महासमुन्द
तीसरी लहर का भी नहीं है डर, चेतावनी को नजरअंदाज कर रहे लोग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 4 अगस्त। अब महासमुंद जिले में भी लोगों की लापरवाही इस कदर देखने को मिल रही है, जैसे कोरोना जैसी कोई महामारी उन तक पहुंची ही नहीं थी। न लोगों के चेहरों पर मास्क दिख रहा और न ही कहीं दो गज की दूरी का पालन हो रहा है।
जिला मुख्यालय में बाजार, दुकान व रास्तों पर लोग बेपरवाह होकर घूमते दिख रहे हैं। शायद ये भूल रहे हैं कि ऐसी लापरवाहियों से भविष्य में परिणाम गंभीर हो सकते हैं। दूसरी ओर देश के विभिन्न राज्यों के साथ महासमुंद से लगे हुए जिलों में भी कोरोना संक्रमण की दर में अचानक से वृद्धि हुई है और लगातार एक्सपर्ट कोरोना के तीसरी लहर के लोगों को आगाह करते आ रहे हैं। बावजूद इसके अधिकांश लोग इस चेतावनी को नजर अंदाज कर रहे हैं, जिससे सभी को खतरा ही है।
लोगों को कोरोना के तीसरी लहर से बचाने के लिए रोजाना ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण के लक्ष्य के साथ अभियान को शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत जिले के लगभग 5 लाख लोगों को कोरोना टीके का पहला डोज लगा है और 1.30 लाख लोगों को दूसरा डोज भी लगाया गया है। टीकाकरण के लिए जिले में अभी भी बड़ी संख्या में लोग बचे हुए हैं, जिससे ऐसी लापरवाही से आगामी दिनों में गंभीर परिणाम भी मिल सकते हैं।
हालांकि जिले के प्रमुख 4 ब्लॉक मुख्यालय के साथ तुमगांव शहर को शतप्रतिशत वैक्सीनेटेड किया गया है और लगभग 2 दर्जन पंचायत में भी शत फीसदी टीकाकरण किया जा चुका है और इस दिशा में विभाग भी लगातार लगा हुआ है। लेकिन टीके की लगातार और पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने के कारण भी यह अभियान प्रभावित होता रहा है।
कोरोना जांच अधिकारी डा. छत्रपाल चंद्राकर कहते हैं कि जिले में भले ही अभी कोरोना संक्रमण की दर और मौतों का दर कम हुआ हैए लेकिन कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से नहीं टला है। ऐसे में लोगों को भी लापरवाहियां नहीं बरतनी चाहिए और हर हाल में कोरोना से बचने के लिए सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य समझें।
गौरतलब है कि जिले में कोरोना के दूसरे लहर का प्रभाव मार्च से दिखने लगा था, जो मई के पहले पखवाड़े तक जारी रहा। मार्च माह में 919, अप्रैल में 12086 व मई में 7681 पॉजिटिव प्रकरण पाए गए थे। इसके बाद से इन आंकड़ों में कमी आई है। जून में ही 6 75 और जुलाई में 125 प्रकरण पाए गए थे। वर्तमान में मिल रहे मरीज ज्यादातर होम क्वारिन्टाइन में ही उपचार ले रहे हैं और जिले के अस्पतालों में कोरोना मरीज बहुत ही कम संख्या में भर्ती हो रहे हैं।