दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 12 सितंबर। पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के बाद जलाशयों में पानी का आवक शुरू हुआ है। इसके बाद प्रमुख जलाशयों का भी धीरे-धीरे जलस्तर बढऩे लगा है। तांदुला जलाशय का जलस्तर अब बढक़र कुल क्षमता का 27 प्रतिशत हो चुका है।इसी प्रकार गोंदली एवं खरखारा जलाशय में 40-40 प्रतिशत जलभराव अब तक की स्थिति में हो चुकी है।
वहीं खपरी में 53 एवं मरोदा जलाशय में 50 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। इसी प्रकार गंगरेल में 40 प्रतिशत जलभराव हो चुका है हालांकि गत वर्षों की तुलना में जलाशयों का जलस्तर लगभग आधा ही है। तांदुला जलाशय में आज की तिथि में गत वर्ष लगभग 40 प्रतिशत जलभराव हो चुका था। वहीं खरखरा जलाशय 80 प्रतिशत तक भर चुका था। अल्प एवं खंड वर्षा के चलते इस साल नदियों में भी पर्याप्त मात्रा में जल बहाव शुरू नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से जलाशयों का जलस्तर कम है। पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के बाद किसानों को जलाशयों से सिंचाई के लिए पानी मिलने की उम्मीद जागी है। अल्प वर्षा की वजह से लगभग 50 प्रतिशत से अधिक फसल पहले ही खराब हो चुका है। शेष बची हुई फसलों को बचाने किसान जद्दोजहद कर रहे हैं। कुछ दिनों से हो रही बारिश के बाद नालों में भी पानी का आवक शुरू हुआ है। जिससे विभिन्न नालों में बनाए गए स्टाफ एवं चेकडेम से भी किसान अब पानी लिफ्ट कर फसलों में सिंचाई कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार गत दिनों तांदुला जलाशय के कैचमेंट एरिया आदमाबाद में 25 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। वहीं गोंदली जलाशय के कैचमेंट एरिया में 39।47, खपरी 12 एवं भाटा गांव में 14 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। दुर्ग 68, तर्रा 11, चंडी 45, बानबरद 25, अंडा 27 एवं सेलूद में भी 14 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है।