बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 28 अगस्त। वर्ष 2011 में छत्तीसगढ़ के नेतानार में जवानों और नक्सलियों के बीच बड़ी मुठभेंड़ हुई थी जिसमें कईयों ने अपने पुत्र, पिता, भाई को खोया जिसमें से बालोद जिले के दल्लीराजहरा निवासी उमेश कुमार कुंजाम भी शामिल है। छ.ग. शासन ने उमेश कुमार कुंजाम को शहीद घोषित किया है और शहीद परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था। लेकिन उमेश के शहीद हो जाने के बाद आज शासन की ओर से मिला भरोसा कमजोर पड़ता दिख रहा है।
दरअसल आयुक्त दुर्ग की ओर से पारित आदेश के बाद अनुविभागीय अधिकारी डौण्डी लोहारा द्वारा 17 नवंबर 2016 को पारित आदेश का पूर्ण पालन नहीं कराया जा रहा है। शहीद की मां भोज बाई के मामले में अनुविभागीय अधिकारी पारित आदेश को दुर्ग संभाग के न्यायालय आयुक्त के द्वारा 11 जून 2021 में पारित आदेश में उल्लेख है कि 17 नवंबर 2016 को जो आदेश विधि अनुकूल है और अनुविभागीय अधिकारी डौण्डी लोहारा के द्वारा पारित आदेश को यथावत रखा गया है।
इस वजह से हो रही परेशानी
आदेश के परिपालन में 12 अगस्त 2021 को तहसीलदार के आदेशानुसार दुर्ग संभाग आयुक्त के आदेश के परिपालन में लाल लोहे के गेट से लेकर मुख्य सडक़ तक सार्वजनिक गली को खुलवाने के लिए भेजा गया था। लेकिन आर.आई व पटवारी के द्वारा मात्र लाल लोहे के गेट को खुलवाया गया बाकी सार्वजनिक गली मुख्य सडक़ तक नहीं खुलवाया गया और आदेश मानने से इंकार कर दिया गया।
आयुक्त के आदेश की अवहेलना
पटवारी व आरआई के कृत्य से साफ झलकता है कि आयुक्त के आदेश की अवहेलना की गई है। जिसकी शिकायत अनुविभागीय अधिकारी डौण्डी लोहारा एवं तहसीलदार से भी की गई। जिसके कारण शहीद की मां वृद्ध भोज बाई कुंजाम अपने आप को असहाय महसूस कर रही है, और न्याय की आस लगा रही है।
पूरे मामले पर डौण्डी लोहारा अनुविभागीय अधिकारी प्रेमलता चंदेल ने कहा कि मुझे मामले की जानकारी नहीं है तहसीलदार से जानकारी लेना पड़ेगा।