, जिसमें उसने स्पष्ट किया कि इसमें 4 खिलाड़ी शामिल थे।
"रियल मैड्रिड यह घोषणा करना चाहता है कि उसे पता चला है कि एक कैस्टिला खिलाड़ी और तीन रियल मैड्रिड सी खिलाड़ियों ने व्हाट्सएप के माध्यम से एक निजी वीडियो के कथित प्रसारण के बारे में शिकायत के संबंध में सिविल गार्ड को बयान दिया है। एक बयान में कहा गया, ''तथ्यों के आधार पर हम उचित कदम उठाएंगे।''
ये गिरफ़्तारियां फ़ुटबॉल महासंघ के पूर्व प्रमुख लुइस रूबियल्स के ख़िलाफ़ यौन शोषण के आरोपों के बीच हुई हैं, जिन्होंने पिछले महीने स्पेन की विश्व कप विजेता जेनी हर्मोसो को होठों पर चूमा था, इससे व्यापक आक्रोश फैल गया था।
स्पेन की समानता मंत्री आइरीन मोंटेरो ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यौन तस्वीरें फैलाना एक हिंसा है, "बिना सहमति के यौन तस्वीरें फैलाना भी यौन हिंसा है और इसे कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है।" (आईएएनएस)।
वाशिंगटन, 15 सितंबर । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन पर गुरुवार को गन से संबंधित मामलों में आरोप तय किया गया।
यह अभियोग रिपब्लिकन के नेतृत्व वाले अमेरिकी प्रतिनिधि सभा द्वारा राष्ट्रपति बाइडेन के खिलाफ महाभियोग जांच की घोषणा के कुछ ही दिनों बाद आया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि जब वह उपराष्ट्रपति थे तो उन्हें विदेश में अपने बेटे के व्यापारिक सौदों के बारे में जानकारी नहीं थी।
मामले की जांच डेलावेयर के ट्रंप द्वारा नियुक्त अमेरिकी वकील डेविड वीस कर रहे हैं, जिन्हें राष्ट्रपति बाइडेन ने पद पर बनाए रखा और मामले को आगे बढ़ाने के लिए पूरी छूट दी। उन्हें अब विशेष वकील के रूप में फिर से नामित किया गया है।
डेलावेयर में एक संघीय अदालत में गुरुवार को अभियोग दायर किया गया, और हंटर बाइडेन पर तीन मामलों का आरोप लगाया गया। हंटर बाइडेन ने दावा किया था कि जब उसने कोल्ट कोबरा रिवॉल्वर खरीदा था तो वह ड्रग का उपयोग नहीं कर रहा था।
पहले दो आरोपों में अधिकतम 10-10 साल की सज़ा और तीसरे में 5 साल की सज़ा का प्रावधान है।
इस आरोप के बाद राष्ट्रपति बाइडेन पर निशाना साधने के लिए रिपब्लिकन को मौका मिल गया है और 2024 के चुनावों में इसे सख्ती से आगे बढ़ाया जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सामना 2024 के चुनाव में बाइडेन से होने की संभावना है। (आईएएनएस)।
सिंगापुर, 15 सितंबर । थर्मन शनमुगरत्नम ने सिंगापुर के राष्ट्रपति भवन इस्ताना में देश के नौवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
उद्घाटन भाषण में, थरमन ने गुरुवार शाम को कहा कि वह चुने जाने पर सम्मानित और विनम्र महसूस कर रहे हैं और अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करेंगे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ने अधिक समावेशी समाज के निर्माण और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सिंगापुर की साझेदारी को गहरा करने पर भी जोर दिया।
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर थरमन को बधाई दी और उन्हें सरकार का पूरा समर्थन देने का वादा किया।
कुल वोटों का 70.4 प्रतिशत हासिल करने के बाद थर्मन को राष्ट्रपति चुना गया। वह सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री और उपप्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। (आईएएनएस)।
वाशिंगटन, 14 सितंबर। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे हंटर बाइडन पर हथियार खरीदने के लिए झूठ बोलने के 2018 के आरोप में बृहस्पतिवार को मुकदमा शुरू हुआ जिसकी लंबे समय से जांच की जा रही है।
डेलवेयर की संघीय अदालत में दायर मुकदमे के अनुसार, हंटर पर अक्टूबर 2018 में एक आग्नेयास्त्र खरीदते समय अपने नशे की लत के बारे में झूठ बोलने का आरोप है।
राष्ट्रपति के बेटे की उनकी वित्तीय व्यापारिक लेनदेन को लेकर भी जांच की जा रही है।
उन पर ऐसे वक्त में मुकदमा चलाया जा रहा है जब रिपब्लिकन नेताओं ने हंटर बाइडन के वित्तीय व्यापारिक लेन-देन को लेकर राष्ट्रपति बाइडन पर महाभियोग जांच शुरू की है।
अभियोग में कहा गया है कि हंटर बाइडन ने अक्टूबर 2018 में डेलवेयर में कोल्ट कोबरा स्पेशन बंदूक खरीदने वक्त हर बार झूठ बोला।
इन आरोपों में दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
विशेष वकील ने संकेत दिए हैं कि हंटर पर कैलिफॉर्निया या वाशिंगटन में समय पर कर भुगतान न करने के आरोप में भी मुकदमा दायर किया जा सकता है।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के स्पीकर केविन मैक्कार्थी ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने सदन को निर्देश दिया है कि वह राष्ट्रपति जो बाइडन के परिवार से जुड़े व्यापारिक सौदों को लेकर उनके खिलाफ महाभियोग जांच शुरू करे।
मैक्कार्थी ने कहा कि प्रतिनिधि सभा की अब तक की जांच बाइडन परिवार के इर्दगिर्द केंद्रित ‘‘भ्रष्टाचार की संस्कृति की तस्वीर पेश करती है’’, क्योंकि रिपब्लिकन पार्टी डेमोक्रेटिक नेता बाइडन के राष्ट्रपति पद संभालने से पहले से ही उनके बेटे हंटर के व्यापारिक सौदों की जांच कर रही है।
एपी गोला धीरज धीरज 1509 0105 वाशिंगटन (एपी)
लंदन, 14 सितंबर। ब्रिटेन की संसद ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा पत्नी अक्षता मूर्ति की बच्चों की देखभाल संबंधी कंपनी में वित्तीय हित को लेकर दाखिल घोषणा पत्र में गोपनीयता अधिनियम के तहत ‘मामूली और असवाधानीपूर्वक हुई त्रुटि’ को लेकर फटकार लगाई है।
ब्रिटिश ससंद के निम्न सदन हाउस ऑफ कामन की मानक समिति ने पिछले महीने निष्कर्ष निकाला था कि सुनक से कोरू किड्स में अपनी पत्नी के शेयरों का संदर्भ देने में गलती ‘‘भ्रम के कारण और अनजाने में हुई।’’
सुनक के खिलाफ यह जांच इसलिए की जा रही थी कि कहीं डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश प्रधानमंत्री का कार्यालय) के प्रवक्ता ने ऐसी जांच के संदर्भ में गोपनीयता संबंधी नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया है, जिसके तहत इस तरह की जांच पूरी होने पर जानकारी देने की मनाही है।
समिति ने कहा, ‘‘समिति ने निष्कर्ष निकाला है कि गोपनीयता का उल्लंघन असावधानीवश हुआ और सुनक ने इसे स्वीकार किया है। इसलिए समिति कोई प्रतिबंध आदि की सिफारिश नहीं कर रही है।’’
समिति ने कहा, ‘‘नियमों का यह मामूली और असावधानी में हुआ उल्लंघन था। माननीय सुनक के स्टाफ को ऐसे मामले में मानक मामलों के संसदीय आयुक्त से पूर्व अनुमति के बिना कोई विस्तृत बयान जारी नहीं करना चाहिए था खासतौर पर जांच लंबित है। मामले में उल्लंघन हुआ है जो नहीं होना चाहिए था।’’ (भाषा)
राहत और बचाव कर्मियों के दल पूर्वी लीबिया के डेरना शहर तक पहुंचने लगे हैं. वहां के हालात झकझोरने वाले हैं. अब तक 5,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 10,000 से ज्यादा लोग लापता हैं.
पूर्वी लीबिया में एंबुलेंस और इमरजेंसी सेंटर के प्रवक्ता ओसामा अली के मुताबिक डेरना में अब तक मौत के 5100 मामले दर्ज हो चुके हैं. सात हजार से ज्यादा लोग घायल हैं. 10 हजार से ज्यादा अब भी लापता हैं. रविवार रात आई भीषण बाढ़ के बाद डेरना तक पहुंचने वाले ज्यादातर रास्ते कट चुके हैं. किसी तरह डेरना पहुंचे एक राहतकर्मी के मुताबिक शहर के केंद्र में मलबा और इधर उधर फंसे शव दिखाई पड़ रहे हैं.
250 किलोमीटर दूर बेनगाजी से डेरना पहुंचे, इमाद अल फलाह ने समाचार एजेंसी एपी से टेलीफोन पर बात करते हुए कहा, "हर जगह शव हैं, घरों के भीतर, सड़कों पर और समंदर में. आप जहां भी जाएंगे आपको पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के शव दिखेंगे. पूरे परिवार उजड़ चुके हैं."
भूमध्यसागर के तूफान डेनियल ने पूर्वी लीबिया के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश की. इसकी सबसे बुरी मार डेरना पर पड़ी. डेरना के बीच से बहने वाली नदी वादी डेरना ने उग्र रूप ले लिया. पहाड़ी इलाके में वादी डेरना पर बने दो बांध ढह गए. इसके चलते नदी सात मीटर ऊंची बहने लगी और डेरना शहर के बड़े हिस्से को बहाते हुए समंदर में ले गई. शहर के दोनों इलाके एक दूसरे से कट चुके हैं. उन्हें जोड़ने वाले पुल टूट चुके हैं.
पहुंचने लगी हैं रेस्क्यू टीमें
दक्षिणी लीबिया से डेरना को जोड़ने वाली दो सड़कें इस्तेमाल के लायक बची है. राहत और बचाव कर्मियों की टीमें इन्हीं सड़कों से डेरना पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. माना जा रहा है कि मृतकों की संख्या अभी कई गुना बढ़ सकती है. रेस्क्यू टीमें अब डेरना पहुंचने लगी हैं. रविवार की बाढ़ ने शहर के 40,000 लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है. मानवीय मदद करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के मुताबिक डेरना तो पहचान में ही नहीं आ रहा है. पीड़ित परिवारों तक मदद पहुंचाने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है.
इस बीच यूरोपीय संघ ने लीबिया को तत्काल पांच लाख यूरो की सहायता दी है. लीबिया के पड़ोसी मिस्र, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया और तुर्की ने वहां रेस्क्यू टीमें और मानवीय मदद भेजी है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इमरजेंसी फंड भेजने का एलान किया है.
ओएसजे/एनआर (एपी)
अमेरिका में स्पीकर केविन मैकार्थी ने मंगलवार को घोषणा की कि वह संसद को राष्ट्रपति जो बाइडेन के खिलाफ महाभियोग की जांच शुरू करने का निर्देश दे रहे हैं. यह मामला बाइडेन के परिजनों के कारोबारी सौदों से जुड़ा है.
अमेरिका के लिए 2024 के चुनाव से पहले राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की जांच एक ऐतिहासिक घटना है. मैकार्थी का कहना है कि संसद की अब तक की जांच ने बाइडेन परिवार के इर्दगिर्द "भ्रष्टाचार की संस्कृति की तस्वीर" दिखाई है. रिपब्लिकन पार्टी ने जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन के कारोबारी सौदों को जांच कर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. ये मामले जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने से पहले के हैं.
महाभियोग जांच के निर्देश
मैकार्थी ने यूएस कैपिटल पर कहा, "ये आरोप ताकत के दुरुपयोग, अवरोध और भ्रष्टाचार के हैं जिनकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स को आगे जांच करनी चाहिए." उन्होंने यह भी कहा कि वह ओवरसाइट कमेटी के नेतृत्व में संसद को "औपचारिक महाभियोग की जांच शुरू" करने का निर्देश दे रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति के दफ्तर व्हाइट हाउस ने इस कार्रवाई को "अत्यंत राजनीतिक और बेहद खराब" कहा है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता इयान सैम्स का कहना है, "हाउस के रिपब्लिकन राष्ट्रपति की 9 महीने से जांच कर रहे हैं और वो कुछ गलत करने का कोई सबूत नहीं ला सके हैं."
स्पीकर ने उठाया कदम
मैकार्थी ने यह कदम खुद से उठाया है हालांकि उन पर रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से काफी दबाव बनाया गया. आशंका ये भी थी कि वह अगर बाइडेन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं तो शायद उनकी स्पीकर की कुर्सी भी जा सकती है. इस बीच वह महीने के आखिर में संघीय सरकार को तालाबंदी से बचाने के लिए जरूरी अध्यादेश पास कराने के लिए भी जूझ रहे हैं.
मैकार्थी ने इस जांच का निर्देश सदन में वोटिंग कराए बगैर ही जारी कर दिया है. फिलहाल यह साफ नहीं है कि उन्हें इस मुद्दे पर सदन में पर्याप्त समर्थन है भी या नहीं. कुछ सांसदों का कहना है कि सबूत इतने नहीं है जो संविधान में तय किए मानकों को पूरा कर सकें.
व्हाइट हाउस और कुछ दूसरे लोगों ने मैकार्थी के पुराने बयानों की ओर ध्यान दिलाया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर स्पीकर अपनी तरफ से महाभियोग की जांच शुरू कराता है तो उसकी कोई वैधता नहीं है. सैम्स का कहना है कि मैकार्थी "पलट गए क्योंकि उनके पास समर्थन नहीं है."
व्हाइट हाउस का कहना है कि बाइडेन अपने बेटे के कारोबारी सौदों से नहीं जुड़े हैं. डेमोक्रैटिक पार्टी के नेताओं का मानना है कि भ्रष्टाचार के आरोप लगा कर रिपब्लिकन नेता बाइडेन और ट्रंप के बीच फर्क घटाने की कोशिश में हैं. पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर दो बार महाभियोग हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में चला लेकिन सीनेट से उन्हें दोनों बार बरी कर दिया गया. अब उन पर कोर्ट में कई मामलों में मुकदमा चल रहा है.
जो बाइडेन पर आरोप
रिपब्लिकन सांसद, हंटर बाइडेन के कारोबारी सौदों की जांच कर रहे हैं हालांकि उन्हें अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है जिसे राष्ट्रपति से जोड़ा जा सके. कुछेक घटनाएं जिनकी ओर ध्यान दिलाया जा रहा है वो तब की हैं जब बाइडेन बराक ओबामा के दौर में उप राष्ट्रपति थे. तब उन्होंने फोन पर बात की थी या फिर बेटे की ओर से कारोबारियों को दी गई पार्टी में शामिल हुए थे.
जांच महाभियोग की तरफ जाने वाला एक कदम होता है जिसका इस्तेमाल दुर्लभ है और मैकार्थी ने संभावित आरोपों की तरफ ध्यान दिलाया है. डॉनल्ड ट्रंप अभी भी अगले चुनाव में बाइडेन को चुनौती देने वालों में सबसे आगे हैं. माना जा रहा है कि डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ कई मामले चल रहे हैं और उनके सामने कई कानूनी अड़चनें आ रही हैं इसलिए रिपब्लिकन पार्टी बाइडेन को भी ऐसे झमेलों डालने की कोशिश में है.
जांच का नेतृत्व ओवरसाइट कमेटी के चेयरमैन जेम्स कोमर करेंगे. उन्हें कुछ दूसरी कमेटियों के प्रमुखों का भी सहयोग मिलेगा. ये लोग जल्दी ही सीनेट को इस बारे में जानकारी देंगे.
एनआर/ओएसजे (एपी)
संयुक्त राष्ट्र, 14 सितंबर । संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पिछले हफ्ते नई दिल्ली में नेताओं के शिखर सम्मेलन में आम सहमति बनाने और ग्लोबल साउथ(विकासशील देशों) की आवाज उठाने के लिए भारत के जी20 नेतृत्व की सराहना की।
उन्होंने कहा, ''भारत के नेतृत्व ने दक्षिण की आवाज को प्रतिनिधित्व देने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया और जी20 की चर्चाओं के केंद्र में विकास के एजेंडे को रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया।''
“फिर, निस्संदेह, निष्कर्ष वही हैं जो वे हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि देश क्या स्वीकार करने को तैयार हैं। लेकिन मुझे लगता है कि उस प्रयास को रेखांकित करने की जरूरत है।"
उच्च स्तरीय महासभा सत्र से पहले संवाददाता सम्मेलन में अपनी टिप्पणी में गुटेरेस ने कहा, "प्रभावी नेतृत्व समझौता है।"
उन्होंने उभरती बहुध्रुवीय दुनिया के बारे में बात की और कहा कि "बहुध्रुवीयता संतुलन का एक कारक हो सकती है", उन्होंने कहा कि "यह बढ़ते तनाव, विखंडन और बदतर स्थिति को भी जन्म दे सकता है।"
इसलिए, उन्होंने कहा, “यह बेहतर कल के लिए समझौते का समय है। राजनीति समझौता है, कूटनीति समझौता है”।
“आज के बहुपक्षीय संस्थान, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनाए गए थे, उस समय की शक्ति और आर्थिक गतिशीलता को दर्शाते हैं, और इसलिए, उनमें सुधार की आवश्यकता है।
गुटेरेस ने कहा, “हमारे बहुध्रुवीय विश्व को एक साथ लाने के लिए, हमें संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित मजबूत, सुधारित बहुपक्षीय संस्थानों की आवश्यकता है। मैं जानता हूं कि सुधार मूल रूप से शक्ति के बारे में है और हमारी बढ़ती बहुध्रुवीय दुनिया में स्पष्ट रूप से कई प्रतिस्पर्धी हित और एजेंडे हैं।''
"लेकिन ऐसे समय में जब हमारी चुनौतियां पहले से कहीं अधिक जुड़ी हुई हैं, शून्य-राशि वाले खेल का नतीजा यह होता है कि हर किसी को शून्य मिलता है।"
महासचिव ने फिलिस्तीनियों को महात्मा गांधी और स्वतंत्रता के लिए अहिंसक कार्रवाई के उनके दर्शन का उदाहरण भी दिया।
एक फ़िलिस्तीनी पत्रकार द्वारा यह पूछे जाने पर कि फ़िलिस्तीनियों को "जब वे कब्ज़ाधारियों का विरोध करते हैं" तो संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों सहित आतंकवादी क्यों करार दिया जाता है, गुटेरेस ने कहा: "मैं भारत से आया था और मैं गांधी को श्रद्धांजलि देने गया था। आइए गांधी का उदाहरण न भूलें। मुझे नहीं लगता कि हिंसा से फिलिस्तीनी अपने हितों की बेहतर रक्षा कर पाएंगे। यह मेरी विनम्र राय है।"
एक पाकिस्तानी पत्रकार ने धार्मिक घृणा और असहिष्णुता की निंदा करने वाले जी20 दिल्ली घोषणापत्र का उल्लेख किया और गुटेरेस से पूछा कि क्या उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों के मुद्दे उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई।
"लेकिन, हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। धार्मिक असहिष्णुता मानवाधिकारों का उल्लंघन है, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है।" (आईएएनएस)।
न्यूयॉर्क, 14 सितंबर । भारत ने पुलिस कार से भारतीय छात्रा जाहनवी कंडुला की मौत पर वीडियो में एक पुलिसकर्मी द्वारा मजाक करते और हंसते दिखाए जाने पर अमेरिकी अधिकारियों के साथ जोरदार ढंग से उठाया है।
सिएटल टाइम्स की इस सप्ताह की रिपोर्ट के अनुसार, सिएटल पुलिस ऑफिसर्स गिल्ड के उपाध्यक्ष डैनियल ऑडरर को गाड़ी चलाते हुए देखा जा सकता है और उन्हें गिल्ड के अध्यक्ष माइक सोलन के साथ एक कॉल में यह कहते हुए सुना जा सकता है, "उनके पास सीमित मूल्य थे।"
सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने बुधवार को इस घटना को " परेशान करने वाला" बताया।
वाणिज्य दूतावास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, "हमने इस दुखद मामले में शामिल लोगों के खिलाफ गहन जांच और कार्रवाई के लिए सिएटल और वाशिंगटन राज्य के स्थानीय अधिकारियों के साथ-साथ वाशिंगटन डी.सी. के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उठाया है।"
इसमें कहा गया है, "वाणिज्य दूतावास और दूतावास सभी संबंधित अधिकारियों के साथ इस मामले पर बारीकी से नजर रखना जारी रखेंगे।"
साउथ लेक यूनियन में नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी परिसर की 23 वर्षीय छात्रा कंडुला 23 जनवरी को डेक्सटर एवेन्यू नॉर्थ और थॉमस स्ट्रीट के पास चल रही थी, जब केविन डेव द्वारा संचालित सिएटल पुलिस वाहन ने उसे टक्कर मार दी।
ऑडरर, जिसे यह जांचने का काम सौंपा गया था कि डेव किसी प्रभाव में है या नहीं, उसने अनजाने में अपना बॉडी कैमरा चालू छोड़ दिया, जिसमें उसे हंसते हुए और यह कहते हुए सुना गया कि कंडुला के जीवन का "सीमित मूल्य" था और शहर को "बस एक चेक लिखना चाहिए।"
“ग्यारह हजार डॉलर, वह वैसे भी 26 साल की थी।" ऑडरर ने कहा, डेव "50 मील प्रति घंटे" की गति से जा रहा था, यह प्रशिक्षित ड्राइवर के लिए नियंत्रण से बाहर नहीं है।"
जून में जारी एक पुलिस जांच में पाया गया कि डेव वास्तव में एक अलग कॉल का जवाब देते समय 25 मील प्रति घंटे के क्षेत्र में 74 मील प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर रहे थे, जब कंडुला को टक्कर लगी।
एसपीडी ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि ऑडरर की कॉल का वीडियो "विभाग के एक कर्मचारी द्वारा पहचाना गया था", और इसे प्रमुख एड्रियन डियाज़ तक पहुंचाया गया था।
बयान में कहा गया है कि आदेश के बाद, कर्मचारी ने इसे समीक्षा के लिए पुलिस जवाबदेही कार्यालय (ओपीए) में भेज दिया। यह कहते हुए कि उसने वीडियो "पारदर्शिता के हित में" जारी किया है। एसपीडी ने कहा कि वह वीडियो पर तब तक कोई टिप्पणी नहीं करेगा जब तक कि ओपीए अपनी जांच पूरी नहीं कर लेती।
एसपीडी के बयान में कहा गया है, "शहर के किसी भी कर्मचारी को अपनी आधिकारिक या व्यक्तिगत क्षमता में इस तरह से टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, जिससे पता चले कि घटना के बारे में कोई तथ्यात्मक, नीतिगत या कानूनी निष्कर्ष पर पहुंचा जा चुका है।"
बयान में कहा गया है, "एसपीडी पीड़ित परिवार के संपर्क में है और गोपनीयता के लिए उनके अनुरोध का सम्मान करना जारी रखता है। जवाबदेही प्रणाली में अन्य लोग अपने काम के साथ आगे बढ़ रहे हैं, हम फिर से इस दुखद घटना के लिए अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।" (आईएएनएस)।
गाजा, 14 सितंबर । गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायल-गाजा सीमा पर एक विस्फोट में कम से कम पांच फिलिस्तीनी मारे गए।
फिलिस्तीनियों के एक सामूहिक प्रदर्शन के दौरान हुए विस्फोट में 25 अन्य घायल हो गए।
फिलिस्तीनी सुरक्षा सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि विस्फोट से पहले, सीमा बाड़ पर फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इजरायली सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इस दौरान इजरायली सैनिकों ने गोलियां और आंसू गैस के बम दागे थे।
द टाइम्स ऑफ इज़राइल के अनुसार, इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि फिलिस्तीनियों द्वारा बैरियर पर विस्फोटक उपकरण और हथगोले फेंकने के बाद इजरायली सैनिकों ने कार्रवाई की।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट के कारण का पता लगाने के लिए जांच चल रही है, लेकिन आईडीएफ ने दावा किया कि इजरायलियों को चोट पहुंचाने के प्रयास में प्रदर्शन के दौरान फिलिस्तीनी दंगाइयों द्वारा एक विस्फोटक उपकरण रखा गया था।
इस बीच, इजराइली सेना ने इस संभावना से इनकार किया कि इजराइली गोलीबारी के कारण विस्फोट हुआ और कहा कि डिवाइस को फेंकने की कोशिश के दौरान यह अपने आप फट गया। (आईएएनएस)।
त्रिपोली, 14 सितंबर । पूर्वी लीबिया में आई विनाशकारी बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,500 हो गई है, जबकि 7,000 अन्य घायल हो गए हैं। एक स्थानीय अधिकारी ने यह जानकारी दी।
त्रिपोली स्थित आपातकालीन सेवाओं के प्रवक्ता ओसामा अली ने कहा कि अभी तक मरने वालों की कोई अंतिम संख्या निर्धारित नहीं की जा सकती है, क्योंकि प्रभावित क्षेत्रों से शव अभी भी बरामद किए जा रहे हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 10,000 लोगों के लापता होने की सूचना है और 30,000 लोग बाढ़ से विस्थापित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को बुनियादी आपूर्ति की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
रविवार को, एक भूमध्यसागरीय तूफान ने पूर्वी लीबिया में दस्तक दी। इससे बाढ़ आ गई और इससे बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान हुआ। (आईएएनएस)।