राजनांदगांव
पालकों में अब भी डर, स्कूलों में बदला हुआ दिखा नजारा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 अगस्त। डेढ़ साल से बंद पड़े सरकारी और गैर सरकारी स्कूलें सोमवार से कोरोना पाबंदियों के बीच खुल गई। राज्य सरकार ने पहले चरण में कक्षा एक से 5वीं और 8वीं, 10वीं और 12वीं के ऑफलाइन कक्षा संचालित करने की मंजूरी दी है। लिहाजा आज स्कूलों में कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते कक्षाएं शुरू हुई। कई स्कूलों में गिनती के विद्यार्थी पहुंचे। राज्य सरकार ने स्कूलों को लेकर 50 फीसदी क्षमता के तहत कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया है।
बताया जा रहा है कि कई स्कूल शासन से निर्धारित क्षमता के अनुरूप कक्षाएं संचालित करने के लिए राजी नहीं है। वहीं पालकों में बच्चों की सेहत को लेकर चिंता बरकरार है। बताया जा रहा है कि प्राथमिक स्तर के बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पालक कतई राजी नहीं है। बच्चों के बीमार होने के खतरे को देखते हुए परिजनों ने स्कूल भेजने से इन्कार कर दिया है। हालांकि कुछ परिजनों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना जरूरी समझा है। लिहाजा आज कई स्कूलों में परिजन बच्चों को लेकर पहुंचे।
बताया जा रहा है कि ऑफलाइन शिक्षा के लिए सरकार ने निर्धारित मापदंड तय किया है, जिसके तहत बच्चों को कोविड-19 के कड़े निर्देशों का पालन करते मास्क अनिवार्य किया गया है। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के तहत भी स्कूल आने की निर्देश दिया गया है।
बताया जा रहा है कि स्कूलों में पहुंचे बच्चों को दो गज की दूरी के तहत बिठाया गया। वहीं बच्चों को स्पष्ट रूप से पानी और टिफिन आपस में देने पर कड़ाई की गई। बताया जा रहा है कि आज पहले दिन कोरोना से बचाव को लेकर शिक्षकों ने विद्यार्थियों को सबक सिखाया। इस बीच कई स्कूलों में विद्यार्थियों की गैरमौजूदगी रही। ग्रामीण इलाकों के स्कूलों के संचालन को लेकर भी बैठकें बेनतीजा रही। यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों को खोलने के संबंध में पंचायत स्तर पर ठोस निर्णय नहीं हुआ। पौने दो साल बाद खुले स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति से शिक्षकों के चेहरे में खुशी भी नजर आई। वहीं विद्यार्थी स्कूलों में पहुंचकर उत्साहित नजर आए। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम ने बताया कि स्कूलों में शासन के नियमों का कड़ाई पालन करते पहले दिन अध्यापन हुआ। उन्होंने कहा कि सभी जगह स्थिति सामान्य रही।