रायगढ़

निगम में एमआईसी को लेकर गुटबाजी जोरों पर
05-Aug-2021 3:02 PM
निगम में एमआईसी को लेकर गुटबाजी जोरों पर

महापौर ने रायपुर पहुंचकर सीएम से की मुलाकात

एमआईसी में हो सकता है बड़ा फेरबदल

रायगढ़, 5 अगस्त। रायगढ़ नगर निगम की एमआईसी में हुए नए फेरबदल को लेकर राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है। निगम में कांग्रेस का बहुमत होनें के बाद भी कांग्रेस के ही पार्षद भिड़े हुए हैं। कुछ दिनों पहले ही महापौर जानकी काटजू ने अचानक एमआईसी में कुछ पुराने सदस्यों को हटाकर नए पार्षदों को शामिल करने के बाद यह उठा राजनीतिक माहौल लगातार गर्माता जा रहा है। महापौर के इस कदम से नाराज कुछ और एमआईसी सदस्यों ने इस्तीफा देकर पुराने एमआईसी सदस्यों को वापस लेने का दबाव बनाया था, लेकिन महापौर ने भी अपनी ताकत का नमूना दिखाते हुए कुछ कांग्रेसी पार्षदों के साथ अचानक रायपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री के सामने अपना पक्ष रखने के बाद स्थानीय नेताओं को आयना दिखा दिया है।  

निगम की एमआईसी में अपना वर्चस्व बनाने के लिए स्थानीय विधायक प्रकाश नायक के समर्थकों का दबदबा है, लेकिन बीते कुछ दिनों से पूर्व आयुक्त आशुतोष पाण्डेय के साथ-साथ निगम महापौर जानकी काटजू ने विधायक गुट को अलग-थलग रखना शुरू कर दिया था। तब से लेकर अब तक यह गुटबाजी कम होने की बजाए बढ़ते जा रही है। महापौर के लेटर पैड में विधायक प्रकाश नायक के खिलाफ और पूर्व आयुक्त आशुतोष पाण्डेय की तारीफ का मामला भले ही शांत है, लेकिन इस पत्र के बाद से महापौर ने सीधे-सीधे अपने समर्थकों के साथ अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी थी और अब एमआईसी में फेरबदल करके गुटबाजी को और हवा दे दी है।

अब यह चर्चा जोरों पर है कि कई नाराज पार्षदों ने यहां तक बोल दिया कि वे पार्टी से इस्तीफा दे देंगे। बताया जाता है कि कोई भी पक्ष अपनी बात पर कायम है और वे एमआईसी में किसी भी प्रकार का फेरबदल नहीं चाहते। जिसको लेकर महापौर ने अपनी ताकत दिखाने के लिए समर्थकों के साथ सीधा राजधानी जाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पूरे मामले की जानकारी देकर नई टीम बनाने की सहमति ले ली है।

क्यों गर्माया है मुद्दा
एमआईसी में फेरबदल के मामले में कहा यह जा रहा है कि जिंदल उद्योग से निगम को अलग-अलग करो की वसूली करनी है। लेकिन जिंदल उद्योग ने महापौर से मिलकर कुछ वसूली न करने के लिए राजी कर लिया था, पर एमआईसी की बैठक के साथ-साथ सामान्य सभा की बैठक में जिंदल उद्योग में किसी भी प्रकार की वसूली में छूट का विरोध करके महापौर को घेरना शुरू कर दिया था, इसके बाद महापौर ने अचानक एमआईसी से कुछ सदस्यों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। कहा यह भी जा रहा है कि एमआईसी की टीम ने नए सदस्यों की एंट्री करने के लिए स्थानीय विधायक को जानकारी तक नहीं दी गई थी।  

सूत्रों की माने तो महापौर के साथ जहां कुछ ही पार्षद हैं, वहीं उनके विरोधी पार्षदों की संख्या 18 तक बताई जा रही है जिसमें से कई कट्टर विरोधी कहे जा रहे हैं। एमआईसी से निकले गए पार्षदों पर महापौर ने आरोप लगाया है कि वे उनकी बात नहीं मानते थे, जबकि इन पार्षदों का कहना था कि हम शहर के पार्षद हैं किसी उद्योग या व्यक्ति की नहीं। इस तरह मामले ने अब और तूल पकड़ लिया है।

इस मामले में जब विधायक ने सभी पक्ष को बुलाकर उनसे बात की, लेकिन बताया जाता है कि उनकी बात सुनने के बजाय लोग उन्हें ही अपनी बात सुनाते रहे। अंत में विधायक ने कहा कि मैंने आप सभी लोगों की बात ऊपर पहुंचा दी है, अब निर्णय उन्हीं के निर्देश पर होगा।
विधायक प्रकाश नायक ने कहा कि सभी से बात की गई है, ऊपर से जैसा निर्देश आएगा, वैसा ही समाधान निकाला जाएगा। उद्योग और उसके करारोपण संबंधी सवाल पूछे जाने पर कहा कि मेरे सामने यह बात नहीं आई।

 

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