सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 4 अगस्त। केंद्र सरकार में जनजातीय मामले की राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने सरगुजा के आदिवासियों को अंगूठा छाप कहकर कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा अपमानित करने की घटना को निंदनीय बताते हुए इसे आदिवासी गौरव और अस्मिता पर कुठाराघात कहा है।
उन्होंने कहा है कि सरगुजा अंचल के आदिवासियों को विवेकहीन घोषित कर क्षेत्र की जनता के बौद्धिक और नैतिक स्तर पर की गई इस अनर्गल टिप्पणी से समाज में क्षोभ और भारी आक्र्रोश है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार आदिवासी समुदाय की संस्कृति को एक नई पहचान और ऊंचाई देने के बजाए अपने विधायक से अपमान करा रही है। सांस्कृतिक अस्मिता व जल जंगल जमीन पर अधिकार समेत तमाम सपने बस्तर से सरगुजा तक निरन्तर टूट रहे हैं।
कल रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह ने जब से सरगुजा के आदिवासियों को अंगूठा छाप निरूपित करते हुए स्वयं को श्रेष्ठता बोध और दम्भ से लबरेज के रूप में प्रस्तुत किया है उनके बयान का विरोध बढ़ता जा रहा है। सर्व आदिवासी समाज ने इस बयान के लिए सार्वजनिक माफी मांगने तक विधायक के बहिष्कार का एलान कर दिया है।
स्थानीय सांसद रेणुका सिंह ने कहा कि ऐसे लोगों की तिकड़मी राजनीति से ही प्रदेश आंतरिक सामाजिक विभाजनों के मुहाने पर खड़ा है। समाज से अपमानजनक व्यवहार करने वाले इनकी प्रत्येक गतिविधि निजी हित और स्वार्थ से प्रेरित है। प्रतिपल बयान बदलने में नए प्रतिमान कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। सस्ती लोकप्रियता पाने विधायक के अनर्गल प्रलाप से समाज में अविश्वास और तनाव का वातावरण घना होने पर उन्होंने चिंता व्यक्त किया है।