राजनांदगांव
मंदिरों में दिनभर दर्शन के साथ गूंजी जयघोष
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 अगस्त। सावन मास के दूसरे सोमवार को शिवालयों और मंदिरों में भक्तों का पूजा-अर्चना के लिए तांता लगा रहा। वहीं भक्तगण सुबह से मंदिरों में पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। मंदिरों में महिलाएं, युवतियां व बच्चे भी बड़ी संख्या में मंदिरों में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इसके अलावा भक्तों ने बेलपत्र, धतुरा, फूल समेत अन्य पूजन सामग्री अर्पित कर अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना की।
इधर मोहारा स्थित शिवनाथ नदी से भक्तों ने बोलबम व हर-हर महादेव की गूंज करते सडक़ मार्ग से कांवर में जल लेकर मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग पर जलाभिषेक किया और अपने परिजनों की मंगल कामना के लिए प्रार्थना की। सुबह से ही मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के जयकारे के साथ मंदिरों में घंटियां सुनाई दी। इसके अलावा मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की गीत-संगीत भी चलती रही।
इधर सावन के दूसरे सोमवार को सुबह से ही नगर के मां शीतला मंदिर, मां पाताल भैरवी मंदिर, मां लोहारपारा शिव मंदिर, बांसपाईपारा शिव मंदिर, भानपुरी मंदिर, श्रीसत्यनारायण मंदिर, बालाजी मंदिर, नया बस स्टैंड मंदिर समेत अन्य मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रही। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों द्वारा दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक कर पूजन सामग्रियां अर्पित कर परिवार की मंगल कामना की। स्थानीय शिवालयों में जलाभिषेक करने के साथ भक्तगण देश के प्रसिद्ध शिवस्थलों में दर्शन व आराधना करने के लिए जाते हैं। वहीं कुछ कांवरिए प्रत्येक सोमवार को जल अर्पित करने के लिए मंदिर में पहुंचते हैं।
बताया जाता है कि पूरे सोमवार को व्यापारिक, धार्मिक एवं अन्य कार्यों के लिए शुभ माना जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार भक्तगण सोमवार को व्रत रखने के अलावा भगवान शिव की प्रासंगिकता को व्यवहारिक जीवन में उतारने का संकल्प लेते हैं। सावन माह में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए युवतियों की खास रूचि होती है। युवकों की तुलना में युवतियां पूरे माह कठिन उपवास रखकर मनवांछित कामना करती है। यही कारण है कि शिवालयों में सभी वर्ग में युवतियों की तादाद अधिक होती है। इधर दूसरे सोमवार को सुबह से ही मंदिरों में जलाभिषेक करने के साथ ही भक्तों ने दूध से भी शिवलिंगो को स्नान कराया। इसके अलावा धतुरा, बेलपत्री समेत अन्य पूजा सामग्री को भी भक्तों ने भगवान शिव को अर्पित किया।