बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 7 सितंबर। जिला अस्पताल बालोद में अव्यवस्था का आलम अब तक सुधरा नहीं है। एक मामला फिर से सामने आया है, जिसमें एक मरीज को ब्लड नहीं मिलने से राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज रिफर करना पड़ा।
रविवार रात पिरिद निवासी उर्वशी नाम की बच्ची को सांस लेने में अचानक तकलीफ होने लगी। जिसके बाद बच्ची को बालोद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन वहां जाने पर पता चला कि सांस लेने में तकलीफ के साथ-साथ बच्ची के शरीर में खून की भी कमी है। डॉक्टरों ने बताया कि उनके शरीर में केवल 5 ग्राम खून था। रात से लेकर दूसरे दिन देर शाम तक परिजन खून जुटाने में लगे हुए थे। बालोद जिला अस्पताल में ब्लड बैंक होने की जानकारी मिलते ही सैकड़ों दफा ब्लड बैंक के चक्कर लगाए। लेकिन अंत तक बच्ची को सुविधा मुहैया नहीं हो पाई। ब्लड देने वाला तैयार था लेकिन ना तो वहां कोई स्टाफ मौजूद था और ना ही ब्लड निकालने के लिए किट की व्यवस्था थी।
मामले की जानकारी बालोद नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा को मिलते ही उन्होंने तत्काल छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से फोन पर बातचीत की और बालोद जिला अस्पताल में संसाधनों के अभाव व कर्मचारियों के अडिय़ल रवैया से अवगत कराया।
पूरे मामले की जानकारी जैसे ही बालोद जिले के कलेक्टर जनमेजय महोबे को हुई तो वह तत्काल स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों से चर्चा की और जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। वही देर शाम तक ब्लड निकालने वाली कीट की व्यवस्था हो गई, लेकिन बच्ची को खून की बेहद जरूरत होने के कारण उन्हें राजनांदगांव रिफर कर दिया गया था।