कोरिया

चिटफंड कंपनियों पर करोड़ों का बकाया, दर्जन भर से ज्यादा चिटफंड कम्पनियों में लोगों ने किए थे निवेश
08-Sep-2021 7:59 PM
  चिटफंड कंपनियों पर करोड़ों का बकाया, दर्जन भर से ज्यादा चिटफंड कम्पनियों में लोगों ने किए थे निवेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बैकुंठपुर (कोरिया) 8 सितंबर। चिटफंड कम्पनियों से वसूली के लिए जिले भर के ऐसे लोगों ने फार्म भरे जिनकी रकम डूब चुकी है, सिर्फ भरतपुर में 10 करोड़ से ज्यादा लोगों ने इन चिटफंड कम्पनियों में लगा रखे हैं। ये आंकड़ा चौंकाने वाला है। सरकारी आदेश के बाद लोग सामने आकर अपने डूबी राशि की जानकारी दे रहे हंै, तब यह बात सामने आ रही है।

जानकारी के अनुसार अधिक ब्याज राशि मिलने के चक्कर में उपभोक्ता कई चिटफंड कंपनियों में अपनी मेहनत की कमाई को जमा कर दिये, जिसके बाद कई चिटफंड कंपनियों के कार्यालय बंद हो गये और एजेंट भी अब उपभोक्ताओं से दूरी बना लिये है। इसी बीच प्रदेश सरकार द्वारा निवेशकों के डूबे पैसों को दिलाने की दिशा में प्रयास शुरू की और इसी के तहत बीते दिनों प्रदेश भर में निवेशकों से आवेदन मंगाई गयी थी जिससे कि सही स्थिति का पता चल सके और चिटफंड कंपनियों में निवेश किये गये लोगों के रूपये को ऐसी कंपनियों के प्रापर्टी केा बेचकर लौटाया जा सके। इसके तहत गत दिवस जिले के सभी ब्लाक में पंचायत के माध्यम से आवेदन निवेशकों से लिये जा रहे थे। जिसके लिए सभी जनपद पंचायत कार्यालय में आवेदन लेने के लिए व्यवस्था की गयी थी तथा भीड़ अत्यधिक बढऩे लगी, तब पंचायतों में भी निवेशकों से आवेदन मंगाये गये। इस दौरान कई चिटफंड कंपनियों के एजेंटों ने तो अपने निवेशकों से संपर्क कर उनके आवेदन लिये गये वहीं कुछ अन्य लोगों को जानकारी होने पर स्वमेव जाकर आवेदन जमा करते रहे, वहीं कई चिटफंड कंपनियों के एजेंट तो इस दौरान भी नदारद रहे और ऐसे में जानकारी होने पर लोग स्वयं ही आवेदन करने निर्धारित केंद्र तक पहुंचे।

10 करोड़ से अधिक निवेश सिर्फ भरतपुर जनपद क्षेत्र में

चिटफंड कंपनियों में लोगों के द्वारा अधिक ब्याज के चक्कर में अपनी कमाई का पैसा निवेश कर दिये जिसके कुछ समय के बाद अधिकांश चिटफंड कंपनियों भाग गयी। कार्यालय में ताला लटक गया और एजेंट भी मुंह मोडऩे लगे। कोरिया जिले के वनांचल भरतपुर जनपद क्षेत्र में ही कुल 3322 लोगों ने 10 करोड़ से अधिक की राशि निवेश किया। इस संबंध में गत दिवस भरतपुर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने अपने हस्ताक्षर से उप संचालक पंचायत को इसकी जानकारी प्रेषित की। यह वह आंकड़ा है जो गत दिवस सरकार द्वारा मंगाई गयी आवेदन के बाद सामने आया। इस दौरान कई लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं रही और आवेदन करने का समय निकल गया। ़

उन लोगों की गिनती यहां नहीं हो पायी, जिनके द्वारा तय समय में आवेदन जमा नहीं किया गया जिसके चलते उनके द्वारा निवेश की गयी राशि भी सीईओ जनपद पंचायत द्वारा भेजी गयी सूची में शामिल नहीं है। यदि जिले के सभी विकासखंडों के निवेशकों द्वारा विभिन्न चिटफंड कंपनियों में निवेश की गयी राशि आधा अरब से पार हो सकती है।

इन कंपनियों में लोगों ने किया निवेश 

केारिया जिले के भरतपुर जनपद सीईओं द्वारा उप संचालक पंचायत को भेजी गयी जानकारी में चिटफंड कंपनी अत्योदय प्रोड्यूसर कंपनी एलटीडी, अनमोल, बीएन गोल्ड रियल स्टेट ऑल लिमिटेड, एचबीएन डेयराईज एलायट लिमिटेड, सन साईन क्रेडिट आपरेटिव लिमिटेड, बीएनजी ग्लोबल इंडिया लिमिटेड, पीएसीएल इंडिया लिमिटेड, बीपीएन रियल स्टेट ऑल आईड लिमिटेड, एचबीएन पीव्हीटी लिमिटेड, गरिमा होम्स एवं फार्म लिमिटेड, विनायक होम्स लिमिटेड, सहारा इंडिया रियल स्टेट लिमिटेड, सांई प्रसाद कार्पोरेशन लिमिटेड शामिल है। इसके अलावा जिले के कुछ जनपद क्षेत्रों में कई और चिटफंड कंपनियों के एजेंटों के द्वारा लोगों के रूपये निवेश किये गये हैं जिनमें प्रमुख रूप से रोज वैली रियल स्टेट कंपनी भी शामिल है। इस कंपनी का कार्यालय मुख्यालय बैकुण्ठपुर में खुला था जो बंद हो गया। जिसके बाद से निवेशक अपनी जमा रकम के लिए एजेंटों के चक्कर काट काट थम चुके है। 

डूबी रकम मिलने की जगी है आस

प््रादेश सरकार द्वारा चिटफंड कपंनियों में लोगों द्वारा किये निवेश की जानकारी गत दिवस पंचायतों के माध्यम से मंगाई गयी थी इस दौरान जानकारी होने पर कई लोग आवेदन जमा करने निर्धारित केंद्र पहुॅचे तथा कई कंपनियों के एजेंटों द्वारा लोगों द्वारा निवेश किये गये राशि की जानकारी के साथ आवेदन जमा किये। इस प्रक्रिया के बाद लोगों की उम्मीद जग गयी है कि उनका डूबा रकम आने वाले समय में मिल सकेगा। कई लोग ऐसे है जो कि कंपनियों के भाग जाने के बाद हाथ पर हाथ धरे बैठ गये और यह मानकर चल रहे है कि जमा राशि तो अब डूब ही गयी है लेकिन सरकार द्वारा विभिन्न चिटफंड कंपनियों में जमा करायी गयी राशि की जानकारी मंगाई जाने लगी तब अब लोगों को आस लगी है कि उनकी जमा पूंजी मिल सकेगा। हालांकि कुछ चिटफंड कंपनियों के एजेंटों का कहना है कि अभी जमा रकम मिलने में कुछ वक्त लगेगा। सरकार जानकारी एकत्र कर संबंधित चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर निवेशकों का पैसा लौटायेगी। ऐसा यदि होता है तो विभिन्न चिटफंड कंपनियों के निवेशकों केा बड़ी राहत मिलेगी।

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