गरियाबंद
गरीबों का हक छीन रही है छत्तीसगढ़ सरकार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 10 अगस्त। प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों का पूरा किश्त नही मिल पाने के कारण किसी का घर नहीं बन पाया हैं। अधिकतर हितग्राहियों का आवास आधा अधूरा पड़ा है। जिसके कारण गरीबों का आशियाना मजाक बन कर रहा गया है। कई हितग्राही दूसरे के घर में पनाह ले रखा है तो कोई अपनी आधा अधूरें घर में रहने को मजबूर है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आदिवासी बाहुल्य विकास खण्ड नगरी को वर्ष 2019-20 में कुल 1615 आवास मिले जिसमें से अभी तक 581 आवास आधा अधूरा पड़ा हुआ है। जिसके जिसके लिए राशि ही नहीं दिया गया है जिस कारण हितग्राही बहुत परेशान है। इसी तरह वर्ष 2020-21 में 2720 आवास स्वीकृत हुआ है लेकिन राज्य सरकार राशि आबंटन ही नही किया है। आदिवासी भाजपा नेत्री जिला पंचायत सदस्य अनीता धु्रव ने बताया कि विकासखण्ड नगरी के हितग्राही आज दर-दर भटकने को मजबूर है। आधा अधुरें पड़े आवास को पूर्ण करने के लिए अपने किश्त राशि का इन्तजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके जिला पंचायत क्षेत्र के ग्राम कुकरेल नयापारा के गोवर्धन राम निषाद, मोना बाई देवार, दूजराम कुम्हार, सियाराम विश्वकर्मा, सलोनी पंचायत के गणेश राम यादव, लीलेश कुमार सिन्हा, मालती बाई सेन सहित क्षेत्र के प्रत्येक गाँव में आवास निर्माण कार्य अटका हुआ है। अनीता धु्रव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार गरीबों का हक छीन रही है। उन्हें जनता की आवाज सुनाई नहीं दे रही हैं।
इसलिए जनता काफी परेशान है। गरीब लोग प्रधानमंत्री आवास मिलने की बाट जोह रहे हैं। यदि नये आवास स्वीकृत हुआ है तो उसकी राशि आबंटन नही की गई है। उन्होंने कहा कि जिसका एक ही किश्त आया हुआ है और अपनी पुराने मकान को तोड़ कर नया मकान का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ है उसकी दूसरी किश्त राशि तत्काल जारी करना चाहिए।
क्योंकि ऐसे लोगों को रहवास के लिए भारी दिक्कतें हो रही है। जिला पंचायत सदस्य अनीता ध्रुव ने प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षण कराते हुए गरीब हितग्राहियों की राशि तत्काल प्रदान करने की मांग की है।