कोरिया
डीजीपी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 2 अगस्त। सीएमस कंपनी में सुरक्षा गार्ड के रूप में तैनात एक सुरक्षाकर्मी का एप्प फोन पे से राशि ट्रांसफर करने के दौरान जिसके खाते में राशि ट्रांसफर की गई थी, उसके खाते में राशि नहीं पहुंची और सुरक्षा गार्ड के खाते से राशि कट गई।
इस मामले में सुरक्षा गार्ड ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं होने पर उच्चाधिकारियों को मामले में कार्रवाई के लिए अनुरोध किया। संतोषजनक कार्रवाई करने का जवाब नहीं मिलने पर पीडि़त ने सीधे डीजीपी से बात कर स्थिति से अवगत कराया, जिस पर डीजीपी ने इस मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
इस संबंध में दर्ज पुलिस पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक ठगी का शिकार राजेश पाण्डेय अपने पिता के साथ मनेंद्रगढ़ के मौहारपारा में किराये के मकान में रहता है और घटना दिवस 21 अपै्रल को उसके मकान मालिक द्वारा किराये की मांग की गयी, जिस पर वह बोला कि नगद राशि नहीं है, तब मकान मालिक द्वारा बोला गया कि उसे पैसों की जरूरत है।
पीडि़त ने कहा कि खाता नम्बर बताये फोन पे कर देता हूं। जब उसने मकान मालिक के खाता में फोन पे कर राशि ट्रांसफर की तो राशि उनके खाते में नहीं आई लेकिन पीडि़त के खाते से राशि कट गई।
इसके बाद पीडि़त ने गूगल से फोन पे का कस्टमर केयर का नम्बर निकाला। जिस पर बात की और पूरा वाक्या बताया। तब गूगल से निकाले गये कस्टमर केयर सर्विस नम्बर से बात करने के दौरान बताया गया कि मंै फोन पे का टोल फ्री अधिकारी बोल रहा हूं। उसके द्वारा बताया कि एनीडिक्स साप्टवेयर डाउनलोड करे तो उसने ऐसा किया और इसके बाद कई किश्तों में राशि कटते कटते कुल 39657 रूपये कट गये। उस व्यक्ति द्वारा नेट के माध्यम से धोखाधड़ी कर इतने रूपये खाते से निकाल लिए। जब इस बारे में उसने अपने खाते पंजाब नेशनल बैंक में पता किया तो निकाले गए स्टेटमेंट में ठगी करने वाले का नाम रंजित दर्शित किया गया। जिसका स्थान जिन्कधनी बिडहनबाग बर्धमान कोलकाता दर्शाया गया। पीडि़त ने अपना खाता होल्ड करा दिया और ठगी के मामले में मनेंद्रगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पीडि़त ने अपनी शिकायत में बताया कि वह ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है और शिकायत पर कार्रवाई चाहता है। पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद भी शिकायत पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई तब पीडि़त ने उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की, लेकिन किसी तरह का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर पीडि़त ने छग के डीजीपी का नम्बर पता कर बात की, जिस पर उसे आश्वासन दिया गया कि जल्द ही उसके मामले में कार्रवाई की जाएगी।