कांकेर
रिपोर्ट होने के चंद घंटों बाद पुलिस ने ढूंढकर परिजनों को सौंपा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर, 19 अगस्त। मोहल्ला क्लास जाने के नाम पर निकली तीन नाबालिग छात्राओं को तीसरे दिन रिपोर्ट दर्ज होने के कुछ घंटों बाद कांकेर पुलिस ने ढूंढ निकाला। शहर से लगे हुए हायर सेकंडरी स्कूल की नवमीं व ग्यारहवीें की तीन छात्राएं मोहल्ला क्लास जाने के नाम पर मंगलवार को सुबह अपने घर से निकली थी, जो दूसरे दिन तक वापस नहीं आने पर बुधवार को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
टीआई कांकेर शरद दुबे ने बताया कि साइबर सेल की मदद से तकनीकी विवेचना कर विशेष टीम बनाकर गुमशुदा बालिकाओं की सघन पता तलाशी कर त्वरित कार्रवाई करते हुए अपराध कायम होने के कुछ घंटों में ही तीनों बालिकाओं का पता लगा कर उनके परिजनों को सौंप दिया गया।
छात्राओं के पालकों द्वारा पुलिस को दी गई जानकारी के अनुसार हायर सेकंडरी स्कूल में कक्षा नवमीं और ग्यारवहीं के विद्यार्थियों के लिए मोहल्ला क्लास लगाई जा रही है। मोहल्ला क्लास में अध्ययन के नाम से ये तीनों छात्राएं मंगलवार को सुबह 7 बजे घर से निकली थीं, जो शाम तक भी घर नहीं आने पर पालक चिंतित हो गए थे व अपने रिश्तेदारों और परिचितों के घरों में इन्हें ढंूढ़ते रहे। मोहल्ला क्लास में कोई हाजरी नहीं होने से स्कूल प्रशासन भी इनके बारे में कोई जानकारी नहीं दे पा रहा है। कहीं भी इनका कोई अता-पता नहीं होने पर इन्हें किसी के द्वारा फुसला कर कहीं ले जाने की आशंका से अगले दिन बुधवार की सुबह अभिभावकों ने कांकेर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट पर पुलिस ने धारा 363 के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया।
बुधवार को ही कांकेर कोतवाली में नए नगर निरीक्षक षरद दुबे ने पद भार संभाला था। पदभार ग्रहण करते ही नए टीआई के लिए यह मामला एक चुनौती से कम नहीं था।
श्री दुबे ने बताया कि पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोरखनाथ बघेल एवं एसडीओपी सुश्री चित्रा वर्मा के पर्यवेक्षण में साइबर सेल की सहायता से तकनीकी विवेचना कर विशेष टीम गठित कर गुमशुदा बालिकाओं की सघन पता तलाशी कर कुछ घंटों में ही तीनों छात्राओं को जामगांव में उनके सहेली के घर से बरामद कर लिया गया। तीनों छात्राएं अपने सहेली के घर जन्मदिन मनाने अपने घर वालों को बिना बताए गए थे। घर वालों के बार-बार फोन आने के डर से वे अपने मोबाइलों के स्वीच ऑफ कर दिए थे। पुलिस ने तीनों बालिकाओं को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर उनके अभिभावकों को सुपुर्द कर दिया।