कोरिया

स्कूल खुले, कहीं कम तो कहीं ज्यादा रही बच्चों की उपस्थिति
02-Aug-2021 5:13 PM
स्कूल खुले, कहीं कम तो कहीं ज्यादा रही बच्चों की उपस्थिति

स्कूल की छत से रिसता पानी, हैंडपंप बिगड़े

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, (कोरिया) 2 अगस्त।
राज्य सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद कोरिया जिले में भी 2 अगस्त से निजी व सरकार विद्यालय खुल गये। लेकिन पहले दिन जिले भर के स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थित काफी कम रही, वहीं काफी दिन बाद खुले स्कूलों की छत से पानी टपकता नजर आया तो कहीं बिगड़े हैंडपंप से बच्चे पानी निकालने की मेहनत करते दिखे।

सरकार द्वारा जब स्कूल खोलने के संबंध में आदेश जारी किया गया था, तब उल्लेख किया गया था कि उन्हीं जिलों में 2 अगस्त से विद्यालय खोले जाएंगे, जहां लगातार एक सप्ताह से एक प्रतिशत से कम कोरोना संक्रमण दर हो, उस दौरान कोरिया जिले को प्रदेश के उन पांच जिलों में शामिल किया गया था, जहां बीते एक सप्ताह तक कोरोना संक्रमण दर एक प्रतिशत से ज्यादा रहा। वहीं सरकार द्वारा स्कूल खोलने की तारीख तय कर दिये जाने के बाद कोरिया जिले में भी शिक्षा अधिकारियों द्वारा संस्था प्रमुखों को स्कूल खोलने के पूर्व विद्यालयों में आवश्यक साफ सफाई तथा अन्य आवश्यक तैयारियों को पूर्ण करने के निर्देश जारी कर दिये गये थे। दूसरी ओर जिन स्कूलों में बच्चे आए भी तो वहां पीने के पानी की सुविधा हो या स्कूलों की रखरखाव की बात हो, कई तरह की कमियां देखने को मिली, ज्यादातर स्कूनों की छत से पानी टपकने की शिकायत कई स्कूलों में देखी गई, तो पीने के पानी की व्यवस्था में अभी काफी सुधार की जरूरत देखी जा रही है।

स्कूल खुले पर विद्यार्थी नहीं 
सोमवार 2 अगस्त को स्कूल खोल दिये गये, लेकिन ज्यादातर स्कूलों में विद्यार्थी स्कूल नही पहुंचे। ऐसा हाल जिला मुख्यालय के कई स्कूलों में देखने को मिला। शहर के बड़े स्कूलों में बच्चों की संख्या ज्यादा नहीं दिखाई दी, हालांकि विद्यालय तो इसके पूर्व से खुलते रहे है। विद्यार्थियों को इस बात की जानकारी स्पष्ट रूप से नहीं होना भी एक वजह हो सकती है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी विद्यालयों में ज्यादा विद्यार्थी नहीं पहुंचे। 

ग्रामीण क्षेत्रों में जहां मोहल्ला क्लास संचालित हो रही थी वहीं बच्चे विद्यालयों में पहुंच कर पढ़ाई करते नजर आये। इस इस दौरान विद्यालयों में 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ ही विद्यालय खोलने हंै। इस दौरान ऑनलाईन कक्षाएं पूर्व की भांति ही चलते रहने का उल्लेख किया गया है। यह भी एक वजह है कि कई विद्यार्थी घर बैठे ही ऑनलाईन पढ़ाई कर रहे हंै। जिस कारण वे स्कूल आने में रूचि नहीं दिखा रहे हंै। स्कूल खुलने के पहले दिन शहर के किसी भी स्कूल में बच्चों की उपस्थिति ज्यादा नहीं दिखाई दी। उल्लेखनीय है करीब 15 माह बाद स्कूल खुल रहे हैं, इसके पूर्व  कोरोना संक्रमण के चलते स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया था।

ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे रोपा लगाने में जुटे
इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र में धान में रोपा लगाने का कार्य किया जा रहा है। जिसके कारण मोहल्ला क्लास में भी बच्चों की उपस्थिति बेहद कम है, वहीं 2 अगस्त से स्कूल खुलने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति यही कारण से कम दिखाई दी। दो अगस्त को ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में कुछ ही बच्चे दिखाई दिये। ज्यादातर बच्चे अभी अपने खेतों में रोपा लगाने के कार्य में व्यस्त हंै, जबकि प्राथमिक शाला में बच्चों की उपस्थिति अच्छी दिखाई दी। इस तरह शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में पहले दिन स्कूलों में बच्चो ंकी बहुत कम उपस्थिति रही। यही हाल निजी विद्यालयों का भी रहा।

कोरोना प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य
स्कूल खुलने के बाद शिक्षकों व विद्यार्थियों को कोरोना प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना है, वहीं स्कूलों को प्रतिदिन सेनिटाइज करना है और हाथ धोने के लिए साबुन पानी की व्यवस्था अनिवार्य है तथा सेनिटाईजर की उपब्धता भी जरूरी है। बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैठना है, साथ ही मास्क भी अनिवार्य किया गया है। स्कूलों में कोरोना प्रोटोकाल का पालन किया जा रहा है कि नहीं, इसको देखने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी तय कर दी गयी है। अधिकारी प्रत्येक स्कूलों का निरीक्षण कर कोरोना प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण आये दिन करते रहेंगे।  
 

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