रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 सितंबर। छत्तीसगढ़ संघर्ष समिति ने धुमाल बजाने की अनुमति देने का विरोध किया है। समिति ने कहा है कि बिलासपुर हाईकोर्ट ने भी इस पर रोक लगाई है। बावजूद इसके अनुमति दिया जाना उचित नहीं है।
बिलासपुर में डीजे की तेज आवाज के चलते ढाई साल के मासूम अमान को ब्रेन हेमरेज पड़ गया, और देर रात उसका निधन हो गया। मासूम की मौत के बाद एक बार फिर धुमाल पर रोक लगाने की मांग जोर पकडऩे लगी है।
छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने इस मामले को गंभीरता से लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर बताया कि वर्ष 2019 में गणेश विसर्जन दौरान भी इसी प्रकार की घटना घटी थी। तब रात में तेज बज रहे कई डीजे की आवाजों के कारण हार्ट अटैक से 2 बुजुर्गों की मृत्यु रायपुर में हो गई थी। विसर्जन के दौरान रात को लगे जाम के कारण उन्हें इलाज के लिए भी नहीं ले जाया जा सका।
रायपुर कलेक्टर ने 6 सितंबर को जारी आदेश में किसी नियत स्थान पर धुमाल बजाने की अनुमति दी है। समिति के अध्यक्ष विश्वजीत मित्रा ने मुख्य सचिव को पत्र लिख करके बताया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने गाडिय़ों पर साउंड बॉक्स लगाकर बजने वाले धुमाल पर प्रतिबंध लगा रखा है। उसके बावजूद भी और कोरोना काल में लगे प्रतिबंध के बावजूद भी धुमाल बजते रहे हैं।
समिति ने पत्र की प्रति कलेक्टर रायपुर और पुलिस अधीक्षक रायपुर को भेजकर अवगत कराया है कि पूर्व में दिए गए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेशों पर अमल नहीं किए जाने के कारण उनके विरुद्ध अवमानना याचिका दायर की गई है जो कि लंबित है।
समिति ने मांग की है कि नियत स्थान पर धुमाल बजाने की अनुमति निरस्त की जावे ताकि बिलासपुर के समान घटना ना घटित हो तथा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार गणेश स्थापना और विसर्जन के दौरान किसी प्रकार का भी धुमाल नहीं बजाया जावे।