राजनांदगांव
सरकार व प्रशासन के खिलाफ नाराजगी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 13 अगस्त। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने बिजली बिल हाफ करने का वादा किया और इधर ब्लॉक के डेढ़ सौ से अधिक गांव में बिजली सप्लाई ही आधा कर दिया है। ऐसे में क्षेत्र में बिजली उपभोक्ताओं व ग्रामीणों ने शासन से जुड़े जनप्रतिनिधियों से सवाल करना शुरू कर दिया है कि बिजली बिल हाफ का वादा था या बिजली सप्लाई आधी करने का। अब बिजली संकट व अघोषित कटौती व लो-वोल्टेज की समस्या को लेकर विपक्षी पार्टियों के साथ आम जनता ने भी कांग्रेस प्रतिनिधियों व नेताओं को घेरना शुरू कर दिया है।
ब्लॉक में अघोषित विद्युत कटौती व बार-बार पावर कट की समस्या व छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी की लचर कार्यशैली को लेकर उपभोक्ताओं का आक्रोश बढ़ते जा रहा है। प्रतिदिन घंटों हो रही बिजली गुल व ट्रिपिंग की समस्या से बिजली से चलने वाले व्यापार व्यवसाय व लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो गई है। हालात यह है कि पावर कट के चलते पेयजल आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित हो गई है। तीन माह से विद्युत वितरण कंपनी का काम भगवान भरोसे चल रहा है। कंपनी के स्थानीय अधिकारियों का अपने ही कर्मचारियों पर नियंत्रण नहीं है। कंपनी के एई व जेई कार्यालय की स्थिति ऐसी है कि यहां उपभोक्ताओं व क्षेत्र से आए ग्रामीणों की शिकायतें व समस्या सुनने वाला कोई नहीं है।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी की व्यवस्था पिछले तीन-चार महीने से पटरी से उतर गई है। प्रतिदिन घंटों हो रही बिजली गुल व ट्रिपिंग की समस्या से नगर ही नहीं पूरे क्षेत्र में जनजीवन प्रभावित हो गया है। इसके अलावा लोगों को लो-वोल्टेज की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है। लो-वोल्टेज के कारण घरों में पंखा, टीवी व कूलर नहीं चल पा रहे हैं। बिजली कंपनी मरम्मत व संधारण के नाम पर आए दिन घंटों पावर कट करती है। इससे लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है, बरसात से पूर्व होने वाला प्री मेन्टेनेंस का क्या हुआ। इधर लो-वोल्टेज के चलते आर्सेनिक प्रभावित ब्लॉक के 27 गांव में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। उपभोक्ताओं की शिकायत है कि समस्या व शिकायतों के निराकरण के लिए कंपनी के एई एके विश्वकर्मा अपने कार्यालय में मिलते ही नहीं है । ऑफिस स्टॉफ उन्हें हमेशा फील्ड में ही बताते हैं, वे फील्ड व कार्यालय में कहीं नजर नहीं आते हैं। जानकारी के अनुसार पिछले दो-तीन माह से छग विद्युत वितरण कंपनी की व्यवस्था पूरी तरह लचर हो गई है। कार्यालय प्रमुख का अपने मातहतो में नियंत्रण ही नहीं है। कंपनी कार्यालय में मनमानी का आलम है। लोगों की शिकायतों व समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा है। इससे बिजली कंपनी के खिलाफ लोगों की नाराजगी बढ़ती ही जा रही है।
15 के बाद कार्यालय का घेराव व प्रदर्शन
स्वतंत्रता दिवस के बाद बिजली कंपनी के खिलाफ नगर में एक बड़े आंदोलन की तैयारी है। बिजली कंपनी की लचर व्यवस्था व अधिकारी-कर्मचारियों की मनमानी के खिलाफ इस क्षेत्र के ग्रामीण सडक़ में आने की तैयारियां कर रहे हैं। नागरिकों ने बिजली कंपनी का विरोध करने नागरिक संघर्ष मोर्चा का गठन किया है। इस मोर्चे में विचारधाराओं व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बिजली कंपनी से परेशान हर वर्ग व हर पार्टी से जुड़े जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों को शामिल किया गया है। संघर्ष मोर्चा से जुड़े नागरिकों ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के बाद बिजली कंपनी के एई व जेई कार्यालय का घेराव व विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ चक्काजाम करने की भी तैयारियां हैं।
कनेक्शन के नाम पर अवैध वसूली की शिकायतें
छग राज्य विद्युत वितरण कंपनी के स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ कनेक्शन के नाम पर अवैध वसूली करने की शिकायतें मिल रही है। नगर के अलावा सांगली, आमाटोला, मेरेगांव के उपभोक्ताओं की शिकायत है कि उन्हेें महीनों व साल भी चक्कर लगाने के बाद भी अस्थाई व स्थाई कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है। सबसे अधिक वे किसान परेशान हैं, जो सिंचाई सुविधा के लिए कनेक्शन की मांग कर रहे हैं, जिन्होंने डिमांड राशि जमा करने के साथ-साथ कनेक्शन शीघ्र प्राप्त करने के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को हजारों रुपए अलग से उन्हें खुश करने के लिए दिया है। अब न तो कनेक्शन लग पाया है और न ही उनका पैसा वापस लौट पा रहा है। सांगली के एक कृषक ने बताया कि उसे एक साल से अस्थाई कनेक्शन ही नहीं मिला है।
छग विद्युत वितरण कंपनी के एई एके विश्वकर्मा ने बताया कि कार्यालय में अव्यवस्था व कनेक्शन के नाम पर अवैध वसूली व लेनदेन का आरोप गलत है। आगे से आपूर्ति बाधित व प्राकृतिक बाधा आने पर ही बिजली गुल हो रही है। अघोषित कटौती का आरोप सही नहीं है।