सुकमा

8 लाख का ईनामी नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
11-Sep-2021 9:36 PM
8 लाख का ईनामी नक्सली ने किया आत्मसमर्पण

15 वर्षों में 20 से ज्यादा मामले में शामिल था सोड़ी मुया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 11 सितंबर।
राज्य की पुनर्वास नीति व सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे पूना नर्कोंम अभियान के ठीक एक माह के पूरे होने वाले दिन को पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है, क्योंकि जिले में नक्सलियों द्वारा विभाजित पांच एरिया कमेटी में से एक केरलापाल एरिया कमेटी के सचिव व 8 लाख रुपये इनामी नक्सली सोड़ी मुया ने गुरुवार को योज्ञान सिंह सीआरपीएफ डीआइजी,सुनील शर्मा एसपी सुकमा, आंजनेय वाष्णेय एएसपी नक्सल ऑपरेशन, ओम चंदेल एएसपी, डीएसपी श्याम मधुकर, डीएसपी रजत नाग के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। जिसके पश्चात उक्त आत्मसमर्पित नक्सली को छत्तीसगढ़ शासन की राहत एवं पुनर्वास नीति के तहत दस हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई।

सोड़ी मुया ग्राम मुयापारा थाना गादीरास का निवासी है जो कि केरलापाल एरिया कमेटी का सचिव रहा, जो कि अपने साथ एसएलआर हथियार रखता था। सोड़ी मुया 2006 से नक्सली संगठन में जुड़ा और एक साल में ही किस्टाराम एरिया कमेटी के प्लाटून नम्बर 8 का सदस्य बन गया जिसके पश्चात 2008 से 2011 तक यह दक्षिण बस्तर डिवीजन कम्युनिकेशन टीम का सदस्य रहा।

 2012 से 2014 तक कोन्टा एरिया कमेटी के प्लाटून नम्बर 4 का सदस्य रहा और 2015 से 2018 तक कोन्टा एलजीएस कमांडर रहा। 2018 से अब तक यह केरलापाल एरिया कमेटी का सचिव रहा और आज इसने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर लिया।

2014 से अब तक इस आत्मसमर्पित नक्सली पर  अलग अलग 6 थानों पर हेलीकॉप्टर पर फायरिंग, कसालपाड़ की घटना, आईईडी विस्फोट, रोड निर्माण सुरक्षा पर फायरिंग जैसे लगभग 20 अलग अलग घटनाओं पर मामले दर्ज हैं। जिसमे लगभग 35 से 40 जवान घायल हुए हैं और लगभग 25 से 30 जवान शहीद हुए हैं।

सुनील शर्मा एसपी सुकमा ने कहा कि पूना नर्कोंम के तहत पुलिस व सीआरपीएफ द्वारा स्थानीय आदिवासियों को शासन की विभिन्न योजनाओं को बताने का प्रयास किया जा रहा है। जिसकी बड़ी सफलता आज मिली है कि एक एरिया के कमेटी सचिव ने समर्पण किया। मुया के माध्यम से हमे केरलापाल के अलावा चार अन्य कमेटी को निष्क्रिय करने में जल्द ही कामयाबी मिलेगी। बीते कुछ दिनों पूर्व नक्सलियों के विरोध में नक्सलियों के तरीके से लाल रंग के बैनर लगाए गए थे जिसमें बाहरी नक्सलियों का विरोध किया गया था उस वक्त से हमें इनके बीच फुट की सूचना मिल रही थी जिसके तहत स्थानीय नक्सलियों को बाहरी नक्सलियों के मंसूबों का पता चल रहा है जिससे ये उनकी विचारधारा का विरोध कर पुलिस व प्रशासन से जुड़ रहे हैं।

सोड़ी मुया ने बताया कि दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सचिव रमन्ना व सुजाता अक्का के प्रचार प्रसार के दौरान वह 2002-2005 के मध्य नक्सल संगठन से जुड़ा और अब वर्तमान में वह एरिया सचिव के पद पर था। मुया ने बताया कि रमन्ना की मृत्यु के पश्चात से नक्सल संगठन दिशाविहीन हो गया। नए-नए कैम्प से नक्सल संगठन और भी कमजोर हो रहा है जिसके चलते ग्रामीणों से जबरन कैम्प का विरोध नक्सलियों द्वारा कराया जाता है। बाहरी नक्सलियों द्वारा स्थानीय नक्सलियों के साथ भेदभाव किया जाता है उनका उपचार तक नही किया जाता है जब इन सब मुद्दों को रखा जाता है तो गद्दार घोषित करने का प्रयास बाहरी नक्सलियों द्वारा किया जाता है।
 

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