महासमुन्द

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं ने भोजन रोका
03-Aug-2021 4:43 PM
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं ने भोजन रोका

दोपहर 3 बजे तक इंतजार करते रहे, फिर भूखे ही लौट आए बच्चे 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
महासमुंद, 3 अगस्त।
महासमुंद जिले के आंगनबाडिय़ों में गर्म भोजन के वितरण पर आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने रोक लगा दी है। सोमवार को जिले के 1685 आंगनबाड़ी केंद्र से 33700 बच्चे बिना गर्म भोजन खाए भूखे पेट वापस लौटे। ये बच्चे सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक भोजन का इंतजार करते रहे, लेकिन आंदोलन के चलते किसी भी केंद्रों में गर्म भोजन नहीं बना था, इसलिए वितरण नहीं हुआ। 

कहा जा रहा है कि जब तक कार्यकर्ता व सहायिकाओं की मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक गर्म भोजन के वितरण पर रोक लगा रहेगा। जिला पंचायत सीईओ आकाश छिकारा ने भी इनसे चर्चा में परीक्षण होने के बाद ही भुगतान के संबंध में कहा है। 

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि शनिवार को कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर जोंगेदर नायक को इस संबंध में पहले ही अवगत करा दिया गया था। समय रहते मांगों पर विचार नहीं किया गया है, इसलिए फिलहाल गर्म भोजन वितरण पर रोक रहेगा। इनकी मांगों में रुकी हुई राशि मानदेय वितरण की मांग प्रमुख है। 

गौरतलब है कि जिले के 1780 आंगनबाड़ी केंदों में चार महीने से लटक रहे ताले सोमवार 26 जुलाई से खुल गए हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों को शासन ने केवल बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए खोला है। कोविड-19 के कारण 22 मार्च 2021 से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन बंद कर दिया गया था। आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने से कुपोषण में बढ़ोतरी हो सकती है, जिसे देखते हुए शासन ने कोविड 19 के दिशा-निर्देश का पालन करते हुए 26 जुलाई से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन शुरू कर दिया है। तीन से 6 वर्ष के अधिकतम 15 बच्चों की उपस्थिति भवनों में है।
 

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