राजनांदगांव

लोक अदालत में 15 हजार मामले का निराकरण
13-Sep-2021 5:33 PM
लोक अदालत में 15 हजार मामले का निराकरण

 3 करोड़ 80 लाख के मामले निपटाए
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 13  सितंबर।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के तत्वावधान, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशन एवं जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के निर्देशन में नेशनल लोक अदालत का 11 सितंबर को वर्चुअल और वास्तविक उपस्थिति मोड में आयोजन किया गया। कोविड-19 महामारी को देखते दिनभर चलने वाली इस लोक अदालत के आयोजन के दौरान न्यायालय परिसर में आवश्यक सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से अनुपालन किया गया।

नेशनल लोक अदालत आयोजित करने के लिए कुल 39 खंडपीठों का गठन किया गया था। इस लोक अदालत में 15 हजार 375 मामलों का सफलतापूर्वक निपटान किया गया। निपटान किए गए मामलों में कुल 14 हजार 664 मामले प्री-लिटिगेशन चरण के थे और 717 मामले ऐसे थे, जो विभिन्न न्यायालयों में लंबित थे। उपरोक्त नेशनल लोक अदालत में आपराधिक राजीनामा योग्य मामले, मोटर वाहन दुर्घटना दावा से संबंधित मामले, धारा 138 एनआई एक्ट से संबंधित मामले यानि चेक के संबंधित मामले, वैवाहिक विवाद के मामले, श्रम विवाद के मामले, बैंक ऋण वसूली वाद, रुपए वसूली वाद, विद्युत बिल एवं टेलीफोन बिल के मामले, भूमि-अधिग्रहण से संबंधित मामले, राजस्व न्यायालय के मामले एवं अन्य राजीनामा योग्य वाद आदि से संबंधित मामलों की सुनवाई की गई।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित लोक अदालत, विवादों का निपटान करने का एक वैकल्पिक तरीका है। यह एक ऐसा मंच है, जहां न्यायालयों में लंबित वाद-विवाद व मुकदमे या प्री-लिटिगेशन चरण के मामलों का सौहार्दपूर्ण निपटारा किया जाता है। लोक अदालतों को विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के तहत वैधानिक दर्जा दिया गया है। इस अधिनियम के तहत लोक अदालतों द्वारा दिए गए निर्णय को सिविल न्यायालय का निर्णय माना जाता है, जो सभी पक्षों पर अंतिम और बाध्यकारी होता है। ऐसे निर्णयों के बीच किसी भी अदालत के कानून के समक्ष अपील नहीं की जा सकती है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय से लेकर तालुक न्यायालयों तक सभी न्यायालयों में मुकदमों (प्री-लिटिगेशन और पोस्ट-लिटिगेशन दोनों) के निपटारे के लिए नेशनल लोक अदालतें एक दिन आयोजित की जाती है।

विवादों के समाधान के लिए समाज के सभी वर्गों के लिए इस एडीआर फोरम को सुलभ बनाने में इस महामारी द्वारा पेश की गई चुनौतियों को दूर करने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा वर्ष 2020 में वर्चुअल लोक अदालत यानी ई-लोक अदालत शुरू की गई। प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर ई-लोक अदालतों ने लाखों लोगों को अपने विवाद निपटाने के लिए एक मंच उपलब्ध कराया है। इस दौरान सफलता की कहानियों में यह झलक देखने को मिलती है कि 11 सितंबर को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में किस प्रकार विभिन्न विवादों का सौहाद्र्रपूर्ण निपटान करके लोगों को राहत प्रदान की गयी है। 
 

 

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