राजनांदगांव
माताएं बच्चों की दीर्घायु के लिए रखेंगी कठिन व्रत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 अगस्त। संतानों की दीर्घायु की कामना लेकर माताएं कमरछठ पर्व पर कठिन व्रत रखकर पूजा-अर्चना करेंगी। इस पर्व पर उपवास तोडक़र खास अन्न ‘पसहर चावल’ का सेवन करेंगी। यह चावल अब बाजार में पहुंच गई है। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों और दुकानों में यह चावल पहुंच गई है। वहीं लोगों ने इसकी खरीदी भी शुरू कर दी है। यह चावल की खास बात यह है कि यह बिना हल के ही खेतों में पैदा होता है। लिहाजा हलषष्ठी के पर्व पर इस चावल की मांग अधिक होती है।
माना जाता है कि इस चावल से ही व्रत तोडऩे का सदियों पुराना रिवाज है। कमरछठ पर्व को महिलाएं पूरे उत्साह के साथ मनाती है। हलषष्ठी पर्व पर माताएं पूजा करने के स्थान पर सगरी खोदकर भगवान शंकर एवं गौरी, गणेश को पसहर चावल, भैंस का दूध, दही, घी, बेल पत्ती, कांशी, खमार, बांटी, भौरा सहित अन्य सामग्रियां अर्पित करेंगी। पूजन पश्चात माताएं घर पर बिना हल के जुते अनाज पसहर चावल, छह प्रकार की भाजी को पकाकर प्रसाद के रूप में वितरण कर अपना उपवास तोड़ेंगी। बाजार में पसहर चावल 20 से 30 रुपए गिलास में बिक रही है। बताया जाता है कि इसमें भी अलग-अलग किस्म के पसहर चावल है। मोटा और साफ चावल के भाव तय कर दिए गए हैं। लिहाजा महिलाएं अपने अनुसार चावल की खरीदी कर रही है। इस पर्व में माताएं कठिन व्रत रखकर संतानों की लंबी आयु की कामना करेंगी।