गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा, 26 अगस्त। आईएसबीएम विश्वविद्यालय नवापारा कोसमी में जल संकट जैसी समस्या पर रोकथाम के प्रयास हेतु एवं जल की महत्ता को उजागर करने के उद्देश्य से जल है, तो कल है शीर्षक पर 25 से 28 अगस्त तक विज्ञान संकाय तथा विज्ञान क्लब के संयुक्त तत्वाधान में विश्व जल सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि यह सप्ताह विश्वविद्यालय द्वारा वैश्विक जल मुद्दों को बदलने के लिए सबसे प्रभाव कारी अभिनव व गतिशील आंदोलन के रूप में मनाया जा रहा है। जिसमें विद्यार्थियों के लिए अनेक प्रतियोगिताओं का समावेश किया गया है। इसके अंतर्गत पोस्टर प्रतियोगिता, ग्रीटिंग प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता एवं स्लोगन प्रतियोगिता रखा गया है।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.आनंद महलवार के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विश्व जल सप्ताह का उद्देश्य विश्व के सभी देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है। तत्पश्चात विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.बीपी भोल ने कहा कि तीन तरह से जल का उपयोग अधिक मात्रा में होता है। कृषि घरेलू कामों एवं उद्योगों में। उन्होंने बताया कि एक समय था। जब जगह-जगह नदिया तलाब नहर कुएं दिखाई देते थे लेकिन औद्योगिकीकरण की राह पर चल पड़ी इस नई दुनिया ने इस दृश्य को काफी हद तक बदल दिया है।
तालाब में नहर आदि जल स्रोत सूखते जा रहे हैं। नदियों का पानी दूषित होने के साथ कम होता जा रहा है। जल संकट गहराता जा रहा है। लोगों को जल की महत्ता समझाने और लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही यह सप्ताहिक कार्यक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया है।
विश्वविद्यालय की अकादमिक डीन डॉ.एन के स्वामी ने बताया कि दुनिया में 99 प्रतिशत पानी महासागरों, नदियों, झीलों, झरनों आदि के रूप में है। केवल 1 प्रतिशत या इससे भी कम पानी पीने के लिए उपयुक्त है। पानी की बचत आज की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है।
वर्तमान मैं पानी की कमी का मुख्य कारण अनावश्यक उपयोग है। विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.सोहन लाल साहू ने बताया कि पर्यावरण विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विश्व जल दिवस मनाने की पहल की गई तथा वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने अपने सामान्य सभा के द्वारा निर्णय लेकर इस दिन को वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
विज्ञान क्लब के द्वारा क्लब के उद्देश्य, पूर्व में आयोजित किए गए कार्यों और भविष्य में किए जाने वाले कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई। इसी क्रम में प्रोफेसर कामेश यादव ने स्नह्वह्लह्वह्म्द्ग ङ्खद्बह्लद्धशह्वह्ल ङ्खड्डह्लद्गह्म् विषय एवं प्रोफेसर कमल नारायण सिंह द्वारा जल संरक्षण पर व्याख्यान दिया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ.विनय अग्रवाल ने ऑनलाइन माध्यम से जुडक़र सफल आयोजन की बधाई दी एवं भविष्य में ऐसी आयोजन के लिए प्रेरित किया। अंत में प्रोफेसर आर के देशमुख द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्राध्यापकों छात्र-छात्राओं एवं प्रतिभागियों की उपस्थिति रही।