सुकमा

युवती से रेप, मेडिकल संचालक गिरफ्तार
30-Aug-2021 8:39 PM
 युवती से रेप, मेडिकल संचालक गिरफ्तार

   दायरे से बाहर इलाज करने का भी आरोप    

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दोरनापाल, 30 अगस्त। सुकमा जिले के दोरनापाल थानांतर्गत वार्ड क्र 2 में स्थित जया मेडिकल स्टोर में इलाज के नाम पर युवती से रेप का मामला सामने आया है। यह मामला थाने पहुंचते ही 1 घंटे के अंदर पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया और आरोपी मेडिकल संचालक के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज कर सुकमा भेजा गया।

पुलिस के अनुसार 24 अगस्त को सुदूर गांव की पीडि़ता स्वास्थ्य संबंधी समस्या लेकर इलाज के लिए जया मेडिकल पहुंचीं, जहां आरोपी मेडिकल संचालक निमाई सरकार ने उसका टेस्ट किया औऱ उसे निमोनिया होना बताया, साथ ही सीने में कफ होना बताते हुए ड्रिप चढ़वाने को कहा। जिसके बाद 28 अगस्त को उपचार के लिए आना बताकर चली गई। इस दौरान निमाई सरकार ने युवती से उसका नम्बर भी लिया, 28 अगस्त दोपहर 12 बजे के करीब युवती मेडिकल में आई, जिसके बाद मेडिकल के पीछे कमरे में युवती को ले जाकर ड्रिप चढ़ाया, इसके साथ ही आरोपी निमाई सरकार ने उसका चेकअप शुरू किया। इस दौरान आरोपी द्वारा रेप किये जाने की बात सामने आई।

युवती ने फोन कर अपनी बड़ी बहन को को बुलाया औऱ ड्रिप खत्म होते ही दोनों घर आए और घर आते ही पीडि़त युवती ने अपना फोन पटक दी और रोते हुए कभी भी उस मेडिकल में न जाने की बात कही और सारा घटनाक्रम बताया। जिसके बाद पूरी बात परिजनों तक पहुंची और फिर 29 अगस्त को शाम 7.30 बजे पीडि़ता के परिवार ने आरोपी मेडिकल संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया। कुछ ही घंटे में आरोपी की गिरफ्तारी भी हो गई।

इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल ने कहा कि दोरनापाल से ये मामला आया है, जहाँ इलाके की एक युवती से मेडिकल संचालक ने इलाज के दौरान ऐसी हरकत की। आरोपी की गिरफ्तारी कर ली गई है औऱ उसे न्यायिक रिमांड पर भेज रहे हैं ।

इस मामले पर ड्रग इंस्पेक्टर सुनील पांडा ने कहा कि संबंधित व्यक्ति किसी भी दूसरे का लाइसेंस इस्तेमाल नहीं कर रहा था, उसके पास खुद का लाइसेंस है और उसको दवा बेचने का अधिकार है, बाकी अगर वो किसी प्रकार का टेस्ट कर रहा या फिर ग्लूकोस चढ़ा रहा हैं तो उसके लिए बीएमओ से बात करें। ये मेरा अधिकार क्षेत्र नहीं है और न मेरी जिम्मेदारी।

  वहीं कोंटा बीएमओ कपिल कश्यप ने कहा कि टेस्टिंग, लाइसेंस या बिना प्रिस्क्रिप्शन दवा देने पर प्राथमिक कार्रवाई के लिए ड्रग इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी होती है। उनके द्वारा मेडिकलों का निरीक्षण किया जाना होता है। कोई मेडिकल नियमों की अवहेलना करता है तो ड्रग इंस्पेक्टर हमारे संज्ञान में लाते हैं तो हम कार्रवाई करेंगे।

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