सरगुजा

माँ कुदरगढ़ी एल्युमीना रिफाइनरी प्लांट के विरोध में महासभा का आज
11-Sep-2021 10:00 PM
 माँ कुदरगढ़ी एल्युमीना रिफाइनरी प्लांट  के विरोध में महासभा का आज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 11 सितंबर। सरगुजा जिला के बतौली विकासखंड के ग्राम चिरगा में प्रस्तावित माँ कुदरगढ़ी एल्युमीना रिफाइनरी प्लांट के विरोध में 12 सितंबर को महासभा का आयोजन ग्राम चिरगा में होगा।

ग्रामीणों का आरोप है कि सरगुजा प्रशासन एवं कम्पनी प्रबंधन के मिली भगत से माँ कुदरगढ़ी एल्युमीना रिफाइनरी प्लांट की बिना ग्रामवासियों के सहमती फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव के आधार पर स्थापना किया जा रहा है। ग्रामीणों ने कम्पनी प्रबंधन एवं स्थानीय जिला प्रशासन का साठगांठ कर कार्य करने का प्रस्ताव शासन को प्रस्तुत किये हैं।ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि श्याम घुनघुट्टा नदी में ग्राम पोड़ीकला के पास लगभग 22 करोड़ रूपये के लागत से विशाल बांध बनाने का प्रस्ताव है जिसमें आस-पास के ग्राम पंचायत पोड़ीकल, लैगू, कवनई, करदना, लोटा भावना बांध के डुबान क्षेत्र में आ रहा है।

बांध में ग्राम कोरकोटदाब ग्राम पंचायत करदना के पास बिजली उत्पादन का पावन प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव शासन को स्थानीय जिला प्रशासन एवं कम्पनी प्रबंधन के द्वारा फर्जी प्रस्ताव भेजा गया है। यदि श्याम घुनघुट्टा नदी में बिजली उत्पादन केन्द्र स्थापित किया जाता है तो इस नदी का पानी प्रदूषित हो जायेगा, जिससे हमारे जनजीवन पर विपरित प्रभाव पड़ेगा तथा हम सब कई प्रकार के बीमारी के शिकार होंगे।

स्थानीय जिला प्रशासन एवं कम्पनी प्रबंधन के मिलीभगत से फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव के आधार पर ग्राम पंचायत कुनियां, विकास खण्ड मैनपाट से ग्राम पंचायत चिरगा तक बॉक्साईड परिवहन हेतु लगभग 13 करोड़ रूपये का उच्च स्तरीय सडक़ बनाने हेतु शासन द्वारा स्वीकृति दी जा रही है जो सीधे कम्पनी प्रबंधन को लाभ प्राप्त होगा।उक्त सडक़ स्थानीय जिला प्रशासन के फर्जी प्रस्ताव के आधार पर शासन द्वारा शासकीय खर्च से निर्माण किया जावेगा। यदि ग्राम चिरंगा में एल्युमीना प्लांट स्थापित होता है तो प्लांट में प्रतिदिन 24 घंटा 20 से 30 मिलीयन पानी सप्लाई होगा जिससे हमारा श्याम घुनघुट्टा नदी का पानी सुख जायेगा। साथ ही हमारे ग्राम चिरंगा के चारों ओर लगभग 10 किमी. तक का नदी नाला, पोखरा ढोढ़ी, तालाब एवं नलकूप, बोर सुख जायेगा, जिससे हमारे सामने आगे जाकर पीने की पानी का विकराल समस्या उत्पन्न हो जायेगा ।

यदि ग्राम चिरगा में प्लांट स्थापित होता है तो ग्राम चिरगा के चारों तरफ लगभग 10 से 12 कि.मी. तक के ग्रामों में वायु, पानी, तथा गांव का वातावरण प्रदूषित हो जायेगा, क्योंकि जो मशीन स्थापित होगा, वह चाईना माडल मशीन होगा, जिससे अन्य मशीनों की तुलना में ज्यादा तीन गुना कार्बन युक्त धुआँ निकलता है। जिससे चिरंगा गांव सहित आसपास के सभी गांव का वातावरण पानी एवं वायु प्रदूषित हो जायेगा जिससे हम सब अनेकों प्रकार के बीमारी से ग्रसित हो जायेंगे । तथा वर्तमान एवं हमारे आने वाले पीढिय़ों के जनजीवन पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ेगा।

ग्राम पंचायत, चिरंगा, माजा, झरगंवा, सिलसिला, कालीपुर, पौड़ीकला, महेशपुर, लंगु, करदना, कदनई, भटको, खड़धोवा, बतौली एवं कुनकुरीकला, कर्स, पाटीपारा, नवानगर के हजारों की संख्या में ग्रामवासी 12 सितंबर रविवार को ग्राम चिरगा के बासेन टोंगरी में गांव के करमदेव के स्थान पर एकत्रित होकर कम्पनी को निरस्त कराने के संबंध में विचार विमर्श करेंगे।

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