सुदीप ठाकुर
-सुदीप ठाकुर
यह होली के मौके पर लिखा कोई व्यंग्य नहीं है। फिर भी शीर्षक देखकर बुरा मत मानिएगा। प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने 2021 के सबसे प्रभावशाली सौ लोगों की सूची जारी की है। आप इन्हें सौ सबसे ताकतवर भारतीय या सौ सबसे रसूखदार भारतीय भी कह सकते हैं। इंडियन एक्सप्रेस पिछले कुछ वर्षों से ऐसी सूची जारी करता रहा है। इसके चयन की प्रक्रिया तो पता नहीं, मगर इंडियन एक्सप्रेस की अपनी एक साख है, बावजूद इसके कि इस सूची को अपोलो स्टील पाइप्स ने प्रायोजित किया है।
तो क्या खास है इस बार? जरा ठहरिये। सूची में पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे नंबर पर क्रमश: प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, संघ प्रमुख मोहन भागवत और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के नाम हैं, इससे किसी को हैरत नहीं होगी। पांचवे स्थान पर देश के सबसे बड़े उद्योगपति का नाम होने पर भी हैरत नहीं होनी चाहिए। किसी विपक्षी नेता को अग्रिम पंक्ति में स्थान मिला है तो वे हैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कांग्रेस नेताओं में सबसे आगे हैं, मगर वह हैं पद्रहवें स्थान पर। उनके बाद छब्बीसवें स्थान पर दूसरे कांग्रेस नेता छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी क्रमश: चौतीसवें, उनचालीसवें और इकतालीसवें स्थान पर हैं। सचिन पायलट सौवें स्थान पर हैं। कांग्रेस के कुछ और नेता भी हैं,लेकिन यह महत्वपूर्ण नहीं है। और इस सूची में प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय मिश्रा और एनआई के निदेशक योगेश चंद मोदी के नाम पर भी हैरत नहीं होनी चाहिए।
यह बताने की जरूरत नहीं है कि इसमें भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और अनेक केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी हैं।
अमूमन इस सूची में खेल से जुड़ी हस्तियां भी होती हैं। मगर इस बार यह सौभाग्य सिर्फ भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को मिला है और वह भी तिरासिवें स्थान पर! ध्यान रहे उनसे ऊपर उनसठवें स्थान पर बीसीसीआई के सचिव जय शाह हैं।
हैरत है, इस सूची में एक भी फिल्मी हस्ती नहीं है, कंगना रनौत भी। क्या अब इसकी जरूरत ही नहीं रही। आपको हैरत न हो पर विचार जरूर करना चाहिए कि इस सूची में एक भी पत्रकार नहीं है। इस सूची में पहले रवीश कुमार भी नुमाया हो चुके हैं। क्या पत्रकार प्रभावशाली नहीं रहे। यह अलग बात है कि कई मीडिया संस्थानों के मालिक मुकेश अंबानी तो हैं ही।