धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 5 अगस्त। चिटफंड कंपनियों में लोगों की जान जमापूंजी वापस दिलाने की सरकारी घोषणा के बाद आवेदन पत्र जमा करने हजारों निवेशकों की भीड़ सरकारी दफ्तरों में उमड़ रही है, जिसमें किसी को भी कोविड नियमों की परवाह नहीं है। जिम्मेदार अधिकारी इन हालात के लिए खुद को असहाय बता रहे हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चुनाव पूर्व पार्टी द्वारा किए गए एक और वायदे को पूरा करनेे कानून बना कर विभिन्न चिटफण्ड कम्पनियों में आम लोगों का फंसा पैसा वापस दिलाने का प्रयास तेज कर दिया है। इसके लिए जिला,जनपद,तहसील,नगर पंचायत, ग्राम पंचायत में अधिकारी नियुक्त कर निवेशकों से आवेदन पत्र लिया जा रहा है। गुरुवार को भी आवेदन पत्र जमा करने तहसील कार्यालय में में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा, जिसमें फिजिकल डिस्टेंस और मास्क का कोई अता-पता नहीं था । इस संबंध में में प्रभारी तहसीलदार श्री कुरैटी का कहना है कि आवेदन जमा करने तीन काउंटर खोले गए हैं, अबतक नहीं तीन हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं । पुछे जाने पर उन्होंने कहा कि कोरोना नियमों के पालन के लिए लाख जतन किए गए हैं लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं ऐसे में भला हम क्या कर सकते हैं। बाहरहाल मगरलोड ब्लाक के मोतीमपुर गांव से आवेदन जमा करने आए बुजुर्ग संतूराम सोनी ने बताया कि रकम डबल होने की लालच में एचबीएन, बीपीएन, जी गोल्ड जैसी फाइनेंस कंपनियों में मैंने करीब 17लाख रुपए जमा कराए थे,आज उनकी हालत यह है कि वे अपने घर का टूटा छप्पर ठीक नहीं करा पा रहे हैं, ढेड़ लाख का फटका खा चुके उमरदा निवासी कांशीराम कंवर, तीस हजार वाले कुरुद के झामू साहू सहित अन्य निवेशकों का कहना है कि यदि भूपेश सरकार उनकी रकम वापस दिला देगी तो वें जीवन भर उपकार मानेंगे।
कांग्रेसी नेता अधिवक्ता रमेश पांडेय ने बताया कि कांग्रेस सरकार की इस पहल का स्वागत करते हुए मैंने भी तहसील कार्यालय कुरूद परिसर मे निवेशकों को फार्म और इससे जुड़ी आवश्यक जानकारी निशुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। पिछली सरकार के समय छत्तीसगढ़ के भोले-भाले लोगों को ठगने की मिली खुली छूट का फायदा उठा तरह तरह की फाइनेंस कंपनियां करोड़ों रुपए लूटने में कामयाब रही, अकेले कुरुद क्षेत्र में ही करीब 25हजार से अधिक लोगों ने 7 करोड़ रुपए तक जमा कराया है। श्री पाण्डेय ने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार ने कुरुद की दो सहित छत्तीसगढ़ में कुल 21 चिटफंड कंपनियों की संपत्ति जब्त की है जिसे बेचकर निवेशकों की रकम वापस दिलाने काम किया जाएगा ।