राजनांदगांव
कलेक्टर ने किया कलकसा और भोथली गौठान का निरीक्षण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 जुलाई। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी मंदिर में फूलों के बाजार की असीम संभावनाओं को देखते ग्राम कलकसा के गौठान में स्वसहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने फूलों की खेती करने महिलाओं को प्रोत्साहित किया। उन्होंने अधिकारियों को स्वसहायता समूह की महिलाओं को फ्लोरीकल्चर से जोड़ते संयुक्त कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौठानों में 4-5 एकड़ क्षेत्र में फूलों की खेती करें। डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी मंदिर के कारण फूलों की आवश्यकता को देखते फ्लोरीकल्चर में असीम संभावना है।
उन्होंने उद्यानिकी विभाग को गेंदा फूल के सीड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए और वहां स्वसहायता समूह की महिलाओं को हाई टेक्नोलॉजी से फूल की खेती के लिए प्रशिक्षण दें। फूलों के भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाने कार्ययोजना बनाकर स्टीमेट प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए, जिन स्थानों पर फूलों की खेती किया जाएगा, वहां सिंचाई के लिए ड्रीप लगाने स्टीमेट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि गौठान के इस कार्य को पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में करना है। गौठान में महिला समूह द्वारा फूलों की खेती करने एवं आर्थिक गतिविधियों के उचित संचालन के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा लकड़ी प्राप्त कर अगरबत्ती और फूलों से खाद बनाने का कार्य समूह द्वारा किया जाएगा। इसके लिए पट्टाधारी समूह की महिलाओं को इस कार्य में जोड़े। उनके द्वारा अगरबत्ती, बांस की डलिया का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फूल, अगरबत्ती विक्रय के लिए बाजार उपलब्ध कराएं।
कलेक्टर ने गौठान में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण और विक्रय की जानकारी ली। उन्होंने महिला स्वसहायता समूह से वर्मी कम्पोस्ट विक्रय के भुगतान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने गौठान के तालाब में स्वसहायता समूह के माध्यम से मछलीपालन करने के निर्देश दिए।
भोथली गौठान का निरीक्षण
कलेक्टर सिन्हा ने ग्राम भोथली के गौठान का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि गौठान में सभी गतिविधियों व्यवस्थित एवं सुनियोजित तरीके से चलाने की जरूरत है। अधिकारियों-कर्मचारियों तथा महिला स्वसहायता समूह गौठानों में रूचि से कार्य करें। गौठान को सशक्त बनाने के लिए अधिक कार्य करने की जरूरत है। स्वसहायता समूह के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां प्रारंभ करें। तालाबों में मछली पालन प्रारंभ करें। गोबर की खरीदी जिस अनुपात में की गई है, वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण भी उसी के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने गौठानों में फलदार पौधे लगाने के निर्देश दिए और कहा कि इसकी सुरक्षा होनी चाहिए। गौठान में बारिश का पानी एकत्रित नहीं होना चाहिए।
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर, एसडीएम डोंगरगढ़ अविनाश भोई, जनपद सीईओ लक्ष्मण कचलाम, उप संचालक उद्यानिकी राजेश शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।