गरियाबंद

सावन के तीसरे सोमवार को शिवालयों में भीड़
09-Aug-2021 4:55 PM
सावन के तीसरे सोमवार को शिवालयों में भीड़

रामसुंदर दास ने कुलेश्वर महादेव के दर्शन कर की प्रदेश की खुशहाली की कामना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 9 अगस्त।
सावन के तीसरे सोमवार को शहर सहित अंचल के शिवालयों व मंदिरो पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही हैं। सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचना शुरु हुआ जो देर शाम तक चलता रहा। श्रद्धालुओं ने कामनाओं को लेकर व्रत व उपवास रखा। भगवान शिव का पूजन-अर्चन, अभिषेक का दौर चला। 

इस दौरान श्रद्धालुओं ने बेेल पत्र अर्पित कर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, पंचामृत अभिषेक किया। तीसरे सोमवार त्रिवेणी संगम बीच स्थिति भगवान श्री कुलेश्वर नाथ महादेव के दर्शन आशीर्वाद लेने छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं श्री राजीवलोचन मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मंहत डॉ रामसुंदर दास पहुंचे। महंत जी भगवान श्री कुलेश्वर नाथ महोदव के दर्शन कर प्रदेश की सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। इस दौरान उनके साथ एल्डरमेन एवं पूर्व पार्षद रामा यादव, कांग्रेस कमेटी के ब्लॉक उपाध्यक्ष निर्माण यादव एवं कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे। उन्होंने महंत जी को बताया कि नगर के गौठान नही है और न ही छग शासन की महत्वाकांक्षी गौधन न्याय योजना का लाभ वर्तमान में पशुपालको को नही मिल रहा। पूर्व में गौधन न्याय योजना से पशुपालको को आर्थिक मदद मिल रही थी जो अभी 6 माह से बंद पड़ा है। कोरोना काल में पशुपालक किसानों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है। उक्त योजना को अतिशीघ्र प्रारम्भ कराने आग्रह किया गया। 

रास्ते में दिखी कांवरियों की टोली
इधर श्रावण मास में एक ओर कोरोनावायरस को लेकर कांवरियों के शिवधाम पहुंचने पर ब्रेक लगाई गई है लेकिन दूसरी ओर शिव भक्त बाबा के धाम जाने से अपने आप को रोक नहीं पा रहे हैं। गेरुआ वस्त्र धारण किए हुए कांधे पर कांवर लेकर पात्र में जल भरकर पैदल चलते हुए शिवधाम पहुंच रहे हैं। धर्म नगरी राजिम, नवापारा में बड़ी संख्या में कांवरिया देखे गए। यह कांवरिया बोल बम का उच्चारण करते हुए आगे बढ़ रहे थे। कई ऐसे शिव के भक्त थे जिनके पांव में छाले पड़ गए थे और बड़ी मुश्किल से चल पा रहे थे लेकिन उनमें उत्साह की कोई कमी नहीं थी।

शास्त्रों और पुराणों का कहना है कि श्रावण मास भोले बाबा को अत्यंत प्रिय है। इस माह में शिव अर्चना के लिए प्रमुख सामग्री बेलपत्र और धतूरा सहज सुलभ हो जाता है। शिव ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा-अर्चना की सामग्री के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती। अगर कोई सामग्री उपलब्ध न हो तो जल ही काफी है। भक्ति भाव के साथ जल अर्पित कीजिए और भगवान शिव प्रसन्न।  इस महीने प्रत्येक सोमवार भगवान शिव का व्रत करने से मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस महीने में लघुरुद्र, महारुद्र या अतिरुद्र पाठ को कर हर सोमवार शिव का व्रत करना चाहिए।

शिव पूजन में बेलपत्र जरूरी
भगवान शिव की पूजा जब बेलपत्र से की जाती है, तो भगवान अपने भक्त की कामना बिना कहे पूरी कर देते है। बेलपत्र के संबंध में मान्यता प्रसिद्ध है कि बेल के पेड़ को जो भी भक्तगण पानी या गंगाजल से सींचता है, उसे सभी तीर्थों की प्राप्ति होती है। वह भक्त इस लोक में सुख भोगने के बाद शिवलोक में प्रस्थान करता है। श्रावण मास में सोमवार को श्री गणेश, भगवान शिव, माता पार्वती और नन्दी देव की पूजा करनी चाहिए। पूजन सामग्री में जल, दूध, दही, चीनी, घी, शहद, पंचामृत, मोली और वस्त्र समेत जनेऊ, चंदन, रोली, चावल, फूल, बेल-पत्र, भांग, आक-धतूरा, कमल, ग_ा, प्रसाद, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, मेवा व दक्षिणा अर्पित किए जाते हैं।

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