कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 4 अगस्त। बच्चों की पहली शिक्षक माँ होती है जो उन्हें बोलना, चलना और बहुत कुछ सिखाती है, अब कोरोना काल में घरेलू चीजों से माँ बच्चों को पढऩा-लिखना सिखाएगी।
अंगना म शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय ऑनलाइन प्रशिक्षण सह बैठक कार्यक्रम में शिक्षक विधात्री सिंह ने कहा कि अंगना म शिक्षा कार्यक्रम के तहत हम बच्चों की माताओं को प्रशिक्षण देकर बच्चों की पढ़ाई घर में ही करने की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि बच्चे कोरोना संक्रमण से भी बचे रहें और उनकी पढ़ाई भी बाधित न हो। प्रशिक्षण में डीपीसी अजय मिश्रा, एपीसी राज चापेकर, भरतपुर सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी सुदर्शन पैकरा, बीआरसी देवेन्द्र गुप्ता सहित सीएसी उपस्थित रहे।
अंगना म शिक्षा हेतु कोरिया जिला के लिए चयनित डीआरजी व भरतपुर ब्लाक की शिक्षिका विधात्री सिंह ने योजना का उद्देश्य बताया तथा उसके क्रियान्वयन, चरण, शिक्षण के साथ घर में ही ज्ञान अर्जन की विधि व नवाचार के बारे में विस्तार से समझाया, साथ ही खुशबु राय द्वारा गतिविधियां बताई गईं। वहीं श्वेता सोनी, प्रतिभा जैसवाल, मीना जायसवाल, वैशाली व अन्य शिक्षिकाओं द्वारा रूपरेखा, नियोजन, गतिविधियां बताई गईं।
कोरोना काल में 5 से 8 साल के बच्चे पढ़ाई से वंचित रह गये हैं। माताओं द्वारा घर पर ही घर में उपलब्ध विभिन्न वस्तुओं द्वारा जैसे आलू, टमाटर, प्याज आदि व रूचि कर गतिविधियां द्वारा बच्चों को आसानी से सिखाया जा सकेगा। इस हेतु उन्हें प्रशिक्षित करने और शिक्षा को सुलभता के साथ कोरोनाकाल में भी हर घर में पहुँचाने की इस महती योजना के बारे में बताया गया। कार्यक्रम का संचालन परवीन बानो द्वारा किया गया।