रायपुर

कैग की रिपोर्ट संकेत कर रही कि छत्तीसगढ़ दिवालिया होने की दिशा में कदम रख चुका...
01-Aug-2021 6:44 PM
कैग की रिपोर्ट संकेत कर रही कि छत्तीसगढ़ दिवालिया होने की दिशा में कदम रख चुका...

भाजपा के आर्थिक प्रकोष्ठ पदाधिकारियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 1 अगस्त। प्रदेश भाजपा ने कैग की रिपोर्ट पर कहा है कि यह रिपोर्ट कांग्रेस सरकार की वित्तीय अनियमितताओं का जीता जागता प्रमाण है। साथ ही यह संकेत कर रहा है कि छत्तीसगढ़ दिवालिया होने की दिशा में कदम रख चुका है। भाजपा नेताओं ने कहा कि खुद को बेहतर बताने वाली कांग्रेस सरकार बजट का 21 हजार से अधिक खर्च नहीं कर सकी। इनमें से डेढ़ हजार करोड़ से अधिक की राशि  सरेण्डर न कर पाने के कारण लैप्स भी हो गई।

कैग की रिपोर्ट पर भाजपा के आर्थिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक राजेश अग्रवाल, और कमल गर्ग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि  किसी एक विभाग में पैसो को इस्तेमाल न हो तो समय पर इसे सरेंडर करने से जरुरत के आधार पर इसे उपयोग किया जा सकता है परन्तु सरकार इस मामले में पूरी तरह फेल रही।

उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार राज्य 9 हजार 608 करोड़ के राजस्व घाटे में रहा है। भाजपा नेताओं ने बताया कि इससे पहले भाजपा सरकार में प्रदेश वर्ष 15-16 में 2,366.65 करोड़ वर्ष 16-17 में 5,520,.65 करोड़ 17-18 में 3,417.32 करोड़ के रेवेन्यु सरप्लस में रहा लेकिन इस सरकार ने आते ही घाटे का रिकॉर्ड कायम कर लिया।

उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 19-20 में राज्य की राजस्व आय बढने की बजाय 1226.23 करोड़ रु घटी है जबकि राजस्व व्यय 9066.14 करोड़ बढ़ा है जो की प्रदेश की आर्थिक बदहाली को बताने काफी है

भाजपा नेताओं ने यह भी कहा कि किसी भी प्रदेश के विकास के लिए पुजीगत व्यय करना अति आवश्यक है आश्चर्य की बात है विकास के दावे करने वाली सरकार इस मामले में भी फिस्सडी साबित हुई है पिछले दो वर्षो में पूंजीगत व्यय में 1098 करोड़ , और 337 करोड़ की कमी देखी गयी है। वर्ष 2019-20 में मात्र 8,622 करोड़ का पूजीगत व्यय किया गया था जोकि अनुमानित किये जाने वाले खर्च से 30 फीसदी कम है।

उन्होंने यह भी कहा कि एक तरफ राज्य ने ब्याज के तौर पर हजारो करोड़ का भुगतान किया वही सरकार के पास कैश बैलेंस 11,396, करोड़ पड़ा रहा,इसका मतलब निकाला जा सकता है की आपके घर में पैसे है लेकिन आप बैंक से लोन लेके ब्याज भर के दिवालिया होने की इच्छा रखते है यह सरकार के बेहद खऱाब वित्तीय प्रबन्धन की कहानी बयान करता है।

भाजपा नेताओं ने बताया कि  अधूरे काम अधूरे रहने से उनकी लागत बढऩे से  नुकसान बढ़ा है। ऐसे 145 प्रोजेक्ट है जिन्हें वर्ष 2020 तक पूर्ण किया जाना था परन्तु राज्य सरकार पूर्ण न कर सकी। 51 प्रोजेक्ट्स की बड़ी हुई अनुमानित लागत 2,496.7 करोड़ है। अपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर कोई काम न करने से छत्तीसगढ़ सरकार को हजारों करोड़ रु ली अतिरिक्त लागत लगेगी जो प्रदेश की जनता की खून पसीने की कमाई को पानी में बहाने जैसा है।

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