जान्जगीर-चाम्पा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सक्ती, 12 सितंबर। भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने वर्ष 2023 तक प्रदेश से टीबी रोग के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इस हेतु प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निर्देश पर प्रत्येक जिले एवं विकास खंड में 10 सितंबर से 10 अक्टूबर तक सघन टीबी खोज अभियान चलाया जा रहा है।
इस अभियान के अंतर्गत मितानीन एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता ग्रामीण एवं शहरी दोनों ही क्षेत्रों में घर घर भ्रमण कर संदेहास्पद मरीजों की खोज कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारी के मार्गदर्शन में सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर विनोद राठौर सक्ती एवं उनकी टीम द्वारा सघन टीबी खोज अभियान चलाया जा रहा है।
क्या है पहचान और कैसे होता है उपचार
इस अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि किसी भी ब्यक्ति को जिसे दो हफ्ते से ज्यादा खाँसी हो, भूख नहीं लग रही हो, शाम को हल्का बुखार हो, वजन घट रहा हो, छाती में दर्द हो, गले में गांठ हो उसे टीबी रोग हो सकता है, ऐसी स्थिति में मरीज को तुरंत ही नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करना चाहिए, जहां उसकी जांच एवं उपचार पूरी तरह से नि:शुल्क है। कोई भी व्यक्ति जिसे टीबी है वह छह महिने का डॉट्स का कोर्स पूरा कर पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
शासन का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों की पहचान हो और उपचार हो यही इस अभियान की मुख्य उद्देश्य है। सही समय पर अगर टीबी रोग का इलाज न हो तो यह जानलेवा हो सकता है। टीबी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति अगर दवा छोड़-छोड़ कर खाता है तो टीबी की साधारण दवा उस मरीज के लिए कार्य नहीं करती और उस मरीज को एमडीआर की दवा खानी पड़ती हैं जो कि लंबे समय तक चलता हैं।
जाने क्या है जांच की प्रक्रिया
टीबी बीमारी की जांच के लिए माइक्रोस्कोपिक एवं एक्सरे या जिले में स्थित सीबीनाट के माध्यम से टीबी की पहचान की जा सकती है जो कि पूरी तरह से नि:शुल्क हैं। कोई भी टीबी का मरीज उपचार ले रहा है तो उसे पोषण आहार के रूप में ?500 की राशि प्रतिमाह 6 महीने तक दी जाती है।
पोषण आहार एवं प्रोत्साहन राशि की है व्यवस्था
अगर कोई व्यक्ति या मितानिन किसी संदेहास्पद टीबी मरीज की जांच कराता हैं और उस मरीज का उपचार प्रारंभ हो जाता है तो सूचना प्रदाता को प्रोत्साहन के रूप में 500 की राशि उस व्यक्ति या मितानिन को मिलती है, टीबी मरीज को दवा खिलाने पर 1000 की राशि भी प्राप्त होती है।
फैलता है संक्रमण ऐसे करें बचाव
टीबी से ग्रसित व्यक्ति अपना उपचार नहीं लेता है तो वह वर्ष में 10 से 15 व्यक्तियों में इस बीमारी को फैलाता है। टीबी की बीमारी हवा में फैलने वाला रोग है यह एक माइकोबैक्टेरियम नामक जीवाणु से फैलता है। इस बीमारी से बचने के उपाय हैं अपने मुंह पर मास्क लगाएं, इधर-उधर ना थूके, और टीबी रोग से प्रभावित होने पर अपना पूरा उपचार ले, इसके साथ ही नवजात शिशु को बीसीजी का टीका अवश्य लगावे।। इस अभियान के माध्यम से जनमानस को अपील करते हुए सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर विनोद राठौर कहते हैं कि टीबी बीमारी के लक्षण वाले संदेहास्पद व्यक्ति अपनी जांच ज्यादा से ज्यादा करावे और उपचार लेवे ताकि टीबी बीमारी का उन्मूलन किया जा सकें।