बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 19 अगस्त। हर मां बाप का एक सपना होता है कि उनके बच्चे भी अच्छे पढ़-लिखकर दुनिया में उनका नाम रोशन करें तथा उनसे भी आगे बढक़र उच्च पदों पर पदों पर आसीन होकर समाज, प्रदेश व राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित हों। ऐसे ही सपना को सच कर दिखाया दल्लीराजहरा में गीता ठाकुर व मायाराम ठाकुर के दोनों बच्चों मनीष ठाकुर और मनीषा ठाकुर ने। स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त को ठाकुर परिवार के लिए खुशियों भरा संदेश लेकर आया सी.जी.पीएससी व्यवहार न्यायाधीश रिजल्ट ने। जिसमें ठाकुर परिवार की बिटिया मनीषा ठाकुर ने परीक्षा उत्तीर्ण कर व्यवहार न्यायाधीश पद हेतु चयनित हुई।
ज्ञात हो कि मनीषा ने अपनी पढ़ाई हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विश्वविद्यालय रायपुर छ.ग.से की तथा सिविल जज की परीक्षा मार्च 2021 में संपन्न हुई थी। उसमें सम्मिलित होकर शानदार सफलता अर्जित की।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में उनके अनुज मनीष ठाकुर ने भी इसी विश्वविद्यालय से विधि के परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात न्यायाधीश परीक्षा में सफलता अर्जित करने के बाद वर्तमान में जिला व्यव्हार न्यायालय जिला जगदलपुर में व्यवहार न्यायाधीश (वर्ग 2 में) के पद पदस्थ हैं । मनीषा और मनीष ने लौह अयस्क नगरी दल्लीराजहरा सहित अपने परिवार, हल्बा समाज,जिला व प्रदेश को गौरवान्वित किया है।
दोनों भाई- बहन की प्रारंभिक स्कूली शिक्षा कक्षा 01 से 12 वीं तक बीएसपी विद्यालय दल्लीराजहरा में हुई है। दल्लीराजहरा के इतिहास में ये पहली बार हुआ है। जब एक ही परिवार के दो सगे भाई- बहन न्यायाधीश पद के लिए चयनित होकर नगर को गौरवान्वित किए हैं। दोनों बच्चों की सफलता के लिए ठाकुर परिवार को बीएसपी के अधिकारियों- कर्मचारियों, मित्रों, स्नेहीजनों, शुभचिंतकों सहित हल्बा समाज तथा नगरवासियों की ओर से लगातार बधाईयां मिल रही हैं । माया राम ठाकुर वर्तमान में भिलाई इस्पात संयंत्र के दल्ली राजहरा में महाप्रबंधक (ढ्ढ ह्र ष्ट) हैं, वहीं गीता ठाकुर सफल गृहिणी के साथ-साथ अखिल भारतीय हल्बा समाज दल्लीराजहरा के महिला मंडल की संरक्षक है3।