कवर्धा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 10 अगस्त। दुनिया भर में रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोगों की संस्कृति भाषा व अस्तित्व को बचाने हर साल 9 अगस्त 1994 से विश्व आदिवासी दिवस मनाने की शुरुआत अमेरिका से की गई तब से पूरे विश्व में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भी परंपरागत रूप से 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर विकासखंड क्षेत्र में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
क्षेत्र के रेंगाखार, झलमला, चिल्प फि,बोककरखार, शंभू पीपर, बोड़ला, कुसुमघटा, तरेगांव, लालपुर, भीरा, मगरवाड़ा, दलदली सहित अनेक स्थानों पर विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन कर आदिवासी समुदाय के लोगों द्वारा आदिवासी दिवस मनाया गया।
इसी कड़ी में विकासखंड के ग्राम पंचायत बैजलपुर में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राजगोंड सेवा समिति भोरमदेव एवं सर्व आदिवासी समाज के तत्वाधान में एक वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आदिवासी समाज के प्रमुख लोगों की उपस्थिति में हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में आशुतोष मंडावी प्राध्यापक कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता व जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर मुख्य अतिथि के रुप में पधारे थे कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विदेशी राम धुर्वे प्रधान संरक्षण राजगोंड सेवा समिति तथा लखन सिंह धुर्वे अध्यक्ष राजगोंड़ सेवा समिति फगन सिंह के अतिथि में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बैजलपुर के आसपास के दर्जन से अधिक गांव से आदिवासी समाज के प्रमुख लोगों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में सिंघारी, मुड़ घुसरी, तरेगांव, दलदली दुल्लापुर, कोमो, पचराही, खरिया, खड़ावदा सहित गांव से दूर दूर से सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पचराही के कंकालिन मंदिर से सिंघारी तक डीजे में मोटरसाइकिल से रैली निकाला गया, जिसमें समाज के युवा वर्ग शामिल हुए तत्पश्चात अतिथियों के स्वागत का कार्यक्रम हुआ अतिथियों के स्वागत कार्यक्रम के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में पूर्व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दुखीराम धुर्वे जलेश्वर मेरावी, धनीरा, रूप सिंह धुर्वे, जान सिंह मरावी, मान सिंह मरावी, धन सिंह देव चरण, कमल सिनंदराम, घनश्याम मसराम सहित क्षेत्र के काफी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए। इस प्रकार विकासखंड के ग्राम कुसुम घटा झलमला रेंगाखार, शंभू पीपर, बोककरखार आदि स्थानों में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें क्षेत्रीय आदिवासी समाज के लोगों की सक्रिय भागीदारी रही।