बीजापुर

बाघों के आंकड़े उजागर कर निशाने पर आये उपसंचालक
04-Aug-2021 8:54 PM
 बाघों के आंकड़े उजागर कर निशाने पर आये उपसंचालक

   शिकारियों को न्यौता दे रही आईटीआर-पूर्व वनमंत्री    

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बीजापुर, 4 अगस्त। पिछले दिनों इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपसंचालक ने बाघों का आंकड़ा सार्वजनिक कर विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। पूर्व वनमंत्री ने आरोप लगाया है कि इंद्रावती टाइगर रिजर्व बाघों के आंकड़ों को उजागर कर सीधे तौर पर शिकारियों को न्यौता दे रही है।

ज्ञात हो कि इंद्रावती टाइगर रिजर्व का क्षेत्र बाघों के संरक्षित वाला क्षेत्र हैं। सरकार बाघों के संरक्षण व उनके संवर्धन के लिए योजनाएं संचालित कर उनके सुरक्षित विचरण के लिए लगातार काम कर रही है। लेकिन बीते दिनों इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपसंचालक ने पांच बाघों के आंकड़े उजागर कर न सिर्फ बाघों के संरक्षण पर सवालिया निशान लगाया है, बल्कि शिकारियों को भी सीधे तौर पर न्यौता दे दिया है। इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपसंचालक डीके मेहर के बाघों के आंकड़े सार्वजनिक करने पर पूर्व वनमंत्री महेश गागड़ा ने उन्हें निशाने पर ले लिया हैं।

पूर्व वनमंत्री ने कहा कि उपसंचालक को बाघों के आंकड़े उजागर नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले ही बाघ के खाल के साथ बीजापुर के कांग्रेस नेता व सरकारी कर्मचारियों को जगदलपुर में पकड़ा गया था। इसके चंद दिनों बाद चन्दूर के दो लोगों को बाघ के खाल के साथ तेलंगाना के मुनगु में पकड़ा गया। यहां तेलंगाना वन विभाग ने वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की।

पूर्व वनमंत्री गागड़ा का कहना है कि यह सब देखने के बाद ये पता चलता है कि यहां इंद्रावती टाइगर रिजर्व में जो अमला होना चाहिए था, दरअसल वो अमला यहां नहीं है। भौगोलिक स्थिति को देखते हुए सुरक्षा मापदंडों के तहत विभाग को आंकड़ा उजागर नहीं करना चाहिए था। उन्होंने इसे इंद्रावती टाइगर रिजर्व की घोर लापरवाही बताया है। 

उल्लखनीय है कि कुछ दिन पहले इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपसंचालक डीके मेहर ने मीडिया को बताया था कि वर्ष 2018 में यहां से तीन मल के सैम्पल भेजे गए थे। इसके बाद पांच सैम्पल भेजे गए थे। जिसमें पांच बाघों की पुष्टि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण अभिकरण ने की है।

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