दन्तेवाड़ा
एनएमडीसी द्वारा गोद लिए गांव की हालत बेहाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
किरंदुल 10 सितंबर। दंतेवाड़ा के विकासखंड कुआकोंडा का ग्राम पंचायत कड़मपाल जो कि एनएमडीसी किरंदुल परियोजना द्वारा गोद लिया गांव है। इस गांव में एनएमडीसी का डैम है जिसमें लौह अयस्क खदानों से बहे कर आ रहा लाल पानी जमा होता है। एनएमडीसी ने कई वर्ष पहले इस गांव में गायतापारा और पटेल पारा के बीच एक रपटा नुमा पुलिया का निर्माण करवाया था जो आज लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन गया है।
चार पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण पुल के ऊपर से डेम का लाल पानी बड़ी तेजी से बह रहा है। स्कूल जाने के लिए पटेल पारा के छोटे-छोटे स्कूली बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पुल का कोना पकड़ पानी को पार करते दिख रहे है और स्कूल पहुच रहे है।
ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत जिला प्रशासन वा एनएमडीसी से की पर अब तक उनके कानों में जूं नहीं रेंगी वह किसी बड़े हादसा का इंतजार कर रहे हैं। तीन-चार दिनों से क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश के कारण फिर पानी पुल के ऊपर से गुजर रहा है और ग्रामीण परेशान है। आपको बता दें कि एनएमडीसी ने इस गांव को गोद लिया है। क्योंकि यह गांव परियोजना के लाल पानी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। उसके बाद भी इस गांव के लोग आज भी एक पुलिया की मांग वर्षों से कर रहे हैं।
कड़मपाल पंचायत के उप सरपंच राजू कडती ने कहा कि 2020 में मेरा भाई लक्ष्मण इसी पुलिया में साइकिल के साथ बह गया और पाइप में जा फंसा ग्रामीणों ने उसकी जान बचाई कई दिनों तक वो बिहोश रहा। वैसे ही 2019 में 11 दिन तक हमारा पटेल पारा पूरी तरह से किरंदुल से कट गया था क्योंकि लगातार मूसलाधार बारिश हो रही थी और पुल के ऊपर से लाल पानी बह रहा था।हमने कई बार एनएमडीसी को बताया इतने वर्ष बाद भी पुल का निर्माण नहीं कराया गया है बच्चो को जान का खतरा रहता है।
एसडीएम बड़े बचेली प्रकाश भारद्वाज ने कहा कि मुझे ग्रामीणों के माध्यम से इसकी सूचना मिली है मैं कलेक्टर दीपक सोनी सर से बात कर इस समस्या का जल्द से जल्द निराकरण कराने की कोशिश करूंगा। उन्होंने कहा कि फंड की कोई कमी नहीं है। मैं एनएमडीसी को भी पत्र लिखूंगा ताकि ग्रामीणों की समस्या को जल्द से जल्द दूर किया जा सके वाकई में छोटे-छोटे स्कूली बच्चे जिस प्रकार से पुल को पार कर रहा है वह खतरों से भरा है ।