राजनांदगांव
मानपुर एसडीएम को लिखित आवेदन में गणेश-दुर्गा स्थापना करने पर कार्रवाई की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 सितंबर। आदिवासी बाहुल्य मानपुर क्षेत्र में सर्व आदिवासी समाज मूर्ति स्थापना का विरोध कर रहा है। समाज की दलील है कि मानपुर इलाका संविधान की 5वीं अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आता है। ऐसे में आदिवासी समाज की रीति-रिवाजों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। बताया जा रहा है कि बीते दिनों छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय उपाध्यक्ष सरजू टेकाम और जिलाध्यक्ष यशवंत गावड़े ने मानपुर एसडीएम को आवेदन देकर क्षेत्र के सार्वजनिक एवं शासकीय स्थानों में गणेश व दुर्गा प्रतिमा स्थापना पर रोक लगाने की मांग की है।
बताया जा रहा है कि सर्व आदिवासी समाज की ओर से हिन्दू धर्म को मानने वालों से समाज की संस्कृति और सभ्यता दूषित होने का दावा किया गया है। संपूर्ण विकासखंड 5वीं अनुसूचित क्षेत्र के दायरे में आता है। लिहाजा आदिवासियों को कई प्रकार के विशेष अधिकार भी संवैधानिक दायरे में दिए गए हैं। समाज का कहना है कि अनादिकाल से चली आ रही परंपराएं और संस्कृति पर खतरा बढ़ता जा रहा है। इसी के चलते समाज ने क्षेत्र में गणेश और दुर्गा मूर्ति की स्थापना करने वालों पर वैधानिक कार्रवाई करने की मांग की है।
इस संबंध में एसडीएम राहुल रजक ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि संविधान के अधिकार के तहत सभी धर्मों को उनका हक दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कानूनी दायरे में सभी को उनका अधिकार मिले, इसका प्रयास किया जा रहा है। मानपुर इलाके में पिछले कुछ सालों में हिन्दू धर्म से जुड़े आयोजनों के खिलाफ आदिवासी समाज काफी मुखर रहा है। रावण दहन का भी समाज की ओर से पूर्व में विरोध किया गया था। ऐसे में मानपुर इलाके में साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति कुछ महीनों के अंतराल में नजर आती है। फिलहाल आदिवासी समाज के इस आवेदन की वजह से मानपुर क्षेत्र में धार्मिक सद्भाव को बनाए रखने प्रशासन को ऐडी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है।