महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 1 अगस्त। शुक्रवार को तहसील कार्यालय में गिरदावरी कार्य को गम्भीरता पूर्वक की जाने के लिए राजस्व एवं कृषि विभाग द्वारा संयुक्त रूप से विशेष कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला में राजस्व के पटवारी और कृषि से जुड़े अधिकारी शामिल थे। कार्यशाला अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भागवत प्रसाद जायसवाल की अध्यक्षता में हुई।
श्री जायसवाल ने कहा कि खेतों में लगे धान एवं अन्य फसलों की रिकॉर्ड संधारण गिरदावरी की प्रक्रिया 1 अगस्त से शुरू होने वाली है। इस कार्यक्रम में सभी पटवारी द्वारा अपने-अपने हलकों के ग्राम में स्थानीय प्रतिनिधियों एवं किसानों की उपस्थिति में फसल का विवरण किसानों के खसरो में सावधानी के साथ दर्ज किया जाए। ताकि संधारित फसल के आधार पर शासन के विभिन्न योजनाओं किसान न्याय योजना या फसल बीमा योजना आदि का लाभ किसानों को मिल पाए।
मास्टर ट्रेनर्स द्वारा कार्यशाला में गिरदावरी से संबंधित बारीकियां बतायी गयी। कार्यशाला में रकबे जिनका डायवर्सन हो चुका हो, भू.अर्जन हो चुका हो, बीज निगम के बीज तैयार हो रहे हो, उद्यानिकी विभाग के हितग्राही रकबे हो या अन्य फसल या पेड़ों के रूप में दर्ज किए हुए रकबे हो तथा मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजनांतर्गत दर्ज रकबे हो को धान रकबो से पृथक किए जाने का निर्देश दिया गया है।
कार्यशाला में बताया गया कि गिरदावरी कार्यों में अब खेतों का जियो टैग फोटो अपलोड करने का भी प्रावधान है ऐसे में प्रत्येक रकबों का फोटो लेते हुए उसकी गिरदावरी की सत्यापन की जानी है। पटवारियों के साथ ग्राम कोटवार एग्राम सेवकए ग्राम सचिवए ग्राम पटेलए सरपंचए पंच एवं अन्य स्थानीय किसानों का प्रतिनिधित्व इस कार्य में आवश्यक सहयोग करेंगे एवं समस्याओं के निराकरण में अपना योगदान देंगे। जिला कार्यालय से गठित टीम के साथ-साथ एसडीएमए तहसीलदार द्वारा तथा नियमित रूप से राजस्व निरीक्षकों के द्वारा उपरोक्त कार्यों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा आज की बैठक में मास्टर ट्रेनर्स तहसीलदार प्रेमूलाल साहू भी उपस्थित रहे। जिन्होंने उक्त कार्य समयबद्ध तरीके से व खसरा संधारण की शुद्धता पर ध्यान रखने कहा गया है।