बिलासपुर

मध्यस्थता से किसी हार नहीं, न्याय प्रक्रिया की जीत होती है- जस्टिस मिश्रा
03-Aug-2021 7:15 PM
मध्यस्थता से किसी हार नहीं, न्याय प्रक्रिया की जीत होती है- जस्टिस मिश्रा

 

   हाईकोर्ट मिडिएशन सेंटर की गतिविधियों पर पहले न्यूज लेटर का विमोचन   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 3 अगस्त।
उच्च न्यायालय में स्थित मिडियेशन कमेटी ने अपनी गतिविधियों पर न्यूज लेटर का प्रकाशन प्रारंभ किया है। पहले अंक का विमोचन उच्च न्यायालय के कांफ्रेंस हॉल में एक्टिंग चीफ जस्टिस व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष प्रशांत कुमार मिश्रा ने किया।

विमोचन कार्यक्रम में जस्टिस मिश्रा ने कहा कि पुरातन समय से ही मध्यस्थता विवादों को सुलझाने का एक सशक्त माध्यम रहा है। मध्यस्थता का लाभ यह है कि यह ऐसे किसी निर्णय पर समाप्त नहीं होता जिसमें एक पक्ष विजयी और दूसरा पराजित हो। दोनों पक्ष विजयी होते हैं। इस प्रकार कानूनी प्रक्रिया सहित सभी के लिये यह एक जीत की स्थिति होती है। यह किसी विशिष्ट प्रकरण को न केवल प्रकरणों की सूची से हटाता है अपितु विवाद को सुलझाने हेतु मध्यस्थता का अनुसरण करने के लिए अन्य लोगों को प्रोत्साहित भी करता है।

इस अवसर पर मिडियेशन सेंटर के अध्यक्ष जस्टिस पी.सैम कोशी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों को सुलझाने की प्रक्रिया भी अपने शैशव अवस्था में है। राज्य मुख्य रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों का है और जहां अशिक्षित और ग्रामीण लोग निवास करते हैं। ऐसी स्थिति में विवाद सुलह की ऐसी विधि के बारे में नागरिकों को जागरूक करने में मुख्य भूमिका विधिक समुदाय, विशेष रूप से राज्य के न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं की होती है। विवाद सुलह की प्रक्रिया का संदेश राज्य में चारों ओर प्रचारित करना होगा। इस बारे में जागरूकता लाने में अधिवक्ताओं की मुख्य भूमिका जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम में जस्टिस आरसीएस सामंत ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों में इस बात पर बल  दिया गया है कि प्रत्येक क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय का कर्तव्य है कि वह शमनीय प्रकृति के प्रकरणों में पक्षकारों के बीच समझौते को प्रोत्साहित करे। मध्यस्थता वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली का एक सशक्त माध्यम है।

विमोचन कार्यक्रम में हाईकोर्ट किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष जस्टिस मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव, जस्टिस विमला सिंह कपूर सहित न्यायिक अधिकारी व अधिवक्ता उपस्थित थे।

महत्वपूर्ण कार्यों व आवेदन प्रक्रिया की जानकारी

प्रकाशित न्यूज लेटर में मध्यस्थता प्रक्रिया के संबंध में जानकारी तथा उच्च न्यायालय मध्यस्थता केन्द्र के द्वारा किये गये उल्लेखनीय कार्यो का विवरण शामिल है। इसके अलावा प्रदेश के 23 जिला न्यायालयों में स्थापित मध्यस्थता केन्द्रों की जानकारी दी गई है। मध्यस्थता प्रशिक्षण एवं मध्यस्थता के लिये आवेदन देने की प्रक्रिया के संबंध में भी इसमें जानकारी देते हुए मध्यस्थता के लिए जारी रेफरल जजों के लिए जारी किये गये दिशा निर्देश को भी इसमें समाहित किया गया है।

उच्च न्यायालय मध्यस्थता केन्द्र के प्रभारी एवं सचिव, मध्यस्थता केन्द्र निगरानी समिति संजय कुमार जायसवाल ने बताया है कि 1 जनवरी 2019 से 31 अक्टूबर 2020 तक की अवधि में उच्च न्यायालय मध्यस्थता केन्द्र तथा जिला न्यायालयों में स्थित मध्यस्थता केन्द्र द्वारा कुल 1179 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसके लिये प्रदेश भर में कुल 214 न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं को मध्यस्थता का 40 घंटे का प्रशिक्षण दिया गया। उच्च न्यायालय में 24 अधिवक्ता मध्यस्थ के रूप में कार्य कर रहे हैं।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news