बिलासपुर
सीवीआरयू में "राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका" विषय पर वेबिनार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 1 अगस्त। डॉ सी वी रामन विश्वविद्यालय में ‘राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका’ विषय पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वक्ता डॉ प्रतिभा जे. मिश्रा, प्रोफेसर गुरु घासीदास विश्वविद्यालय एवं डॉ ध्रुव कुमार दीक्षित प्रोफेसर केशरवानी कॉलेज जबलपुर ने राष्ट्र निर्माण की में युवाओं की भूमिका विषय पर अवसर, परिस्थितियां, इच्छा शक्ति सहित अनेक पहलुओं व विषयों पर अपनी बात रखी ।
इस अवसर पर वक्ता डॉ. प्रतिभा जे. मिश्रा ने कहा कि युवा वर्ग जब कार्य करता है , तो बहुत सारे आयाम तय होते हैं, अनुशासन तय होता है। नियमों की अवहेलना होती है तो नियम बनाए भी जाते हैं। युवा वर्ग के द्वारा ही राष्ट्र निर्माण संभव हो पाता है।
प्रो. दीक्षित ने शिक्षा के क्षेत्र में आ रही समस्याओं, शिक्षा की गुणवत्ता के संबंध में अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि युवा वर्ग ही वह माध्यम है, जो अपने व्यक्तित्व के विकास के साथ कौशल विकास भी करता है। उन्होंने गुरुकुल परंपरा को समाज के विकास के लिए जरूरी बताया। इस अवसर पर प्रो. वेद प्रकाश मिश्रा , डॉ. डॉ रीना तिवारी, डॉ. रिचा यादव, डॉ काजल मोइत्रा, डॉ संध्या जायसवाल, डॉ संगीता सिंह, डॉ प्रतिमा बैस, डॉ राम रतन साहू, आकाश गुप्ता, प्रमोद शुक्ला, डॉ रेखा दुबे सहित बड़ी संख्या में शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित थे । कार्यक्रम में शोध पत्र वाचन भी किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवि प्रकाश दुबे ने कहा कि युवाओं को मार्गदर्शन देना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए अभिभावक के साथ-साथ स्कूल और महाविद्यालय के शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसका आज समाज में अभाव दिखाई पड़ता है। यही कारण है कि युवा पीढ़ी आधुनिक चमक-दमक ग्लैमर एवं नशे की ओर आकर्षित होती है और बाद में अपना जीवन नष्ट कर देती है। इसे बचाने के लिए हमारे शिक्षकों को आगे आना होगा , और उन्हें सही कर मार्गदर्शन देना होगा।
कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा, कि इतिहास साक्षी है कि आजादी के पूर्व से लेकर आज 75 साल तक राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका सदैव से महत्वपूर्ण रही है। भारत में अनेक क्रांतिकारी युवाओं ने राष्ट्र भावना के लिए जीवन जिया और अपना बलिदान देकर इसे आजाद कराया। आजादी के बाद दुनिया के सामने भारत को एक महान राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए युवाओं ने संघर्ष किया। आज शिक्षा, तकनीक, उद्योग, व्यापार, संस्कार और राष्ट्रीयता की भावना सर्वोपरि की सोच के साथ भारत दुनिया में सर्वश्रेष्ठ सिर्फ युवाओं के कारण ही है।