राजनांदगांव
प्रदर्शन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी शामिल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 अगस्त। बीते आठ महीने से दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के समर्थन में सोमवार को श्रमिक संगठन (सीटू) ने धरना देते हुए तत्काल केंद्र सरकार से किसान और मजदूरों के खिलाफ बनाए गए कानून को वापस लेने की मांग की।
जिला संयोजक गजेन्द्र झा के नेतृत्व में प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में सीटू ने कहा कि जो कानून केंद्र सरकार ने बनाए हैं, उससे किसानों का शोषण होगा। इस कानून को मंजूर नहीं किया जा सकता। यूनियन का कहना है कि कार्पोरेट घरानों को लाभ दिलाने के इरादे से कानून बनाया गया है। इस कानून के जरिये कार्पोरेट घराने मनमाफिक अनाज का भंडारण और विक्रय कर कमाई करेंगे। देश की जनता को ऐसी हालत में महंगे दाम पर अनाज खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। किसानों के लिए लागत मूल्य के आधार पर लाभप्रद दाम की गारंटी केंद्र सरकार को नया कानून बनाना चाहिए।
सीटू ने कहा कि श्रम कानूनों में बदलाव करके मजदूरों को गुलाम बना दिया गया है। श्रम कानूनों में परिवर्तन से केवल कारखानों के मालिकों को लाभ होगा। यूनियन ने प्रधानमंत्री से हट त्यागकर पूर्व कानून को बहाल करने की मांग की है। इससे पहले स्थानीय कलेक्टोरेट के सामने फ्लाई ओवर के नीचे धरना देते हुए केंद्र सरकार की श्रम नीतियों के खिलाफ सीटू ने नारेबाजी की।