बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदबाजार, 2 अगस्त। जिला मुख्यालय बलौदाबाजार से 3 से 4 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम सोनपुरी के आगे शनिवार को देर शाम ग्रामीणों को जमीन में गड़ा कर रखे गए शराब का जखीरा मिला। इसकी खबर आसपास गांव में आग की तरह फैल गई और देखते ही देखते बड़ी संख्या में ग्रामीणों मौके पर पहुंच गए और जमीन खोदकर शराब की बोतलें निकालने भीड़ गए। जिसको जितनी दारू की बोतल मिली समेट कर चलता बना।
शनिवार से दारू की बोतल लूट का सिलसिला रविवार तक चलता रहा। लोगों जमीन खोद खोद कर दारू की बोतलें खोजते और निकालते रहे।
विदित हो कि बलौदाबाजार से 3 से 4 किलोमीटर दूर ग्राम सोनपुरी के आगे आगे नगरपालिका के कचरा यार्ड है इसके पीछे शनिवार देर शाम कुछ ग्रामीणों को जमीन में शराब की कुछ बोतल दबी नजर आई। इसके बाद जब उन्हें शराब की इन बोतलों को निकाला तो एक के बाद एक कई बोतले निकली। शराब की सभी बोतलों अंग्रेजी शराब गोवा और कई अन्य ब्रांड की व्हिस्की और बीयर की है, जिससे बकायदा वहां योजनाबद्ध तरीके से डम किया गया है।
जमीन से शराब की बोतलें मिलने की खबरें आसपास के ग्रामों सोनपुरी, नायकताड, लटुवा, भरसेली, सलोनी में आग की तरह फैल गई। इसके चलते देखते ही देखते बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और शराब की बोतल के लिए खुदाई शुरू कर दी। खुदाई के दौरान शराब का बड़ा जखीरा मिल गया और फिर लूटपाट मच गई। जो जितना ले जा सका लेकर चलता बना।
जानकारी के अनुसार शनिवार देर शाम से लेकर रविवार शाम तक ग्रामीण लगभग 500 से अधिक बोतलों को निकाल कर ले जा चुके हैं। वही शराब का जखीरा निकलने की गई जमीन की खुदाई के चलते कई बोतलें टूट-फूट भी गई, कईयों के हाथ की उंगलियां चोटिल हुई, लेकिन पियक्कड़ो में लूट की होड़ मची मची हुई थी।
इधर शराब की लूटपाट मची रही, उधर आबकारी विभाग को इसकी खबर तक नहीं लगने लगने पाई। पुलिस और आबकारी विभाग से जब शराब को नष्ट किए जाने की संबंध में जानकारी मांगी गई, तो उनका कहना था कि कोर्ट के आदेश के बाद शराब की बोतलों को जमीन में रखकर पूरी तरह से तोड़ा जाता है। इस प्रक्रिया को विनिष्टीकरण कहा जाता है, जिसमें शराब की बोतल को पूरी तरह से नष्ट करना होता है। इसलिए इसे जमीन में दबा कर नहीं रखा जाता है। केवल रोलर से अन्य तरीके से तोडक़र ही नष्ट किया जाता है।