गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबन्द, 20 अगस्त। मंगलवार की शाम ग्राम बम्हनी के नौ साल की बच्ची को तेंदुआ उठाकर जंगल में लेकर शिकार कर लिया गया। गरियाबंद पुलिस व वन विभाग की सयुक्त टीम को 2 दिनों की सघन सर्चिंग से बच्ची का अवशेष हाथ व सिर मिला हैं, पुलिस को उसके कपड़े से उसकी पहचान हुई
मिली जानकारी के अनुसार गरियाबंद वन परिक्षेत्र के अंतर्गत जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर ग्राम बम्हनी में नौ वर्ष की बच्ची को मंगलवार के दिन तेंदुआ उठा लेकर शिकार कर लिया गया। परिवार वालों ने आसपास ढूढने से नही मिलने पर बुधवार को ग्रामीणों व परिजनों के द्वारा गरियाबन्द सिटी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराए । जिसकी जानकारी वन विभाग को होने पर पुलिस व वन विभाग की सयुक्त टीम सर्चिंग दौरान बाल व कपड़ा जंगल में मिले कपड़े से बच्ची का पहचान हुई। गुरुवार को बच्चे का अवशेष को पुलिस विभाग गरियाबंद द्वारा ढूंढा गया।
नौ वर्षीय बालिका जो कक्षा तीसरी में पढ़ती थी वो लडक़ीं मंगलवार के शाम को घर से लापता हो गई , जिसकी तलाश बच्ची के परिजनों के द्वारा बुधवार शाम तक किया गया और बच्ची का पता नही चलने से घटना की जानकारी ग्रामीणों को दिया गया। तब ग्रामीणों ने इस घटना की सूचना गुरुवार के सुबह गरियाबंद सिटीकोतवाली में दिए। घटना की जानकारी होते ही गरियाबंद पुलिस अधीक्षक ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वन विभाग के एसडीओ और थाना प्रभारी अपने टीम के साथ ग्राम पहुचे और बच्चे का तलाश पूरा दिन करने के बाद बच्चे के शरीर का क्षतविक्षत अवशेष वहीं के जंगल में पाया गया। जिसका पता तलाश करने पर बच्चे का जंगली जानवर तेंदुआ के द्वारा शिकार करना पाया गया ।
शुक्रवार को वन विभाग के अनेक टीम बना कर सुबह 6 बजे से बच्ची के अवशेष खोजबीन के दौरान लगभग 12 बजे सिर एवं एक हाथ सागौन प्लांटेशन में पाया गया, जिसकी सूचना पुलिस को दिया गया , मौके पर पुलिस पहुंच बच्ची के अवशेष को संग्रह कर पुलिस कार्यवाही में जुटी।
उप वनमण्डलाधिकरी मनोज चन्द्राकर ने बताया मंगलवार शाम करीब 7 बजे की घटना हैं, जिसकी थाने में बुधवार को रिपोर्ट हुआ जिसकी जानकारी मिलते ही, वन विभाग , पुलिस सयुक्त टीम द्वारा आस पास खोज बिन करते शाम तक किया गया जहाँ बच्ची का कपड़ा कुछ अवशेष मिला, आज सुबह 6 बजे से वन विभाग की टीम द्वारा खोजबीन के दौरान सागौन प्लांटेशन में एक हाथ व सर बरामद किया गया बाकी अवशेष ढूढा जा रहा हैं, तात्कालिक सहायता राशि 25 हजार परिजनों को दिया गया , वन विभाग द्वारा 6 लाख का प्रकरण तैयार किया गया हैं।