महासमुन्द

स्कूल के पहले दिन बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत, कम रही उपस्थिति
03-Aug-2021 4:42 PM
स्कूल के पहले दिन बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत, कम रही उपस्थिति

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
महासमुंद, 3 अगस्त।
कोरोना संक्रमण के चलते सालभर से बंद पड़ी स्कूलें सोमवार से गुलजार हो गई। स्कूलों में फिर से कक्षाएं लगीं। हालांकि कोरोना गाइडलाइन के तहत स्कूलों में सिर्फ 50 फीसदी क्षमता के साथ स्टूडेंट्स को प्रवेश दिया गया। जिला मुख्यालय स्थित स्कूलों में विद्यार्थियों का तापमान मापने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया गया। इस दौरान स्कूलों में पढ़ाई से पहले होने वाले प्रार्थना के साथ किसी भी प्रकार की गतिविधियां नहीं हुई। स्कूलों में बच्चों के विषय को ही पढ़ाया गया।

जानकारी के अनुसार जिले में लगभग 45 फीसदी स्कूलों को खोलने पर सहमति नहीं मिली। जिसके कारण छोटे क्लास के बच्चों को मोहल्ला क्लास के माध्यम से ही शिक्षा प्रदान की जा रही है। स्कूलों को खोलने के लिए स्थानीय पालक व जनप्रतिनिधियों की सहमति जरूरी है। इसलिए सोमवार को स्कूल पहुंचने वाले छात्र अपने पालकों से सहमति पत्र साथ लेकर पहुंचे और स्कूलों में जमा किया। सहमति पत्र सभी छात्रों के लिए अनिवार्य रखी गई थी।

जिला मुख्यालय के समीप ग्राम बेलसोंडा में भी सोमवार को स्कूलें खुलीं, जहां 50 फीसदी संख्या के साथ ही विद्यार्थी पहुंचे। लंबे समय बाद स्कूल खुलने पर शिक्षकों ने विद्यार्थियों का स्वागत तिलक लगाकर किया। वहीं बेलसोंडा में भी कोरोना के सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया और कक्षाएं संचालित की गई। वहीं विद्यार्थियों ने भी इस दिन को विशेष दिन की तरह ही सेलिब्रेट किया।

कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए सभी कक्षाओं में 50 फीसदी स्टूडेंट्स को ही पढ़ाने का गाइडलाइन जारी किया गया है। इसके तहत आज मंगलवार को वे छात्र नहीं आएंगे, जिन्होंने सोमवार की कक्षाएं अटेंड की हैं। इसके लिए स्कूलों में रोस्टर सिस्टम से विद्यार्थियों का चयन कर बैठने की व्यवस्था बनाई गई है।

जिला मुख्यालय के शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 50 फीसदी उपस्थिति के साथ 10वीं और 12वीं की कक्षाएं संचालित हुईं। इस दौरान एक बेंच पर सिर्फ एक ही विद्यार्थी को बैठाया गया। साथ ही स्कूल में प्रवेश तापमान मापने के बाद ही दिया गया। जिसके बाद विद्यार्थियों को सेनेटाइजर मशीन से हाथ साफ करने कहा गया। 

प्राचार्य एस.चंद्रसेन ने बताया कि सभी गाइडलाइन का पालन करते हुए विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है, जिसमें हर एक प्रोटोकॉल का बहुत ही बारीकी से ध्यान रखा जा रहा है।
 

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